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वैसे तो अजवाइन एक सामान्य मसाला है, जो विशेष सुगंध के कारण खाना बनाने में इस्तेमाल होता है। मगर, कुछ खास औषधीय गुणों की मौजूदगी के चलते इसे सेहत और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इन्हीं औषधीय गुणों के कारण घर के बड़े-बुजुर्ग भी कई बार बच्चों को अजवाइन देने का सुझाव दे देते हैं। ऐसे में पहली बार ठोस आहार लेने वाले बच्चों को अजवाइन देना सही है या नहीं? यह बात कई माता-पिता को परेशान करती है। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों के लिए अजवाइन के फायदे के साथ-साथ इसके नुकसान भी बताने जा रहे हैं। ताकि आप खुद तय कर सकें कि बच्चों को अजवाइन देना कितना उचित है। इसके अलावा लेख में हम अजवाइन को इस्तेमाल करने के कुछ आसान तरीके भी बताएंगे।
तो चलिए बच्चों को अजवाइन देना सुरक्षित है या नहीं, पहले हम इसी बात को समझ लेते हैं।
क्या बच्चों को अजवाइन दे सकते हैं? | Ajwain For Baby In Hindi
अजवाइन के औषधीय गुणों की वजह से बच्चों को आजवाइन देना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, बच्चों को अजवाइन कैसे देना चाहिए, यह उनकी उम्र पर निर्भर कर सकता है। अगर बच्चा छोटा है, तो अजवाइन के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अजवाइन का पानी बच्चों में कॉलिक की समस्या (अज्ञात कारणों से घंटों तक रोना) और पेट संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इस बात को अजवाइन के फायदों से संबंधित एक शोध में माना गया है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बच्चों को अजवाइन दी जा सकती है।
लेख के अगले भाग में अब हम बताएंगे कि बच्चों को अजवाइन देना कब से शुरू कर सकते हैं।
बच्चों को अजवाइन देना कब शुरू करें?
एक रिसर्च पेपर के अनुसार बच्चे के साल भर का होने पर उसे किसी भी तरह के पके हुए खाद्य देना शुरू किया जा सकता है, जिसमें अजवाइन के पानी और काढ़े का भी जिक्र मिलता है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि एक साल की उम्र होने पर बच्चे को अजवाइन युक्त पानी देना शुरू किया जा सकता है। इसके बाद शिशु के दांत निकलने की उम्र पर उसे धीरे-धीरे अजवाइन युक्त बने आहार भी खाने के लिए दिए जा सकते हैं। वहीं, डॉक्टर की मानें तो बच्चा जब ठोस आहार का सेवन शुरू कर देता है, तो बच्चे के पूरे दिन के आहार में बहुत ही कम मात्रा में अजवाइन का चूर्ण शामिल किया जा सकता है। वहीं, जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए तो उनके आहार जैसे – प्यूरी, पराठा में मिलाकर अजवाइन दे सकते हैं। अजवाइन का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्या जैसे – कब्ज, सर्दी-जुकाम, खांसी, कॉलिक की समस्या के लिए उपयोगी हो सकता है।
यहां अब हम अजवाइन के पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।
अजवाइन के पोषक तत्व | Nutritional Benefits Of Ajwain
नीचे दिए गए बिन्दुओं के माध्यम से हम प्रति 100 ग्राम अजवाइन में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (3):
- प्रति 100 ग्राम अजावइन में करीब 238 किलोकैलोरी ऊर्जा, 23.81 ग्राम प्रोटीन, 47.62 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 47.6 ग्राम फाइबर मौजूद होता है।
- वहीं मिनरल की बात करें तो 100 ग्राम अजवाइन में, 667 मिलीग्राम कैल्शियम, 16.19 मिलीग्राम आयरन और 1333 मिलीग्राम पोटैशियम उपलब्ध रहता है।
