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कई बार बच्चा दूध पीते ही उल्टी कर देता है। कई बार यह उल्टी नहीं होती, यह बस नवजात का दूध बाहर निकालना भर होता है। ऐसे में पहली बार मां बनी कई महिलाओं के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि
बच्चे का इस प्रकार उल्टी करना सामान्य है या नहीं। बेशक, यह सामान्य है, लेकिन अगर बच्चा बार-बार उल्टी कर रहा है, तो यह चिंता का विषय बन सकता है, जिसके लिए उसे सही समय पर इलाज देना जरूरी हो जाता है।

मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के उल्टी करने से संबंधित मुद्दे पर बात करेंगे। साथ ही इसके कारण और इलाज भी जानेंगे।

क्या मेरे बच्चे को उल्टी होना सामान्य बात है?

जन्म के बाद शुरुआती सप्ताह में बच्चे का उल्टी करना सामान्य होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तब शिशु का शरीर आहार से तालमेल बिठा रहा होता है। ऐसे में अक्सर ही बच्चे उल्टी कर देते हैं। इसके अलावा, कभी-कभी बच्चे को अपच के कारण भी उल्टी हो सकती है। वहीं, अगर बच्चा बहुत देर तक रोने लगता है या लंबे समय तक खांसने लगता है, तो भी उसे उल्टी हो सकती है। ऐसे में ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है। अगर आपको लगे कि बच्चा इससे ज्यादा परेशान हो रहा है, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क कर लें (1)

नवजात शिशु में उल्टी के प्रकार

नवजात शिशु में उल्टी के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे :

  • पासिटिंग – अगर दूध पीने के तुरंत बाद बच्चा थोड़ा-सा दूध निकाल दे, तो उसे पासिटिंग कहा जाता है।
  • रिफ्लक्स – स्तनपान करने के बाद थोड़ी मात्रा में दूध निकाल देना। ऐसा तब होता है, जब पेट से फूड पाइप तक ग्रहण की हुई चीज बाहर निकलने लगती है। यह बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होती।
  • बलपूर्वक – बच्चा जो कुछ भी सेवन करता है, उसे बलपूर्वक बाहर निकाल देता। अगर यह समस्या बार-बार होने लगे, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

आइए, अब जानते हैं बच्चों को उल्टी किन कारणों से होती है।

नवजात शिशु में उल्टी के कारण | Bacho Ko Ulti Hone Ke Karan

ऐसा जरूरी नहीं कि शिशु को पेट की समस्या के कारण ही उल्टियां हो रही हों। शिशुओं में उल्टी होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :

मोशन सिकनेस : यह समस्या सिर्फ वयस्कों को ही नहीं, बच्चों को भी हो सकती है। अगर माता-पिता में से किसी एक को मोशन सिकनेस की समस्या है, तो यह बच्चे को भी हो सकती है।

दूध से एलर्जी : अगर शिशु को दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी है, तो ऐसे में मां के दूध से या फॉर्मूला दूध से उसे उल्टी हो सकती है।

ज्यादा खाना खिलाना : अगर शिशु को जरूरत से ज्यादा दूध पिला दिया जाता है, तो भी उसे उल्टी हो सकती है।

गैग रिफ्लेक्स : जिन शिशुओं को गैग रिफ्लेक्स की समस्या होती है, उन्हें पसंद न आने वाली चीजें खाने से उल्टी आने की समस्या हो सकती है। आपने कई शिशुओं को देखा होगा कि वो ऐसी चीजें खाने पर खांसने लगते हैं और उल्टी कर देते हैं।

पेट में संक्रमण : पेट में संक्रमण होने से भी शिशु को उल्टी की समस्या हो सकती है। अगर बैक्टीरियल इन्फेक्शन या वायरल के कारण शिशु की आंतें और पेट प्रभावित हो रहा है, तो बच्चे को उल्टी के साथ-साथ दस्त व पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।

कैसे पता चलता है कि शिशु केवल दूध उलट रहा है या उल्टी कर रहा है?

कई लोग इस बात को समझ नहीं पाते कि उनका बच्चा दूध उलट रहा है या उसे वाकई में उल्टी हो रही है। ऐसे में आप कुछ संकेतों को पहचानते हुए नवजात के दूध बाहर निकालने और उल्टी करने के बीच अंतर कर सकते हैं।

दूध उलटना : जब बच्चा दूध निकालता है, तो यह मुंह से अपने आप और बिना किसी बल के बाहर आ जाता है। ऐसा होना स्वाभाविक है, क्योंकि शुरुआती महीनों में शिशु की फूट पाइप व पेट की मांसपेशियां पूरी तरह से विकसित नहीं होती हैं। यही कारण है कि पिए हुए दूध का कुछ भाग दोबारा ऊपर आ जाता है।

इसके अलावा, शिशु दूध पीते हुए कभी-कभी हवा भी अंदर ले लेता है, जो डकार के रूप में बाहर निकलती है। ऐसे में डकार के साथ थोड़ा-सा दूध बाहर निकल जाता है। यह काफी सामान्य है और चिंता का विषय नहीं है।

उल्टी आना : वहीं, जब शिशु उल्टी करता है, तो एकदम जोर के साथ बाहर निकलता है और ऐसे में शिशु रोने भी लग सकता है। वहीं, दूध निकालने की तुलना में उल्टी की मात्रा ज्यादा होती है। उल्टी करते समय बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उल्टी में म्यूकस (बलगम जैसा) भी होता है।

शिशु की उल्टी के बारे में मुझे कब चिंता करनी चाहिए?

