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एक बार जब बच्चे ठोस आहार का सेवन शुरू करते हैं, तो धीरे-धीरे माता-पिता उनके डाइट में कई सारे पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं। ये पौष्टिक आहार ही हैं, जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं (1)। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थों को लेकर माता-पिता के मन में उलझन भी रहती है, जिनमें एक नाम ‘पनीर’ का भी है। कई बार माता-पिता दुविधा में होते हैं कि बच्चे के आहार में पनीर शामिल करना चाहिए या नहीं। ऐसे में मॉमजंक्शन के इस लेख के जरिए हम यह जानकारी देंगे कि शिशुओं के लिए पनीर सुरक्षित है या नहीं। साथ ही यहां आप छोटे बच्चे के लिए पनीर रेसिपीज भी पढ़ेंगे। तो शिशुओं के लिए पनीर के लाभ और नुकसान के साथ-साथ अन्य सभी जरूरी जानकारियों के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

आइए, सबसे पहले यह जानते हैं कि बच्चों के लिए पनीर का सेवन सुरक्षित है या नहीं।

क्या पनीर बच्चों के लिए सुरक्षित है?

हां, शिशुओं के लिए सीमित मात्रा में पनीर सुरक्षित हो सकता है। दरअसल, पनीर को पौष्टिक खाद्य पदार्थ माना जाता है, जिस कारण यह बढ़ते बच्चों के लिए लाभकारी हो सकता है (2) यह प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है (3)। वहीं, ये पोषक तत्व बच्चे के बेहतर विकास के लिए आवश्यक माने जाते हैं (1)। ध्यान रहे बच्चे को हमेशा पाश्चुरीकृत (Pasteurized)  दूध से बना ही पनीर दें (4)। ध्यान रहे अनपाश्चुराइज्ड दूध या दूध उत्पाद बच्चे के लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि उनमें हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं (5)

अब जानते हैं बच्चों के आहार में पनीर कब शामिल किया जा सकता है।

शिशु के खाने में पनीर कब शामिल किया जा सकता है?

शिशु के 6 महीने के होने के बाद से उन्हें थोड़ा-थोड़ा करके ठोस आहार देने की सलाह दी जाती है (6)। ऐसे में इन ठोस आहार में पनीर को भी शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। बच्चे को पनीर देने से जुड़ी जानकारी में इस बात का जिक्र मिलता है कि 8 से 12 महीने के बीच बच्चे की डाइट में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ थोड़ी मात्रा में पनीर को भी शामिल किया जा सकता है (1) हालांकि, बच्चे को पनीर देने की सही उम्र को लेकर मिलिजुलि जानकारी है, क्योंकि एक अन्य रिपोर्ट में इस बात का जिक्र मिलता है कि बच्चे को 9 से 12 महीने की उम्र से पनीर देना शुरू करना चाहिए (7)

ऐसे में यह माना जा सकता है कि बच्चे को 8 से 12 महीने के बीच पनीर देना शुरू करना चाहिए। हालांकि, पनीर डेयरी यानी दूध उत्पाद है और हर बच्चे का स्वास्थ्य एक जैसा नहीं होता है। ऐसे में अगर बच्चे को डेयरी प्रोडक्ट से एलर्जी है तो पनीर देने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें। साथ ही बच्चे के आहार में पनीर शामिल करने के बाद कुछ दिनों तक इंतजार करें, ताकि बच्चे में एलर्जी की प्रतिक्रिया का पता चल सके।

अब हम लेख के इस भाग में शिशु के आहर में पनीर कितनी मात्रा में शामिल करना चाहिए, इसकी जानकारी देने जा रहे हैं।

शिशु को कितना पनीर खिलाना चाहिए?

