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कई बार बच्चों में सामान्य सी दिखने वाली स्वास्थ्य समस्या गंभीर रूप ले लेती है। दस्त लगना और निर्जलीकरण इन्हीं में से एक है। ऐसे में इससे निजात पाने के लिए बच्चे को ओआरएस (ORS) देने की बात कही जाती है। हालांकि, कई लोगों को ओआरएस और इससे जुड़े फायदों के बारे में ज्यादा नहीं पता होता है और बच्चों के लिए ओआरएस के उपयोग को लेकर माता-पिता के मन में कई सवाल रहते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम मॉमजंक्शन के इस लेख में न सिर्फ ओआरएस के फायदे, बल्कि बच्चों को ओआरएस देने से जुड़ी अन्य कई जानकारियां लाए हैं। तो ओआरएस के बारे में जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
लेख में सबसे पहले जानें कि आखिर ओआरएस (ORS) क्या है।
ओआरएस (ORS) क्या है? | ORS for babies in Hindi
ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (Oral rehydration salts), जिसे सामान्य भाषा में ओआरएस (ORS) कहा जाता है। यह सोडियम और ग्लूकोज का घोल है, जो ओआरएस के 1 पाउच को 1 लीटर सुरक्षित पानी में घोलकर तैयार किया जाता है। वहीं, अगर ओआरएस के पैकेट उपलब्ध न हो, तो इस स्थिति में, आधा छोटा चम्मच नमक और छह छोटे चम्मच चीनी को एक लीटर पीने के पानी में घोलकर बनाया जा सकता है (1)। इसका उपयोग अक्सर बच्चों में निर्जलीकरण की समस्या को रोकने और इसके इलाज के लिए किया जाता है। लेख में आगे हम ओआरएस के फायदों के बारे में बताएंगे।
नीचे पढ़ें ओआरएस के फायदे के बारे में।
ओआरएस (ORS) के क्या फायदे हैं?
सेहत के लिए ओआरएस के कई फायदे देखे गए हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं। तो ओआरएस के फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
1. निर्जलीकरण से बचाव: ओआरएस का उपयोग निर्जलीकरण यानी डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने में मददगार हो सकता है। दरअसल, इसमें सोडियम, ग्लूकोज, क्लोराइड, पोटेशियम और साइट्रेट मौजूद होते हैं। वहीं, जब बच्चे में दस्त के कारण पानी की कमी का जोखिम बढ़ जाता है, तो ये सभी पोषक तत्व शरीर में पानी की स्थिति को बनाए रखते हुए निर्जलीकरण की रोकथाम में उपयोगी हो सकते हैं (2)।
2. दस्त के लिए: एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार ओआरएस का उपयोग दस्त की समस्या के दौरान फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, शोध में इस बात का जिक्र किया गया है कि, ओआरएस दस्त के दौरान होने वाली पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes) की कमी को पूरा करने में मददगार हो सकता है(3)। हालांकि, डायरिया की अवधि के लिए यह ज्यादा प्रभावकारी नहीं पाया गया है। ऐसे में, अगर दस्त की समस्या ज्यादा हो तो ओआरएस के भरोसे न रहकर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
3. इलेक्ट्रोलाइट्स को बनाए रखे: जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि ओआरएस की खुराक शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को बनाए रखने में भी मददगार हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार दस्त के कारण शरीर से जरूरी पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी शामिल हैं (3)। बता दें इलेक्ट्रोलाइट्स खून में मौजूद मिनरल्स होते हैं (4)। ऐसे में दस्त के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से बचाव के लिए ओआरएस उपयोगी हो सकता है।
लेख के अगले भाग में जानते हैं कि ओआरएस को कहां से प्राप्त किया जा सकता है।
ओआरएस कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) प्रमाणित ओआरएस किसी भी मेडिकल स्टोर में आसानी से मिल जाती है। वहीं, इसे नमक, चीनी और पानी के घोल के रूप में घर में ही बनाया जा सकता है।
आगे हम बता रहे हैं कि शिशु को ओआरएस किस प्रकार से दिया जा सकता है।
शिशु को ओआरएस कैसे दें?
