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शिशु की बढ़ती उम्र के साथ-साथ उनके खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है। वहीं, बच्चे स्वभाव से चंचल होते हैं, जिस कारण खाने-पीने में आनाकानी करते हैं। जब भी बच्चों को कुछ खिलाने की कोशिश की जाए, तो वो भूख न होने की बात कह कर खाने से बचते हैं। अगर शिशु पेट भर कर खाना नहीं खा रहा, तो इसके पीछे साधारण से लेकर कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं। इन कारणों और इस समस्या से जुड़े उपाय के बारे में आप मॉमजंक्शन के इस लेख में पढ़ेंगे। साथ ही, इस लेख में हम बच्चों की भूख बढ़ाने के कुछ टिप्स भी बताएंगे।

सबसे पहले यह समझते हैं कि बच्चा भोजन करने से बचता क्यों है।

बच्चों को भूख न लगना का मतलब क्या है?

भूख न लगने का मतलब होता है कि बच्चा का अपनी मर्जी से या किसी अन्य कारण से पर्याप्त मात्रा में भोजन ग्रहण नहीं कर रहा है। इन अन्य कारणों के बारे में आगे लेख में विस्तार से बताया गया है। बच्चे के ठीक तरह से भोजन न करने से उसमें पोषक तत्वों की कमी होती है और विकास दर धीमी होने लगती है (1)। इस दौरान, कुछ मामलों में बच्चें अपनी मर्जी के अनुसार खाना पसंद करते हैं और मना कर देने पर कुछ भी खाने से इनकार करने लगते हैं।

दो से पांच साल तक के बच्चों को भूख न लगना या कम लगना आम समस्या है। इस उम्र के लगभग 25 से 35 प्रतिशत बच्चों को उनके माता-पिता पिकी ईटर्स (खाने में नखरे करने वाले) कहते हैं। ऐसे बच्चे खाना खाने से मना करने लगते हैं। फिर धीरे-धीरे बच्चे की खाने के प्रति रुचि कम होने लगती है और उसका कुछ भी खाने को मन नहीं करता (2)

आइए, आगे आपको बताते हैं कि बच्चों में भूख कम लगने के क्या कारण हो सकते हैं।

बच्चों को भूख न लगने के कारण | Bacho Ko Bhukh Na Lagne Ke Karan

  1. बच्चों को भूख न लगना कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह अन्य किसी बीमारी के लक्षणों में से एक है, जैसे :

इन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के अलावा, बच्चों को भूख न लगने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे (2) :

  1. अगर माता-पिता खाने के लिए बच्चे पर दबाव डालते हैं, तो बच्चा खाने से मना कर सकता है।
  1. पेय पदार्थ (जैसे दूध या जूस) या मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन से बच्चों की भूख कम हो सकती है।
  1. कई बार परिवार वालों के डर, धमकी, सजा के डर, जबरदस्ती खाना खिलाने के कारण भी बच्चों की भूख कम हो जाती है।
  1. कई बच्चे दूसरों का ध्यान खींचने के लिए भी खाना नहीं खाते।
  1. एक उम्र के बाद बच्चे अपनी पसंद की चीजें खाना पसंद करते हैं और माता-पिता के अनुसार खाना पसंद नहीं करते।
  1. कई बार बच्चे परिवार के सदस्यों की नकल उतारते हैं। ऐसे में अगर परिवार का कोई सदस्य किसी विशेष आहार का सेवन नहीं करता है, तो बच्चे भी वह खाने से मना कर सकते हैं।

इस लेख के अगले भाग में बच्चों में भूख की कमी के विभिन्न लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है।

बच्चों को भूख न लगने के लक्षण

कुछ खास लक्षण होते हैं, जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चों में भूख की कमी हो रही है, जैसे (1):

  • एक महीने तक भूख की कमी।
  • खाना खत्म करने में समय लगाना।
  • स्वयं खाना खाने से मना करना।
  • खाते समय नखरे करना या चिड़चिड़ाना (stressful mealtime)।
  • आधी रात को खाने की जिद करना।
  • अधिक समय तक स्तनपान या बोतल से दूध पीने की जिद करना।
  • समय और उम्र के साथ आहार की मात्रा का न बढ़ना।

आगे हम आपको यह बताने वाले हैं कि उम्र के अनुसार बच्चे की डाइट कितनी होनी चाहिए।

बच्चों के लिए कितनी मात्रा में भोजन पर्याप्त है?

