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बड़े-सयाने कहकर गए हैं कि इंसान की असली पहचान उसके बर्ताव से होती है। इसलिए, माता-पिता का फर्ज बनता है कि वो छोटी उम्र से ही बच्चों को अच्छे संस्कार दें। साथ ही उन्हें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने की सीख दें। बच्चों को यह समझाना भी जरूरी है कि बुरे व्यवहार वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम कुछ ऐसी बातें आपके साथ शेयर करेंगे, जो आपके बच्चे के काम आएंगी।
चलिए, सबसे पहले जान लेते हैं कि बच्चे गलत बर्ताव क्यों करते हैं।
बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्या क्या है?
मेडलाइनप्लस की वेबसाइट पर प्रकाशित जानकारी के अनुसार, ज्यादातर बच्चे अपने जीवन में कभी न कभी गलत व्यवहार करते ही हैं। अधिकतर बच्चों के ऐसा करने के पीछे मुख्य कारण तनाव होता है। यह तनाव घर में छोटे भाई-बहन का जन्म होना, माता-पिता का तलाक या परिवार में किसी प्रियजन की मृत्यु के कारण हो सकता है। इसके चलते बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और दूसरों के साथ ठीक तरह से पेश नहीं आते। बच्चों में बिहेवियर डिसऑर्डर होना एक गंभीर समस्या है (1)।
आइए, अब उन लक्षणों के बारे में बात करते हैं, जो बताते हैं कि बच्चे का व्यवहार बदल रहा है।
बच्चों में असामान्य व्यवहार के लक्षण
जब बच्चे के बर्ताव में बदलाव आता है, तो अमूमन घर वालों को समझ आ ही जाता है। फिर भी यहां हम कुछ सामान्य तौर पर नजर आने वाले लक्षण बता रहे हैं (1):
- इस स्थिति में बच्चे खुद को या दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी दे सकते हैं। यहां तक कि वो पालतू जानवरों को भी हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।
- घर में रखी महंगी चीजों को तोड़ते हैं या ऐसा करने का प्रयास करते हैं।
- बात-बात पर बच्चों का झूठ बोलना या चोरी करना असामान्य व्यवहार के लक्षण हो सकते हैं।
- बच्चे का पढ़ाई में मन न लगना और स्कूल जाने में आना-कानी करना इसका समस्या का एक लक्षण हो सकता है।
- बच्चों का धूम्रपान, शराब पीना या नशीली पदार्थों की ओर आकर्षित होना।
- बच्चों में असामान्य व्यवहार का लक्षण उनका जल्दी यौन गतिविधियों की तरफ ध्यान जाना हो भी सकता है।
- किसी भी बात को लेकर बार-बार नखरे और बहस करना।
- परिजनों की बातों का बार-बार विरोध करना या चिढ़ जाना।
आइए, अब बच्चों में सामान्य व्यवहार संबंधी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बच्चों के बर्ताव में बदलाव संबंधी आम समस्याएं क्या हैं?
