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बच्चे के जन्म से ही एक मां की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने शिशु का ख्याल रखें। दरअसल, जन्म के बाद बच्चों में कुछ ऐसे लक्षण दिख सकते हैं, जो सामान्य न हो। जैसे कि बच्चों का आंख खोलकर सोना। कई बार आपने कुछ ऐसे बच्चे देखे होंगे जिन्हें आंख खोलकर सोने की आदत होती है। अब यह जानना जरूरी है कि यह आदत सामान्य है या नहीं। मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में आपको बच्चों की इस आदत के बारे में जानने को मिलेगा। साथ ही लेख में आंख खोलकर सोने से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ इस पर रोक लगाने से जुड़े टिप्स भी दिए गए हैं।

चलिए, सबसे पहले जानते हैं बच्चों में आंख खोलकर सोना कितना आम है।

क्या बच्चों का आंखें खोलकर सोना सामान्य है?

बच्चे के आंख खोलकर सोने की आदत किसी भी माता पिता को परेशानी में डाल सकती है। वहीं, कुछ शोध की मानें, तो आंख खोलकर सोना सामान्य होता है। इस संबंध में एक अध्ययन किया गया है, जिसमें शामिल 1.4 फीसदी लोगों को आंख खोलकर सोने की आदत थी और वहीं, 13 फीसदी लोगों में यह आदत आनुवंशिक पाई गई। हालांकि, बड़ों में यह समस्या बेहद आम है, लेकिन बच्चों में बहुत कम यह परेशानी देखने को मिलती है। मेडिकल साइंस में आंख खोलकर सोने को नोकटर्नल लैगोफथाल्मोस (Nocturnal Lagophthalmos) कहा जाता है (1) बता दें कि कुछ विशेष स्थितियों में बच्चे का आंखों को खोलकर सोना गंभीर भी हो सकता है, जिसके बारे में लेख में आगे जानकारी दी गई है।

स्क्रॉल करके जानिए कि बच्चे में आंख खोलकर सोने के क्या कारण हैं।

बच्चे आंखें खोलकर क्यों सोते हैं? | बच्चों के आंखें खोलकर सोने के कारण

कई शोधों में बच्चों के आंख खोलकर सोने के असली कारण का पता नहीं चल पाया है। बावजूद इसके कई कारण हैं, जो इस प्रकार हैं :

1.आनुवांशिक : कई शोध के अनुसार, अगर मां-बाप में से किसी में आंख खोलकर सोने की आदत है, तो बच्चे में भी यह आदत हो सकती है (2)

2.रैपिड आई मूवमेंट (REM) : बच्चों के आंख खोलकर सोने का एक कारण रैपिड आई मूवमेंट स्लीप बिहेवियर डिसऑर्डर हो सकता है। बच्चों में यह स्थिति लंबे समय तक रह सकती है। यह समस्या बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी हो सकती है। इसमें वह सपने में कुछ गतिविधियां कर रहे होते हैं, जिसके कारण उनकी आंखें खुली रहती हैं (3)

3.बेल्स पाल्सी : बच्चों के आंख खोलकर सोने के कारणों में बेल्स पाल्सी (Bell’s palsy) का नाम भी शामिल है। बेल्स पाल्सी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आधे चेहरे की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं ()। इसमें बच्चे को आंखों की पलकों को खोलने और बंद करने में समस्या होती है (4)

4.कोशिकाओं में पानी की कमी : एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, शरीर की कोशिकाओं में मौजूद पानी (Intracellular water) की कमी के कारण पलकों के ऊतक सिकुड़ सकते हैं, जिस वजह से सोते समय आंखों को बंद करने के लिए दबाव बनाने में दिक्कत हो सकती है और बच्चों की आंखें खुली नजर आ सकती हैं (5)

5.यूरोफेशियल सिंड्रोम (Urofacial Syndrome) : यूरोफेशियल सिंड्रोम को ओचोआ के नाम से भी जाना जाता है। यह यूरोपैथी और चेहरे की असामान्यताओं से जुड़ा है। यूरोफेशियल सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों में भी सोते समय आंखों को बंद करने में तकलीफ हो सकती है (7)

लेख में आगे जानते हैं कि बच्चों के आंख खोलकर सोने के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

