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एक सफल जीवन के लिए अच्छी आदतों का होना भी जरूरी है। इसलिए, माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को शुरू से ही अच्छी आदतों का पालन करना सिखाएं। इनमें कई सारी चीजें शामिल हैं, लेकिन खाने की आदत को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित है। आइए, मॉमजंक्शन के इस लेख में जानते हैं बच्चों के खाने की उन 15 खास आदतों के बारे में, जिन पर ध्यान देना हर माता-पिता का कर्तव्य है। इस लेख के जरिए हमारा उद्देश्य है कि माता-पिता अपने बच्चों में इन आदतों को समय रहते विकसित करें।

बच्चों के खाने की अच्छी आदतों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहिये यह लेख।

बच्चों के खाने की 15 अच्छी आदतें

  1. खाने से पहले हाथ धोना – यह सबसे पहली और जरूरी आदतों में से एक है। खाने से पहले बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। हाथ धोने से कीटाणुओं का खतरा कम हो सकता है। सिर्फ खाने से पहले ही नहीं, बल्कि जब भी बच्चे बाहर या बाथरूम से आएं तो उन्हें हाथ धोने की आदत लगाएं (1) यह आदत बीमारियों से बचाव का काम करेगी।
  1. पौष्टिक आहार की जानकारी – बच्चों को पौष्टिक आहार के बारे में जानकारी देना शुरू करें। उन्हें बताएं कि कौन-सा आहार उनके लिए अच्छा है और उन्हें उससे क्या फायदा हो सकता है। फलों और सब्जियों में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में बताएं। घर में ज्यादा से ज्यादा हरी-सब्जियां और फल रखें, ताकि बच्चे समझ सकें कि ये स्वस्थ आहार हैं। अगर बच्चे कहीं जाने की जल्दी में हैं तो उन्हें सेब, केला, संतरा या कोई अन्य फल दें, ताकि उनका पेट भरने के साथ-साथ वो समझ सकें कि यह स्वस्थ आहार की श्रेणी में हैं (2)। उन्हें बताए कि स्वस्थ आहार लेने से उन्हें ताकत मिल सकती है और वो दोस्तों के साथ ज्यादा देर तक खेल-कूद कर सकते हैं (3)। बच्चे जो देखते हैं उसी को सीखने लगते हैं, ऐसे में माता-पिता बच्चों के लिए उदाहरण बन सकते हैं। बच्चे के साथ माता-पिता भी अच्छे पौष्टिक आहारों का सेवन करें, ताकि बच्चे इस बात पर ध्यान देकर स्वस्थ खाने के व्यवहार को अपनाएं।
  1. एक ही तरह का खाना खिलाने से बचें – बच्चे को पौष्टिक आहार दें, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि हर रोज एक ही तरह का भोजन न दें। इससे बच्चे ऊबने लग सकते हैं। इसके अलावा, बच्चों के लिए रंग-बिरंगे फलों और सब्जियों का चुनाव करें, ताकि बच्चे उनसे आकर्षित हों और खाने के लिए उत्सुक हों (2)
  1. बच्चे को धीरे-धीरे खाने के लिए प्रेरित करें – देखा जाता है कि खाना जल्दी खत्म करने के चक्कर में बच्चे जल्दी-जल्दी खाने लगते हैं। ऐसे में उन्हें धीरे-धीरे और खाने को अच्छे से चबाकर खाने की सलाह दी जानी चाहिए। साथ ही बच्चे को खाने के लिए पूरा वक्त दें ताकि वो अपना खाना अच्छी तरह से खत्म कर सकें। अच्छी तरह से चबाकर खाने से भोजन के पौष्टिक तत्व ठीक प्रकार मिल पाएंगे और पाचन क्रिया भी सही बनी रहेगी। इसलिए, खाने के वक्त माता-पिता उन पर दबाव न बनाएं और उन्हें आराम से खाने दें।
