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मटर न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा सकता है, बल्कि एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी है। ऐसे में बढ़ते बच्चों के लिए मटर के फायदेमंद खाद्य पदार्थ हो सकता है। हालांकि, इसके छोटे आकार की वजह से माता-पिता के मन में यह संशय हो सकता है कि बच्चों को मटर खिलाना सुरक्षित है या नहीं। ऐसे में इसी बात को ध्यान में रखते हुए मॉमजंक्शन के इस लेख में हम न सिर्फ बच्चों के लिए मटर के फायदे बताएंगे, बल्कि बच्चों को मटर खिलाने का सही तरीका भी बताएंगे। तो बच्चों के लिए मटर के फायदे और नुकसान से जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि बच्चों को मटर खिलाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या बच्चों को मटर खिलाना सुरक्षित है?
डब्लूएचओ (WHO) की मानें तो बच्चों के लिए मटर सुरक्षित है और उनके आहार में अन्य पौष्टिक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मटर को शामिल करना अच्छा स्वास्थ्य विकल्प हो सकता है (1)। मटर कई तरह के पौष्टिक तत्वों जैसे – प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए यह बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है (2)।
हालांकि, बच्चों को मटर खिलाने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना भी जरूरी है। दरअसल, मटर का आकार छोटा और गोल होता है, तो यह बच्चे के गले में अटक सकता है। यही कारण है कि इसे चॉकिंग फूड (Choking food) की लिस्ट में रखा जाता है (3)। इसलिए, बच्चे को मटर खिलाते वक्त सावधानी बरतनी जरूरी है। लेख में आगे हम न सिर्फ बच्चों के लिए मटर के फायदे बताएंगे, बल्कि बच्चों को इसे खिलाते वक्त ध्यान देने वाली सावधानियों की जानकारी भी देंगे।
मटर के फायदे जानने से पहले, लेख के इस भाग में जानिए कि बच्चों को कब से मटर देना शुरू कर सकते हैं।
बच्चों को मटर कब से खिलाना शुरू करें?
बच्चे के 6 महीने के होने के बाद से उनके आहार में मटर को शामिल किया जा सकता है (4)। दरअसल, शिशु विशेषज्ञों की मानें तो 6 माह के बाद से बच्चों को आयरन युक्त भोजन देने की शुरुआत कर देनी चाहिए। लाल रक्त कोशिकाओं और मस्तिष्क विकास के लिए आयरन जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। वहीं, मटर भी आयरन युक्त खाद्य पदार्थों में से एक है (5)। ऐसे में अन्य पौष्टिक आहार के साथ बच्चे के खाने में मटर को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
बच्चों के लिए मटर खिलाने की जानकारी के बाद जानेंगे इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में ।
हरी मटर के न्यूट्रिशनल वैल्यू
हरी मटर को बच्चों के आहार में शामिल करने का कारण ये है कि इसमें कई सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि हरी मटर में कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में होते हैं (2)।
- 100 ग्राम मटर में लगभग 78.9 ग्राम पानी, 78.9 81 केसीएएल ऊर्जा, 1.47 मिलीग्राम आयरन, 5.42 ग्राम प्रोटीन व 5.7 ग्राम फाइबर मौजूद होता है।
- यही नहीं, इसमें 25 मिलीग्राम कैल्शियम, 65 माइक्रोग्राम फोलेट, 1.24 मिलीग्राम जिंक होता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम मटर में 38 माइक्रोग्राम विटामिन ए (RAE), 765 IU विटामिन ए (IU), 40 मिलीग्राम विटामिन सी, 2480 माइक्रोग्राम ल्यूटिन + जियाजैंथिन, 24.8 माइक्रोग्राम विटामिन के, 108 मिलीग्राम फास्फोरस, 244 मिलीग्राम पोटेशियम पाया जाता है।
