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बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चों को डेंगू हो सकता है। अगर समय रहते डेंगू का इलाज न किया जाए, तो बच्चे को कई अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही इसके उपचार में भी कई जतिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। मॉमजंक्शन का यह आर्टिकल बच्चों को होने वाले डेंगू बुखार के संबंध में ही है। इस लेख में हम डेंगू होने पर बच्चों में नजर आने वाले लक्षणों के साथ-साथ यह भी बताएंगे कि बच्चों को डेंगू से कैसे बचाया जाए और इसका इलाज क्या है।
आर्टिकल में सबसे पहले हम डेंगू क्या है, इस बारे में जानेंगे।
डेंगू क्या है?
डेंगू एक तरह का वायरस होता है, जो एडीज मच्छर के काटने पर होता है। इस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया और जीका वायरस भी फैल सकता है। फिलहाल, हम डेंगू के बारे में बात कर रहे हैं। जब यह बुखार अधिक गंभीर हो जाता है, तो डेंगू हेमरेजिक फीवर (DHF) का रूप ले लेता है। दुनिया में ज्यादातर डेंगू की शिकायत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में होती है (1)।
लेख में आगे हम डेंगू से जुड़ी कुछ और जानकारियां दे रहे हैं।
डेंगू कितना आम है?
बीते कुछ वर्षों में डेंगू की समस्या आम हो गई है। इस वायरस को फैलाने वाला एडीज मच्छर अक्सर साफ पानी में पनपता है। इसलिए, जितना संभव हो घर में व अपने आसपास पानी को जमा न होने दें।
आइए, अब जान लेते हैं कि डेंगू किस प्रकार तेजी से फैलता है।
डेंगू कैसे फैलता है?
जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि यह बुखार एडिज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। अगर गर्भावस्था के समय मां को डेंगू है, तो जन्म के बाद शिशु को भी यह बीमारी होने की आशंका रहती है (1) (2)।
आर्टिकल के इस भाग में बच्चों में नजर आने वाले डेंगू के लक्षणों के बारे में बताया गया है।
बच्चों में डेंगू के लक्षण
डेंगू होने से कुछ समय पहले ही इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। यहां हम कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो बच्चे हों या बड़े सभी में एक जैसे होते हैं (3):
- डेंगू की स्थिति में बच्चे को तेज बुखार हो सकता है।
- आंखों के पीछे, जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द महसूस हो सकता है।
- अचानक तेज सिरदर्द हो सकता है।
- शरीर पर कई जगह रैशेज की समस्या हो सकती है।
- कभी-कभी नाक और मसूड़ों से हल्का खून आ सकता है।
आगे बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने पर क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
बच्चों में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई दें, तो क्या करें?
अगर आपके बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो उसे आराम करने दें। साथ ही उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। बच्चे को डेंगू है या नहीं, इस बारे में डॉक्टर ही चेकअप करके बता सकते हैं। फिर उसी के आधार पर डॉक्टर इलाज करते हैं।
आर्टिकल में आगे बच्चों में डेंगू के निदान के बारे में जानेंगे।
बच्चों में डेंगू का निदान
बच्चे को डेंगू है या नहीं इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्न प्रकार के टेस्ट कर सकते हैं (3), (4) :
- रक्त की जांच- डेंगू बुखार के बारे में पता लगाने का यह सबसे आसान तरीका है। इसके लिए डॉक्टर मरीज का ब्लड सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजते हैं। इससे आसानी से पता चल जाता है कि डेंगू बुखार है या नहीं।
- एंटीबॉडी टिटर- इस जांच के द्वारा रक्त में एंटीबॉडी के स्तर को मापा जाता है। इससे भी डेंगू का भी पता लग सकता है।
- रक्त की पूरी जांच- इस जांच के दौरान लाल रक्त कोशिकाओं व श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या, रक्त में हीमोग्लोबिन की कुल मात्रा और प्लेटलेट काउंट के बारे में पता किया जाता है।
- पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट- डेंगू बुखार का पता लगाने के लिए पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट का उपयोग किया जा सकता है (5)।