- इसके अलावा 100 ग्राम अजवाइन में 0.62 ग्राम फैटी एसिड (टोटल सैचुरेटेड) भी पाया जाता है।
अब जानिए बच्चों की सेहत के लिए अजवाइन किस प्रकार फायदेमंद है।
बच्चों के लिए अजवाइन के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ | Bachoo Ke Liye Ajwain Ke Fayde
लेख के इस भाग में हम बच्चों के लिए अजवाइन के कुछ अहम फायदे बताने जा रहे हैं। इन फायदों के माध्यम से बच्चों के लिए अजवाइन की उपयोगिता को आसानी से समझा जा सकता है।
1. सांस लेने संबंधी समस्या दूर करे
अजवाइन में थियोफिलीन नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व की मौजूदगी के कारण अजवाइन में एंटी अस्थमा (अस्थमा से राहत दिलाने वाला) और एंटी डिस्पेनिया (सांस की तकलीफ को दूर करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। यह दोनों प्रभाव संयुक्त रूप से डिस्पेनिया और अस्थमा की समस्या जैसी कई स्थितियों में सहायक हो सकते हैं (4)। इस लिहाज से सांस संबंधी समस्या से ग्रस्त बच्चों के लिए अजवाइन को उपयोगी माना जा सकता है।
2. सर्दी-खांसी की समस्या दूर करे
लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि अजवाइन में थाइमोल नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जो सांस संबंधी समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है। वहीं एक अन्य शोध में यह जिक्र मिलता ही कि अजवाइन में पाया जाने वाला थाइमोल अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक इंफेक्शन (ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण) को कम कर खांसी की समस्या में भी राहत पहुंचा सकता है (5)। इसके अलावा एक अन्य शोध में माना गया है कि गर्म पानी के साथ अजवाइन को चबाकर खाने से बलगम को बाहर निकलने और नाक की रुकावट को साफ करने में मदद मिलती है। इस तरह यह सर्दी और खांसी दोनों में मददगार माना गया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि घरेलू तौर पर सर्दी और खांसी का इलाज करने में अजवाइन बेहतर विकल्प साबित हो सकती है।
3. हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए
वैसे तो हृदय रोग की समस्या मुख्य रूप से वयस्कों में देखी जाती थी, लेकिन आजकल बच्चों में भी इस समस्या का जोखिम काफी बढ़ गया है (6)। ऐसे में अजवाइन का सेवन बच्चों में इस जोखिम को कम करने का काम कर सकता है। इस बात की पुष्ट एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) पर प्रकाशित अजवाइन से संबंधित एक शोध से होती है। शोध में माना गया है कि अजवाइन में मौजूद थाइमोल तत्व हृदय गति और बढ़े रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। इससे हृदय संबंधित जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है (4)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बच्चे के ह्रदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी अजवाइन कारगर साबित हो सकती है।
4. पेट की समस्याएं दूर करने के लिए
अजवाइन आंत की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ ही पाचक रस बनने की प्रक्रिया को बढ़ा सकती है। इससे आंतों के विकार जैसे :- पेट दर्द की समस्या या दस्त में लाभ मिल सकता है (4)। इसके अलावा, अजावइन का आसुत जल (पानी उबलने पर भाप इकट्ठा करके पाप्त किया गया पानी) गैस बनना, पेट फूलना और अपच से राहत दिला सकता है। साथ ही यह भूख बढ़ाने में सहायक है। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि बच्चों में पेट संबंधी समस्याओं का उपचार करने के लिए अजवाइन को उपयोग किया जा सकता है।