ये समस्याएं कुछ इस तरह की होती हैं (2):
- आदर न करना- इस समस्या से जूझ रहे बच्चे अपनों से बड़ों के साथ गलत तरीके से बात करते हैं। साथ ही बड़ों के समझाने पर उनकी सुनने की जगह उल्टा उन पर चिल्लाते हैं।
- अपशब्द बोलना- जिन बच्चों को व्यवहार संबंधित समस्या होती है, वो ज्यादा अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे बच्चे बात-बात पर गली देने लगते हैं और गाली देते समय यह भी नहीं सोचते कि गाली किसे दे रहे हैं।
- आक्रामक या हिंसक व्यवहार- ऐसे बच्चे अधिक आक्रामक या हिंसक हो सकते हैं। वो दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं या पहुंचाने की धमकी दे सकते हैं। कभी-कभी तो वो खुद को भी चोट पहुंचाने से नहीं कतराते (1)।
- झूठ बोलना- बच्चों में सामान्य व्यवहार संबंधी समस्याओं में से एक झूठ बोलना भी है। वो अपनी गलत आदतों या गलतियों को छुपाने के लिए झूठ बोलने से नहीं कतराते।
- बुलिंग करना- इस समस्या से जूझ रहे बच्चे अक्सर दूसरे बच्चों को बुली करते हैं। वो उन बच्चों को मानसिक, भावनात्मक या फिर शारीरिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में अगर किसी का बच्चा दूसरों के साथ बुलिंग कर रहा है, तो उसे ऐसा करने से रोकना चाहिए।
- बातों से घुमाना- इस समस्या से जूझ रहे बच्चे अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बातों से सामने वाले को मैनीपुलेट कर सकते हैं। इसके लिए वो झूठ बोलना, रोना और दूसरे भावनात्मक तरीके अपना सकते हैं।
- चोरी करना- गलत व्यवहार के आदी हो चुके बच्चे चोरी करने से भी नहीं कतराते। वो अपने ही घर में रुपयों से लेकर कीमती सामान तक चुरा सकते हैं। बच्चों का चोरी करना सबसे गंभीर असामान्य व्यवहार माना गया है।
- स्कूल न जाना- बच्चों का एक या दो दिन स्कूल न जाना सामान्य हो सकता है, लेकिन स्कूल छोड़ने के बाद क्लास में न जाना जरूर चिंता का विषय है। साथ ही ऐसे बच्चे अपने शिक्षक और दूसरे छात्र के साथ सही बर्ताव भी नहीं करते। इसके अलावा, स्कूल न जाने के तरह-तरह के बहाने बनाते हैं।
- खाने से संबंधी समस्या- इस तरह के बच्चे को हमेशा अपनी पसंद का ही खाना चाहिए होता है। चाहे वो खाना हेल्दी हो या न हो। अगर उन्हें हेल्दी खाना दो, तो वो खाने से मना कर सकते हैं।
- सोने-उठने की समस्या- बच्चों का रात में देर से सोने और सुबह लेट से उठना भी व्यवहार में आते बदलाव से संबंधित हाे सकता है। वो बार-बार कहने पर भी रात को समय पर नहीं सोते। फिर अगली सुबह स्कूल के लिए जल्दी उठाने पर भी नहीं उठते।
बच्चों के व्यवहार से संबंधित और बाते जाननें के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याओं के जोखिम व जटिलता
जब बच्चों के बर्ताव में उतार-चढ़ाव आता है, तो विभिन्न प्रकार के जोखिम भी हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं (1) (2):
- इस समस्या के कारण बच्चा स्कूल में फेल हो सकता है।
- बिहेवियर प्रॉब्लम से जूझ रहे बच्चे को मानसिक स्वास्थ्य की समस्या हो सकती हैं।
- घर से भाग जाने के बारे में सोचना या ऐसा करने का प्रयास करना।
- कुछ बच्चे इस समस्या की वजह से आत्महत्या तक करने का प्रयास करते हैं।
- स्कूल में होने वाली किसी भी तरह की प्रतियोगिता में नाकामयाब होना।
- परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ हेल्दी रिलेशन न बना पाना।
आगे जानिए, बच्चों में व्यवहार की समस्या होने पर उन्हें कैसे संभाला जा सकता है।
बच्चों के गलत बर्ताव को ठीक करने के टिप्स
बच्चों में व्यवहार की समस्या दिखाई देने पर माता पिता कुछ तरीके को अपना सकते हैं। ये तरीके इस प्रकार हैं :
- प्यार से संभाले- अगर किसी के बच्चे में व्यवहार की समस्या है, तो उन्हें प्यार से हैंडल करें। ऐसी स्थित में बच्चों से ऐसे किसी तरह की बात न करें, जिससे कि उनका बर्ताव और खराब हो जाए।