बच्चों में आंखें खोलकर सोने के नुकसान

सामान्य तौर पर बच्चों का आंख खोलकर सोना खतरनाक नहीं होता है। लेकिन, बच्चे को लंबे समय से आंख खोलकर सोने की आदत है, तो इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। बच्चों के आंखें खोलकर सोने से होने वाले नुकसान के बारे में नीचे बता रहे हैं।

  • आंखें थकी हुई दिखना : आंख खोलकर सोने पर आंखों को पर्याप्त मात्रा में आराम नहीं मिल पाता है। इससे आंखें कमजोर पड़ सकती हैं। साथ ही आंखों को उचित आराम नहीं मिलने के कारण आंखें थकी हुई नजर आ सकती हैं।
  • नींद की गुणवत्ता में कमी : आंख खोलकर सोने से शिशु गहरी नींद में नहीं सो पाता है। इससे आंखें असहज महसूस कर सकती हैं। इस कारण उसकी नींद की गुणवत्ता में कमी हो सकती है (8)
  • आंखों में जलन : शिशु के आंखों खोलकर सोने के कारण उठते समय उनकी आंखों में जलन महसूस हो सकती है (9)।
  • धुंधली दृष्टि होना : आंख खोलकर सोने से बच्चों में दृष्टि दोष का भी जोखिम बढ़ जाता है। इससे उनमें साफ नजर न आने की शिकायत हो सकती है (8)
  • आंखों में तेज दर्द होना : आंखों को खोलकर सोने से दोनों आंखों में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है (8)
  • आंखों का लाल होना : आंख खोलकर सोने से आंखों को ठीक से आराम नहीं मिल पाता है, जिस वजह से कई बार आंखें लाल पड़ सकती हैं (9)

लेख में आगे बच्चे के आंख खोलकर सोने के इलाज से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

बच्चों के आंखें खोलकर सोने का इलाज

बच्चों के आंख खोलकर सोने के मामूली मामलों में यह समस्या कुछ समय के बाद अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ मामलों में डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत हो सकती है। इसके लिए डॉक्टर निम्नलिखित विकल्पों की सलाह दे सकते हैं (8) :

  • सोते समय बच्चे की आंखों को बंद करने के लिए सर्जिकल टेप लगाने की सलाह दी जा सकती है।
  • आंखों में नमी प्रदान करने के लिए आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने के लिए कह सकते हैं।
  • कुछ मामलों में डॉक्टर आर्टिफिशियल टियर्स के इस्तेमाल की सलाह दे सकते हैं।
  • कुछ गंभीर स्थितियों में सर्जरी करनी पड़ सकती है। हालांकि, यह पूरी तरीके से डॉक्टर पर निर्भर करता है।
  • जैसा कि लेख में बच्चे के आंख खोलकर सोने के कई कारण बताए गए हैं। ऐसे में डॉक्टर समस्या का सटीक कारण जानकर परेशानी का इलाज कर सकते हैं।

इस विषय में अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

डॉक्टर से कब परामर्श करें

वैसे तो बच्चों का आंख खोलकर सोना कोई परेशानी की बात नहीं है। लेकिन, बच्चे में नीचे बताए जा रही समस्याएं दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

  • आंख खोलकर सोने की वजह से बच्चों की आंखों का लाल होना।
  • अगर बच्चा अक्सर उठने पर आंखों को रगड़ते हुए रोता है, तो इस बारे में डॉक्टर से चर्चा करें।
  • आंखों खोलकर सोने के कारण बच्चे की आंख दिन में ठीक तरह से नहीं खुलती है, तो बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं।
  • बच्चा सोते समय ज्यादा आंख खोलकर सो रहा है या बच्चा एक साल की उम्र के बाद भी आंख खोलकर सोता है, तो डॉक्टर की सलाह लेना बनता है।

बच्चों का आंखें खोलकर सोने से जुड़ा यह लेख उन सभी माता-पिता के लिए है, जिनके बच्चों को अक्सर यह समस्या होती रहती है। वैसे तो बच्चों का आंख खोलकर सोना अधिक चिंता का विषय नहीं है। लेख में बताए गए उपायों की मदद से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही, माता पिता को सतर्क रहने की जरूरत है। यदि बच्चे में किसी तरह के कोई गंभीर लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देरी करे डॉक्टर से संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई सभी जानकारी पाठक के लिए मददगार साबित होंगी। बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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