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छह महीने तक लगातार मां के दूध पर निर्भर रहने के बाद शिशु को अन्य खाद्य पदार्थ देना भी शुरू किया जाता है, ताकि बच्चे का विकास ठीक प्रकार से हो सके। इन खाद्य पदार्थों में अनाज भी शामिल हैं, जिन्हें डॉक्टरी परामर्श पर बच्चे के आहार में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में बच्चे के लिए बाजरे का सेवन कितना सुरक्षित है, यह जानना जरूरी हो जाता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए बच्चों के लिए बाजरे के फायदे और इसकी कुछ खास रेसिपी। इसके अलावा, लेख में बाजरे के कुछ नुकसानों को भी शामिल किया गया है।
लेख में सबसे पहले जानते हैं बच्चों को बाजरा देना सुरक्षित है या नहीं।
क्या बच्चों को बाजरा देना सुरक्षित है?
बाजरा प्रोटीन, विटामिन, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, जिंक और कॉपर जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है (1)। यही वजह है कि इसे सेहत के लिए चुनिंदा खास अनाजों मे गिना जाता है। वहीं, इसका सेवन बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी सुरक्षित माना जाता है। दरअसल, इस बात का प्रमाण इससे जुड़े एक शोध में मिलता है, जहां बाजरा को ‘मिड डे मील प्रोग्राम’ (सरकारी स्कूलों में भारत सरकार द्वारा चलाया जाने वाला प्रोग्राम) में शामिल करने का जिक्र मिलता है, ताकि बच्चों को जरूरी पोषक तत्व मिल सके (2)। इस जानकारी के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि बच्चों के लिए बाजरा का सेवन सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है।
बच्चों में बाजरे की सुरक्षित मात्रा से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।
बच्चों के लिए बाजरे की कितनी मात्रा सुरक्षित है?
बड़ों की तुलना में बच्चों की पाचन क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उन्हें दिए जाने वाले खाद्य-पदार्थों की मात्रा का ध्यान रखना जरूरी होता है। वहीं, बच्चों में बाजरे की सुरक्षित मात्रा की बात करें, तो इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि 6 महीने से लेकर 59 महीने तक के बच्चों को बाजरा आधारित मिश्रित आटे (millet‐based composite flour) से बने पॉरिज (दलिया, खिचड़ी या हलुवा जैसा) की लगभग 100 एमएल मात्रा दी जा सकती है (3)। हालांकि, इसमें बाजरे की कितनी मात्रा को शामिल करना है, इससे जुड़ा सटीक शोध उपलब्ध नहीं है, इसलिए अच्छा होगा कि इस विषय में डॉक्टरी सलाह ली जाए।
आगे जानिए बच्चों के आहार में बाजरे को कब शामिल किया जा सकता है।
बच्चों को बाजरा देना कब शुरू करें?
इस बात से अधिकतर माताएं परिचित होंगी कि बच्चे को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही दिया जाता है और इसके बाद डॉक्टरी परामर्श पर बच्चे को सॉलिड फूड देना शुरू किया जाता है। वहीं, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि छह महीने के बाद से बच्चों के आहार में बाजरे को शामिल किया जा सकता है (3)। बच्चे को बाजरे की खिचड़ी, दलिया या पतला हलुआ बनाकर दिया जा सकता है, ताकि वो आसानी से उसे खा सके। ध्यान रहे कि बच्चे को बाजरा देने से पहले शिशु विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
आगे जानिए बच्चों की सेहत के लिए बाजरा किस प्रकार फायदेमंद है।
बच्चों के लिए बाजरा के स्वास्थ्य लाभ | Bachoo Ke Liye Bajara Ke Fayde
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि बाजरा कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये पोषक तत्व बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में फायदेमंद हो सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं बच्चों के लिए बाजरा किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है:
- एनीमिया से बचाव
बच्चों में आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या से बचाव करने में बाजरा फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक अध्ययन में इसे चावल और गेहूं से अधिक पोषक माना गया है और साथ ही यह भी कहा गया है कि अन्य पोषक तत्वों के साथ ही इसमें आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है (4)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि बच्चों में बाजरे का सेवन उन्हें एनीमिया से बचाए रखने में मदद कर सकता है।
- शारीरिक और मानसिक विकास में मददगार
बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन एक जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। साथ ही भोजन में प्रोटीन की कमी के कारण कुपोषण की समस्या भी हो सकती है। वहीं, बाजरा प्रोटीन से समृद्ध होता है, जो बच्चों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही यह ग्लूटेन फ्री भी होता है, जिससे कि बच्चे को एलर्जी होने का जोखिम कम हो सकता है (4)।
- हड्डियों के लिए फायदेमंद
हड्डियों के निर्माण और उन्हें विकास में कैल्शियम की अहम भूमिका होती है। इसकी कमी हड्डियों को कमजोर कर सकती है और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकती है। वहीं, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि बाजरा में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिससे बच्चों में हड्डी स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद मिल सकती है (4)।
- फाइबर से भरपूर
बाजरा में अन्य पोषक तत्वों के साथ ही फाइबर की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। वहीं, फाइबर का सेवन मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा और हृदय रोगों से बचाव का काम कर सकता है (4) (5)। इसलिए, फाइबर के अच्छे स्रोत के रूप में बच्चों को बाजरा का सेवन कराया जा सकता है।
- पाचन में मददगार
बाजरा का सेवन बच्चों के पाचन के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। वहीं, फाइबर सही पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, फाइबर एक कारगर लैक्सेटिव (मल को मुलायम करने वाला) के रूप में काम कर कब्ज जैसी समस्या से बचाव और इससे राहत दिलाने में मदद कर सकता है (6)।
आइये, अब लेख में बाजरे के कुछ नुकसान भी जान लेते हैं।
क्या बच्चों को बाजरा देने से कोई नुकसान हो सकता है?
