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शिशुओं को छह महीने का होने के बाद उन्हें मां के दूध के साथ अनाज, फल और हरी सब्जियों का सूप दिया जाने लगता है। मां के दूध के अलावा दिए जाने वाले इन पदार्थों से शिशुओं का मानसिक और शारीरिक विकास होता है। इन्हीं पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है कद्दू, जो देखने में गोल और आकर्षक होता है। इसमें बच्चों को सेहतमंद बनाए रखने के लिए कई प्रकार के जरूरी पोषक तत्व होते हैं। माॅमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम बच्चों को कद्दू से होने वाले फायदे, नुकसान और इसके इस्तेमाल के बारे में बताएंगे।
आर्टिकल में सबसे पहले हम जानते हैं कि कद्दू शिशुओं के लिए अच्छा है या नहीं।
क्या शिशुओं के लिए कददू अच्छा है? | Pumpkin For Babies In Hindi
शिशुओं की सेहत और विकास के लिए कद्दू फायदेमंद हो सकता है। माना जाता है कि न सिर्फ कद्दू, बल्कि इसके बीज और छिलका भी फायदेमंद हो सकता है। अगर बात करें कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की, तो शोध में पाया गया है कि कद्दू कैरोटीन, पेक्टिन, मिनरल्स, विटामिन और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। ये सभी पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए बेहतर माने गए हैं। साथ ही इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, लाइकोपीन और फाइबर की अच्छी मात्रा भी पाई जाती है। वहीं, कद्दू में कुछ ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग सहित कई बीमारियों के खिलाफ एक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (1)।
कद्दू के गूदे का उपयोग आंतों की सूजन, अपच और पेट की बीमारी से राहत देने के लिए किया जा सकता है। साथ ही कद्दू का सेवन उचित विकास, स्वस्थ आंखों और बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है (1)। ये सभी पोषक तत्व और गुण बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने और उनके विकास में मददगार हो सकते हैं। हालांकि, कद्दू बच्चों के लिए किस प्रकार से फायदेमंद है, इस विषय में कोई वैज्ञानिक शोध नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए इसे बेहतर माना गया है।
आर्टिकल के इस हिस्से में हम आपको बता रहे हैं कि शिशुओं को कद्दू कब खिलाना चाहिए।
बेबी को कददू खिलाना कब शुरू कर सकते हैं?
एक बार जब बच्चा छह महीने की उम्र से अधिक हो जाता है और मां के दूध के अलावा ठोस भोजन को खाने के लिए तैयार हो जाता है, तो उन्हें सुरक्षित रूप से कद्दू का सेवन कराया जा सकता है। शिशुओं के लिए कद्दू किसी भी रूप में तैयार किया जा सकता है (2)। इसे स्टीम करके या उबालकर बनाया जा सकता है। जिस प्रकार से बच्चे आसानी से कद्दू खा सकते हैं, उन्हें उस रूप में कद्दू खिलाया जा सकता है।
लेख के अगले भाग में कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे।
कददू के पोषक तत्व
कद्दू में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में (3)।
- करीब 100 ग्राम कद्दू में लगभग 91.6 ग्राम पानी, 26 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन और 0.5 ग्राम फाइबर की मात्रा होती है।
- मिनरल्स के रूप में 100 ग्राम कद्दू में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, कॉपर, जिंक, मैंगनीज और सेलेनियम पाया जाता है।
- 100 ग्राम कद्दू में पाए जाने वाले विटामिन में मुख्य रूप से थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-बी6, फोलेट, कोलिन, बीटा कैरोटीन, विटामिन-ए, विटामिन-ई व विटामिन-के शामिल हैं।
- कद्दू में लिपिड के रूप में पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं।
आगे जानते हैं शिशुओं के लिए कद्दू के क्या फायदे हैं।
शिशुओं के लिए कद्दू के फायदे
कद्दू में पाए जाने वाले पोषक तत्व इसे शिशुओं के लिए फायदेमंद बनाते हैं। शिशुओं में कद्दू के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में नीचे पूरी जानकारी दी जा रही है।
1. आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति
कद्दू में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं। इसमें कैरोटीन, पेक्टिन, मिनरल्स, विटामिन-ए, विटामिन-सी, विटामिन-ई, लाइकोपीन और फाइबर की अच्छी मात्रा भी पाई जाती है, जो शिशुओं के विकास के लिए आवश्यक हैं (1)। इसके अलावा, कद्दू बच्चों में विटामिन-डी, कैल्शियम, प्रोटीन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की पूर्ति भी कर सकता है (3)।
2. पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है
कद्दू के सेवन से बच्चों की पाचन क्रिया में भी सुधार किया जा सकता है। दरअसल, इसमें और इसके बीज में फाइबर की मात्रा पाई जाती है। शोध के अनुसार, फाइबर युक्त भोजन मल को निकालने में फायदेमंद हो सकता है। इससे यह एंटीकॉन्सटीपेशन प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है। फाइबर न सिर्फ पाचन में सुधार करता है, बल्कि यह बच्चों में कब्ज जैसी समस्या को भी दूर करने में फायदेमंद हो सकता है (4)। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कद्दू बच्चों की पाचन क्रिया को सुधारने में मददगार हो सकता है। छोटे बच्चों को कद्दू के बीज देने से बचें, वहीं कद्दू देते वक्त उसे अच्छी तरह मैश कर लें।
3. विटामिन-ए से भरपूर
विटामिन-ए की कमी से बच्चों को आंखों की समस्या के साथ ही संक्रमण का खतरा हो सकता है। वहीं, कद्दू में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो आंखों से संबंधित परेशानियों को दूर करने के साथ ही संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है (1)।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली में करे सुधार
माना जाता है कि विटामिन-डी बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार शिशुओं को कई प्रकार के संक्रमण और वायरस के खतरे से सुरक्षा प्रदान करता है। इस विषय पर हुई रिसर्च में पाया गया कि कद्दू के अर्क में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में मददगार हो सकता है (5)।
5. बेहतर विकास के लिए
कद्दू बच्चों के विकास के लिए भी लाभदायक हो सकता है। रिसर्च में पाया गया कि कद्दू और इसका आटा प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है। प्रोटीन बच्चों के विकास में मदद कर सकता है (6)। बच्चों के विकास के लिए डॉक्टर की सलाह से उन्हें कद्दू दिया जा सकता है।
कद्दू के फायदे के बाद जानते हैं शिशुओं के लिए कद्दू के नुकसान के बारे में।
क्या शिशु के लिए कददू के कुछ नुकसान भी हैं?
जहां एक ओर कद्दू का सेवन बच्चों की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, वहीं इसका अधिक सेवन या सेवन कराते समय की गई लापरवाही से स्वास्थ्य को नुकसान भी हो सकता है। हालांकि, शिशुओं के लिए कद्दू के नुकसान को लेकर अधिक शोध मौजूद नहीं है फिर भी इसके कुछ दुष्प्रभाव के बारे में नीचे कुछ जानकारी दी गई है।
- कद्दू में मेथनॉल (methanol) नामक घटक पाया जाता है। यह घटक रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता है (7)।
- कुछ बच्चों को कद्दू के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- बच्चों को कद्दू बहुत की नरम करके खिलाना चाहिए नहीं तो वह बच्चों के गले में अटक सकता है।
यहां तक तो हुई कद्दू के फायदे और नुकसान की बात अब जानते हैं कद्दू के चुनाव के बारे में।
बच्चे के लिए सही कद्दू कैसे चुनें?
बच्चों के लिए कद्दू का चुनाव करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जो इस प्रकार है:
- कभी भी कच्चा, दागी (दाग लगा हुआ) या सड़ा हुआ कद्दू नहीं लेना चाहिए। हमेशा ताजा और पका हुआ कद्दू का चुनाव करें।
- कद्दू का चुनाव करते समय यह बात भी ध्यान रखें कि कद्दू बहुत दिन पुराना नहीं हो।
- एक बार कद्दू को सूंघ कर जरूर देखें कि कहीं उसमें से बदबू तो नहीं आ रही है।
कद्दू के चुनाव की जानकारी के बाद जानते हैं बच्चों के लिए कद्दू की कुछ रेसिपी के बारे में।
बच्चों के लिए कददू 5 रेसिपी
आप नीचे दी गई किसी भी रेसिपी के जरिए बच्चों को कद्दू का सेवन करा सकते हैं।
1. कद्दू की प्यूरी
सामग्री:
- एक छोटा पका कद्दू
- एक कप पानी
- एक चुटकी दालचीनी और जायफल पाउडर (वैकल्पिक)
- बटर (वैकल्पिक)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले कद्दू को छील लें और उसके छिलके अलग कर दें।
- इसके बाद इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और ग्राइंडर में पानी के साथ डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- फिर इसे कढ़ाई में डालकर अच्छी तरह पका लें।
- इसके बाद चिकने मिश्रण को एक बाउल में निकाल लें।