5. त्वचा संक्रमण से बचाव करने के लिए
बच्चों को त्वचा संबंधित संक्रमण से बचाने के लिए भी अजवाइन का इस्तेमाल किया जा सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित अजवाइन के शोध से इस बात का इशारा मिलता है। शोध में जिक्र मिलता है कि अजवाइन में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह गुण बैक्टीरिया और फंगस के कारण होने वाले इन्फेक्शन से बचाव करने में मदद कर सकते हैं (4)। इसके लिए अजवाइन का तेल उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इस आधार पर बच्चे में त्वचा संक्रमण का इलाज करने के लिए भी अजवाइन को उपयोगी माना जा सकता है।
6. कब्ज में सहायक
नवजात शिशुओं के पेट की मांसपेशियां कमजोर होती हैं, जिस वजह से बच्चों में कब्ज होना आम होता है। इस समस्या में मुख्य रूप से पेट में दर्द और गैस की समस्या देखने को मिलती है (7)। वहीं, अजवाइन में कार्मिनेटिव (गैस से राहत दिलाने वाला) गुण होता है (2)। इस गुण के कारण अजवाइन कब्ज के कारण होने वाली पेट फूलने और गैस बनने जैसे समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकती है। वहीं एक अन्य शोध में सीधे तौर माना गया है कि अजवाइन में लैक्जेटिव (मल को ढीला करने वाला) गुण मौजूद होता है (8)। इस आधार पर छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या दूर करने के लिए घरेलू उपाय में अजवाइन का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है।
7. हड्डियों की मजबूती और नींद में सुधार के लिए उपयोगी
शिशु के विकास, रक्त प्रवाह और नींद पैटर्न की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तेल से बच्चे के शरीर की मालिश करना काफी प्रभावकारी माना जाता है (9)। वहीं, एनसीबीआई पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर के अनुसार, बच्चे के लिए मालिश करने वाले तेल का प्रभाव बढ़ाने के लिए अजवाइन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है (10)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बच्चों की हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही नींद में भी सुधार करने के मामले में अजवाइन युक्त तेल का मसाज अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
इस भाग में जानते हैं, घरेलू उपचार के तौर पर बच्चों के लिए अजवाइन के उपाय।
अजवाइन को घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग करने का तरीका
यहां हम घरेलू तौर पर बच्चों के लिए अजवाइन इस्तेमाल करने के तरीके बताने जा रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
1. अजवाइन का पानी | Bachoo Ke Liye Ajwain Ke Pani
सामग्री :
- एक गिलास पानी
- आधा चम्मच अजवाइन
बनाने की विधि :
- एक पैन में एक गिलास पानी लें और उबाल आने तक उसे गर्म करें।
- उबाल आने पर उसमें आधा चम्मच अजवाइन डालें और कुछ मिनट तक उबालें।
- इसके बाद गैस बंद कर दें और पानी को छान लें।
- जब यह ठंड़ा हो जाए तो इसे बच्चे को पिला सकते हैं।
फायदे :
अजवाइन पानी के सेवन से बेबी कोलिक (बच्चे का जरूरत से अधिक रोना) और पेट संबंधी समस्याओं के साथ-साथ सांस से जुड़ी समस्याओं जैसे, सर्दी-खांसी का भी उपचार किया जा सकता है।
कितनी मात्रा में दें :
दिन भर में लगभग 2 से 3 चम्मच तक अजवाइन का पानी एक साल से बड़े बच्चों को पिलाया जा सकता है (2)। वहीं बड़े बच्चों के लिए उम्र के आधार पर इस मात्रा को करीब आधे कप तक बढ़ाया भी जा सकता है।