हर बच्चे की शारीरिक स्थिति अलग-अलग होती है, ऐसे में हर शिशु के लिए पनीर की खुराक भी अलग-अलग हो सकती है। हालांकि, स्वस्थ शिशु के आहार में 60 ग्राम तक पनीर शामिल किया जा सकता है (7)। चाहें तो अन्य पौष्टिक तत्व युक्त खाद्य पदार्थ के साथ 1 चम्मच पनीर को शामिल कर सकते हैं  (8)। हालांकि, बेहतर है बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए पनीर कितनी मात्रा में देना है इस बारे में एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। वहीं, बच्चे को पनीर देने के बाद कुछ दिनों तक पनीर न देकर इंतजार करें कि उन्हें पनीर सूट किया या नहीं। अगर बच्चे में किसी प्रकार की एलर्जी की प्रतिक्रिया नहीं होती है तो पनीर देना जारी रखें।

आगे पनीर में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई है।

पनीर में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व

अब बात करते हैं पनीर में मौजूद पोषक तत्वों की जो इसे इतना पौष्टिक खाद्य पदार्थ बनाते हैं। तो पनीर में मौजूद पोषक तत्व कुछ इस प्रकार हैं (3):

  • 100 ग्राम पनीर में लगभग 714 ग्राम कैल्शियम, 321 केसीएएल ऊर्जा, 21.43 ग्राम प्रोटीन, 25 ग्राम टोटल लिपिड (फैट) और 3.57 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध होता है।
  • इसके अलावा, 100 ग्राम पनीर में  18 मिलीग्राम सोडियम, 714 आईयू विटामिन-ए, 16.07 ग्राम फैटी एसिड और 89 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है।

अब जानते हैं छोटे बच्चे को पनीर खिलाने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।

छोटे बच्चे को पनीर खिलाने के फायदे

पनीर में मौजूद पौषक तत्वों के बाद अब यहां हम क्रमवार तरीके से छोटे बच्चों को पनीर से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें ये लाभ पनीर में मौजूद पोषक तत्वों व गुणों के आधार पर दिए गए हैं। तो बच्चे के लिए पनीर के फायदे कुछ इस प्रकार हैं :

1. स्वस्थ दांत और हड्डियों के लिए

इसमें कोई शक नहीं है कि कैल्शियम शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। बता दें कि शरीर 99 प्रतिशत से भी ज्यादा कैल्शियम दांतों व हड्डियों में स्टोर करता है(9)कैल्शियम दांतों और हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ मांसपेशियों, तंत्रिका तंत्र और सामान्य ह्रदय गति के लिए भी आवश्यक है। वहीं बढ़ते बच्चों के लिए भी कैल्शियम जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (10)

ऐसे में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ शिशु के आहार में पनीर को शामिल कर उनमें कैल्शियम की पूर्ति की जा सकती है। इतना ही नहीं, पनीर बच्चों के दांतों को सड़ने से भी बचा सकता है (11)। हालांकि, इसके पीछे पनीर का कौन सा गुण प्रभावकारी है इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। तो बच्चों के स्वस्थ दांत व हड्डियों के लिए उनके आहार में पनीर को शामिल करना अच्छा और स्वादिष्ट विकल्प हो सकता है।

2. इम्युनिटी के लिए

बड़ों के मुकाबले बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है (12)। वहीं, कमजोर इम्यून पावर कई सारी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है (13)। ऐसे बच्चों के इम्यून पावर को बेहतर करने के लिए उनके आहार में पनीर को शामिल करना अच्छा विकल्प जो सकता है। दरअसल, पनीर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में उपयोगी हो सकता है (11)

3. ऊर्जा के लिए

बढ़ते बच्चों को शारीरिक विकास और अन्य गतिविधियों के लिए एनर्जी की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा उन्हें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट युक्त खाद्य पदार्थों से मिल सकता है। ऐसे में शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए बच्चे की डाइट में पनीर को शामिल किया जा सकता है, क्योंकि पनीर में प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं (3)

4. विटामिन डी के लिए

बढ़ते बच्चों के लिए विटामिन डी भी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (15)दरअसल, विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद कर सकता है। यह बच्चों के मांसपेशियों, नर्व व इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है (16)। बता दें कि शरीर में विटामिन डी की कमी ऑस्टियोपोरोसिस और रिकेट जैसे हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम पैदा कर सकता है (17)। वहीं इनसे बचाव के लिए बच्चे की डाइट में पनीर को शामिल करना उपयोगी हो सकता है। दरअसल, पनीर विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत है, जिस वजह से यह बढ़ते बच्चों के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थों में से एक है (2)

आजकल फोर्टिफाइड दूध में विटामिन डी मौजूद होता है। ऐसे में विटामिन डी युक्त दूध से बने या विटामिन डी युक्त फोर्टिफाइड पनीर को बच्चे के आहार में शामिल कर उन्हें पनीर से विटामिन डी मिल सकता है। हालांकि, इसके साथ ही बच्चे की डाइट में अन्य पौष्टिक आहार भी जरूर शामिल करें।

