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दीपावली बड़े ही धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। दीप और रोशनी का यह पर्व जीवन में आनंद और उत्साह लेकर आता है। सभी इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब मस्ती के साथ सेलिब्रेट करते हैं। यह त्योहार बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी बेहद खास होता है। इस दिन नए कपड़े, गिफ्ट्स, मिठाइयां, खूब सारे पटाखों को लेकर बच्चे काफी उत्सुक होते हैं। इसी खुशी में कई बार वो ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे खुशियों का यह त्योहार परेशानी में बदल जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों पर खास ध्यान देने जरूरी है। इसी वजह से हम मॉमजंक्शन के इस लेख में बच्चों के लिए सेफ्टी टिप्स दे रहे हैं। इनका ख्याल रखकर बच्चों को हादसे से बचाया जा सकता है।
हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसे टिप्स, जिससे आप अपनी दिवाली को हैप्पी बना सकते हैं।
सुरक्षित दिवाली के लिए क्या करें?
सुरक्षित दिवाली के लिए कुछ बातों का खास ध्यान देने की जरूरत होती है। क्या हैं वो बातें चलिए नीचे जानते हैं।
- दिवाली के दिन घर के बड़े अक्सर काम में बिजी रहते हैं और बच्चे अकेले आतिशबाजी करते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि पटाखे जलाते समय कोई-न-कोई बड़ा उनके साथ जरूर हो।
- दिवाली के दौरान दुर्घटनाओं का मुख्य कारण असुरक्षित आतिशबाजी होती है। छोटी-छोटी गलतियां बड़े हादसों का कारण बनती हैं। इसी वजह से पटाखे जलाते समय एक निश्चित दूरी का पूरा ध्यान रखें।
- घर के लिए पटाखे केवल सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही खरीदें।
- जब आप पटाखे खरीद लाएं, तो उन्हें एक बंद बॉक्स में बच्चों से दूर रखें। ऐसा न करने पर बच्चे आपकी गैर हाजिरी में पटाखों को देखकर शायद उन्हें जलाने के लिए ले जाएं। इससे हादसा होने का खतरा हो सकता है।
- पटाखों को ऐसी जगह संभाल पर रखें, जहां आग लगने का खतरा बिल्कुल न हो।
- ध्यान रहे कि जहां आपने बिजली की लड़ियां लगाई हैं, उसके आस-पास दीया या मोमबत्ती न जलाएं।
- हमेशा पटाखों को किसी खुली जगह जैसे कि मैदान इत्यादि में ही जलाएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर पटाखे जलाते समय कोई चिंगारी इधर-उधर गिर जाए, तो हादसा होने की आशंका कम होती है।
- पटाखों को जलाने से पहले उसके बॉक्स पर लिखी गई चेतावनी और पटाखें जलाने के नियम को ध्यान से पढ़ें। इसके बाद ही बच्चों के साथ आतिशबाजी करें।
- आतिशबाजी के रोमांच में इस बात का ध्यान रखें कि रॉकेट आदि का मुंह किसी व्यक्ति, घर-दुकान या फिर रोड की तरफ न हो। इससे नुकसान हो सकता है।
- ध्यान रखें कि बच्चे एक साथ मिठाइयों व अन्य पकवान का सेवन करें, इससे उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
- अच्छी गुणवत्ता वाले पटाखे ही खरीदें।
- किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना से बचने के लिए हमेशा अपने आसपास पानी की बाल्टी और कंबल रखें।
- इस बात का विशेष ध्यान दें कि पटाखे जलाते वक्त बच्चों ने जूते पहने हों। चप्पल या फिर नंगे पांव पटाखे जलाना खतरनाक हो सकता है।
- पटाखे जलाते समय यह सुनिश्चित करें कि कोई भी वाहन आस-पास न हो।
- आतिशबाजी के समय बच्चों के कपड़ों का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को केवल सूती के कपड़े (कॉटन) ही पहनाएं, क्योंकि इन कपड़ों में आग पकड़ने का खतरा कम होता है।
- आतिशबाजी के समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कहीं बच्चे पटाखों को एक-दूसरे पर न फेंके या फिर हाथ में पकड़ने की कोशिश न करें। बच्चे मस्ती-मस्ती में ऐसे खतरनाक काम कर सकते हैं, इसलिए सावधान रहें।
- आतिशबाजी के बाद बच्चों के हाथों को अच्छी तरह से साबुन से धोएं। बिना हाथ धोए कुछ भी खाने से हाथों पर लगा बारूद शरीर के अंदर जाकर नुकसान पहुंचा सकता है।
- अपने घर में हल्की चोट और जले आदि पर लगाने के लिए कोई क्रीम या फिर दवाई पहले से ही रख लें। यह चोट लगने पर प्राथमिक उपचार में मददगार साबित हो सकता है।
आगे जानते हैं कि दीपावली के समय क्या कुछ नहीं करना चाहिए और क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
सुरक्षित दिवाली के लिए क्या न करें?