आइए अब जानते हैं कई पोषक तत्वों से भरपूर मटर के स्वास्थ लाभ के बारे में।
बच्चों के लिए मटर के स्वास्थ लाभ
अब मटर में मौजूद पोषक तत्वों और गुणों के आधार पर हम यहां बच्चों के लिए मटर के फायदे बता रहे हैं। तो बच्चों के आहार में मटर को शामिल करने से ये निम्नलिखित स्वास्थ लाभ हो सकते हैं:
1. पाचन के लिए
बच्चों की पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने और पेट संबंधी समस्याओं से बचाव के लिए बच्चों के आहार में मटर को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित मटर के स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी जानकारी में, मटर को पाचन तंत्र के लिए लाभकारी बताया गया है। इसके पीछे मटर में मौजूद फाइबर को उपयोगी माना गया है (6)। वहीं, पेट के लिए फाइबर के फायदे कई सारे हैं। यह पाचन क्रिया को बेहतर कर कब्ज की समस्या से बचाव करने में सहायक हो सकता है (7)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बच्चे के स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए मटर का सेवन लाभकारी हो सकता है।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को बढ़ाने में मटर सहायक हो सकता है। दरअसल मटर में मैगनिशियम युक्त खाद्य पदार्थों में से एक है। वहीं, मैगनिशियम का नाम इम्यून सिस्टम को बढ़ाने वाले पोषक तत्वों की लिस्ट में रखा गया है (8)। ऐसे में बच्चे के आहार में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मटर को शामिल करना उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए और उन्हें बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकता है।
3. मधुमेह का जोखिम कम करे
बदलते लाइफस्टाइल व खानपान के कारण बच्चों में भी डायबिटीज की समस्या देखने को मिल रही है। बच्चों में विशेष रूप से टाइप-1 डायबिटीज की समस्या देखी जाती है, जिसे जुवेनाइल डायबिटीज (Juvenile diabetes) कहा जाता है (9)। ऐसे में बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए उनके आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। ऐसे में उनकी डाइट में मटर को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, मटर में एंटी डायबिटिक (मधुमेह के जोखिम को कम करने वाला) और एंटी हाइपरग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाले) गुण मौजूद होते हैं (10)। ऐसे में माना जा सकता है कि बच्चे को मटर खिलाने से रक्त में शुगर की मात्रा संतुलित रह सकती है और मधुमेह का जोखिम कम हो सकता है।
4. हड्डियों के लिए फायदेमंद
हरे मटर में कैल्शियम होता है, जो बच्चे के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है (2)। बच्चों में कैल्शियम की पूर्ति हड्डियों के विकास और उनकी मजबूती में अहम भूमिका निभाती है। यही नहीं यह हड्डियों से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है। साथ ही यह दांत के लिए भी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (11)। ऐसे में कैल्शियम की पूर्ति के लिए बच्चों के आहार में मटर को शामिल किया जा सकता है।
5. वजन घटाने के लिए
शोध से पता चलता है कि वजन कम करने के लिए आहार में फाइबर युक्त सामग्री की मात्रा बढ़ाकर फैट युक्त खाद्य पदार्थ की मात्रा कम करने की आवश्यकता होती है (12)। ऐसे में मटर को वजन कम करने वाले आहार में शामिल किया जा सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर मौजूद होता है (2)। साथ ही इसे वजन संतूलित करने के डाइट में भी शामिल किया गया है (13)। ऐसे में बच्चे के वजन को संतुलित रखने के लिए उनकी डाइट में मटर शामिल किया जा सकता है।