5. बीमारियों का जोखिम कम करे

पनीर का सेवन कई तरह की बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है। दरअसल, फ्री रेडिकल्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनते हैं, जो कई सारी गंभीर बीमारियों जैसे – ह्रदय रोग, मधुमेह, कैंसर का जोखिम पैदा कर सकता है (18)। ऐसे में एंटीऑक्सीडेट युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल कर फ्री रैडिकल के प्रभाव को कम किया जा सकता है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव किया जा सकता है (19)। वहीं, पनीर में एंटीऑक्सीडेट गुण मौजूद होते हैं। साथ ही साथ यह हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कम कर सकता है (11)। तो बच्चों में बीमारियों का जोखिम कम करने के लिए पनीर को उनकी डाइट में जरूर शामिल करें।

अब लेख के इस भाग में बच्चों के लिए पनीर के नुकसान से जुड़ी जानकारियों के बारे में पढ़ें।

शिशु के लिए पनीर के दुष्प्रभाव

हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों हैं। वैसे ही पनीर के अगर लाभ हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। ऐसे में लेख के इस भाग में हम सावधानी के तौर पर पनीर के कुछ नुकसान के बारे में जानकारी दे रहे हैं। तो पनीर से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हैं:

  • कुछ बच्चों को गाय, भैस के दूध से एलर्जी हो सकती हैं (20)। ऐसे में दूध से बने पदार्थ, जिनमें पनीर का नाम भी शामिल है, उससे भी उन्हें एलर्जी का जोखिम हो सकता है।
  • पनीर में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है (3)। ऐसे में इसके अधिक सेवन से आगे चलकर बच्चे में वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है (21)
  • पनीर कैल्शियम का भी अच्छा स्त्रोत है (3) वहीं, कैल्शियम के अधिक सेवन से कब्ज की समस्या हो सकती है (22)

नोट : बता दें कि बच्चे को पनीर देने के बाद कुछ दिन इंतजार करें, ताकि बच्चे में ऐलर्जी की प्रतिक्रिया का पता चल सके। अगर पनीर देने के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या न हो तो पनीर का सेवन जारी रखें।

लेख में अब बारी आती है बच्चों के लिए पनीर के कुछ स्वादिष्ट व पौष्टिक रेसिपीज के बारे में जानने की।

शिशुओं के लिए पनीर के व्यंजन

नीचे हैं बच्चों के लिए कुछ आसान और पौष्टिक पनीर रेसिपीज। ये न सिर्फ पौष्टिक हैं, बल्कि स्वादिष्ट भी हैं, तो ये आसान रेसिपीज कुछ इस प्रकार हैं:

1. पनीर सब्जी प्यूरी

सामग्री:

  • पनीर के 2-3 क्यूब्स
  • प्यूरी को पतला करने के लिए थोड़ी दही
  • 2 बड़े चम्मच हरे मटर
  • 1 गाजर

बनाने की विधि:

  • सबसे पहले गाजर, मटर को उबाल लें।
  • फिर एक ब्लेंडर में गाजर, मटर, पनीर के टुकड़े और दही डालकर पीस लें।
  • तैयार है पनीर व सब्जियों की प्यूरी।
  • अब इसे बच्चे को खिलाएं।

2. पनीर भुर्जी

Paneer Bhurji
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • दो से तीन क्यूब पनीर
  • एक छोटी कटोरी में मिक्स हरी सब्जियां जैसे – थोड़े मटर, आधा शिमला मिर्च और टमाटर बारीक कटे हुए
  • चाहें तो मटर को उबालकर भी मिला सकते हैं, ताकि बच्चे के गले में न अटके।
  • स्वादानुसार नमक
  • एक से दो चम्मच तेल

