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सर्दी-जुकाम नाक, गले और साइनस से जुड़ा एक वायरल संक्रमण है, जो आपके शिशु के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वहीं, बंद और बहती नाक जुकाम के मुख्य संकेत हैं। सर्दी-जुकाम के प्रति बच्चे अतिसंवेदनशील होते हैं, क्योंकि वो अक्सर अन्य लोगों के आसपास ज्यादा होते हैं। बच्चों को सर्दी का संक्रमण घर के सदस्य या उनसे मिलने वालों के जरिए लग सकता है। इसके अलावा, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और वो 100 से ज्यादा कोल्ड वायरस से घिरे रहते हैं। बच्चे दो वर्ष के होने तक पहले साल में आठ-दस बार सर्दी का शिकार हो सकते हैं (1)

मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको बच्चों में सर्दी-जुकाम, इसके कारण, इससे निजात पाने के सरल उपाय और अन्य जानकारियां देने जा रहे हैं। जानिए किस प्रकार आप अपने बच्चों को सर्दी से बचा सकते हैं।

छोटे बच्चों में सर्दी जुकाम का कारण क्या है?

जैसा कि हमने बताया बच्चे सर्दी के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं और वो जल्द ही इसकी चपेट में आ सकते हैं। नीचे दिए जा रहे बिंदुओं के माध्यम से जानिए, कौन-कौन से कारण बच्चों में सर्दी का कारण बन सकते हैं –

  • सर्दी-जुकाम एक वायरल संक्रमण है और यह किसी अन्य के माध्यम से आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। अगर घर के किसी सदस्य और बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को सर्दी है, तो यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से शिशु के शरीर में दाखिल हो सकता है।
  • बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए वो जल्द सर्दी का शिकार हो सकते हैं। बच्चों को लगभग 100 से ज्यादा कोल्ड वायरस प्रभावित कर सकते हैं।
  • सर्दी के मौसम में सर्दी-जुकाम आम है और इस दौरान बच्चे ज्यादा कोल्ड का शिकार होते हैं। ठंडी हवा सीधे बच्चे की नाक और साइनस को प्रभावित कर सकती हैं।
  • कई बार बच्चों को परिवार के सदस्य बाहर घुमाने के लिए लेकर जाते हैं। बाहरी दूषित वातावरण भी बच्चों में सर्दी-जुकाम का कारण बन सकता है।
  • सर्दी से संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तु अगर बच्चे के संपर्क में आए, तो इससे भी बच्चे में सर्दी की आंशका बढ़ जाती है।

बच्चों में सर्दी-जुकाम के विभिन्न कारणों के बाद जानिए सर्दी किस प्रकार बच्चों को प्रभावित करती है।

सर्दी किस तरह से शिशु को प्रभावित करती है?

हालांकि, सर्दी-जुकाम कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़ सकता है। नीचे जानिए सर्दी-जुकाम किस प्रकार बच्चों को प्रभावित कर सकता है (1)

  • सर्दी-जुकाम की वजह से बच्चे बहती और बंद नाक की समस्या से जूझते हैं। उन्हें खांसी, गले में खराश और बीच-बीच में छींक आ सकती है।
  • सर्दी के दौरान कुछ बच्चे भोजन करना पसंद नहीं करते हैं। उन्हें सिर दर्द हो सकता है या वो सामान्य से अधिक थका हुआ महसूस कर सकते हैं।
  • जुकाम कभी-कभी बुखार का कारण बन सकता है, लेकिन बुखार आमतौर पर बहुत अधिक नहीं होता है।
  • सर्दी-जुकाम दो सप्ताह तक बच्चे को परेशान कर सकता है।
  • कुछ सांस संबंधी वायरस बच्चों में अधिक गंभीर बीमारी पैदा कर सकते हैं। इन बीमारियों में क्रुप (गला बैठना, खांसी आना), ब्रोंकोलाइटिस (घरघराहट, सांस लेने में कठिनाई) गले में खराश व गर्दन की ग्रंथि में सूजन शामिल है।

बच्चों में सर्दी-जुकाम का इलाज कैसे किया जाता है? | Bachon Ki Sardi Ka Ilaj

जैसा कि हमने पहले बताया कि शिशु सर्दी-जुकाम की चपेट में जल्दी आ सकते हैं, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बाल्यावस्था में कमजोर होती है। ऐसा नहीं है कि इसका इलाज नहीं किया जा सकता है। नीचे हम सर्दी-जुकाम संबंधी कुछ उपचार और जरूरी सावधानियां बता रहे हैं, जिनका पालन आप अपने शिशु के लिए कर सकते हैं (1)

