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खूबसूरती तन से नहीं मन से होती है, लेकिन अच्छी हाइट की चाहत हर किसी की होती है। आखिर यह अच्छे व्यक्तित्व के लिए निर्धारित पैमानों से एक जो है। बेशक, हाइट कुछ हद तक आनुवंशिक भी होती है, लेकिन अगर बचपन से ही ध्यान दिया जाए, तो किसी भी बच्चे की हाइट अच्छी हो सकती है। इसके लिए बच्चों के खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बताएंगे कि क्या कुछ बातों का ख्याल रखकर हाइट बढ़ाई जा सकती है? अगर हां, तो क्या हैं वो बातें जिन पर ध्यान देना चाहिए? इन सभी बातों को विस्तार से हम लेख में आगे बताएंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि किस प्रकार हमारे प्रयास हाइट बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं।
क्या वास्तव में लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ किया जा सकता है?
वैसे तो बच्चों की हाइट माता-पिता के जीन्स पर निर्भर करती है (1)। हां, अगर माता-पिता का कद ऊंचा होने के बाद भी बच्चे की लंबाई सामान्य से कम है, तो उसकी दिनचर्या में किए कुछ बदलाव उसकी हाइट बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, पोषक तत्व और शारीरिक गतिविधियों की कमी बच्चों के कद को प्रभावित करती हैं, जिनके बारे में विस्तार से हम नीचे बता रहे हैं (2) ।
- दैनिक आहार (पोषक तत्व) : कई प्रकार के पोषक तत्व हाइट बढ़ाने और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। दरअसल, पोषक तत्व की कमी यानी मालन्यूट्रीशन भी शरीर के विकास में बाधा बनती है। ऐसे में संतुलित आहार का सेवन किया जाना जरूरी होता है (3) (4)। ऐसे में बच्चे के आहार में पनीर व फलियों आदि को शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, लंबाई में मदद करने वाले अन्य पोषक तत्व व खाद्य पदार्थों के बारे में हम नीचे विस्तार से बताएंगे।
- शारीरिक गतिविधियां : दैनिक गतिविधियों में व्यायाम को शामिल करने से हाइट बढ़ाने में मदद मिलती है। रोजाना बॉडी को स्ट्रेच करने वाले वर्क-आउट जैसे पुल-अप्स (शरीर को ऊपर की ओर खींचना) करने से ग्रोथ हार्मोन बढ़ते हैं, जो शारीरिक विकास के साथ ही कद बढ़ाने में भी मदद करते हैं (5)। शारीरिक गतिविधियों और व्यायाम के बारे में भी हम लेख में आगे विस्तार से बताएंगे।
लेख में आगे हम हाइट को निर्धारित करने वाले कारक के बारे में बता रहे हैं।
लंबाई को निर्धारित करने वाले कारक
इस बात का सटीक निर्धारण करना मुश्किल है कि बच्चे की लंबाई कितनी होगी। फिर भी कुछ शोध में पाया गया कि लंबाई को निर्धारित करने वाले कारक मुख्य रूप से दो प्रकार के हैं (1):
- आनुवंशिक (Genetic): अलग-अलग प्रकार के कई जीन्स होते हैं, जो हाइट निर्धारित करते हैं। इन्हें पॉलीजेनिक इनहेरिटेंस कहा जाता है। यही वजह है कि बच्चे की लंबाई कितनी होगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता है। विरासत में मिले जीन्स से बस यह स्पष्ट होता है कि बच्चे लगभग अपने माता-पिता जितने ही लंबे होंगे, लेकिन अलग-अलग जीन्स के कारण भाई-बहन की हाइट अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा, हार्मोन की वजह से भी हाइट प्रभावित होती है, जिसे आनुवंशिक कारण भी निर्धारित कर सकते हैं।
- पर्यावरणीय कारक : बच्चों की लम्बाई पर्यावरणीय कारकों से भी प्रभावित हो सकती है। इन पर्यावरणीय कारक में गर्भावस्था के दौरान मां को मिलने वाला पोषण, उसके द्वारा किया जाने वाला धूम्रपान और हानिकारक पदार्थों से संपर्क शामिल है। इसके अलावा, सामाजिक-आर्थिक कारक जैसे आय, शिक्षा और व्यवसाय भी बच्चों की लम्बाई को प्रभावित कर सकते हैं। खासकर, ऐसे मामलों में जब परिवार अच्छे अवसरों को पाने के लिए दूसरी जगह जाता है। दरअसल, बेहतर रोजगार से परिवार के खान-पान और रहन-सहन में बदलाव होता है, जिससे अगली पीढ़ी के कद पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
आर्टिकल में आगे हम उस पड़ाव के बारे में बता रहे हैं, जिसमें लंबाई बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।
किस उम्र में लंबाई सबसे ज्यादा बढ़ती है?