  1. साथ बैठकर खाएं – खाने का कोई एक निर्धारित वक्त चुनें और कोशिश करें कि बच्चे के साथ ही घर के अन्य सभी सदस्य भी उस वक्त पर खाना खाएं। ध्यान रहे कि सभी के लिए एक जैसी सब्जी बनायें, ताकि बच्चों को खाना खिलाना आसान हो सके। खाते वक्त बच्चों के साथ थोड़ी मौज-मस्ती और सवाल-जवाब करें (4)। ध्यान रहे कि इस दौरान बच्चों को किसी बात को लेकर डांटे नहीं। डांटने से हो सकता है कि बच्चे दबाव में आ जाए या डर जाए, जिसका गलत असर न सिर्फ उनके शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
  1. खाद्य पदार्थों को खरीदने और भोजन बनाने में बच्चों को शामिल करें – जब माता-पिता ग्रॉसरी या फल-सब्जियों की शॉपिंग पर जाएं तो बच्चों को भी साथ ले जाएं। इससे वो नई-नई चीजों को देखेंगे और उनके बारे में सीखेंगे। इतना ही नहीं, चीजें खरीदते वक्त माता-पिता बच्चे को उनके चुने हुए खाद्य पदार्थों के बारे में भी जानकारी दें। साथ ही कभी-कभी बच्चे को भोजन बनाने में हल्के-फुल्के सहयोग के लिए भी बुलाएं। उनसे पूछें कि वो कौन-सी सब्जी खाना पसंद करेंगे (5)। इन गतिविधियों से बच्चों में आत्मनिर्भरता का भी विकास होगा।
  1. टीवी देखते समय खाना न खाने दें – बच्चे का टीवी देखने का समय निर्धारित कर लें। शोध के अनुसार जो बच्चे कम टीवी देखते हैं, उनका मोटापा भी कम हो सकता है। दरअसल, टीवी देखते वक्त बच्चे खाने पर कम ध्यान देते हैं, ऐसे में वो जरूरत से ज्यादा भोजन कर सकते हैं। इसके अलावा, जब घर में सभी सदस्य खाने बैठे तो उस वक्त बिलकुल टीवी न चलाएं, बल्कि आपस में और बच्चों के साथ बात और मजाक-मस्ती का माहौल बनाएं। इससे घर का माहौल तो अच्छा रहेगा ही, साथ ही साथ बच्चे को भी अच्छा लगेगा (6) (3) (7)
  1. पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें – बच्चे खेलकूद, दौड़ा-भाग करते हैं, ऐसे में उन्हें पोषण के साथ-साथ उन्हें हायड्रेट रखना भी जरूरी है। इस स्थिति में माता-पिता बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दें। 5 से 8 साल के बच्चे को लगभग 1 लीटर यानी दिनभर में पांच गिलास पानी की जरूरत होती है, 9 से 12 साल के बच्चे को डेढ़ लीटर यानी 6 से 7 गिलास और 13 साल या उससे बड़े बच्चे को लगभग 2 लीटर यानी 8 से 10 गिलास पानी पीने की जरूरत होती है (8)वहीं, ध्यान रहे बच्चे को खाना खिलाते वक्त ज्यादा पानी न पीने दें।
  1. बच्चे को खाने से संबंधित इनाम या सजा देने से बचें – बच्चे को कभी भी किसी खास या फैंसी खाने जैसे – आइसक्रीम, चॉकलेट या अन्य का लालच न दें। इससे धीरे-धीरे उनकी आदत बनने लगेगी। इसके साथ ही उनके मन में यह बता भी बैठने लगेगी कि यह खाद्य पदार्थ अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ज्यादा स्वादिष्ट हैं। जिसका असर न सिर्फ उनके व्यवहार बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इनाम के अलावा, बच्चों को किसी बात के लिए खाने को लेकर न डराएं। जैसे – होमवर्क न करने पर उनकी किसी नापसंद चीज को खिलाने की बात कहना। इसके अलावा, अगर बच्चा खाना न खाएं तो उन्हें डांटे-फटकारे नहीं, क्योंकि इस तरह की चीजें करने से उनके मन में खाने को लेकर डर बनना शुरू हो जाएगा। इसलिए, इस तरह की चीजों से बच्चों को दूर रखें और उन्हें प्यार से समझाएं (9) (7)