लगभग छह महीने तक बच्चा सिर्फ मां के दूध का सेवन करता है। छह महीने के बाद बच्चे को ठोस आहार दिया जा सकता है। नीचे जानिए कि छह महीने से तीन साल तक के बच्चों के लिए कितना आहार पर्याप्त है, इसे हमने उम्र के अनुसार तीन भाग में बांटा है :

  • 6 महीने से 12 महीने के बच्चों के लिए आहार (9) (10)
  • एक साल से दो साल के बच्चों के लिए आहार (11)
  • दो साल से तीन साल के बच्चों के लिए आहार (12)

अब तीन आयु वर्ग में क्या क्या खाना चाहिए इसे हम नीचे दी गई टेबल के जरिए विस्तार से समझा रहे हैं :

 6 से 12 महीने के बच्चे 1 से 2 साल के बच्चे2 से 3 साल के बच्चे
कितना खिलाएंआधा कप नर्म आहारतीन चौथाई से एक कपएक चौथाई कप मांसाहारी से एक कप शाकाहारी आहार
क्या खिलाएं6-8 महीने तक मेश किए हुए केले, उबले हुए मटर, गाजर, शक्करकंद, नाशपाती और मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क के साथ सिरीअल

9 से 12 महीने तक उबली हुई सब्जियां, छिले हुए फल, खिचड़ी शीरा, खीर व ग्राहम क्रेकर्स

दूध, अंडा, मीट, मछली चिकन

अनाज जैसे चने, दाल या मटर

नट्स, हरी सब्जियां और फल

एक स्लाइस का टुकड़ा, 1 कप रेडी-टू-ईट सिरीअल  या एक कप पके हुए चावल, पका हुआ पास्ता, या पका हुआ सिरीअल

हरी सब्जियां जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, केल

फल जैसे संतरा, स्ट्रॉबेरी व टमाटर आदि

दही व चीज़ आदि

एक अंडा, मीट, मछली, चिकन

कब खिलाएंदिन के दो ठोस आहार के बीच में तीन से चार बार थोड़ा-थोड़ा स्नैक्स दें।दिन के दो ठोस आहार के बीच में तीन से चार बार थोड़ा-थोड़ा स्नैक्स दे सकते हैं।दिन में तीन से चार बार

लेख के अगले भाग में बच्चों की भूख बढ़ाने के मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में बताया है।

बच्चों की भूख बढ़ाने के लिए इलाज

कई बार बच्चे को भूख न लगने के पीछे का कारण कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी हो सकती है। ऐसे में उसकी भूख बढ़ाने के लिए उस बीमारी का इलाज करवाना जरूरी है। वहीं, अगर उसे भूख न लगने के पीछे कोई अन्य कारण हैं, तो उसे दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है।

कई चिकित्सक साइप्रोहेप्टाडिन (Cyproheptadine) नामक दवा लेने की सलाह देते हैं। माना जाता है कि यह दवा भूख बढ़ाने में मदद कर सकती है। साथ ही कुपोषित बच्चों में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ाने में मदद कर सकती है (13)। हालांकि, कई स्टडी में यह दवा ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई है, इसलिए बेहतर है कि बच्चों की भूख बढ़ाने की दवा डॉक्टरी परामर्श के बिना न दें।