बच्चों की सबसे ज्यादा लंबाई उनके पैदा होने के एक साल के अंदर बढ़ती है। बच्चे जीवन के सबसे पहले साल में करीब 10 इंच तक बढ़ते हैं। उसके बाद उनका कद हर साल जीन्स और उनके खान-पान के अनुसार ही बढ़ता है (6)। वहीं, जन्म के एक वर्ष के बाद की बात करें, तो लड़काें की सबसे ज्यादा हाइट 13 से 14 वर्ष की आयु के बीच औसतन 9.5 सेमी तक बढ़ सकती है। इसके अलावा, लड़कियों की सबसे ज्यादा हाइट 11 से 12 वर्ष की आयु के बीच औसतन 8.3 सेमी तक बढ़ सकती है। बच्चों की हाइट को और बेहतर तरीके से समझाने के लिए नीचे हम टेबल दे रहे हैं (7)।
आयु (वर्ष) | लड़के | लड़कियां | ||
लंबाई (सेमी में) | औसत लंबाई प्रतिवर्ष (सेमी में) | लंबाई (सेमी में) | औसत लंबाई प्रतिवर्ष (सेमी में) | |
7 | 121.9 | 5.8 | 121.5 | 5.9 |
8 | 127.7 | 5.4 | 127.4 | 5.7 |
9 | 133.1 | 5.2 | 133.1 | 5.8 |
10 | 138.3 | 5.1 | 138.9 | 6.7 |
11 | 143.4 | 5.3 | 145.6 | 8.3 |
12 | 148.7 | 6.8 | 153.9 | 5.9 |
13 | 155.5 | 9.5 | 159.8 | 3.0 |
14 | 165.0 | 6.5 | 162.8 | 0.9 |
15 | 171.5 | 3.3 | 162 | 0.1 |
16 | 174.8 | 1.5 | 163.7 | – |
17 | 176.3 | 0.5 | 163.8 | |
18 | 176.8 | – |
यहां हम आपको लंबाई बढ़ाने के कुछ आसान तरीकों के बारे में बता रहे हैं।
बच्चों की लंबाई बढ़ाने के उपाय | Baccho Ki Height Kaise Badhaye
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि लंबाई को निर्धारित करने वाला सबसे प्रमुख कारक जीन्स होता है। लंबाई इनके अनुसार ही बढ़ती है, लेकिन फिर भी कुछ बातों का ख्याल रखकर लंबाई को बढ़ाया जा सकता है। ये उपाय कुछ इस प्रकार हैं:
1. संतुलित आहार
क्या खाना चाहिए: हाइट बढ़ाने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। अपने बच्चे की डाइट में कई प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर हाइट बढ़ाने में उनकी मदद की जा सकती है।
- विटामिन डी: माना जाता है कि विटामिन-डी की कमी लंबाई में नकारात्मक प्रभाव डालती है। ऐसे में विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – पनीर, फलियां व टोफूज को आहार में शामिल करने से हाइट बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह विटामिन हड्डियों के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण होता है (8) (9)।
- जिंक: इस पोषक तत्व से भरपूर शतावरी, चॉकलेट और मूंगफली भी शारीरिक विकास में मदद करती है। जिंक का सही मात्रा में सेवन भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी कमी से बच्चों के विकास में रुकावट हो सकती है (10)।
- आयरन: शारीरिक विकास के लिए आयरन का सेवन भी जरूरी है। इसकी कमी का होना एक गंभीर समस्या बन सकता है, जिससे विकास में बाधा आ सकती है। इसकी कमी को दूर करके हाइट बढ़ाने में मदद मिल सकती है (3) (11)। ऐसे में आयरन युक्त आहार जैसे- मशरूम, मछली को डाइट में जोड़ा जा सकता है (12)।
- विटामिन सी: शारीरिक विकास और हाइट बढ़ाने यानी ग्रोथ के लिए विटामिन-सी भी एक जरूरी पोषक तत्व है। हाइट को बढ़ाने के साथ ही यह इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है। माना जाता है कि लड़कों के लिए विटामिन-सी की 75 मिलीग्राम मात्रा और लड़कियों के लिए प्रतिदिन 65 मिलीग्राम विटामिन-सी की मात्रा जरूरी है (3)। विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों में संतरा, अंगूर, कीवी, आम, पपीता, अनानास, स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और तरबूज जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं (13)।
- प्रोटीन: प्रोटीन युक्त आहार का सेवन भी लंबाई को बढ़ाने में मदद कर सकता है। 6 से 24 महीने तक के बच्चों पर किए गए एक शोध के मुताबिक प्रोटीन से उनकी लंबाई बढ़ने में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। प्रोटीन की आवश्यकता शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा को संतुलित करने, शरीर की मांसपेशियों मजबूत करने और ऊतक (टिश्यू) के निर्माण के लिए जरूरी होती है। इसके अलावा, यह हड्डियों के विकास में भी मदद करती है (14)।