  1. बच्चे को संतुलित आहार दें – बच्चों को बैलेंस डाइट देना बहुत जरूरी है, खासतौर पर तब जब वो स्कूल जाना शुरू करते हैं। ध्यान रहे कि बच्चे को लंच में तरह-तरह की पौष्टिक खाद्य पदार्थ दें। उन्हें हरी सब्जियां, फल, अंडे, दूध और दही जैसी चीजें दें (2)
  1. मात्रा का ध्यान रखें – बच्चे की खाने की मात्रा का ध्यान रखें। बच्चे का आहार उसकी उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। लड़का हो या लड़की, बच्चे का आहार 2,000 कैलोरी से अधिक या कम हो सकता है (10)। बच्चे के खाने की मात्रा के बारे में डॉक्टर की सलाह भी ली जा सकती है कि बच्चे को कैल्शियम, मिनरल, विटामिन युक्त आहार कितनी सर्विंग दी जा सकती है।
  1. घर में पौष्टिक आहार रखें – बच्चों की आदत होती है कि वो बार-बार फ्रिज खोलकर देखते हैं या किचन में इधर-उधर देखते हैं कि खाने के लिए क्या रखा है। ऐसे में यह जरूरी है कि माता-पिता घर में या फ्रिज में पौष्टिक आहार रखें जैसे – फल, मेवे, हरी सब्जियां जिसे कच्चा खाया जा सके जैसे – ककड़ी या खीरा। इसके अलावा दही, छाछ, फलों का रस भी रख सकते हैं ताकि उन्हें स्वस्थ आहार खाने की आदत बनी रहे।
  1. खाने का वक्त निर्धारित रखें – खाने के साथ-साथ खाने का वक्त भी काफी मायने रखता है। ऐसे में माता-पिता न सिर्फ बच्चों का बल्कि अपने खाने का वक्त भी निर्धारित करें। बच्चों के ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का रूटीन बनाएं और हर रोज ठीक उसी वक्त उन्हें खाना खिलाएं। इससे उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और उनके खाने की आदत भी सही रहेगी।
  1. बच्चे को खाने के विकल्प देने से बचें – अगर कभी बच्चा किसी तरह के खाद्य पदार्थ को खाने से मना करता है तो उसे उसके बदले कोई अन्य विकल्प देने से बचें। ऐसा करने से बच्चे ठीक तरह से खाना नहीं खाएंगे और बार-बार वो इस आदत को दोहराने लगेंगे। ऐसे में उन्हें न ठीक तरह से पौष्टिक आहार मिल सकेगा और साथ ही उनके खाने की आदत भी बिगड़ने लगेगी।
  1. खाने का मोल समझाएं – बच्चे को खाने की अहमियत के बारे में समझाएं। उन्हें सिखाएं कि खाना बर्बाद करना अच्छी बात नहीं है। उन्हें पहली बार में उतना ही भोजन दें जितना वो खाना चाहते हैं। उनपर खाने को लेकर कोई जोर-जबरदस्ती न करें। साथ ही उन्हें शेयरिंग करना भी सिखाएं।

उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गईं बच्चों के खाने-पीने से जुड़ी आदतों की जानकारी से माता-पिता को मदद मिलेगी। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चा इन आदतों को धीरे-धीरे सीखेगा, इसलिए किसी भी प्रकार की जल्दबादी न करें और बच्चे को डांटे नहीं। खाने की अच्छी आदतों के साथ बच्चों में अच्छे व्यवहार संबंधी गुण डालने की भी कोशिश करें। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। बच्चों से जुड़े ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।

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