6. पोषक तत्वों से भरपूर
बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास और उनके सेहतमंद रहने के लिए कुछ जरूरी पोषक तत्वों जैसे:- कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन का आहार में शामिल होना आवश्यक है (14) (4)। वहीं मटर में ये सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं (2)। ऐसे में माना जा सकता है कि अन्य पौष्टिक आहार के साथ मटर का सेवन बच्चों में पोषक तत्वों के कमी के जोखिम से बचाव कर सकता है।
अब जानेंगे कि बच्चों को मटर खिलाते समय क्या सावधानियां रखनी चाहिए।
बच्चों को मटर खिलाते समय सावधानियां
जैसे कि हमने लेख की शुरुआत में जानकारी दी है कि मटर की गिनती चॉकिंग फूड में की जाती है (3) इसलिए इसे बच्चे को खिलाते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी जरूरी है।
- मटर का आकार गोल होता है, यह बच्चे के गले में अटक सकता है, इसलिए ध्यान रहे कि मटर को खूब अच्छे से पकाकर (जब तक नरम न हो जाए) या मैश करके ही बच्चे को खिलाएं।
- बच्चे को मटर युक्त कोई भी खाद्य पदार्थ एक जगह बैठाकर उससे बात करते हुए मनोरंजन करते हुए खिलाएं। बच्चे को इस तरह खाना खिलाने से उनके गले में खाना अटकने का जोखिम कम हो सकता है।
- मटर को छिलते व पकाते वक्त विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि इसमें कीड़े भी हो सकते हैं।
- वहीं पकाने से पहले इसे अच्छे से धो लें, ताकि उसमें गंदगी व कीटनाशक पूरी तरह से निकल जाए।
- मटर से कई बार एलर्जी की जोखिम होती है, इसलिए बच्चे को मटर देने से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखें (15)।
- बच्चे को मटर खिलाने के बाद कुछ दिनों तक इंतजार करें ताकि बच्चे में मटर से किसी भी तरह की एलर्जी की प्रतिक्रिया पता चल सके।
अब जानते हैं, अच्छे मटर के चुनाव से जुड़ी कुछ विशेष जानकारी।
अच्छी मटर का चुनाव और स्टोर कैसे करें?
अच्छे मटर खरीदते और उन्हें स्टोर करते वक्त कुछ बातों का ध्यान जरूरी है। तो नीचे पढ़ें मटर खरीदने और स्टोर करने से जुड़ी जानकारियां (16):
- मटर खरीदते वक्त हमेशा ताजे हरे मटर का चुनाव करें।
- मटर का चयन करते वक्त एक या दो मटर को छीलकर देख लें कि कहीं उनमें कीड़े तो नहीं है।
- कोशिश करें कि गले, मुर्झाए हुए मटर न लें।
- कोशिश करें कि ऑर्गेनिक मटर का चयन करें।
- मटर को हवादार स्थान पर रखें।
- वहीं, मटर को छीलकर प्लास्टिक बैग या जिपर पैक में भी रख सकते हैं।
- जिपर बैग में मटर डालकर डीप फ्रिज में भी मटर स्टोर कर सकते हैं।
- अगर फ्रिज में मटर स्टोर कर रहे हैं तो कोशिश करें कि ज्यादा दिनों तक स्टोर न करें। 24 घंटे के अंदर इसका उपयोग कर लें (17)।
- साथ ही फ्रिज से निकालने के बाद मटर को अच्छी तरह से धोकर ही उपयोग करें।
अच्छे मटर के चुनाव करने के बाद अब बारी है सेहतमंद रेसिपी की।
बच्चों के लिए मटर की 3 सेहतमंद रेसिपी
मटर स्वादिष्ट रेसिपी बनाकर बच्चों के खाने में मटर शामिल कर सकते हैं। ऐसे में यहां हम 3 सेहतमंद रेसिपी बताने जा रहे हैं जो बच्चों को खूब पसंद आएंगे।
1. मक्खन और मटर की प्यूरी
सामग्री
- एक कप मटर
- बटर का आधा से एक क्यूब
- पानी आवश्यकतानुसार
विधि
- सबसे पहले छिले हुए मटर को अच्छे से धो लें।
- अब एक पैन में पानी गर्म होने के लिए गैस पर रख दे, पानी में उबाल आने पर उसमें मटर डाल दें।
- करीब 10 से 15 मिनट तक ढ़ककर पकाएं।
- पके हुए मटर को थोड़ा ठंडा होने दें उसमें से अतिरिक्त पानी निकाल लें।
