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बच्चों के मानसिक विकास के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है (1)। वहीं, कई कारणों से बच्चों को नींद पूरी करने में दिक्कत होती है, जिसमें से एक है बच्चों को डरावने सपने आना। डरावने सपने आने के कारण बच्चे ठीक से सो नहीं पाते हैं, जो कई माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन सकता है। यही कारण है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको बच्चे को नींद में बुरे सपने आने के कारण व लक्षण के बारे में बताएंगे। साथ ही, इस लेख में डरावने सपने से बचने के उपाय और इससे जुड़ी तमाम बातों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
लेख में सबसे पहले जानते हैं कि आखिर डरावने सपने क्या होते हैं।
डरावने सपने क्या हैं?
जिन सपनों को देखकर बच्चे या बड़े डर जाते हैं, उन्हें डरावने या बुरे सपने कहा जाता है। इनकी वजह से कभी-कभी व्यक्ति गहरी नींद से उठकर अचानक रोने या चिल्लाने लगता है। डरावने सपनों के कारण डर, चिंता व घबराहट का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, बच्चों को आने वाले डरावने सपने उनकी रोजमर्रा की जिंदगी और उनकी कल्पनाओं से जुड़े हो सकते हैं। बच्चों के सपनों में भूत-प्रेत, जंगली जीव, दुर्घटना और ऊंचाई से गिरना शामिल हो सकता है।
आइये, अब यह भी जान लेते हैं कि बच्चों को डरावने सपने क्यों आते हैं।
बच्चों को डरावने सपने क्यों आते हैं?
बच्चों को डरावने सपने क्यों आते हैं, इसका फिलहाल कोई सटीक कारण पता नहीं चला है। इस समस्या का पता लगाने के लिए कई शोध हो चुके हैं और कई जारी हैं। फिर भी कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि मस्तिष्क का भाग एमिग्डाला (Amygdala) डर, चिंता और भय से जुड़ी प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है। वहीं, नींद के रेम (REM – रैपिड आई मूवमेंट) चरण के दौरान एमिग्डाला के सक्रिय होने के कारण यह नकारात्मक भावनाओं को उत्तेजित कर सकता है, जिस वजह से बच्चों को नींद में डरावनी चीजें दिखाई दे सकती हैं (2)। आगे लेख में बच्चों में डरावने सपने आने के कारणों को विस्तारपूर्वक बताया गया है।
आगे जानते हैं बच्चों को डरावने सपने किस उम्र से आने शुरू हो सकते हैं।
बच्चों को किस उम्र से डरावने सपने आने शुरू होते हैं?
वैसे तो बच्चों को सपने आना आम है, लेकिन दो साल की उम्र से बच्चे को डरावने सपने आने शुरू हो सकते हैं। तीन से छह साल की उम्र में बच्चे डरावने सपने की शिकायत सबसे ज्यादा कर सकते हैं। लेकिन, हर बच्चा दूसरे से अलग होता। इसलिए, कोई बच्चा ज्यादा डरावने सपनों की शिकायत कर सकता है और कुछ बच्चों में यह शिकायत न के बराबर हो सकती है। आमतौर पर बच्चों को डरावने सपने आने का समय सुबह 4 से 6 बजे के बीच होता है (3)।
लेख के इस भाग में जानते हैं बच्चों को डरावने सपने आने के क्या-क्या कारण हैं।
बच्चे में डरावने सपने आने के कारण
नीचे क्रमवार जानें बच्चों में डरावने सपने आने के विभिन्न कारण :
1. किसी दुर्घटना का शिकार होना