2. अजवाइन का काढ़ा | Bachoo Ke Liye Ajwain Kada
सामग्री :
- पांच से छह तुलसी की पत्तियां
- 5 ग्राम चम्मच अजवाइन
- एक लौंग
- आधा छोटा चम्मच हल्दी
- आधा छोटा चम्मच अदरक पाउडर
- आधा कप पानी
बनाने की विधि :
- सभी सामग्रियों को एक पैन में डालकर इसे अच्छे से उबालें।
- जब इसका पानी लगभग आधा रह जाए, तो इस पानी को छान लें।
- फिर हल्का गुनगुना रहने पर बच्चे को पीने के लिए इसे दे सकते हैं।
फायदे :
बच्चों के लिए तुलसी, अदरक और अजवाइन से बना काढ़ा लाभकारी माना जा सकता है। वजह यह है कि अजवाइन में जहां एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) और थर्मोजेनिक (गर्मी प्रदान करने वाला) प्रभाव होता है। वहीं तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल (सूक्ष्म बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव होता है। इसके अलावा अदरक प्राकृतिक तौर पर गर्म होता है। इस कारण इन सामग्रियों के मिश्रण से तैयार पेय बुखार और सर्दी-खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (2)। इसलिए बच्चों के लिए अजवाइन का काढ़ा फायदेमंद हो सकता है। इसे कैसे बना सकते हैं, इसकी विधि हमनें पहले ही ऊपर बता दी है।
3. अजवाइन की पोटली | Ajwain Potli
सामग्री :
- दो बड़े चम्मच अजवाइन
- एक साफ मुलायम कपड़ा
बनाने की विधि :
- एक कड़ाही में अजवाइन को कुछ मिनट तक भूनें।
- जब अजवाइन की सुंगध तेज हो जाए तो इसे भूनना बंद कर दें।
- फिर भूने हुए अजवाइन के दानों को एक साफ मुलायम कपड़े में लपेट कर एक पोटली बना लें।
- इसे थोड़ा ठंडा होने दें और हल्का गर्म (जितना बच्चा सह सके) रहने पर इससे बच्चे के सीने की सिकाई करें।
फायदे :
पारंपरिक तौर पर शिशुओं के छाती में बलगम या बंद नाम की समस्या होने पर, घरेलू तौर पर अजवाइन की पोटली का इस्तेमाल किया जाता है। अजवाइन से जुड़े एक शोध में माना गया है कि अजवाइन पाउडर को कपड़े में बांधकर सूंघने से गंभीर सर्दी और सिर दर्द से राहत पाई जा सकती है (11)। वहीं अजवाइन की गर्म सिकाई को अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्या में लाभकारी माना गया है (8)। इस आधार पर माना जा सकता है कि अजवाइन की पोटली अस्थमा से राहत दिलाने के साथ ही सर्दी और सिर दर्द में भी सहायक हो सकती है।
नोट : बच्चे के सीने की सिकाई करते समय हल्के हाथों का इस्तेमाल करें।
3. अजवाइन के तेल से मालिश
सामाग्री :
- एक छोटा चम्मच अजवाइन
- आधा कप सरसों का तेल
बनाने की विधि :
- सरसों के तेल में अजवाइन के दानें डालें और इसे गर्म करें।
- तेल से धुआं आने तक इसे गर्म करें।
- तेल गरम होने के बाद तेल को छानकर अलग बर्तन में ठंडा होने के लिए रख दें।
- जब तेल हल्का गुनगुना रह जाए तो इससे बच्चे की मालिश कर सकते हैं।
फायदे :
जैसा लेख में बता चुके हैं कि अजवाइन के तेल से बच्चों की मालिश करने से उनकी हड्डियां मजबूत बनती हैं और नींद में सुधार होता है (10)। इस आधार पर बच्चों की मालिश करने के लिए अजवाइन का तेल इस्तेमाल करना लाभकारी माना जा सकता है।
4. अजवाइन और गुड़ का पानी | Ajwain And Jaggery Water
सामग्री :
- एक छोटा चम्मच अजवाइन
- एक छोटा चम्मच गुड़
- पानी (विकल्प के तौर पर)
बनाने की विधि :
- सबसे पहले अजवाइन को भून लें।
- फिर इसका चूर्ण बना लें।
- अब इस चूर्ण में गुड़ का पाउडर मिलाएं और इसे बच्चे को पिला सकते हैं।
