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शिशु के आहार में किन चीजों को शामिल किया जाए और किन्हें नहीं, यह सवाल अक्सर माता-पिता के मन में उठता है। ऐसा ही कुछ शिशु के आहार में हल्दी को शामिल करने को लेकर भी है। हो भी क्यों न, आखिर हर खाद्य पदार्थ और मसाला शिशु के लिए सुरक्षित भी तो नहीं होता। इसी वजह से मॉमजंक्शन यह जानकारी लेकर आया है कि शिशु को हल्दी दे सकते हैं या नहीं। यहां आप यह भी जानेंगे कि शिशु को हल्दी किस उम्र में व कितनी मात्रा में देनी चाहिए और हल्दी के फायदे व नुकसान क्या हैं। ये सभी जानकारी उन माता-पिता को होनी जरूरी है, जो शिशु के आहार में हल्दी को शामिल करने की सोच रहे हैं।

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि शिशु को हल्दी देना कितना सुरक्षित है।

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क्या छोटे बच्चों को हल्दी देना सुरक्षित है?

जी हां, छोटे बच्चों को हल्दी देना सुरक्षित हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (पाचन तंत्र संबंधी समस्या) से जूझ रहे बच्चों को हल्दी दे सकते हैं। दरअसल, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो इससे राहत दिला सकता है (1)। एक अन्य शोध के अनुसार, शिशुओं और बच्चों को हल्दी युक्त मिश्रण देने से सर्दी दूर हो सकती है। साथ ही हल्दी बच्चों को ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) के जोखिम से भी बचा सकती है। ऐसे में शिशु के लिए हल्दी को सुरक्षित कहा जा सकता है (2)

आगे पढ़िए कि बच्चों को किस उम्र में हल्दी देना सुरक्षित है।

बच्चों को हल्दी कब देना शुरू कर सकते हैं और कितनी मात्रा में देना चाहिए?

यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रन फंड) के अनुसार, शिशुओं को 6 महीने के बाद सभी खाद्य पदार्थों से परिचित कराना चाहिए। इसके लिए उनके आहार में खाद्य को सीमित मात्रा में मैश करके या फिर घोल बनाकर शामिल कर सकते हैं (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि 6 महीने से ऊपर के शिशु के आहार में हल्दी पाउडर को शामिल किया जा सकता है। बस हल्दी पाउडर को सीधे तौर पर न खिलाएं। इसे दूध, पानी या किसी अन्य खाद्य पदार्थ में मिलाकर ही शिशु को सीमित मात्रा में दें। हां, अगर शिशु को कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो उसके आहार में हल्दी डालने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।

चलिए, अब जान लेते है कि बच्चों को हल्दी देने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

बच्चों के लिए हल्दी के फायदे और उपयोग

बच्चों की डाइट में हल्दी को शामिल करने से उन्हें कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। इन फायदों में ये शामिल हैं।

1. पाचन

छोटे बच्चों को हल्दी देने के फायदे में बेहतर पाचन को गिना जा सकता है। एनसीबीआई ( (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन)) की वेबसाइट पर पब्लिश एक अध्ययन की मानें, तो यह डाइजेशन के साथ ही गैस और पेट फूलने की समस्या को कम कर सकती है। बताया जाता है कि हल्दी लिवर द्वारा उत्पादित बाइल फ्लूइड की मात्रा को बढ़ाकर पाचन से जुड़ी समस्या को दूर करने और फैट (वसा) को पचाने में मदद कर सकती है (4)

2. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए

शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने में भी हल्दी मुख्य भूमिका अदा कर सकती है। इससे जुड़े एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि हल्दी में करक्यूमिन नामक घटक होता है, जो इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट की तरह काम कर सकता है। यह प्रभाव टी और बी सेल्स (इम्यून सेल्स) की कार्य क्षमता में सुधार कर सकता है। इससे बीमारियों से लड़ने और शारीरिक समस्याओं से बचे रहने में मदद मिल सकती है (5)

3. हृदय रोग से बचाव

बच्चों के हृदय को स्वस्थ रखने में भी हल्दी मददगार साबित हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित मेडिकल रिसर्च के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन कंपाउंड होता है। यह करक्यूमिन कार्डियोवैस्कुलर प्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाता है। इससे हृदय रोग के जोखिम से बचने में मदद मिल सकती है (6)

4. घाव भरने के लिए

हल्दी का उपयोग करने से घाव भरने में मदद मिल सकती है। इस संबंध में प्रकाशित एक शोध से पता चलता है कि हल्दी में वुंड हीलिंग प्रभाव होता है। यह वुंड हीलिंग प्रभाव शरीर के घाव भरने की प्रक्रिया में मदद करने के साथ ही उसे तेज कर सकता है। साथ ही हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण भी होता है, जो घाव को इंफेक्शन से बचा सकता है (7)