अगर बच्चा किसी दुर्घटना का शिकार हुआ है या उसने कोई दुर्घटना होती देख ली है, तो हो सकता है कि रात में उसे उस घटना से जुड़े डरावने और बुरे सपने आने लगे। इसके अलावा, बच्चे की दिनभर की कुछ घटनाएं भी डरावने सपने आने का कारण हो सकती हैं (3)।
2. कल्पना शक्ति का एक्टिव होना
जिन बच्चों का दिमाग अधिक विकसित होता है, वह किसी चीज को लेकर तरह-तरह की कल्पना करने लगते हैं। इस कारण भी उन्हें डरावने सपने आ सकते हैं (3)।
3. डरावनी फिल्में देखना
बच्चों का हॉरर फिल्में देखना भी बुरे सपने आने का एक कारण हो सकता है, क्योंकि हॉरर फिल्मों के भूतिया किरदार उन्हें सपने में दिखाई देने लगते हैं (4)। इसके अलावा, बच्चों का डरावनी कहानियां पढ़ना व सुनना भी इसकी वजह बन सकता है।
4. तनाव और चिंता
कुछ बच्चों में तनाव और चिंता घर कर जाती है और डरावने सपने आने का एक कारण यह भी हो सकता है (3)। बच्चों के चिंता का विषय उनके माता-पिता से अलग होना, भीड़ में खो जाना या फिर किसी प्यारी चीज से दूर जाना आदि हो सकते हैं। वहीं, नए स्कूल जाना, घर में नया मेहमान आना, घर बदलना, परीक्षा में कम नंबर आना आदि भी बच्चों में तनाव का कारण हो सकते हैं।
5. नींद पूरी ना होना
बच्चों को डरावने सपने आने का एक कारण नींद पूरी न होना भी हो सकता है (5)। 3 से 5 साल की उम्र के बीच के बच्चों को 10 से 13 घंटे की नींद लेनी चाहिए (6)। जब बच्चे पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो इससे उनका दिमाग थकने लगता है, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर दिख सकता है। वहीं, मस्तिष्क को आराम ना मिलने के कारण कई बार बच्चों को नींद में डरावने सपने आ सकते हैं। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. आनुवंशिक कारण
एक शोध के मुताबिक, बच्चों को डरावने सपने आने का एक कारण आनुवंशिक भी है। ऐसा माना जाता है कि जो माता-पिता अपने बचपन में बुरे और डरावने सपनों से गुजरे हैं, उनके बच्चों में भी यह समस्या देखी जा सकती है (7)।
7. बुखार
बच्चों को डरावने सपने आने का एक कारण बुखार भी हो सकता है। कई बार बुखार होने पर बच्चे बुरे सपने आने की शिकायत कर सकते हैं (3)।
8. सोते समय सांस लेने में दिक्कत होना (स्लीप एपनिया)
स्लीप एपनिया के कारण बच्चे को सोते समय सांस लेने में तकलीफ हो सकती है (8)। यह भी बच्चों में डरावने सपने को ट्रिगर कर सकता है (9)।
लेख के इस भाग में जानिए बच्चों में डरावने सपने आने के लक्षण।
बच्चों में डरावने सपने आने के लक्षण
बच्चों में डरावने सपने आने के लक्षणों को नीचे बताया गया है (5) :
- बेचैनी होना
- भावनात्मक समस्याएं जैसे रोना, चिड़चिड़ापन, उदासी, डरा हुआ या अकेला महसूस करना
- रात में तेजी से सांस लेना
- नींद न आना व रात भर जागना
- मुंह खोलकर सोना
- बार-बार करवट बदलना
- अत्यधिक पसीना आना
- बच्चों में सिरदर्द
- नींद में बोलना
- नींद में चलना
- सुबह-सुबह उठ जाना
- दिल की धड़कनों का बढ़ना
लेख में आगे जानते हैं कि बच्चों को डरावने सपने आने पर उनका ध्यान कैसे रखना चाहिए।
बच्चे को डरावने सपने आएं, तो क्या करें?
