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बड़ों के मुकाबले बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उनके जल्द बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं, बच्चे अक्सर खाने-पीने की चीजों को लेकर आनाकानी करते हैं, जिससे कई बार शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसका प्रभाव सीधा शरीर की इम्यूनिटी पर पड़ता है। ऐसे में बच्चों की कमजोर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना एक गंभीर विषय हो सकता है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों में इम्यूनिटी के कम होने के कारण और लक्षण के साथ इसे बढ़ाने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
आइये, सबसे पहले रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में जान लेते हैं।
क्या है रोग प्रतिरोधक क्षमता?
रोग प्रतिरोधक क्षमता को शरीर का सुरक्षा तंत्र माना जाता है। दरअसल, यह शरीर के अंगों के साथ कोशिकाओं और ऊतकों का एक नेटवर्क है, जो मिलकर शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। जब शरीर में कोई बैक्टीरिया या वायरस दाखिल होता है, तो शरीर का इम्यूनिटी तंत्र सक्रिय हो जाता है और उनसे लड़ने का काम करता है (1)। इसलिए, डॉक्टर या विशेषज्ञ उन खाद्य पदार्थों के सेवन की ज्यादा सलाह देते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं।
स्क्रॉल करके पढ़ें बच्चों में इम्यूनिटी पावर कम होने के लक्षण।
बच्चों में इम्यूनिटी कम होने के लक्षण | Bacho Ki Immunity Kum Hone Ke Lakshan
इम्मुनोडेफिशियेंसी एक गंभीर चिकित्सा समस्या है, जिसमें खाद्य पदार्थों और घरेलू उपचारों से ठीक करना पूरी तरह संभव नहीं है। इसके लिए विशेष डॉक्टरी इलाज की जरूरत पड़ सकती है। इम्यूनिटी के कमजोर होने को निम्नलिखित लक्षणों के माध्यम से पहचाना जा सकता है (2) (3) –
- बार-बार संक्रमित होना या बीमार होना
- बैक्टीरिया या अन्य रोगाणु की वजह से संक्रमण
- किसी संक्रमण के उपचार बाद सही प्रतिक्रिया न आना
- संक्रमण या बीमारी से पूरी तरह ठीक न होना।
- नियोमिया
- कान से जुड़ा संक्रमण जैसे ओटिटिस मीडिया
- बार-बार दस्त का होना
- त्वचा से जुड़ी समस्या जैसे डर्माटाइटिस (त्वचा पर खुजली के साथ लाल चकत्ते)
- केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ा इंफेक्शन
- टीकाकरण से जुड़ी जटिलता, जैसे रोटावायरस के बाद दस्त।
- घाव भरने में देरी (4)।
आगे हम जानेंगे बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण।
बच्चों की इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम होने के कारण
ऊपर आपने जाना कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के लक्षण क्या हैं। अब हम बात करेंगे कि आखिर बच्चों की रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता कम होने के क्या कारण हैं।
- समय से पहले जन्मे बच्चों में अक्सर रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे बच्चों के शरीर में फौरन संक्रमण हमला कर देता है (5)।
- किसी वजह से मां का दूध बच्चे को न मिल पाना। दरअसल, बच्चे के जन्म के बाद मां का दूध बच्चे को संक्रमण से बचाने और उसकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है
(6)।
- कुपोषण या शरीर में पोषण की कमी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का मुख्य कारण है (7)।
- बच्चों में जंक फूड्स की अधिकता इम्यूनिटी को कमजोर करने का काम कर सकती है।
- बच्चों में जरूरी टीकाकरण का न करवाना (8)।
- कमजोर प्रतिरक्षा बच्चे को माता-पिता से भी मिल सकती है (9)।
आइये, अब जानते हैं बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के कारगर उपाय।
बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय | Baccho Ki Immunity Power Kaise Badhaye
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं –
- जरूरी पोषक तत्व : जैसा कि हमने ऊपर बताया कि बच्चों में कुपोषण, रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए, अपने बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य-पदार्थों का सेवन कराएं। चाहें, तो इस विषय में डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं (7)।
- मां का दूध : बच्चे को मां के दूध से वंचित न रखें, क्योंकि मां का दूध बच्चे को संक्रमण से बचाने और उसकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करता है। किसी कारणवश अगर कोई महिला स्तनपान कराने में असक्षम है, तो डॉक्टर से इस विषय में जरूर बात करें (6)।
- टीकाकरण : बच्चे का जरूरी टीकाकरण करवाएं, क्योंकि इससे अभाव में बच्चा जल्द संक्रमण की चपेट में आ सकता है (8)।
- साफ-सफाई से जुड़ी आदतें – बच्चों को हाइजीन से जुड़ी जरूरी बातें बताएं। जैसे खाने से पहले हाथ धोना, बाहर से आने के बाद पैर-हाथ धोना और बिना ढके भोजन का सेवन न करना। ये अच्छी आदतें बच्चे को संक्रमित होने से बचाएंगी (10)।