- लिवर फंक्शन टेस्ट- इस समस्या के निदान के लिए लिवर फंक्शन टेस्ट भी किया जा सकता है। साथ ही यूरिन टेस्ट भी किए जा सकता है।
आर्टिकल के अगले हिस्से में बच्चों में डेंगू बुखार के इलाज की जानकारी दी गई है।
बच्चों में डेंगू बुखार का इलाज
डेंगू बुखार को ठीक करने के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई मामलों में इसके लक्षण को कम करने के लिए इन इलाज का सहारा लिया जा सकता है (3)।
- तरल पदार्थ – डेंगू की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए तरल पदार्थ का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इससे मरीज को राहत मिल सकती है।
- दवाई- शरीर में होने वाले दर्द को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन दवा दी जा सकती है। इसके अलावा, एस्पिरिन या इबुप्रोफेन दवाई भी दी जा सकती है।
- इंट्रावेनस थेरेपी- जब डेंगू बुखार गंभीर रूप ले लता है, तो डॉक्टर मरीज को अस्पताल में भर्ती कर नस के माध्यम से तरल पदार्थ व इलेक्ट्रोलाइट देते हैं।
इसके आगे बच्चों में डेंगू बुखार के घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे।
बच्चों में डेंगू बुखार के 7 घरेलू उपचार
डेंगू के लक्षणोंं को घरेलू उपचार की मदद से दूर किया जा सकता है। इसके लिए निम्न प्रकार के घरेलू नुस्खे इस्तेमाल किए जा सकते हैं :
- पपीते के पत्ते : एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पपीते के पत्ते को डेंगू के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। ये पत्ते एक तरह से हर्बल दवा की तरह काम करते हैं। डेंगू से छुटकारा दिलाने में पपीते में पाए जाने वाले लार्विसाइडल गुण मदद कर सकते हैं। यह गुण डेंगू फैलाने वाले मच्छर के खिलाफ लड़ने का काम करता है। वैज्ञानि अध्ययन में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि पपीते के अर्क से प्लेटलेट की संख्या बढ़ सकती है (6)।
- बकरी का दूध : डेंगू बुखार होने पर सेलेनियम और प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है। वहीं, बकरी के दूध में सेलेनियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही यह दूध प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में भी मदद करता है। इससे डेंगू बुखार से राहत मिल सकती है (7)।
- अमरूद का रस : अमरूद में एंटी-डेंगू व क्वेरसेटिन गुण पाया जाता है, जो डेंगू बुखार से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। साथ ही इसमें हीलिंग गुण भी होते हैं, जो प्लेटलेट काउंट के स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। प्लेटलेट काउंट बढ़ने पर डेंगू बुखार से कुछ राहत मिल सकती है (8)।
- नीम की पत्तियां : नीम के पत्तों को डेंगू बुखार के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो डेंगू फैलाने वाले वायरस को दूर रखने में मदद कर सकते हैं। इससे डेंगू बुखार की समस्या कुछ कम हो सकती है (9)।
- तुलसी : तुलसी को भी डेंगू बुखार के लिए घरेलू उपचार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। तुलसी कई औषधीय गुणों से समृद्ध होती है, जो संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो डेंगू से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (10)।
- हल्दी : हल्दी का उपयोग कर डेंगू बुखार की समस्या से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। दरअसल, इसमें एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो मच्छर के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं। इससे डेंगू बुखार से राहत मिल सकती है (11)।
- क्रैब सूप : क्रैब सूप कई तरह के पोषक तत्व से समृद्ध होता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। इस सूप के सेवन से रक्त में प्लेटलेट काउंट में वृद्धि हो सकती है, जिससे डेंगू की समस्या कुछ राहत मिल सकती है। इसलिए, क्रैब सूप को डेंगू बुखार के लिए उपयोगी माना जा सकता है (12)।
आगे बच्चों को डेंगू से बचाने के उपाय के बारे में जानेंगे।
बच्चों को डेंगू बुखार होने से कैसे बचाएं?