अगर बच्चा नींद में डरावना सपना देखकर डर गया है, तो नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो माता-पिता को अपनाने चाहिए (3) :
- अगर आपका बच्चा डरावना सपना देखकर डर गया है, तो उसके पास जाकर वहां तब तक रहें, जब तक वह दोबारा ना सो जाए।
- बच्चों को पकड़कर उसके पास सोएं। आपके स्पर्श से बच्चा सुरक्षित महसूस करेगा।
- प्यार से बात करके बच्चों का हौसला बढ़ाएं।
- बच्चे को समझाएं कि सपनों से असल जिंदगी में कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
- ऐसे समय में बच्चों को सीने से लगाकर उसे प्यार दें और उसकी पीठ थपथपाएं। इस दौरान उसे प्यारी सी लोरी भी सुना सकते हैं।
- अगर आपका बच्चा आपसे बात करना चाहता है, तो जरूरी है कि उसे ध्यान से सुनें। बच्चे के डरावने सपने और उसके डर के बारे में जानें।
- बच्चों को अच्छी कहानियों से बहलाने की कोशिश करें। बच्चे को यकीन दिलाएं कि आपके पास बुरी शक्तियों को भगाने की जादुई शक्ति है। इससे बच्चे के मन का डर बाहर निकल आएगा।
- रात को सोते समय बच्चे के कमरे में बिलकुल अंधेरा ना करें। अंधेरे में बच्चों को ज्यादा डर लगता है।
स्क्रॉल करके पढ़ें कि बच्चे को डरावने सपने आने पर चिकित्सक से कब संपर्क करने की जरूरत होती है।
क्या बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए?
बच्चों को बुरे और डरावने सपने आना आम बात है, लेकिन निम्न स्थितियों में बच्चे को डॉक्टर के पास जरूर लेकर जाएं।
- एक-दो हफ्ते से लगातार डरावने सपने आने और उनके पहले से ज्यादा भयानक होने पर बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
- बच्चे के बार-बार बुरे और डरावने सपने आने की वजह नहीं समझ पा रहे हैं, तो सीधे डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
- जब बुरे सपनों से बच्चे की दिनचर्या पर बुरा असर पड़ रहा हो और वह रात को चैन की नींद नहीं ले पा रहा हो।
अगले भाग में जानते हैं कि बच्चे को डरावने सपनों से बचाने के लिए क्या-क्या उपाय कर सकते हैं।
बच्चों में डरावने सपने दूर करने के उपाय
बच्चे को डरावने सपने से बचाने के लिए निम्न उपायों को अपनाया जा सकता है (3) :
- सोने से पहले ध्यान रहे कि बच्चा कोई हॉरर फिल्म न देखे। साथ ही उसे डरावनी कहानियों से दूर रखें।
- इस बात पर गौर करें कि कोई बात बच्चे को परेशान तो नहीं कर रही है, जैसे घर में नये भाई या बहन का आना, घर शिफ्ट करना या स्कूल जाना आदि।
- दिन में बच्चे से डरावने सपने के बारे में चर्चा करें। इससे बच्चे के मन के अंदर का डर और चिंताएं बाहर निकलकर आएंगी।
- यदि बच्चे को बार-बार डरावने सपने आ रहे हैं, तो कुछ एक्टिविटी की मदद से उसका डर दूर करने का प्रयास करें। बच्चे को सपने के बारे में ड्राइंग या लिखने के लिए कह सकते हैं। इससे बच्चे को मानसिक शांति मिल सकती है।
- जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि बच्चे को डरावने सपने आने का एक कारण नींद पूरी न होना भी है। इसके लिए बच्चे की दिनचर्या का टाइम-टेबल बनाएं। उनकी नींद का पूरा ख्याल रखें। बच्चे को पर्याप्त नींद मिल रही है या नहीं, इस पर गौर करें। ऐसा करने से ही बच्चा बुरे सपनों से छुटकारा पा सकेगा और उसका मानसिक और शारीरिक विकास हो पाएगा।
- बच्चों को भूत आ जाएगा, कहकर कभी सुलाने की कोशिश ना करें। इससे बच्चे के मन में डर बैठ सकता है।
- बच्चों को डरावनी कहानियां सुनाकर ना सुलाएं। बच्चों को प्रेरक और मनमोहक कहानियां ही सुनाएं।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की मदद लें।
अंत में जानिए विषय से जुड़े एक जरूरी सवाल का जवाब।
क्या बच्चों में डरावने सपने आने से रोका जा सकता है?