बनाने की विधि

  • सबसे पहले पनीर के टुकड़ों को मैश कर लें।
  • अब सब्जियों को अच्छे से धो लें।
  • चाहें तो सब्जियों को काटने से पहले भी धो सकते हैं।
  • अब एक पैन या कड़ाही में तेल डालकर गर्म करें।
  • जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें सभी सब्जियों को डालकर थोड़ी देर पकाएं।
  • फिर सब्जियां जब नर्म होने लगे तो इसमें मैश किया हुआ पनीर डाल दें।
  • इसे अच्छी तरह मिलाकर हल्की आंच पर थोड़ी देर पकने दें।
  • जब पनीर और सब्जियां पक जाए तो गैस बंद कर दें।
  • आप चाहें तो भुर्जी बनाते वक्त भुर्जी को पूरी तरह मैश भी कर सकते हैं।
  • तैयार है बच्चे के लिए स्वादिष्ट पनीर भुर्जी।
  • इसे ठंडा करके बच्चे को खिलाएं।

3. पनीर चीला

Paneer Cheela
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • आधा से एक कप बेसन
  • 50 ग्राम या दो से तीन क्यूब मसला हुआ पनीर
  • एक बारीक कटा प्याज
  • आधा बारीक कटा टमाटर
  • एक चम्मच बारीक कटा धनिया पत्ता
  • एक चम्मच तेल
  • नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि:

  • एक बर्तन में बेसन लें।
  • अब आवश्कतानुसार पानी डालकर इसका गाढ़ा घोल बना लें।
  • फिर इसमें सभी सब्जियों को डालकर अच्छे से मिक्स करें।
  • अब इस घोल को दो मिनट के लिए छोड़ दें।
  • इस दौरान पनीर को अच्छे से मैश कर लें।
  • फिर तवे को गैस पर मध्यम आंच पर रखें।
  • तवा गर्म होने के बाद उसमें हल्का तेल लगाएं।
  • फिर तवे में आवश्यकतानुसार घोल डालकर फैला लें।
  • इस दौरान ऊपर से पनीर और धनिया डाल लें।
  • फिर दोनों तरफ चीले को अच्छे से सेंक लें।
  • बस बनकर तैयार हो गया पनीर चीला।

नोटपनीर की यह रेसिपी 1 साल या उससे बड़े बच्चे के लिए है। ध्यान रहे 1 साल से बड़े बच्चे के लिए तैयार रेसिपी में ही नमक या चीनी का उपयोग करें।

इस आर्टिकल में आपने जाना कि पनीर बच्चों के लिए कितना फायदेमंद है। पनीर स्वाद और सेहत का एक अच्छा मिश्रण है। वहीं, पनीर की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए और बच्चे के स्वाद और सेहत दोनों का ध्यान रखते हुए यहां शिशुओं के लिए पनीर के कुछ आसान रेसिपीज की भी जानकारी दी गई है। साथ ही सावधानी के तौर पर कुछ नुकसान के बारे में भी बताया गया है। ऐसे में बच्चे की सेहत को ध्यान में रखते हुए माता-पिता सीमित मात्रा में उनके आहार में पनीर को शामिल कर सकते हैं। साथ ही यह लेख अन्य लोगों के साथ शेयर करके हर किसी को शिशुओं के लिए पनीर के लाभ से अवगत कराएं।

References

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  4. Australian Goverment National Health and Medical Research Council Department of Health and Ageing By Eat for health
    https://www.eatforhealth.gov.au/sites/default/files/files/the_guidelines/n56b_infant_feeding_summary_130808.pdf
  5. Cow’s Milk and Milk Alternatives By CDC
    https://www.cdc.gov/nutrition/infantandtoddlernutrition/foods-and-drinks/cows-milk-and-milk-alternatives.html
  6. When What and How to Introduce Solid Foods By CD
    https://www.cdc.gov/nutrition/infantandtoddlernutrition/foods-and-drinks/when-to-introduce-solid-foods.html
  7. Journey_of_The_First_1000_Days.pdf By NHM
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    https://infantandtoddlerforum.org/media/upload/pdf-downloads/1.3_-_Portion_Sizes_for_Children_1-4_Years.pdf
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  11. Paneer: A Very Popular Milk Product in Indian Sub-continent By Researchgate
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    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4707740/
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  20. Cow’s milk allergy By Betterhealth
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/ConditionsAndTreatments/cows-milk-allergy
  21. Protein intake from 0 to 18 years of age and its relation to health: a systematic literature review for the 5th Nordic Nutrition Recommendations By NCBI
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3664059/
  22. Calcium By NIH
    https://ods.od.nih.gov/factsheets/Calcium-Consumer/
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