- इसके अलावा, अजवाइन के पानी में गुड़ मिलाकर भी बच्चे को पीने के लिए दी सकते हैं।
फायदे :
अजवाइन के साथ गुड़ का इस्तेमाल करना अस्थमा और सीने में दर्द की समस्या दूर करने के लिए किया जा सकता है।
यहां अब हम अजवाइन के कुछ नुकसान से जुड़ी जानकारी देंगे।
क्या बच्चों के लिए अजवाइन के कुछ नुकसान भी हैं? | Bachoo ke Liye Ajwain Ke Nuksan
बच्चों के लिए बच्चों के लिए अजवाइन के फायदे तो कई हैं, लेकिन कुछ मामलों में अजवाइन खाने के नुकसान भी देखे जा सकते हैं। यह नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- अजवाइन की जरूरत से अधिक मात्रा त्वचा से संबंधित एलर्जी पैदा कर सकती है (12)। इसलिए बच्चों को इसका सेवन हमेशा सीमित और संतुलित मात्रा में ही कराएं।
- अजवाइन लिवर एंजाइम को बढ़ाती है (4)। वहीं लिवर एंजाइम की अधिक मात्रा लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है (13)। इसलिए बच्चे के लिए इसे इस्तेमाल करने के दौरान इसे बाहुत ही सीमित मात्रा में ही उपयोग में लाएं।
अंत में जानते हैं कि बच्चों के लिए अजवाइन का चयन कैसे करें।
बच्चों के लिए अजवाइन का चयन कैसे करें?
बच्चों के लिए अजवाइन का चुनाव करते समय निम्न बातों को जरूर ध्यान रखें।
- बच्चों के लिए हमेशा बिना छिलके वाली अजवाइन का ही चयन करें।
- वहीं चुनाव के वक्त यह सुनिश्चित करें कि चुनी जा रही अजवाइन जैविक तरीके से उगाई गई हो यानी उसमें किसी तरह के हानिकारक रसायन न शामिल हों।
अजवाइन के छोटे-छोटे बीज बच्चों को किन बड़ी समस्याओं से बचाने में कारगर हो सकते हैं, यह तो अब आप समझ ही गए होंगे। ऐसे में लेख में शामिल इसे इस्तेमाल करने के तरीकों को अपना कर आप भी अजवाइन के लाभ उठा सकते हैं। मगर, बच्चे की उम्र के हिसाब से इसकी ली जाने वाली मात्रा को भी जरूर ध्यान रखें। उम्मीद है, अजवाइन की पोटली फॉर बेबीज जैसे लेख में शामिल इसे इस्तेमाल करने के अन्य तरीके बच्चों के लिए कारगर साबित होंगे। ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Health benefits of bishop’s weed (AJWAIN) By Drug Invention Today
2. Experts opinion on indigenous child care practices followed by rural women of Kumaon region, Uttarakhand By Academia Education
3. AJWAIN SEED WHOLE ORGANIC SPICES By USDA
4. Carum copticum L.: A Herbal Medicine with Various Pharmacological Effects By NCBI
5. [Treatment of cough in respiratory tract infections – the effect of combining the natural active compounds with thymol] By Pubmed
6. Reduction of Risk for Cardiovascular Disease in Children and Adolescents By NCBI
7. Constipation in infants and children By Medlineplus
8. Trachyspermum ammi By NCBI
9. Effects of massage & use of oil on growth, blood flow & sleep pattern in infants By Pubmed
10. Prevalence and perceptions of infant massage in India: study from Maharashtra and Madhya Pradesh states By NCBI
11. Health benefits of Indian aromatic plant Ajwain (Trachycpermum ammi) By Researchgate
12. Comparison and Evaluation of Different Seed Extracts of Trachyspermum ammi for Immunomodulatory Effect on Cell-Mediated Immunity through Delayed-Type Hypersensitivity Assay Skin Thickness Method By NCBI
13. Liver enzyme alteration: a guide for clinicians By NCBI
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