हां, बच्चों में डरावने सपने आने से रोका जा सकता है। बच्चों में बुरे सपनों को रोकने के उपाय और बचाव के बारे में लेख में पहले ही बताया जा चुका है। वहीं, बच्चा चैन की नींद सो पाए, इसका ध्यान रखना भी जरूरी है। एक रिपोर्ट के अनुसार 4 से 12 महीने के नवजातों के लिए दिन में 12 से 16 घंटे की नींद आवश्यक है। वहीं, 1 से 2 साल तक के बच्चों को 11 से 14 घंटे तक की नींद लेनी चाहिए (6)। ऐसे में, पेरेंट्स के लिए यह एक चुनौती हो सकती है कि वो कैसे बच्चों को इतने लंबे समय तक आराम से सोने में मदद कर सकते हैं।
इसके लिए बेहतर होगा कि पेरेंट्स बच्चे का सरल बेड टाइम रूटीन बनाएं, जिससे कि हर रात उसका पालन कर सकें। जब बच्चे की आंखे खुद ब खुद बंद होने लगे, तो इसका मतलब है कि बच्चे को नींद आ रही है। ऐसे में पेरेंट्स बिना शोर किए बच्चे को आराम से बिस्तर पर सुलाएं। बच्चे की नींद के दौरान किसी तरह खलल न पड़े, इसके लिए घर के जो भी काम करें बहुत ही सावधानी से और शांतिपूर्वक करें।
लेख के आखिर में जानेंगे कि क्या बच्चे को ताउम्र बुरे सपने आते रहेंगे।
क्या मेरे बच्चे को उम्र भर बुरे सपने आते रहेंगे?
कई पेरेंट्स के मन में सवाल उठता है कि क्या उनके बच्चे को उम्र भर इसी तरह बुरे सपने आते रहेंगे। इसका जवाब है नहीं, लेकिन इसके लिए पेरेंट्स को बच्चों में डरावने सपने आने के कारणों को पहचान कर उनकी रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। बच्चों की देखभाल का खास ख्याल रखें। बच्चे के साथ सोएं, इससे वे सुरक्षित महसूस करेंगे। बच्चा अच्छे से नींद ले, इसके लिए उसके कमरे के आसपास शांति का माहौल बनाएं, क्योंकि इससे बच्चे को पर्याप्त नींद लेने में मदद होगी।
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने बच्चों में बुरे सपने किन कारणों से आते हैं, इससे जुड़ी पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि यह लेख उन सभी माता पिता के लिए मददगार साबित होगा, जिनके बच्चे नींद में डरावने सपने देखकर डर जाते हैं। लेख में बताए गए उपायों की मदद से बच्चों में होने वाली इस परेशानी से राहत पाई जा सकती है। अगर बच्चे के मन में डर बैठ गया है या कोई असामान्य लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श करें। बच्चों से जुड़े ऐसे ही अन्य विषयों के संबंध में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Sleep and Early Brain Development By Karger Journal
2. Night Terror By Science Direct
3. Sleep – children and nightmares By Better Health
4. Do You Like Scary Movies? A Review of the Empirical Research on Psychological Responses to Horror Films By NCBI
5. Frequent Nightmares in Children: Familial Aggregation and Associations with Parent-Reported Behavioral and Mood Problems By NCBI
6. Recommended Amount of Sleep for Pediatric Populations: A Consensus Statement of the American Academy of Sleep Medicine By Journal of Clinical Sleep Medicine
7. Childhood Sleepwalking and Sleep Terrors: A Longitudinal Study of Prevalence and Familial Aggregation By NCBI
8. Pediatric sleep apnea By Medlineplus
9. Nightmares By Medlineplus
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