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शिशु जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, उनके आहार में स्तनपान के अलावा दूसरे खाद्य पदार्थ को भी शामिल किया जाता है। इसमें फल और सब्जियों के साथ-साथ कुछ गुणकारी मसालों को भी शामिल करने की सलाह दी जाती है। ऐसा ही एक मसाला है हींग। ऐसे तो हींग के फायदे कई सारे हैं, लेकिन बच्चों के लिए हींग फायदेमंद है या नहीं, यह जानना जरूरी है। तो अगर माता-पिता बच्चों के आहार में हींग शामिल करना चाहते हैं, लेकिन मन में संशय हो तो मॉमजंक्शन यह लेख उपयोगी हो सकता है। यहां हम बच्चों के लिए हींग के फायदे और नुकसान से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। तो बच्चों को हींग देने का यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।
आइए, इस आर्टिकल के पहले भाग में जान लेते है कि बच्चों के लिए हींग सुरक्षित है या नहीं।
क्या हिंग शिशुओं के लिए सुरक्षित है?
जी हां, शिशुओं के लिए हींग का उपयोग करना सुरक्षित होता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया है कि शिशुओं में पेट फूलने और कालिक पेन (पेट के दर्द) के इलाज में हींग का उपयोग किया जाता रहा है (1)। वहीं, एक दूसरे शोध की मानें, तो छोटे बच्चों में उदरशूल से जुड़ी समस्याओं के लिए हींग के पेस्ट का उपयोग प्रभावकारी हो सकता है (2)। वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश रिसर्च के अनुसार, शिशुओं को हींग न देने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे मेथेमोग्लोबिनेमिया (Methemoglobinemia- रक्त संबंधी समस्या) का जोखिम हो सकता है (3)। हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की भी आवश्यकता है, लेकिन सावधानी के तौर पर शिशुओं को हींग देने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
इस आर्टिकल के अगले हिस्से में हम बताने जा रहे हैं कि बच्चों को कब और कैसे हींग देना चाहिए।
बच्चों को हींग कब और कैसे खिलाना शुरू करें?
बच्चों के 12 महीने के होने के बाद हींग देना शुरू कर सकते हैं। दरअसल, बच्चे के एक साल का होने तक उसे किसी भी प्रकार के तीव्र मसाले देने की सलाह नहीं दी जाती है (4)। वहीं, हींग अपने तीव्र गंध के लिए जाना जाता है (5)। ऐसे में, इस आधार पर बच्चे के एक साल का होने के बाद ही उसके आहार में हींग को शामिल करें। बच्चे के खाने में मसाले के तौर पर हल्की मात्रा में हींग का उपयोग करें, क्योंकि इसकी तेज गंध के कारण इसकी थोड़ी मात्रा ही काफी है।
अब हम छोटे बच्चों के लिए हींग के उपयोग और उससे होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं।
छोटे बच्चे के लिए हिंग के उपयोग और लाभ
हींग बच्चों को कई समस्याओं से दूर रखने का काम कर सकता है। साथ ही उनके बेहतर विकास में भी उपयोगी हो सकता है। तो बच्चों के लिए हींग के फायदे कुछ इस तरह से हो सकते हैं:
- पाचन क्रिया में सहायक- छोटे बच्चों के लिए हींग का उपयोग करने पर पाचन क्रिया बेहतर हो सकती हैं। दरअसल, लैक्सेटिव (पेट साफ करने वाला), कार्मिनेटिव (गैस बनने से रोकने वाला), पेट फूलने से बचाव के गुण होते हैं (6)। ऐसे में हींग के ये गुण पाचन क्रिया को बेहतर करने में मददगार हो सकते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि बच्चे के आहार में हींग का उपयोग अपच जैसी परेशानियों से बचाव कर सकता है।
- पेट दर्द से राहत- पेट दर्द से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में भी हींग सहायक हो सकती है। दरअसल, इससे जुड़ी जानकारी में इस बात का जिक्र मिलता है कि हींग को पेट दर्द के लिए पारंपरिक दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है (7)। वहीं, इसके पीछे हींग में मौजूद एनाल्जेसिक यानी दर्द निवारक और एंटी स्पास्मोडिक यानी ऐंठन को कम करने वाले गुणों को जिम्मेदार मान सकते हैं (8)। शिशुओं को पेट दर्द होने पर इसके पेस्ट को पेट पर लगा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रहे पेस्ट नाभि में नहीं लगनी चाहिए।