क्या नहीं खाना चाहिए: बच्चों के साथ ही गर्भावस्था के दौरान मां को भी जंक फूड का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसका सेवन बच्चों की ग्रोथ को कम कर देता है, जिसका असर उनके शारीरिक विकास पर पड़ता है (15)। शारीरिक विकास का ही एक हिस्सा हाइट भी है (16)। जब शारीरिक विकास में ही बाधा होगी, तो हाइट भी तेजी से नहीं बढ़ेगी। ऐसे में जंक व फास्ट फूड से दूरी बनाई रखनी चाहिए। इसके अलावा, अधिक चीनी और कैफिन युक्त खाद्य पदार्थ भी शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि, इसका बच्चों के कद पर सीधे तौर से संबंधित शोध तो मौजूद नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके सेवन से बचना चाहिए (17) ।
2. व्यायाम और खेल कूद
नियमित रूप से व्यायाम करना और खेलकूद से जुड़े रहना सेहत के साथ ही शारीरिक विकास के लिए फायदेमंद होता है। व्यायाम और खेलकूद से शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने और शरीर को एक्टिव बनाने में मदद मिलती है। एक शोध के अनुसार, इस प्रकार की शारीरिक गतिविधियां शरीर और हड्डियों के विकास में सहायक होती है, जो हाइट बढ़ाने में सहायता कर सकती हैं (18) (19)। इस प्रकार की गतिविधियों में दौड़ना, स्विमिंग और रस्सी कूद शामिल है।
जॉगिंग व रनिंग: सुबह-सुबह जॉगिंग व रनिंग करना कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। रनिंग व जॉगिंग हड्डियों का विकास करने के साथ ही इन्हें मजबूत बनाती है, जिससे लंबाई बढ़ने में मदद मिल सकती है (20) (19)।
स्विमिंग: हाइट बढ़ाने के लिए तैराकी यानी स्विमिंग अच्छी शारीरिक गतिविधि हो सकती है। इसे करते समय शरीर के प्रत्येक अंग की कसरत होती है। इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हड्डियों के विकास में मदद मिलती है। हड्डियों का विकास होने पर लंबाई भी बढ़ती है, इसलिए माना जाता है कि स्विमिंग बच्चों की हाइट ग्रोथ में अहम भूमिका निभा सकती है (21) (19)।
स्किपिंग: आपने अक्सर लोगों से सुना होगा कि अगर अपनी लंबाई बढ़ानी है, तो रस्सी कूदना चाहिए। जी हां, हाइट बढ़ाने के लिए यह फायदेमंद कसरत हो सकती है। यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में मदद कर सकता है, शोध में पाया गया है कि मजबूत हड्डियां लंबाई बढ़ने का एक कारण हो सकती हैं। साथ ही यह गतिविधि फिटनेस और हाइट के लिए भी फायदेमंद मानी गई है (20) (22)।
3. याेगाभ्यास
माना जाता है कि रोजाना योगाभ्यास करने से कई तरह की बीमारी और शारीरिक समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। उन्हीं समस्याओं में से एक है छोटे कद की समस्या। योगाभ्यास से इस समस्या को कुछ हद तक दूर किया जाता सकता है। योग लंबाई बढ़ाने वाले हार्मोंस को एक्टिव कर देते हैं। क्रिया, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और ध्यान (मेडिटेशन) ग्रोथ हार्मोन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा, अन्य आसन भी हाइट बढ़ने में लाभदायक हो सकते हैं (23)। नीचे हम कुछ अन्य आसन और उन्हें करने के तरीके के बारे में बता रहे हैं, जो कद बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन इनसे हाइट बढ़े यह जरूरी नहीं हैं।
1. ताड़ासन
विधि
- सबसे पहले समतल जगह पर मैट बिछाएं।
- अब दोनों पैर एक सामान करके सीधे खड़े हो जाएं।
- ध्यान रखें कि दोनों पैरों के बीच ज्यादा दूरी न हो।
- अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर सिर के ऊपर ले जाएं।
- इस दौरान हथेलियों की दिशा आसमान की तरफ होनी चाहिए।