डेंगू की समस्या से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छर को दूर रखना हो सकता है। मच्छर के काटने से बच जाने पर ही डेंगू से बच सकते हैं। इसलिए, इससे बचने के लिए इन उपायों को अपना सकते हैं (3)।
- घर के दरवाजे और खिड़कियों में मच्छरों को रोकने वाली जाली लगाएं।
- बच्चों को घर से बाहर जाते समय फुल शर्ट, पैंट, जूते और मोंजे पहनाएं और रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
- बच्चों को एडीज मच्छर से बचाने के लिए इसे दूर रखने वाले क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- बच्चों को सुबह और शाम के समय बाहर न जाने न दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर इस समय सबसे ज्यादा सक्रिय होता है।
- घर में किसी भी जगह पानी को इकट्ठा न होने दें, क्योंकि डेंगू के मच्छर साफ जमा पानी में ही अंडे देते हैं।
आर्टिकल के अगले भाग में डेंगू बुखार के समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस पर चर्चा करेंगे।
डेंगू बुखार में बच्चों को क्या खाना चाहिए क्या नहीं?
इन खाद्य पदार्थों का करें सेवन (13):
- दूध पीने से राहत मिल सकती है।
- अधिक मात्रा में पानी पिएं।
- सूप के सेवन से भी राहत मिल सकती है।
- फलों का जूस लाभदायक हो सकता है। साथ ही पपीता और पपीते के पत्ते का सेवन कर सकते हैं (14)।
- एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में फोलेटे की कमी होने से प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है। इसके लिए फोलेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए और हरी पत्तेदार सब्जियों में फोलेट पाया जाता है, जैसे – पालक, मेथी के पत्ते व अन्य (15)।
क्या न खाएं :
- अधिक मसालेदार खाने के सेवन से बचें।
- ज्यादा तेल वाले खाने से परहेज करें।
- एक दिन बासी खाना न खाएं।
किस अवस्था में डॉक्टर के पास जाना चाहिए, आगे उसी बारे में बताया जा रहा है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
अगर बच्चे में निम्न प्रकार के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (4)।
- बच्चे को ठंड लगना।
- तेज सिरदर्द होना ।
- मतली और उल्टी की समस्या होने पर ।
- गले में खराश या खांसी होने की स्थिति में डॉक्टर को दिखाएं।
- साथ ही बच्चा डेंगू प्रभावित जगह की यात्रा से आया हो।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
डेंगू बुखार कितने दिन में ठीक होता है?
डेंगू की समस्या संक्रमित मच्छर के काटने के 4 दिन से 2 हफ्ते के बीच कभी भी शुरू हो सकती है। यह समस्या आमतौर पर 2 से 7 दिन तक रहती है (3)।
क्या डेंगू के कारण बच्चे की जान जोखिम में आ सकती है?
वैसे तो ज्यादातर मामलों में डेंगू जानलेवा साबित नहीं होता, लेकिन लापरवाही बरतने पर गंभीर रूप ले सकता है (16)।
आप आर्टिकल को पढ़कर जान ही गए होंगे कि डेंगू बच्चों में कितना आम हो सकता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका स्वयं जागरूक होना और दूसरों को जागरूक करना है। इस काम में यह आर्टिकल आपकी मदद कर सकता है। इसलिए, आप इस आर्टिकल को अपने परिचितों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वो भी अपने बच्चे को इस बीमारी से बचा सकें। अगर आप डेंगू के संबंध में और कुछ जानना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए अपने सवाल हमसे पूछ सकते हैं। हम विशेषज्ञों की राय के साथ आपको जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे।
संदर्भ (Reference):
2.what is dengue By CDC
3.dengue fever By Kidshealth
4.Dengue fever By MedlinePlus
5.Rapid detection and identification of dengue viruses by polymerase chain reaction By NCBI
6.Papaya Extract to Treat Dengue By NCBI
7.Role of Goat Milk and Milk Products in Dengue Fever By Researchgate
8.Potential anti-dengue medicinal plants By NCBI
9.Neem (Azadirachta indica): Prehistory to contemporary medicinal uses to humankind By NCBI
10.Tulsi – Ocimum sanctum: A herb for all reasons By NCBI
11.Curcumin inhibits Zika and chikungunya virus infection by inhibiting cell binding By NCBI
12.Health Beliefs and Practices Related to Dengue Fever: A Focus Group Study By NCBI
13.Prevent Dengue By CDC
14.Papaya and dengue By NCBI
15.Folate deficiency By MedlinePlus
16.Dengue Fever By NIH
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