- निमोनिया के लिए- बच्चों में निमोनिया की समस्या में भी हींग लाभकारी हो सकती है। इसका उपयोग खांसी, दमा और निमोनिया के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता रहा है (7)। हींग में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो निमोनिया का कारण बनने वाले बैक्टीरिया पर प्रभावकारी हो सकते हैं (9)। हालांकि, अगर किसी बच्चे में निमोनिया के गंभीर लक्षण हो तो बेहतर है घरेलू उपाय करने के बजाय डॉक्टरी सलाह लें। हींग लक्षणों को कुछ हद तक कम कर सकती है, लेकिन इसे निमोनिया का इलाज समझने की भूल न करें।
- अस्थमा से बचाव – बच्चों में अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी हींग सहायक साबित हो सकती है (7)। दरअसल, हींग के एक्वस एक्सट्रेक्ट (जलीय अर्क) में एंटी-अस्थमेटिक प्रभाव होते हैं, जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने का काम कर सकता है। इसके साथ ही इसमें एंटी एलर्जी, ब्रोंकोप्रोटेक्टिव और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो श्वासनतंत्र में होने वाली बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं (10)। इतना ही नहीं, छोटे बच्चे में हल्की-फुल्की खांसी की समस्या में भी इसका इस्तेमाल उपयोगी हो सकता है (7)। इस स्थिति में शिशु के आहार में मसाले के रूप में हींग का उपयोग कर सकते हैं।
- मधुमेह का जोखिम कम करे – डायबिटीज का जोखिम सिर्फ बड़ों को ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी होता है। किशोरों और बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है, जिसे जुवेनाइल डायबिटीज (Juvenile diabetes) कहते हैं (11)। ऐसे में इस जोखिम को कम करने के लिए बच्चे के आहार में पहले से ही हींग शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, हींग में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं, जो मधुमेह के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकते हैं (12)।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण – शरीर को फ्री रेडिकल के वजह से कई बीमारियों का जोखिम हो सकता है। दरअसल, फ्री रेडिकल शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाकर कोशिकाओं के क्षति का कारण बनते हैं (13)। फ्री रेडिकल के कारण ह्रदय रोग, आंखों से संबंधित समस्याएं, कैंसर जैसे घातक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है (14)। ऐसे में फ्री रेडिकल से बचाव के लिए एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ उपयोगी हो सकते हैं। इसी में हींग का नाम भी शामिल है। हींग का एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है (12)।
- उच्च रक्तचाप से बचाव – एक वक्त था जब हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सिर्फ बड़ों को ही होती थी। हालांकि, आजकल बच्चों में भी उच्च रक्तचाप की समस्या देखी जा सकती है (15)। ऐसे में बच्चों में इस जोखिम को कम करने के लिए शुरुआत से ही उनके खानपान और जीवनशैली का ध्यान रखना जरूरी है। तो ऐसे में हींग को उनके आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, हींग का एंटी ह्यपरटेंसिव (रक्तचाप को कम करने वाला गुण) और एंटी ऑक्सीडेंट गुण उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं (12)।
- इम्यून पावर के लिए – बड़ों की तुलना में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है (16)। ऐसे में शिशुओं के इम्युनिटी को बढ़ाने में भी हींग उपयोगी हो सकती है। दरअसल हींग में मौजूद फेरुलिक एसिड (Ferulic acid – हींग का महत्वपूर्ण घटक) एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि प्रदर्शित कर सकता है। यही एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में भी सहायक हो सकता है। ऐसे में बच्चे के इम्यून पावर को बढ़ाने के लिए भी हींग को उनके आहार में शामिल करना जरूरी है (8)।