- अब मटर को ब्लेंड कर लें, चाहे तो इसे मैश भी कर सकते हैं।
- इसके बाद एक पैन लें और उसमें ब्लेंड किए हुए मटर डालें।
- मीडियम फ्लेम पर रखे व इसमें बटर मिला लें।
- तब तक मिलाते रहें जब तक बटर व मटर अच्छे से मिक्स हो जाए।
- जब यह अच्छे से मिक्स हो जाए तो इसे बाउल में निकाल लें और ठंडा करने के बाद बच्चे को खिलाएं।
2. चावल और मटर
सामग्री
- आधा कप पके हुए चावल
- एक कप मटर
विधि
- सबसे पहले गर्म पानी में मटर को उबाल लें (जब तक सॉफ्ट न हो जाए)।
- अब एक पैन लें और उसमें पके हुए चावल व उबले हुए मटर डाल दें।
- इसे करीब 5 मिनट तक मध्यम आंच पर ढककर पकाएं।
- अब यह बिल्कुल नरम हो जाएगा जिससे बच्चे को निगलने में समस्या नही होगी।
3. मटर और गाजर की प्यूरी
सामग्री
- एक कप कटा हुआ गाजर
- एक कप मटर
विधि
- सबसे पहले एक पैन में गर्म पानी लें उसमें उबाल आने पर गाजर व मटर डाल दें।
- करीब 10 मिनट तक ढ़ककर पकाएं (जब तक गाजर व मटर नरम न हो जाए)।
- जब यह पूरी तरह से पक जाए तो इसमें मौजूद अतिरिक्त पानी को छान लें।
- इसके बाद इसे मिक्सर में ब्लेंड कर लें।
- अब इस प्यूरी को अपने बच्चे को खिला सकते हैं।
नोट : अगर ये रेसिपीज एक साल से बड़े बच्चों के लिए बना रहे हैं, तो इसमें स्वाद के लिए नमक या चीनी का उपयोग कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मटर बच्चों के लिए पचने में आसान है?
मटर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में आता है, जो पाचन को बेहतर करने में सहायक हो सकता है (7)। वहीं, बच्चों के आहार में मटर को शामिल करने की सलाह भी दी जाती है (4)। ऐसे में माना जा सकता है कि बच्चों को सीमित मात्रा में और अच्छी तरह पके हुए मटर देने से वे इसे पचा सकते हैं।
क्या जमे हुए मटर बच्चे के भोजन के लिए ठीक हैं?
बच्चे को फ्रोजेन फूड दे सकते हैं, लेकिन बेहतर है फ्रोजेन की बजाय ताजे मटर का उपयोग करें। वहीं, घर में अगर मटर को फ्रिज में स्टोर कर रहे हैं तो बेहतर है 24 घंटे के अंदर उसका उपयोग कर लें (17)।
इस लेख में दी गई जानकारी से ये पता लग गया होगा कि बच्चों को मटर खिलाना सुरक्षित है या नहीं। वहीं बच्चों के लिए मटर के फायदे व उससे जुड़ी रेसिपीज भी इस लेख में दी गई है। तो यहां बताए गए सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बच्चे के आहार में सीमित मात्रा में मटर को शामिल करें। साथ ही यह लेख अन्य पेरेंट्स के साथ साझा कर हर किसी को बच्चों के लिए मटर के फायदे से जुड़ी जरूरी जानकारियों से अवगत कराएं।
References
2. Peas, green, raw By USDA
3. COMPLEMENTARY FOODS By USDA
4. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years By medlineplus
5. Feeding Your Baby BY Healthychild Manitoba
6. Review of the health benefits of peas (Pisum sativum L.) By Pubmed
7. Fiber By Medlineplus
8. Magnesium in diet By Medlineplus
9. Diabetes in Children and Teens By Medlineplus
10. Chemical composition and pharmacological activities of Pisum sativum By NCBI
11. Calcium in diet By Medlineplus
12. Eat More Weigh Less? By CDC
13. Healthy Eating for a Healthy Weight BY CDC
14. Child and Adult Care Food Program: Aligning Dietary Guidance for All BY NCBI
15. Allergy to cooked, but not raw, peas: a case series and review BY NCBI
16. Peas BY Healthywa
17. Safe Baby Food BY Consumeraffairs
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