- ज्यादा रियेक्ट न करें- व्यवहार की समस्या से परेशान बच्चे की बातों पर ज्यादा प्रतिक्रिया न दें या उनकी बातों को लेकर बहुत ज्यादा गुस्सा न करें। इससे उनके मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे व्यवहार में सुधार होने की जगह स्थिति और खराब हो सकती है।
- सकारात्मक सोच रखें- बच्चे की समस्या को लेकर सकारत्मक सोच रखें। अपने मन में यह सोच बनाकर रखें कि बच्चों के व्यवहार पर नियमित रूप से ध्यान देने पर कुछ हद तक सुधार हो सकता है।
- बच्चे को टाइम दें– अगर बच्चे को बिहेवियर प्रॉब्लम है, तो उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं। साथ ही उन्हें समझाने की कोशिश करें कि अपनों और दूसरों के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। इससे उसमें जरूर सुधार नजर आएगा।
- उम्मीद न छोड़ें- ऐसा कभी न सोचें कि उसमें सुधार होना संभव नहीं है। बस सकारात्मक सोच के साथ उसके साथ बने रहें।
- प्रयास करते रहें- अगर अपने बच्चे को बदलने के लिए निरंतर रूप से प्रयास करते रहेंगे, तो कुछ ही दिनों में उसके व्यवहार में परिवर्तन देख सकेंगे।
- बच्चे से बात करें- कई बार घर वाले बच्चे के व्यवहार की समस्या को नहीं समझ पाते हैं और उन पर कड़ाई बरतने लगते हैं। इससे उनका व्यवहार और बिगड़ सकता है। ऐसे में उनके व्यवहार को ठीक करने के लिए उनसे बात करें और समझे कि उनके खराब व्यवहार का कारण क्या है। इससे उनके व्यवहार में सुधार करना आसान हो सकता है।
- पुरस्कृत करें- अगर बच्चा कोई अच्छा काम करता है, तो उसे प्रोत्साहित करने के लिए इनाम दें। इससे उसके और आपके बीच की दूरी कम होगी। साथ आप पर उसका विश्वास और मजबूत होगा।
- हाथ उठाने से बचें– कई माता-पिता बच्चे के गलत व्यवहार करने पर मार-पीट करने लगते हैं, जो गलत है। इससे बच्चे के मन में अपने माता-पिता के प्रति द्वेष उत्पन्न हो सकता है, जो उनके खराब व्यवहार का कारण बन सकता है। इसलिए, बच्चे के बुरा व्यवहार करने पर उन्हें प्यार से समझना चाहिए।
- जोर जबरदस्ती न करें- इस तरह के बच्चों के साथ कभी जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। अगर किसी काम को करने का उनका मन नहीं है, तो उस काम को करने के लिए उन्हें थोड़ा समय दें। इससे उन पर सकारात्मक असर हो सकता है और व्यवहार में सुधार हो सकता है।
लेख के अंतिम भाग में हम उस अवस्था की बात कर रहे हैं, जब डॉक्टर की सलाह जरूरी हो जाती है।
डॉक्टर्स से कब संपर्क करें
व्यवहार संबंधी कुछ स्थितियों में डॉक्टर की मदद लेना जरूरी हो जाता है। ये स्थिति कुछ इस प्रकार की हो सकती है:
- व्यवहार संबंधी समस्या होने पर बच्चा खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करें, तो ऐसी स्थिति में विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
- अगर बुरे व्यवहार के साथ ही वो नशा करना और घर में रखें सामान को तोड़ने लगें, तो मनोचिकित्सक से बात करना जरूरी हो जाता है।
- बच्चे के व्यवहार संबंधी समस्या के कारण किसी तरह की मानसिक परेशानी के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कुछ हद तक बच्चों में व्यवहार की समस्या को सहन किया जा सकता है, लेकिन यह समस्या जल्द ठीक न हो, तो इससे दूसरों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में उनके व्यवहार को ठीक करने के लिए सही तरीके को अपनाना जरूरी है, जिसके बारे में ऊपर लेख में विस्तार से बताया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
References
1. Child Behavior Disorders By Medlineplus
2. Behavioural and emotional disorders in childhood: A brief overview for paediatricians By NCBI
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