  • सबसे पहले यह जान लें कि आम सर्दी-जुकाम का कोई तत्काल इलाज नहीं है। यह आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता हैं। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चे को आराम का अनुभव करा सकते हैं। कोशिश करें कि आपका बच्चा घर में किसी भी चीज से असहज महसूस न करें। अगर उसे खाने का मन नहीं कर रहा है, तो जबरदस्ती न करें। इस दौरान आप उसे गुनगुना पानी पिलाएं और हल्का पोषण से भरपूर भोजन कराएं।
  • तीन साल से छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम की ओवर द काउंटर दवा (बिना डॉक्टरी सलाह की दवा) न दें। वहीं, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ओवर द काउंटर दवा देने से पहले उसके पैक पर लिखे जरूरी निर्देश ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें।
  • बच्चों को सर्दी-जुकाम के साथ खांसी भी हो सकती है। वैसे तो खांसी शरीर के अंदर जमा बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है, लेकिन अगर खांसी लगातार हो रही हो, तो ‘डेक्स्ट्रोमेथोर्फन’ नामक सर्दी-खांसी की दवाई इसे कम करने में मदद कर सकती है।
  • यदि शिशु को बंद नाक की वजह से दूध पीने में परेशानी हो रही है, तो बंद नाक को साफ करने के लिए ‘रबर सक्शन बल्ब’ (Rubber Suction Bulb) का उपयोग करें। अगर बलगम बहुत गाढ़ा हो, तो सेलाइन नोज ड्रॉप या सेलाइन नोज स्प्रे का प्रयोग करें। नोज ड्रॉप की तुलना में स्प्रे नाक मार्ग में अच्छी तरह से चला जाता है और अधिक प्रभावी हो सकता है।

नोट – 6 साल से कम के बच्चों के लिए नोज स्प्रे और नोज ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।

  • ह्यूमिडिफायर, बच्चे की बंद नाक को आराम देने का काम कर सकता है। ह्यूमिडिफायर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो कमरे की आर्द्रता बढ़ाता है। बैक्टीरिया से बचने के लिए ह्यूमिडिफायर अच्छी तरह साफ करें और इस्तेमाल में लाएं। ध्यान रहे कि बच्चों को गर्म भाप न दें, ऐसा करने से बच्चे की त्वचा जल सकती है।
  • सर्दी-जुकाम के साथ बुखार भी आ सकता है, इसलिए बच्चे के शरीर का तापमान नापते रहें। सर्दी-जुकाम के दौरान दर्द और बुखार को कम करने के लिए आप 6 साल से अधिक के बच्चों को अस्टमीनोफेन (जैसे, Tylenol, Tempra and Panadol) नामक दवाई दे सकते हैं, जिसे पेरासिटामोल भी कहा जाता है। डोज और दवाई देने के समय के लिए चिकित्सक से परामर्श करें। सर्दी-जुकाम के साथ बुखार होने पर बच्चों को घर में ज्यादा से ज्यादा आराम करवाएं।

बच्चों में सर्दी-जुकाम के लिए घरेलू उपचार | Baccho Ki sardi Ka Gharelu Nuskhe

सर्दी-जुकाम से निजात पाने के लिए कई घरेलू उपाय मौजूद हैं, लेकिन जब बात शिशुओं की आती हैं, तो इन सभी उपायों को सटीक नहीं माना जा सकता है। फिर भी नीचे कुछ चुनिंदा घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जिन्हें प्रयोग में लाकर आप अपने नन्हे-मुन्ने के सर्दी-जुकाम को कुछ हद तक ठीक कर सकते हो-

गुनगुने पानी से स्नान – सर्दी-जुकाम के दौरान आप बच्चों को गुनगुने पानी से स्नान करा सकते हैं। गुनगुने पानी की गरमाहट से बच्चे को काफी आराम मिलेगा। ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म न हो। पानी की गरमाहट को पहले जांच लें, उसके बाद ही बच्चे को स्नान कराएं (2)

शहद का सेवन – शहद को अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण के लिए जाना जाता है। सर्दी-खांसी के दौरान, आप एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को रात में शहद के साथ अदरक के रस का सेवन करा सकते हैं। बच्चों में सर्दी-खांसी ठीक करने के लिए शहद के सेवन की सलाह विश्व स्वास्थ्य संगठन भी देता है (3), (4)

तेल मालिश – एक परंपरा के रूप में भारतीय माताएं बच्चों की तेल मालिश नियमित रूप से करती आ रही हैं। बच्चों को सर्दी-जुकाम से राहत देने के लिए आप तेल मालिश भी कर सकते हैं। इसके लिए सरसों का तेल कारगर रहेगा (5), (6)

बच्‍चे को हाइड्रेटेड रखें – सर्दी-जुकाम के दौरान बच्चों को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। बीच-बीच में बच्चों को गुनगुना पानी पिलाते रहें।

हल्दी का दूध – सर्दी-जुकाम में आप अपने अपने शिशु को हल्दी का दूध भी पिला सकते हैं। इससे के लिए आप आधे कप दूध में चुटकी भर हल्दी, तुलसी की कुछ पत्तियां, आवश्यकतानुसार मिश्री डालकर 5 मिनट तक गर्म करें और छान लें। अब दूध में चम्मच का एक चौथाई अदरक कूट कर डालें और एक मिनट के लिए गर्म करें। दूध को छान कर थोड़ा ठंडा कर लें, ताकि बच्चा दूध को आसानी से पी सके। हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होती है। यह वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने का काम भी करती है (7)

बच्चों के सर्दी-जुकाम का इलाज ठीक से न करने पर जटिलताएं

सही उपचार के अभाव में बच्चों को सर्दी-जुकाम के दौरान निम्नलिखित जटिलताओं से गुजरना पड़ सकता है (8)

  • कान में संक्रमण
  • साइनस संक्रमण
  • निमोनिया
  • गले का संक्रमण

बच्चों को सर्दी से कैसे बचाएं?

