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डिहाइड्रेशन शब्द सुनने में भले ही आम हैं, लेकिन यह बीमारी उतनी ही खतरनाक है। खासकर बच्चों में यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में माता-पिता के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी हो जाता है कि उनके बच्चे के शरीर में पानी की कमी तो नहीं है। यही कारण है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों में डिहाइड्रेशन के कारण, लक्षण और इससे छुटकारा दिलाने के सटीक उपाय लेकर आए हैं।
चलिए, सबसे पहले समझते हैं कि डिहाइड्रेशन क्या होता है।
शरीर में पानी की कमी का होना या डिहाइड्रेशन क्या होता है?
डिहाइड्रेशन वह स्थिति होती है, जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। ऐसा तब होता है, जब कोई व्यक्ति शरीर की आवश्यकता के हिसाब से पानी या तरल पदार्थ का सेवन नहीं करता है। इस कारण शरीर ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है (1)। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिसकी चर्चा लेख में आगे की गई है।
अब जानेंगे कि क्या बच्चों को भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
क्या बच्चों को डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) हो सकता है?
हां, बच्चों को भी डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसका सबसे आम कारण होता है उल्टी और दस्त। इससे बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे बच्चों की जरूरतों को न समझ पाना, हाई मेटाबॉलिक रेट या फिर अन्य बीमारियों जैसे- डायबिटिक केटोएसिडोसिस (डीकेए), डायबिटीज इंसिपिडस, जलन व अधिक पसीना आने के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है (2)।
अब हम बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षणों के बारे में जानेंगे।
बच्चों में डिहाइड्रेशन के लक्षण
छोटे बच्चे अपनी शारीरिक समस्या को स्पष्ट रूप से जाहिर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में माता-पिता लक्षणों की पहचान कर उनकी समस्या का पता लगा सकते हैं। चलिए, जानते हैं कि बच्चों में डिहाइड्रेशन के क्या लक्षण हो सकते हैं (1)।
- मुंह और जीभ का सूखना।
- रोते वक्त आंसू न निकलना।
- तीन से छः घंटे या उससे अधिक समय तक बच्चे का डायपर गीला न होना।
- तेज बुखार होना।
- असामान्य रूप से बच्चों को नींद आना या झपकी लेना।
- चिड़चिड़ा होना।
- आंखों का धंसना।
आगे आप जानेंगे कि बच्चों को डिहाइड्रेशन होने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं।
बच्चों को डिहाइड्रेशन होने के कारण
जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। इसके अलावा भी डिहाइड्रेशन कई कारण से हो सकता है, जिनके बारे में नीचे क्रमवार तरीके से बताया गया है (1)।
- डायरिया होना
- उल्टी आना।
- अधिक पसीना निकलना।
- अधिक मात्रा में यूरिन आना (यह किसी अन्य बीमारी या फिर दवाओं के कारण हो सकता है)।
- बुखार होना।
- पर्याप्त पानी न पीना।
इस विषय के संबंध में आगे जानकारी हासिल करने के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) को कैसे मापें?
निर्जलीकरण को मापने के लिए क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि क्लिनिकल डिहाइड्रेशन स्केल (CDS) डिहाइड्रेशन की गंभीरता का आंकलन करने में मदद कर सकता है। इसमें मुख्य तौर पर चार चीजें शामिल होती हैं, जो इस प्रकार हैं- सामान्य स्थिति, आंखें, श्लेष्म झील्ली (म्यूकस मेमबरेन) और आंसू। इन्हें 0 से लेकर 8 तक को स्कोर दिया गया है। इन स्कोर को इस प्रकार समझा जा सकता है (3)–
- अगर स्कोर 0 दिख रहा है यानी डिहाइड्रेशन नहीं है।
- अगर स्कोर 1 से 4 के बीच है, तो हल्का डिहाइड्रेशन है।
- वहीं, अगर स्कोर 5 से 8 है, तो यह मध्यम/गंभीर निर्जलीकरण के संकेत हो सकते हैं।
लेख के इस अहम भाग में आप डिहाइड्रेशन को दूर करने के घरेलू उपाय के बारे में जानेंगे।
बच्चों में डिहाइड्रेशन को दूर करने के घरेलू उपाय
यहां कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों का जिक्र कर रहे हैं, जो बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ये सभी उपाय सिर्फ बच्चों के लिए हैं। हां, अगर किसी नवजात शिशु को डिहाइड्रेशन की समस्या है, तो उसे सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए। साथ ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अब जानिए बच्चों में डिहाइड्रेशन को दूर करने के अन्य घरेलू उपाय (4) (5) (6)–
- हल्का डिहाइड्रेशन- हल्के डिहाइड्रेशन वाले बच्चों को पानी का सेवन समय-समय पर करवाते रहना चाहिए। औमतार पर पर्याप्त मात्रा में ही पानी का सेवन हल्के डिहाइड्रेशन को ठीक कर सकता है। इसके अलावा, चावल का पानी और सूप भी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
- मध्यम डिहाइड्रेशन- मध्यम डिहाइड्रेशन वाले बच्चों के लिए घरेलू उपाए के तौर पर दही, नारियल पानी और ओआरएस का घोल दिया जा सकता है।
- गंभीर डिहाइड्रेशन- अगर बच्चे में डिहाइड्रेशन की समस्या गंभीर है, तो ऐसे में घरेलू उपाय का विकल्प के बजाए उसे बिना देर किए अस्पताल ले जाना चाहिए।