- गहरी सांस लेते हुए शरीर का भार सिर्फ पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की तरफ खींचे।
- कुछ सेकंड इस मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- कुछ देर बार सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सावधानियां:
अगर ताड़ासन करते समय खिंचावट के कारण शरीर में किसी तरह का दर्द होने लगे, तब इस आसन को नहीं करना चाहिए।
2. सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार करने की प्रक्रिया में 12 योग मुद्राएं शामिल होती हैं। इसको करने की विधि कुछ इस प्रकार है:
विधि:
- प्रणाम आसन – सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार मुद्रा में आ जाएं।
- हस्तउत्तानासन- अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। फिर गर्दन और हाथों को हल्का-सा पीछे की तरफ झुकाएं। ध्यान रखें कि शरीर के साथ न तो जबरदस्ती करें और न ही झटके से इसे झुकाएं।
- पादहस्तासन- फिर सांस को छोड़ते हुए बिना घुटनों को मोड़े धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से जमीन को छूने का प्रयास करें।
- अश्व संचालनासन- अब अपने दाएं पैर को पीछे ले जाते हुए दाहिने घुटने को जमीन से स्पर्श करें। इसके बाद छाती को आगे की ओर ताने और ऊपर देखने का प्रयास करें।
- पर्वतासन- फिर सांस छोड़ते हुए बाएं पैर को भी पीछे की ओर ले जाएं। अब शरीर के बीच वाले हिस्से यानी नितम्ब और कमर को ऊपर की ओर उठाएं। इस मुद्रा में बाजुओं को सीधा रखें और पैर की एड़ियों से जमीन को छूने का प्रयास करें।
- अष्टांगासन- अब सांस लेते हुए पहले दोनों घुटने जमीन पर रखें। फिर ठुड्डी और छाती को जमीन से सटाएं।
- भुजंगासन- इसके बाद बिना सांस छोड़े नाभि से ऊपर वाले भाग को उठाएं। कमर का नीचे वाला भाग और हथेलियां जमीन पर ही होनी चाहिए।
- पर्वतासन- फिर सांस छोड़ते हुए हिप्स वाले भाग को ऊपर उठाए। इसमें आपका शरीर ‘वी’ आकार का बन जाएगा।
- अश्व संचालनासन- अब सांस लेते हुए दाएं पैर को सामने की ओर लाएं और छाती को आगे की ओर लाएं। इस दौरान अपने बाएं पैर को सीधा रखते हुए बाएं घुटने को जमीन से टिका कर रखें।
- पादहस्तासन- फिर सांस को छोड़ते हुए बाएं पैर को भी धीरे-धीरे सामने लाए और खड़े हो जाएं। अब माथे को घुटनों से छुएं और हथेलियों से जमीन को स्पर्श करें।
- हस्तउत्तानासन- अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे सिर और हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और आराम-आराम से पीछे की ओर झुकें।
- प्रणाम आसन- अब वापस नमस्कार मुद्रा में आ जाएं। इस प्रकार आप सूर्य नमस्कार का एक चक्र पूरा कर लेंगे। एक समय में तीन से पांच बार सूर्य नमस्कार किया जा सकता है।
सावधानियां:
- अगर रीढ़ या घुटनाें में दर्द हो, तो इस आसन को न करें।
- पैरों को मोड़कर रखने पर दर्द महसूस हो, तो इस आसन को अधिक देर तक न करें। इस आसन में होने वाले खिंचाव से दर्द बढ़ सकता है।
- पैरों में सूजन हो, तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।
3. मार्जरी आसन
विधि:
- सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं।
- फिर हाथों को आगे जमीन पर रखें और हाथ व घुटनों के बल आ जाएं।
- इस अवस्था में आपके शरीर का आकार बिल्ली की तरह होना चाहिए।
- फिर सांस लेते हुए रीढ़ पर हल्का दवाब बनाकर उसे नीचे की ओर करें।
- अब गर्दन को ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इस अवस्था में बने रहें।
- उसके बाद सांस छोड़ते हुए रीढ़ को ऊपर करें।
- फिर गर्दन को नीचे की ओर झुकाएं और ठुड्डी को छाती से स्पर्श करें। अब कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहें।
- इसके बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।
सावधानियां:
- हाथों, कमर या फिर पैरों में दर्द होने पर इस आसन को न करें।
- आसन में ज्यादा देर तक रहने पर घुटनों और हाथों में दर्द हो सकता है।