अपने शिशु को सर्दी-जुकाम से बचाए रखने के लिए आप नीचे बताई जा रही सावधानियों का पालन कर सकते हैं (1)

  • अपने शिशु को उन व्यक्तियों से दूर रखें, जो सर्दी-जुकाम से पीड़ित हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि जुकाम संक्रामक रोग है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को सभी टीके लगे हों। हालांकि, वो टीके सर्दी से बचाव नहीं करते हैं, लेकिन कुछ जटिलताओं को रोकने में मदद जरूर करेंगे, जैसे कि कान या फेफड़ों से संबंधी जीवाणु संक्रमण।
  • बच्चे की नाक साफ करने के बाद बच्चे और खुद के हाथ अच्छी तरह साफ करें। बच्चे के लिए आप बेबी हैंड वॉश इस्तेमाल करें।
  • बच्चों को सर्दी-जुकाम के दौरान रूमाल/टिशू से नाक व मुंह ढंकने और नाक पोंछने के बाद हाथ धोने जैसी बातें सिखाएं।
  • दूसरे बच्चों के खिलौने अपने बच्चों को न दें, क्योंकि बच्चे अक्सर खिलौने मुंह में ले लेते हैं।
  • डे केयर में जाने वाले बच्चों का विशेष ध्यान रखें। अगर बच्चों को सर्दी-जुकाम ज्यादा है, तो उन्हें कुछ दिन के लिए डे केयर न भेजें।

शिशु को सर्दी-जुकाम होने पर डॉक्टर से कब बात करनी चाहिए?

सर्दी-जुकाम की निम्नलिखित अवस्थाओं में बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए –

  • अगर तीन महीने से कम के नवजात को सांस लेने और दूध पीने में दिक्कत हो रही है।
  • अगर सर्दी-जुकाम के दौरान बच्चे को बुखार या उल्टी होती है।

सर्दी-जुकाम के दौरान नीचे बताई जा रही स्थिति गंभीर हो सकती हैं –

  • लगातार खांसी
  • अगर बच्चे के होंठ नीले रंग के दिखें
  • खांसी के साथ उल्टी जैसे लक्षण

ये लक्षण निमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस के हो सकते हैं।

  • सर्दी-जुकाम के दौरान बच्चा मिडिल इयर इन्फेक्शन (जब वायरस या बैक्टीरिया कान को अंदरूनी रूप से प्रभावित करता है) से भी गुजर सकता है। नीचे जानिए मिडिल इयर इन्फेक्शन के संकेतों के बारे में –
  • तेज बुखार
  • कान में दर्द
  • उल्टी
  • निमोनिया
  • कान से पस निकलना आदि

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या बच्चों के लिए बार-बार सर्दी-जुकाम होना सामान्य बात है?

बच्चों में सर्दी-जुकाम बार-बार आना सामान्य है, क्योंकि बाल्यावस्था में बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए वे किसी भी संक्रमण के चपेट में जल्दी आ जाते हैं। बता दें कि बच्चे 100 से ज्यादा कोल्ड वायरस से घिरे रहते हैं और दो वर्ष के होने तक उन्हें साल भर में आठ-दस बार सर्दी-जुकाम हो सकता है (1)

बच्चों में सर्दी-जुकाम कितने दिन तक रह सकता है?

आमतौर पर बच्चों में सर्दी-जुकाम एक हफ्ते तक ही रहता है, लेकिन यह 2 हफ्ते तक भी बच्चे को परेशान कर सकता है (1)

अगर मुझे सर्दी-जुकाम है, तो क्या स्तनपान से मेरे बच्चे को भी संक्रमण हो सकता है?

नहीं, इस संबंध में किया गया अध्ययन स्तनपान और सर्दी-जुकाम के बीच संबंध को नकारता है (9)

बच्चों में सर्दी-जुकाम का होना सामान्य है, इसके लिए आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आपका बच्चा सर्दी-जुकाम की चपेट में आता है, तो आप लेख में बताए गए उपचारों और सावधानियों का पालन करें। बच्चे का ध्यान रखने में बिलकुल भी लापरवाही न बरतें। जैसा कि हमने लेख में बताया है कि सर्दी-जुकाम के दौरान कुछ लक्षण गंभीर बीमारी का संकेत दे सकते हैं, इसलिए उल्टी व बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आप जितना जागरूक रहेंगे शिशु का ध्यान उतने अच्छे से रख पाएंगे।

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