बच्चों की भूख बढ़ाने के लिए माता-पिता घर में कुछ टिप्स भी अपना सकते हैं, जिनके बारे में लेख के अगले भाग में बताया गया है।

बच्चे की भूख बढ़ाने के लिए टिप्स

बच्चे की भूख बढ़ाने के लिए माता-पिता नीचे बताई गई इन टिप्स को अपना सकते हैं (1) (2) (14)

  1. जब बच्चा खाना खाए तो उससे टीवी, विडियो गेम, मोबाइल और ध्यान भटकाने वाले सामान दूर रखें।
  1. बच्चे को हर चार घंटे में कुछ खिलाएं।
  1. कोशिश करें कि बच्चे के खाने का समय (मीलटाइम) 20-30 मिनट से ज्यादा न हो, वरना बच्चा बोर होने लगेगा।
  1. बच्चे को हर समय एक ही तरह का खाना न खिलाएं। उसके खाने में विविधता लाने से उसकी खाने में रुचि बनी रहेगी।
  1. अगर बच्चा खाने से मना कर रहा हो, तो जबरदस्ती खाना उसके मुंह में न डालें।
  1. जब बच्चा चम्मच पकड़ना सीख जाए, तो खाने के लिए उसे एक अलग चम्मच दें और स्वयं खाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  1. शुरुआत में ढेर सारा खाना न देकर, थोड़ा-थोड़ा खाना दें। जब बच्चा प्लेट में रखा खाना खत्म कर दे, तभी आप उसे और दे सकते हैं।
  1. खाने के समय में स्नैक्स, जूस या अधिक मात्रा में पीने के लिए दूध न दें। इन सभी के वजह से यह हो सकता है कि बच्चा खाना ठीक से न खाए।
  1. दो समय के खाने में बीच में, जैसे लंच और डिनर के बीच में शाम को स्नैक्स दे सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि उनकी मात्रा अधिक न हो।
  1. यदि बच्चा खाना खाने में नखरे करे] तो उसे डराने धमकाने या सजा देने की जगह, उससे प्यार और धैर्य के साथ व्यवहार करें।
  1. उसके खाने और स्नैक्स का समय निश्चित करके एक टाइमटेबल बना लें और उसी के आधार पर बच्चे को खाना दें। अगर वह हर समय कुछ न कुछ खाता रहेगा, तो सही खाने के समय उसकी भूख खत्म हो जाएगी और वह ठीक से भोजन नहीं करेगा।
  1. कोशिश करें कि पूरा परिवार साथ बैठ कर खाना खाए। कई बार अकेले खाने से भी बच्चे का खाना खाने का मन नहीं करता।
  1. खाने के ऊपर सॉस या उसकी मनपसंद चटनी से डिजाईन बना कर दे सकते हैं। इससे उनकी खाने में रुचि बढ़ेगी।
  1. बच्चे को फल और सब्जियों को उबाल कर, उनकी प्यूरी बना कर दी जा सकती है। इससे उन्हें खाने में आसानी होगी और वे उसे चाव से खा पाएंगे।
  1. बच्चे को कितना खाना है, यह उस पर छोड़ दें। अगर वह खाना खत्म नहीं करता है, तो उस पर ज्यादा दबाव न डालें।
  1. खाने की टेबल पर उसने बातें करें। जब बच्चा बातें समझने लगे, तो उन्हें अपने बचपन के किस्से सुनाएं और बताएं कि आपको खाने में क्या पसंद था।
  1. आप उन्हें रंग-बिरंगी सब्जियां और फल के सॉस, जैसे – पराठे के साथ स्ट्रॉबेरी या ऑरेंज सॉस दे सकते हैं। इनसे उनका खाने के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
  1. बच्चे को रोज नाश्ता करने की आदत डलवाएं। नाश्ता न करने से बच्चा भूखा और थका हुआ महसूस करेगा (15)।
  1. स्नैक्स में आप बच्चों के लिए ड्राई फ्रूट्स भी रख सकते हैं।
  1. उन्हें खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बीच-बीच में ट्रीट जैसे चॉकलेट, आइसक्रीम व कैंडी आदि दी जा सकती हैं, लेकिन इन्हें रोजमर्रा के खाने में शामिल न करें।
  1. बच्चे के लिए खाने को लेकर पूरा दिन पीछे न पड़ें। अगर बच्चा खाना न खाए, तो विकल्प के तौर पर उसे दूध न दें। साथ ही जब बच्चे को भूख लगे, तो उसे किसी प्रकार का पैक्ड फूड भी न दें।
  1. डॉक्टरों की मानें तो बच्चे के 2 साल कि उम्र के बाद उसे स्तनपान कराना बंद कर देना चाहिए।