अब कई माता-पिता के मन में यह सवाल होगा कि शिशुओं को ओआरएस कैसे दें। तो नीचे दी गई विधि के अनुसार माता-पिता शिशुओं को ओआरएस दे सकते हैं (5)। शिशुओं को ओआरएस देने की विधि कुछ इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें।
- अब एक साफ बर्तन में 1 लीटर पीने का पानी उबालकर ठंडा कर लें।
- अब एक गिलास में पानी डालकर इसमें एक चम्मच ओआरएस पाउडर या नमक और चीनी डालकर तब तक मिलाएं जब तक कि ओआरएस पूरी तरह से न घुल जाए।
- दो साल तक के बच्चों को एक चौथाई से आधा कप तक ओआरएस घोल दिया जा सकता है। अगर बच्चा पानी की तरह मल त्याग करे तो हर बार बच्चे के
- मल त्याग करने के बाद उसे ओआरएस का घोल दें। हालांकि, बेहतर है इस दौरान डॉक्टर से पहले सलाह लें और उसी अनुसार आगे की प्रक्रिया करें।
- बच्चे को 24 घंटे में या 24 घंटे के बाद अगर फिर ओआरएस देने की जरूरत हो तो ध्यान रहे कि ओआरएस का ताजा घोल तैयार करके बच्चे को दें।
- ध्यान रहे कि बच्चे के वजन के अनुसार ओआरएस की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। लेख में आगे हम इसकी जानकारी भी साझा कर रहे हैं।
लेख के इस हिस्से में हम बता रहे हैं शिशुओं को ओआरएस की कितनी मात्रा दी जानी चाहिए।
शिशु को ओआरएस कितना पिलाना चाहिए?
शिशुओं को उनके वजन के अनुसार ओआरएस की मात्रा दी जा सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित अध्ययनों में इस बात की पुष्टि होती है कि हल्के डिहाइड्रेशन में बच्चे को ओआरएस 50 मिलीलीटर/किलोग्राम और लगातार दस्त की स्थिति में 100 मिलीलीटर/किलोग्राम के हिसाब से दिया जा सकता है (6)। इसके अलावा बच्चे के स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टर बच्चों को ओआरएस देने की सही मात्रा का निर्धारण कर सकते हैं। नीचे हम वजन के अनुसार ओआरएस की मात्रा के बारे में तालिका के माध्यम से बता रहे हैं (7)।
शिशु का वजन (किलोग्राम में) | मात्रा (मिलीलीटर में) |
5 | 200-400 |
5-7.9 | 400-600 |
8-10.9 | 600-800 |
11-15.9 | 800-1200 |
16-29.9 | 1200-2200 |
30 या उससे अधिक | 2200-4000 |
नीचे जानें कि शिशुओं को ओआरएस की जरूरत कब पड़ सकती है।
शिशु को ओआरएस पिलाने की आवयशकता कब पड़ती है?
कुछ अवस्थाओं में बच्चे को ओआरएस पिलाने की जरूरत हो सकती है, क्योंकि उन परिस्थितियों में शरीर से जरूरी तत्व जैसे कि इलेक्ट्रोलाइट और पानी निकल जाता है। ऐसे में शरीर में इनकी मात्रा बनाए रखने के लिए ओआरएस जरूरी है। इसके अलावा निर्जलीकरण की समस्या होने पर और इसके लक्षण दिखाई देने पर भी ओआरएस जरूरी है। तो जानते हैं कि किन स्थितियों में बच्चे को ओआरएस देने की जरूरत हो सकती है (8) (5)।
- बच्चे को दस्त लगने पर ओआरएस दे सकते हैं।
- बच्चों को डिहाइड्रेशन यानी निर्जलीकरण की समस्या होने पर ओआरएस देने की जरूरत हो सकती है।
- बच्चे को उल्टी की समस्या होने पर।
- बच्चों में कमजोरी के लक्षण या या चक्कर आने की समस्या में ओआरएस दें।
लेख में आगे हम ओआरएस से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
ओआरएस के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
सामान्य तौर पर ओआरएस का सेवन करने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में इसके सेवन के नुकसान देखे गए हैं। तो ये नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (9):
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन (Electrolyte imbalance)
- दस्त की समस्या
- अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Upper gastrointestinal) से जुड़ी समस्या।
- अगर ओआरएस ठीक से न घुला हो तो इसके सेवन से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में रक्तस्राव हो सकता है।
- अल्सर का जोखिम।
- पेट में दर्द।
- सोडियम साइट्रेट और सिट्रिक एसिड की अधिकता के कारण मतली, उल्टी, डायरिया, काले मल की समस्या हो सकती है।
यहां पढ़ें शिशुओं को ओआरएस देते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
शिशु को ओआरएस देते वक्त बरतने वाली सावधानियां
शिशुओं को ओआरएस देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
- शिशुओं के लिए ओआरएस का घोल तैयार करने से पहले अपने हाथों को धोकर अच्छे से साफ करें।
- घोल बनाने के लिए हमेशा ही साफ और उबले पानी का उपयोग करें।
- ओआरएस खिलाने के लिए बोतल का प्रयोग न करें।
- उपयोग के बाद बचे हुए घोल को फेंक दें और हर 24 घंटे में एक ताजा घोल बनाएं।
- शिशुओं को ओआरएस घोल देने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- डाॅक्टर द्वारा बताई गई ओआरएस सॉल्यूशन की निश्चित मात्रा का ध्यान रखें।
- ओआरएस को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिलाएं, क्योंकि इसे एक घूंट में पिलाने से शिशुओं को उल्टी हो सकती है।
- शिशु या बच्चे को ओआरएस देने के लिए चम्मच या ड्रॉपर का उपयोग करें।
नीचे जाने कि घर में ओआरएस कैसे बना सकते हैं।
घर में ओआरएस घोल कैसे तैयार करें?