सुरक्षित दीपावली मनाने के लिए कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए। क्या हैं वो बातें नीचे जानते हैं।
- भीड़-भाड़ वाली जगह पर, संकरी गलियों में, ज्वलनशील पदार्थ के आस-पास और घर के अंदर पटाखे न जलाएं।
- पर्दों, लकड़ी के सामान और ज्वलनशील पदार्थों के पास मोमबत्ती और दीये न जलाएं।
- बच्चों को इस बात की हिदायत दें कि उन पटाखों को दोबारा न जलाएं, जो एक बार जलाने के बाद फटे न हों। मतलब एक बार इस्तेमाल किए गए पटाखों को फेंक दें।
- छोटे बच्चों को ऐसे पटाखे न दें, जो जल्दी फट जाते हों। उन्हें छोटे पटाखे या फिर फुलझड़ियां ही जलाने को दें।
- बच्चों को पटाखों को हाथ में रखकर फोड़ने न दें, ये हानिकारक हो सकता है।
- पटाखे जलाने के लिए माचिस या लाइटर का इस्तेमाल न करें। लंबी मोमबत्ती या फिर फुलझड़ी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बच्चों को पटाखे जेब में, हाथ में या फिर हैंडबेग में रखने से रोकें। पटाखे विस्फोटक होते हैं और ये कभी भी फट सकते हैं।
- आतिशबाजी के समय पटाखों के साथ किसी तरह का प्रयोग न करें, स्वयं पटाखे बनाने की कोशिश भी न करें।
- बच्चों को ढीले कपड़े न पहनाएं। ऐसे कपड़े आग जल्दी पकड़ते हैं।
- दीवाली के दिन बच्चों को सिंथेटिक और सिल्क के कपड़े न पहनने दें। यह भी जल्दी आग पकड़ते हैं और शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
- बच्चों को किसी अंजान व्यक्ति के घर जाने और वहां की मिठाई खाने से मना करें।
- जहां आप पटाखे फोड़ रहे हों उसके आस-पास फायर एक्सटिंग्विशर का होना जरूरी है। आग लगने पर ये काम आ सकता है।
- कांच, पानी की बाल्टी या फिर किसी धातु से बनी वस्तुओं में पटाखें न जलाएं, यह खतरनाक हो सकता है।
- हमेशा अच्छी और भरोसे वाली दुकान से ही मिठाई खरीदें, क्योंकि दिवाली के समय नकली मिठाइयों के बाजार में आने की आशंका रहती है।
- बच्चे को समझाएं कि पटाखों को छूने के बाद हाथ को मुंह और चेहरे पर न लगाएं।
- एक बार में बच्चे को एक से अधिक पटाखा जलाने न दें।
हर किसी को दिवाली का वर्ष भर इंतजार रहता है। इसलिए, जब यह त्योहार आता है, तो हर कोई इसे पूरे जोश के साथ मनाना चाहता है, लेकिन जोश में होश खाना सही नहीं है। ऐसा तभी संभव है, जब इस त्योहार को पूरी सावधानी के साथ मनाया जाए। बेशक, यहां बताई गई बातें बस छोटी-छोटी हैं, लेकिन काम की हैं। इनमें से किसी की भी अनदेखी मासूम बच्चों के जीवन पर भारी पड़ सकती है। लेख में दिए गए टिप्स और जरूरी बातों को ध्यान में रखकर आप अपनी दिवाली को हैप्पी बना सकते हैं। यह रोशनी का त्योहार आपके और आपके पूरे परिवार के लिए मंगलमय हो।
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