5. त्वचा के लिए

त्वचा की कई समस्याओं को दूर रखने में हल्दी सहायता कर सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि हल्दी का उपयोग एलर्जी, एक्जिमा, मुंहासों और सोरायसिस के घरेलू उपचार के रूप में सालों से किया जाता रहा है। यह सभी त्वचा से जुड़ी समस्याएं हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि हल्दी बच्चों को त्वचा संबंधी परेशानियों से बचाने में मदद कर सकती है (7)

6. खांसी का इलाज

आयुर्वेद में सदियों से हल्दी को खांसी के इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, हल्दी का सेवन करने से खांसी की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा, इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर (आंतों से संबंधित विकार), जुकाम और गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए हल्दी को दूध या पानी में मिलाकर दे सकते हैं (4)

अब हम बच्चों को हल्दी से होने वाले नुकसान की जानकारी देने जा रहे हैं।

बच्चों के लिए हल्दी के नुकसान

हल्दी को मसाले के तौर पर उपयोग करना पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है (4)। हां, अधिक संवेदनशील बच्चों और इसकी अधिकता होने से कई बार हल्दी के नुकसान भी हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • हल्दी का अधिक मात्रा में नियमित रूप से सेवन करने से किडनी की समस्या हो सकती है। दरअसल, हल्दी में ऑक्सलेट होता है, जो किडनी स्टोन का कारण बन सकता है (8)
  • हल्दी सप्लीमेंट लेने से एनीमिया की समस्या हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट में दिया हुआ है कि हल्दी के सप्लीमेंट से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया का जोखिम बढ़ सकता है (9) हालांकि, ऐसे मामले कम ही सामने आते हैं।

आगे बच्चों को हल्दी देने से पहले ध्यान रखने वाली जरूरी बातों के बारे में जानिए।

बच्चों को हल्दी देने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बच्चों के आहार में हल्दी को शामिल करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। ये बातें कुछ इस प्रकार हैं।

  • छोटे बच्चों को हमेशा कम मात्रा में ही हल्दी दें।
  • शिशुओं के लिए ऑर्गेनिक हल्दी का चयन करें।
  • हमेशा विश्वसनीय ब्रांड की ही हल्दी खरीदें।
  • संभव हो, तो छोटे बच्चों के लिए घर में पिसी हुई हल्दी का उपयोग करें।
  • छोटे बच्चों को हल्दी का सप्लीमेंट देने से बचें।
  • यदि शिशु खाद्य पदार्थ के प्रति अधिक संवेदनशील है, तो उसे हल्दी देने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

अब हम आगे बच्चों के आहार में हल्दी को शामिल करने के तरीके बताएंगे।

बच्चों की डाइट में हल्दी कैसे शामिल कर सकते है?

हल्दी एक ऐसा मसाला है, जिसे छोटे बच्चों के आहार में कई तरह से शामिल किया जा सकता है। नीचे हम हल्दी को आहार में शामिल करने के तरीकों को कुछ बिंदुओं के माध्यम से बता रहे हैं।

  • छोटे बच्चों को दूध में हल्दी मिलाकर दे सकते हैं।
  • बच्चों के लिए सूप बनाते समय थोड़ी-सी हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इसे छोटे बच्चों की खिचड़ी व दाल में उपयोग किया जा सकता है।
  • अगर बच्चों को सब्जी खिलाना शुरू कर दिया है, तो उनकी सब्जी बनाते समय हल्दी मिला सकते हैं।
  • बच्चों को पीले चावल यानी हल्दी मिले हुए चावल बनाकर खिला सकते हैं।
  • सिर्फ पानी में भी हल्दी को मिलाकर बच्चे को दे सकते है।

चुटकी भर हल्दी पाउडर को बच्चों के आहार में शामिल करना अच्छा साबित हो सकता है। इससे शिशुओं को होने वाले छोटी-छोटी समस्याओं से बचाव और उनकी प्रतिरक्षा को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इनके अलावा भी हल्दी के कई फायदे हैं, जिनका जिक्र हमने ऊपर लेख में किया है। बस हल्दी के इन फायदों को जानने के बाद इसका इस्तेमाल अधिक न करें, क्योंकि किसी भी पौष्टिक पदार्थ की अधिकता शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसा ही हल्दी के साथ भी है। अगर बच्चों के आहार में नई चीजें शामिल करने से पहले मन में शंका होती है, तो मॉमजंक्शन के ऐसे ही अन्य लेख पढ़ें।

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