यूं तो शिशु शुरुआती महीनों में पेट ज्यादा भर जाने पर उल्टी कर देता है, लेकिन कभी-कभी सर्दी-जुकाम, मूत्र संक्रमण या कान में इन्फेक्शन के कारण भी उल्टियां हो सकती हैं। अगर इन कारणों से बच्चे को उल्टी हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे में आपको तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपको उल्टी के साथ-साथ नीचे बताए गए लक्षण नजर आएं, तो यह चिंता का विषय बन सकता है, जिसमें आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, जैसे :

  • अगर आपको लगे कि बच्चे का मुंह सूख रहा है, वो बिना आंसुओं से रो रहा है, सुस्त है और सामान्य की तुलना कम नैपी गीली (दिन में छह नैपी से कम) कर रहा है, तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। यह डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।
  • अगर उसे उल्टी के साथ-साथ बुखार आए और दस्त भी होने लगे।
  • अगर आपका बच्चा दूध पीने से मना कर दे।
  • अगर उसे उल्टी लगे हुए 12 घंटे से ज्यादा समय हो गया हो।
  • अगर बच्चा बहुत चिड़चिड़ा हो जाए और लगातार रोता रहे।
  • अगर उसके मल में खून नजर आए।
  • अगर उसका पेट फूला हुआ नजर आए।
  • अगर उल्टी में खून या पित्त नजर आए।
  • अगर उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगे।

यह सभी संकेत चिंता का विषय हो सकते हैं, इसलिए लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

नवजात शिशु में उल्टी को ठीक करने के उपाय | Bacho Ko Ulti Rokne Ke Upay

हालांकि, कई बच्चों की उल्टियां कुछ समय बाद खुद-ब-खुद ठीक हो जाती हैं, लेकिन, अगर यह ठीक न हो, तो आप नीचे बताए गए उपाय अपना सकते हैं :

  • अगर आपका बच्चा छह महीने से कम का है, फॉर्मूला दूध (पाउडर मिल्क) पीता और उसे उल्टियां हो रही हैं, तो उसे हर 15-20 मिनट में थोड़ा-थोड़ा ओआरएस घोल पिलाएं।
  • जब लगे कि बच्चे को पिछले तीन-चार घंटे से उल्टी नहीं हुई है, तो धीरे-धीरे उसे तरल देने की मात्रा बढ़ाएं।

बेबी के उल्टी करने के बाद क्या करें और खिलाएं?

अगर आपके शिशु को बार-बार उल्टियां हो रही हैं, तो उसे कुछ भी खाने को देनी की जल्दबाजी न करें। ऐसा करने से उसे फिर से उल्टी शुरू हो सकती है। उसे कुछ देर के लिए आराम करने दें। फिर जब लगे कि शिशु ने उल्टी करनी बंद कर दी और वो छह महीने से कम का है, तो उसे थोड़ा-थोड़ा स्तनपान कराने की कोशिश करें।

वहीं, अगर आपका बच्चा ठोस आहार लेता है, तो उल्टी बंद होने के बाद उसे बेहद हल्का आहार देने की शुरुआत करें। ठोस आहार भी उल्टी के आठ घंटे बाद ही देना शुरू करें। इसके लिए आप उसे थोड़ा दही, मैश किया हुआ केला व चावल आदि दे सकते हैं (2)

नोट – भले ही आपके बच्चे की उल्टियां बंद हो गई हों, लेकिन अगर उसे बाद में कुछ खाने से फिर से उल्टी होने लगे, तो उसे ठोस आहार न दें और डॉक्टर के पास ले जाएं।

शिशु की उल्टी रोकने की दवा | Bacho Ki Ulti Ki Dawa

आप कभी भी खुद से अपने शिशु को उल्टी की दवा न दें (3)कुछ लोग बच्चे को एस्पिरिन युक्त दवा दे देते हैं, जो बिना डॉक्टर की सलाह के कभी नहीं देनी चाहिए। इस दवा से बच्चे को रेयेस सिंड्रोम नामक बीमारी हो सकती है। हालांकि, यह बीमारी असामान्य है, लेकिन काफी खतरनाक साबित हो सकती है। अगर आपको लगे कि बच्चे के उल्टी करने की समस्या लगातार बढ़ रही है, तो खुद से दवा देने की जगह उसे डॉक्टर के पास ले जाएं।

क्या शिशु को दूध उलटने या उल्टी करने से रोकने के लिए मैं कुछ कर सकती हूं?

हालांकि, सामान्य कारणों से होने वाली उल्टियों में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, लेकिन कुछ सावधानियां और युक्तियां अपनाकर आप बच्चे को दूध उलटने या उल्टी करने से रोक सकते हैं :

  • शिशु को हमेशा दूध पिलाने के बाद डकार दिलाएं।
  • अगर आपका बच्चा फॉर्मूला दूध पीता है, तो ध्यान दें कि निप्पल का छेद छोटा होना चाहिए।
  • अगर आपके बच्चे को चलती कार या गाड़ी में उल्टी करने की समस्या है, तो रास्ते में कई बार रुकें और बच्चे को बाहर की खुली हवा में थोड़ी देर के लिए ले जाएं। अगर बच्चा ठोस आहार लेता है, तो उसे यात्रा शुरू करने से पहले कुछ खिला दें।
  • दूध पीने के बाद शिशु को ज्यादा सक्रिये न होने दें और न ही उसे अपने घुटनों पर बिठाएं।

शिशु को उल्टी होने से जुड़ा यह लेख उन सभी माता-पिता के लिए है, जिनके बच्चे को अक्सर यह समस्या होती रहती है। उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारियां आपके काम आएंगी और आप सही समय पर इसका फायदा उठा पाएंगे। यह लेख आपको कैसा लगा और इसमें दी गई जानकारियां आपके कितनी काम आईं, नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।

References

1. Children and vomiting By Better Health Channel
2. Should a child eat or drink if they are vomting? By Health care of utah
3. Diarrhoea and vomiting in children By Health direct

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