- इस मिश्रण पर दालचीनी और जायफल को छिड़क सकते हैं।
- चाहें तो बटर के पीस को भी इसमें मिला सकते हैं।
- बच्चों के लिए कद्दू की प्यूरी तैयार है।
2. सेब और कद्दू की प्यूरी
सामग्री:
- एक छोटा कद्दू छिला और कटा हुआ
- तीन सेब छिले हुए और कटे हुए
- एक पानी
- एक चुटकी दालचीनी और जायफल पाउडर (वैकल्पिक)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक पैन में पानी, कद्दु और सेब के टुकडे डालें और उन्हें उबालने के लिए रख दें।
- पैन को कवर करें और तब तक पकाएं जब तक कि सेब और कद्दू नरम न हो जाएं।
- इसके बाद इन्हें ठंडा होने के लिए अलग रख दें।
- ठंडा होने पर इन्हें मिक्सर में डालकर ग्राइंड करें और एक बाउल में निकाल लें।
- बच्चे को मैश्ड सेब और कद्दू प्यूरी परोसने से पहले एक चुटकी दालचीनी और जायफल पाउडर मिला सकते हैं।
3. क्रीमी कद्दू का सूप
सामग्री:
- तीन कप क्यूब्ड कटा हुआ कद्दू
- एक चौथाई कप कटा हुआ प्याज
- एक चौथाई कप ताजा क्रीम
- दो छोटे चम्मच मक्खन
- स्वादानुसार नमक और काली मिर्च
- तीन कप पानी
गार्निश के लिए:
- 2 बड़े चम्मच बारीक कटा हुआ स्प्रिंग प्याज (वैकल्पिक)
बनान की विधि:
- सबसे पहले एक पैन को हल्का गर्म कर लें फिर इसमें मक्खन डालकर पिघलाएं।
- इसके बाद इसमें प्याज डालें और थोड़ा-सा भून लें।
- अब इसमें कद्दू के टुकड़े डालें।
- इसके बाद तीन कप पानी डालें और अच्छी तरह से मिला लें।
- मिश्रण को तब तक उबालें जब तक कि कद्दू नरम न हो जाए।
- कद्दू के नरम होने के बाद मिश्रण को 15 मिनट के लिए ठंडा होने दें।
- अब इसे ब्लेंड करने के लिए फूड प्रोसेसर में ट्रांसफर करें और अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- इसे वापस पैन में डालें और साथ ही इसमें क्रीम डालें।
- इसके बाद सूप को एक उबाल आने तक उबालें।
- इसे एक बाउल में निकाल लें और बच्चे को सर्व कर सकते हैं।
4. कद्दू और नाशपाती प्यूरी
सामग्री:
- आधा कप कद्दू प्यूरी
- 1 नाशपाती साफ की हुई और कटी हुई
बनाने की विधि:
- नाशपाती को अच्छी तरह से मैश कर लें।
- इसके बाद उसे कद्दू की प्यूरी में मिला लें। कद्दू की प्यूरी बनाने का तरीका ऊपर बताया गया है।
- अच्छी तरह से मिल जाने के बाद इसे सर्व करें।
5. कद्दू, केला और आड़ू प्यूरी
सामग्री:
- आधा कप कद्दू प्यूरी
- एक केला कटा हुआ
- 1 आड़ू छिला और कटा हुआ
बनाने की विधि:
- आड़ू और केले को एक साथ स्टीम करें।
- स्टीम होने के बाद इन्हें मैश कर लें।
- इस मिश्रण को कद्दू की प्यूरी में अच्छी तरह से मिला लें।
- इसे एक बाउल में निकालें और सर्व करें।
नोट : ऊपर बताई गई रेसिपी देते वक्त बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। अगर बच्चे को किसी खाद्य सामग्री से एलर्जी है तो उसके आहार में उस विशेष सामग्री को शामिल न करें।
कद्दू के गुण व पोषक तत्व उसके आकार के अनुसार ही बड़े हैं, जो शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं। कद्दू खाने के फायदे जानने के बाद आप बिना किसी शंका के अपने बच्चे को इसका सेवन करा सकते हैं। बस ध्यान रखें कि अपने बच्चे की डाइट में इसे शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें। साथ ही इस जानकारी को दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ शेयर करना न भूलें।
References
1. Comparative study on nutrient contents in the different parts of indigenous and hybrid varieties of pumpkin (Cucurbita maxima Linn.) By NCBI
2. How Feasible Is Baby-Led Weaning as an Approach to Infant Feeding? A Review of the Evidence By NCBI
3. Pumpkin, raw By USDA
4. Proximate, Mineral and Anti-nutrient Composition of Pumpkin (Cucurbitapepo L) Seeds Extract By Citeseerx
5. The effects of methanolic, chloroform, and ethylacetate extracts of the Cucurbita pepo L. on the delay type hypersensitivity and antibody production By NCBI
6. Evaluation of Complementary Food from Blend of Fluted Pumpkin (Telfairia occidentalis) and Quality Protein Maize By Researchgate
7. Anti-diabetic effects of pumpkin and its components, trigonelline and nicotinic acid, on Goto-Kakizaki rats By PubMed
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