चलिए, अब जानते हैं कि बच्चों के लिए हींग के इस्तेमाल करने के समय ध्यान रखने वाली बातों के बारे में।
बच्चे के लिए हिंग का उपयोग करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ बातें
छोटे बच्चों के लिए हींग तभी फायदेमंद होगी जब इसे पूरी सावधानी के साथ इस्तेमाल किया जाए। ऐसे में इसे छोटे बच्चों के लिए उपयोग करते वक्त कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है। तो बच्चे के लिए हींग का उपयोग करते वक्त नीचे बताई गई बातों का खास ध्यान रखें:
- छोटे बच्चों के आहार में हींग को शामिल करने से पहले इस बारे में डॉक्टर से चर्चा कर लें।
- बच्चों के लिए उच्च ब्रांड का हींग खरीदें।
- उनके लिए हींग इस्तेमाल करने से पहले उसकी बनने की तिथि और एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें।
- शुरुआत में बच्चों को हमेशा कम मात्रा में हींग देना चाहिए। धीरे-धीरे करके इसकी मात्रा को बढाएं।
- छोटे बच्चों को हींग सीधे खाने के लिए न दें। हींग को उनके खाने में मसाले के तौर पर शामिल करें।
- बच्चे के आहार में पहली बार हींग शामिल करने के बाद कुछ दिनों तक उन्हें हींग न दें, बल्कि कुछ वक्त तक इंतजार करें, ताकि हींग की प्रतिक्रिया का पता चल सके।
- शिशु हींग युक्त आहार खाने के बाद अगर रोने लगे या चिड़चिड़ा हो तो तुरंत शिशु विशेषज्ञ से संपर्क करें।
- बच्चों को किसी तरह के टॉनिक या दवाई दे रहे हैं, तो हींग को देने से पहले डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
हींग एक उपयोगी मसाला है, जिसे बच्चों के लिए हमेशा सिमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से बच्चे को लाभ तो होता है, पर अधिक इस्तेमाल से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, इसे सही सलाह पर ही उपयोग करें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारी आपके काम आएगी। इस तरह के बच्चों के आहार से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए मॉमजंक्शन के वेबसाइट पर पब्लिश दूसरे आर्टिकल को भी पढ़ सकते हैं।
References
1. Antibacterial activity of Ferula asafoetida: a comparison of red and white type By JAB
2. EFFECT OF HINGU (Ferula Asafoetida) PRATISARAN ON UDARSHUL (EVENING COLIC) IN THREE MONTHS OLD INFANT – A CASE STUDY By IJRAMS
3. Severe Methemoglobinemia Secondary to Ferula asafoetida Ingestion in an Infant: A Case Report By NCBI
4. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years By Medlineplus
5. Biological activities and medicinal properties of Asafoetida: A review By NCBI
6. Digestive stimulant action of spices : A myth or reality? By Citesreex
7. The relaxant effect of Ferula assafoetida on smooth muscles and the possible mechanisms JHP
8. A single-blind randomized comparative study of Asafoetida vs Mefenamic acid in dysmenorrhea, associated symptoms and health-related quality of life JHM
9. Biological activities and medicinal properties of Asafoetida: A review By NCBI
10. Evaluation of Bronchoprotective Effect of Ferula Asafetida in Guinea pigs By IOSR
11. Diabetes in Children and Teens By Medlineplus
12. HING (Ferula foetida Regel): A potent Unani Herb with its descriptive parameters of pharmacognosy and pharmacology: A Review By Academia
13. Antioxidants: In Depth By NIH
14. Antioxidants By Betterhealth
15. High blood pressure – children By Medlineplus
16. Evolution of the immune system in humans from infancy to old age By NCBI
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