नोट : यहां बताए गए डिहाइड्रेशन के घरेलू उपायों को करने के कुछ घंटों तक भी बच्चे में सुधार न दिखे तो बेहतर है बिना देर करते हुए शिशु या बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह ली जाए।
आगे जानते हैं कि बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या का इलाज क्या हैं।
बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या का इलाज
निर्जलीकरण के इलाज के लिए तरल पदार्थ का सेवन जरूरी होता है। हल्के मामलों में बहुत सारा पानी पीने से यह ठीक हो सकता है। वहीं, अगर समस्या गंभीर हो, तो इसका इलाज जरूरी है, जो इस प्रकार है (2)–
- हल्का डिहाइड्रेशन- अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, हल्के डिहाइड्रेशन वाले बच्चों को मौखिक रूप से तरल पदार्थों का सेवन कराना चाहिए। वहीं, स्तनपान कराने वाले शिशुओं को नर्स की देखरेख में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें ऐसे तरल पदार्थों का सेवन कराने से बचना चाहिए, जिसमें चीनी की मात्रा अधिक हो। वहीं, बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से खाद्य पदार्थों का सेवन करा सकते हैं, लेकिन उसकी मात्रा कम रखें।
- मध्यम डिहाइड्रेशन- जिन बच्चों को मध्यम प्रकार का डिहाइड्रेशन है, उन्हें शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए हर दो से चार घंटे के अंतराल पर शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम के हिसाब से 50 एमएल से 100 एमएल तक अतिरिक्त तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- गंभीर डिहाइड्रेशन- जिन बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या गंभीर होती है, उन्हें अधिक मात्रा में तरल पदार्थ के सेवन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा] उन्हें इंट्रावेनस फ्लूड्स (Intravenous fluids) (नसों में देने वाला तरल पदार्थ) की आवश्यकता पड़ सकती है। वहीं, उन्हें ग्लूकोज टेस्ट, इलेक्ट्रोलाइट्स और यूरिनलिसिस (यूरिन टेस्ट) की सलाह भी दी जा सकती है।
डिहाइड्रेशन के इलाज के बाद जानेंगे कि इससे कैसे बचा जा सकता है।
बच्चों में डिहाइड्रेशन से कैसे बचाव करें?
अगर किसी बीमारी के बारे में सही जानकारी हो] तो उससे बचाव किया जा सकता है। ठीक ऐसे ही बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या न हो] इसके लिए भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है (7) (8) ।
- डिहाइड्रेशन से बचने के लिए बच्चे को समय-समय पर तरल पदार्थ का सेवन करते रहें।
- बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए जरूर कहें।
- आसपास साफ-सफाई रखें।
- 6 माह तक के शिशु को सिर्फ स्तनपान कराएं।
- बच्चों को समय-समय पर हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, खाने-पीने की चीजों को भी साफ सुथरा रखें।
- बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरूक करें।
अब जानते हैं कि किस अवस्था में बच्चों को बिना देरी किए डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए।
डॉक्टर से मिलने कब जाएं
डिहाइड्रेशन के कुछ मामलों को घर में ही ठीक किया जा सकता है, लेकिन कभी-कभी समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में बिना देर किए बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, जैसे (9)–
- अगर बच्चे को दस्त हैं और उसकी उम्र 6 महीने से भी कम है।
- अगर बच्चे के मल का रंग काला हो या फिर उसमें से खून निकल रहा हो।
- अगर 4 से 6 घंटे बाद भी बच्चा उल्टी कर रहा हो।
- अगर बच्चे के यूरिन में कमी हो रही हो।
- अगर बच्चा रो रहा हो और आंसू नहीं निकल रहे हों।
- अगर उसकी त्वचा, मुंह और जीभ सूखी हो।
- अगर बच्चे की आंखें अंदर की ओर धंसी हुई हों।
- अगर बच्चे का सिर (फॉन्टानेल) धंसा हुआ हो।
- अगर बच्चे के स्किन का कलर ग्रे हो रहा हो।
जैसा कि लेख में बताया गया है कि बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या घातक हो सकती है। इसलिए, सतर्कता बरतें और लेख में बताए गए लक्षण नजर आने पर ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए बच्चे का इलाज करवाएं। आशा करते हैं कि बच्चों में डिहाइड्रेशन से संबंधित हर जरूरी जानकारी इस लेख में आपको मिली होगी। बच्चों से जुड़ी ऐसी अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं।
References
1. Dehydration – By Medlineplus
2. Pediatric Dehydration – By NCBI
3. External validation of the clinical dehydration scale for children with acute gastroenteritis – By NCBI
4. Diarrhoea and dehydration By NCBI
5. Young coconut water for home rehydration in children with mild gastroenteritis – By NCBI
6. Dehydration – By Kid Health
7. Dehydration – By NiDirect
8. Management of Diarrhoeal Dehydration in Childhood: A Review for Clinicians in Developing Countries – By NCBI
9. Dehydration and diarrhea – By NCBI
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