4. सही पोश्चर
सही तरीके से शारीरिक क्रियाओं को करने से जैसे उठना, बैठना व चलना हाइट को बढ़ाने में तो सीधे तौर पर मदद तो नहीं करता, लेकिन रीड़ की हड्डी को सीधे रखने और कंधों को झुकने से रोकता है। अगर कंधे झुके होते हैं, तो हाइट छोटी दिखती है (24)।
5. सही मात्रा में नींद लें
अपर्याप्त नींद भी शारीरिक विकास में बाधा डाल सकती है। ऐसे में माना जाता है कि नींद हाइट पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, लेकिन इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है (25)। हां, इतना जरूर स्पष्ट है कि ग्रोथ हार्मोन सामान्य रूप से रात के समय में ही रिलीज होते हैं, जिससे हाइट बढ़ती है (26)।
6. सूरज की रोशनी
विटामिन-डी की कमी से बच्चों की ग्रोथ के साथ-साथ लंबाई पर भी बुरा असर होता है। सूर्य का प्रकाश विटामिन-डी का अच्छा प्राकृतिक स्रोत होता है। यह विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए मददगार हो सकता है। शरीर के विकास के लिए सूरज की रोशनी बहुत जरूरी है(9)।
इस लेख से तो यह स्पष्ट हो गया है कि हाइट बढ़ना मुश्किल नहीं है। कुछ बातों को ध्यान में रखकर और दिनचर्या में जरूरी बदलाव करने से बच्चों का कद बढ़ाने में मदद मिल सकती है। आप लेख में बताई बातों को ध्यान में रखकर और घरेलू उपाय अपनाकर अपने बच्चे की पर्सनालिटी को और बेहतर बनाने में सहायता कर सकते हैं। साथ ही इस लेख को अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर साझा करें, ताकि वो भी बच्चों की हाइट से जुड़ी जरूरी बातों को जान सकें। अगर आप इस विषय के संबंध में कुछ और पूछना चाहते हैं, तो कमेंट बॉक्स के जरिए उन्हें हम तक पहुंचा सकते हैं।
References
1. Is height determined by genetics? By NIH
2. Child Development By MedilinePlus
3. Micronutrient Requirements of Adolescents Ages 14 to 18 Years By Oregonstate
4. Nutrition and Growth By NCBI
5. How to Increase Height By Academia
6. Feeling Too Tall or Too Short By Kidshealth
7. Growth and Normal Puberty By Aappublications
8. Vitamin D and skeletal growth and development. By NCBI
9. Vitamin D Status and Its Relationship to Body Fat, Final Height, and Peak Bone Mass in Young Women By NCBI
10. Zinc nutrition and growth retardation. By NCBI
11. Effect of iron on growth in iron deficient anemic school going children. By NCBI
12. Iron Fact Sheet for Health Professionals By NIH
13. Vitamin C By MedlinePlus
14. Early life height and weight production functions with endogenous energy and protein inputs By NCBI
15. Junk Food Consumption and Effects on Growth Status among Children Aged 6-24 Months in Mashhad, Northeastern Iran By Researchgate
16. Your Child’s Growth By Kidshealth
17. Sugar Beverages and Dietary Sodas Impact on Brain Health: A Mini Literature Review By NCBI
18. How does exercise affect bone development during growth? By NCBI
19. A Study on Pattern of Growth in Height Among Children of Dhulikhel Municipality By Researchgate
20. Chapter 3: Active Children and Adolescents By Health
21. Effect of swimming on bone growth and development in young rats. By NCBI
22. Pubertal growth and epiphyseal fusion By NCBI
23. Effect of Regular Yogic Training on Growth Hormone and Dehydroepiandrosterone Sulfate as an Endocrine Marker of Aging By NCBI
24. Guide to Good Posture By MedlinePlus
25. Sleep and weight-height development. By NCBI
26. Can Lack of Sleep Stunt Your Growth? By Kidshealth
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