यदि बाजार से ओआरएस मिलना संभव नहीं है, तो चिंता ना करें आप इसे नीचे दिए गए कुछ टिप्स को फॉलो करके घर में भी तैयार कर सकते हैं (5)।
- एक लीटर पानी लें और उसे गर्म (उबालकर) करके ठंडा कर लें।
- अब इस पानी में 6 छोटी चम्मच शक्कर और आधा छोटा चम्मच नमक मिला लें।
- दोनों को तब तक मिलाएं जब तक की वह पूरी तरह से पानी में घुल ना जाए।
- पूरी तरह घोल तैयार होने के बाद इसे एक साफ बोतल में डाल दें।
- तैयार है ओआरएस घोल।
लेख के अंत में जानते हैं कि अधिक मात्रा में ओआरएस देने से शिशु पर क्या असर हो सकता है।
क्या होगा यदि आप अपने बच्चे को बहुत अधिक ओआरएस दें?
सामान्य मात्रा में ओआरएस देने पर यह शिशुओं की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। वहीं, यदि इसे अधिक मात्रा में पिला दिए जाए या नमक-चीनी की मात्रा में थोड़ा भी उतार-चढ़ाव हो तो उनके शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है और इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जिन्हें हम नीचे बता रहे हैं:
- सोडियम की अधिक मात्रा में सेवन रक्तचाप की समस्या का कारण बन सकता है (10)।
- सोडियम के कारण बढ़ा हुआ रक्तचाप हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है (10)।
- ओआरएस की सही मात्रा का ध्यान न रखने से खून में सोडियम असंतुलन की समस्या हो सकती है (11)।
शिशुओं को ओआरएस का सेवन कई समस्याओं से बचा सकता है जिनके बारे में आपने लेख में जाना। हालांकि, शिशुओं को ओआरएस देने के पहले कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। इनकी जानकारी ऊपर दी गई है। यदि बाजार से ओआरएस लेने में समस्या हो रही है तो आप लेख में दी गई विधि के माध्यम से घर में ही इसे तैयार कर सकते हैं। एक बात ध्यान रहे कि इसकी अधिक मात्रा का सेवन शिशुओं में दुष्प्रभाव का कारण भी बन सकता है। इसलिए इसे देने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। वहीं, बच्चे में दस्त की समस्या अगर ज्यादा हो तो सिर्फ ओआरएस के भरोसे न रहकर बच्चे की मेडिकल ट्रीटमेंट करवाएं।
References
1. WHO position paper on Oral Rehydration Salts to reduce mortality from cholera By WHO
2. Sodium concentrations in solutions for oral rehydration in children with diarrhea By PubMed
3. Recent Advances of Oral Rehydration Therapy (ORT) By NCBI
4. Electrolytes By MedlinePlus
5. Oral Rehydration Solutions: Made at Home By Rehydrate
6. Oral rehydration solution–too little or too much? By PubMed
7. ORAL REHYDRATION SALTS = ORS By Medicalguidelines
8. Intensification of efforts towards “zero” childhood deaths due to Diarrhoea across all States & UTs of India. By NIC
9. Severe Gastrointestinal Hemorrhage in a Child after Taking an Improper Oral Rehydration Solution By NCBI
10. Salt Toxicity (Sodium Intake): A Serious Threat to Infants and Children of Pakistan By NCBI
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