- खाद्य पदार्थों का सही स्टोरेज और निर्माण – खाने-पीने की चीजों को सही से स्टोर करें, क्योंकि बिना सही स्टोरेज के भोजन संक्रमित हो सकता है, जो बच्चे के शरीर को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, खाना बनाते समय भी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें (10)।
- पर्याप्त नींद – यह जरूर सुनिश्चित करें कि बच्चा पर्याप्त नींद ले रहा है कि नहीं, क्योंकि इसके अभाव में बच्चे की इम्यूनिटी प्रभावित हो सकती है। वहीं, अच्छी नींद संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है (11)।
- फिजिकल एक्टिविटी – बच्चों को फिजिकल एक्टिविटी में भी व्यस्त रखें, क्योंकि इससे भी इम्यूनिटी में सुधार हो सकता है। इस बात की पुष्टि इससे जुड़े एक शोध में की गई है (12)।
- शहद खिलाएं – डॉक्टरी परामर्श पर बच्चों के आहार में शहद को शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में शहद के इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव के बारे में पता चलता है, यानी यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार का काम कर सकता है (13)।
नीचे जानिए उन सब्जियों और फलों के बारे में जो बच्चों में इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खिलाएं कुछ खास फल और सब्जियां | Baccho Ki Immunity Badhane Wale Food
निम्नलिखित सब्जियों और फलों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम कर सकता है (14)। इन्हें डॉक्टरी परामर्श पर बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों मौसमी फल और सब्जियों का ही सेवन कराएं।
इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फल :
- सिट्रस फल जैसे संतरा।
- पपीता
- तरबूज
- अनार
- अनानास
- केला
इम्यूनिटी बढ़ाने वाली सब्जियां :
- पालक
- गाजर
- प्याज
- टमाटर
- गोभी
नोट – 6 महीने तक के बच्चे को फलों का सेवन न कराएं। वहीं, 6 महीने से लेकर एक साल के बच्चों के आहार में कौन-कौन से फल शामिल करने हैं और उन्हें किस प्रकार देना है, यह जानकारी बाल चिकित्सक से जरूर लें। वहीं, बाल चिकित्सक से बच्चों के स्वास्थ्य के अनुसार जरूरी फलों और सब्जियों की लिस्ट भी बनाई जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को किस प्रकार संतुलित बनाया जा सकता है?
पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन और लेख में बताई गई जरूरी बातों का पालन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को बेहतर किया जा सकता है।
क्या मौसम के बदलने पर बच्चों की इम्यूनिटी पर कोई प्रभाव पड़ता है?
हां, मौसम में बदलाव बच्चों की इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकता है। खासकर, ठंड इम्यूनिटी को कम कर सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है (15)।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एंटीबायोटिक मेडिसिन का उपयोग कितना सही है?
एंटीबायोटिक मेडिसिन का उपयोग मुख्य रूप से बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने के लिए किया जाता है (16)। वहीं, इम्यूनिटी बढ़ाने में यह कितनी मददगार होगी और बच्चों को यह कब और किस प्रकार दी जा सकती है, इसकी जानकारी डॉक्टर से लेना ज्यादा सही रहेगा।
उपरोक्त बातों को जानने के बाद यह साफ है कि बाल्यावस्था से ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का उपाय करना जरूरी है। इसलिए, बच्चों के आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें और लेख में बताई गई बच्चों की इम्यूनिटी से जुड़ी जरूरी बातों का पालन करें। वहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार रहा होगा।
References
1. Immune System and Disorders – by medlineplus
2. Attending to Warning Signs of Primary Immunodeficiency Diseases Across the Range of Clinical Practice – by ncbi
3. Immunodeficiency disorders – By medlineplus
4. Immune Regulation of Skin Wound Healing: Mechanisms and Novel Therapeutic Targets – by ncbi
5. The immune consequences of preterm birth – by ncbi
6. Breastfeeding provides passive and likely long-lasting active immunity – by pubmed
7. Diet and Immune Function – by ncbi
8. How Vaccines Strengthen Your Baby’s Immune System Infographic – by cdc
9. Inherited immunodeficiency diseases – by ncbi
10. Six ways you can help your immune system by harvard
11. The Sleep-Immune Crosstalk in Health and Disease – by pubmed
12. Nutritional and Physical Activity Interventions to Improve Immunity by ncbi
13. Honey as a Potential Natural Antioxidant Medicine: An Insight into Its Molecular Mechanisms of Action– by ncbi
14. Importance of Fruits and Vegetables in Boosting our Immune System amid the COVID19 – by researchgate
15. Out in the cold – by harvard
16. Antibiotics – by medlineplus
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