बच्चों की भूख बढ़ाने के लिए कुछ टिप्स जानने के बाद, लेख के अगले भाग में आपको बताते हैं कि कुछ घरेलू उपाय जो इस समस्या का समाधान करने में मदद कर सकते हैं।

बच्चों की भूख बढ़ाने के 5 घरेलू उपाय | Baccho Ki Bhukh Badhane Ke Nuskhe In Hindi

  1. आयरन युक्त आहार : जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि आयरन की कमी के कारण भी बच्चों में भूख की कमी हो सकती है। ऐसे में आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करने से फायदा हो सकता है। ऐसे में, बच्चे के आहार में आयरन के स्रोत जैसे पालक, साबुत अनाज, पास्ता, चावल, मटर, चने व ब्रोकली आदि को शामिल किया जा सकता है (16)
  1. विटामिन-सी युक्त आहार : जब आप बच्चे को आयरन युक्त आहार दें, तो उसके साथ विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ देना भी जरूरी है। विटामिन-सी शरीर में आयरन को अवशोषित (absorption) करने में मदद करता है। विटामिन-सी के लिए टमाटर, संतरे, स्ट्रॉबेरी आदि जैसे फल बच्चे को खिला सकते हैं (16)
  1. सोआ/डिल (Dill): यह एक प्रकार की हर्ब होती है, जो बच्चों के पेट से जुड़ी समस्याओं, जैसे – भूख की कमी, गैस व अपच आदि से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। इसे सूप में मिलाकर बच्चे को दिया जा सकता है। अन्य हर्ब्स की तरह इसे मसालों में भी उपयोग किया जा सकता है (17)
  1. मीठे से बचें : बच्चों को ज्यादा मीठे खाद्य और पेय पदार्थ देने से बचें। ये बच्चों की भूख कम कर सकते हैं (10)

लेख अगले भाग में जानिए कि बच्चे को भूख न लगने की समस्या के लिए डॉक्टर से मिलना कब जरूरी हो जाता है।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

नीचे बताई गई परिस्थितियों में बच्चों की भूख को लेकर डॉक्टर से संपर्क करें :

  • बच्चे का वजन घट रहा हो।
  • बच्चे का पिछले छह महीने से वजन न बढ़ा हो।
  • बच्चे को पेट दर्द रहता हो।
  • बच्चे को बुखार रहता हो।
  • बच्चा कुछ भी खाने पर उल्टी कर रहा हो।

हम आशा करते हैं कि इस लेख के जरिए आप बच्चों को भूख न लगने से जुड़े कारणों और लक्षणों को अच्छी तरह समझ गए होंगे। हम समझते हैं कि बच्चों को खाना खिलाना कोई बच्चों का खेल नहीं है और अपने बच्चे का ठीक तरह से खाना न खाना कितना बड़ा चिंता का विषय है। ऐसे में माता-पिता हर वह उपाय अपनाने को तैयार रहते हैं, जिससे बच्चा ठीक तरह खाने लगे। उम्मीद है कि इस लेख में बताए गए उपाय और टिप्स भी आपके लिए लाभकारी रहे होंगे।

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