बच्चों में अधिक मात्रा में बाजरे का सेवन निम्नलिखित दुष्प्रभावों का कारण बन सकता है:
- बाजरा की अधिक मात्रा शरीर में पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकती है। दरअसल, इसमें फाइटिक एसिड और टैनिन जैसे एंटीन्यूट्रियंट पाए जाते हैं, जो पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं (4)। ऐसे में ओट्स को अच्छी तरह पकाकर एंटीन्यूट्रियंट प्रभाव को कम कर सकते हैं।
- जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, बच्चों में इसका अधिक सेवन फाइबर से होने वाले नुकसान जैसे गैस की समस्या, पेट में ऐंठन व पेट फूलने की समस्या का कारण बन सकता है (7)।
- जिन बच्चों को अनाज से एलर्जी की समस्या है, उन्हें बाजरे से एलर्जी भी हो सकती है।
बच्चों में बाजरे के सेवन से जुड़ी सावधानियां नीचे दी गई हैं।
बच्चों को बाजरा खिलाते समय कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
बच्चों को बाजरा खिलाते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना जरूरी है, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं:
- छह महीने से एक साल तक के बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर ही बाजरा खिलाना चाहिए।
- बच्चों को संतुलित और सीमित मात्रा में ही बाजरा देना चाहिए।
- कोशिश करें कि बच्चों को बाजरा दलिया के रूप में दें।
- हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाला बाजरा ही उपयोग में लाएं।
- बाजरा को अच्छी तरह साफ करके ही इस्तेमाल में लाएं।
- बच्चे को खिलाते वक्त जबरदस्ती बिल्कुल न करें।
सबसे आखिर में जानिए बच्चों के लिए कुछ खास बाजरा रेसिपी।
बच्चों के लिए बाजरे से बनने वाले 5 व्यंजन
बच्चों को बाजरा निम्नलिखित कुछ खास व्यंजनों के माध्यम से दिया जा सकता है। नीचे जानिए इनके नाम और इन्हें बनाने की रेसिपी:
1. बाजरे की खिचड़ी
सामग्री:
- एक चौथाई कप बाजरा
- एक चौथाई कप मूंग की दाल
- दो कप पानी
- स्वादानुसार नमक (वैकल्पिक)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले बाजरा और मूंग की दाल को पीस लें।
- इसके बाद एक पैन में एक कप पानी डालकर उबाल लें।
- उबलते हुए पानी में बाजरा और मूंग की दाल डालें।
- चाहें, तो स्वादानुसार नमक मिला सकते हैं।
- इस सामग्री को कुछ देर तक चम्मच से लगातार हिलाते रहिए।
- फिर गैस की आंच धीमी कर दें और पैन को 10 मिनट के लिए कवर कर दें।
- अच्छी तरह पक जाने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रख दें।
- इस तरह छोटे बच्चों के लिए बाजरे की खिचड़ी बना सकते हैं।
2. बाजरे की रोटी
सामग्री:
- एक चौथाई कप ज्वार का आटा
- एक चौथाई कप बाजरे का आटा
- 1 छोटा चम्मच कटी हुई मेथी
- 1 छोटा चम्मच कसी हुई लौकी
- 1 छोटा चम्मच कसी हुई गाजर
- स्वादानुसार नमक
- थोड़ा सूखा ज्वार का आटा अलग से
- आवश्यकतानुसार पानी
- आवश्यकतानुसार घी
बनाने की विधि:
- सबसे पहले नमक के साथ आटे (ज्वार और बाजरा) को सब्जियों के साथ अच्छी तरह मिला लें।
- इसके बाद आवश्यकतानुसार पानी की मदद से नरम आटा गूंथ लें और 20 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
- इसके बाद आटे की छोटी-छोटी लोई बना लें।
- इसके बाद सूखे आटे की मदद पतली और छोटी-छोटी रोटियां बेल लें।
- अब आप थोड़ी मात्रा में घी का इस्तेमाल कर रोटी को सेंक लें।
- इस प्रकार आप बच्चे के लिए हेल्दी बाजरे की रोटी बना सकते हैं।
3. बाजरे की महेरी
सामग्री:
- 100 ग्राम बाजरे का दलिया
- 2 गिलास पानी
- 250 ग्राम मट्ठा
- नमक स्वादानुसार
बनाने की विधि:
- सबसे पहले दलिया को पानी से धो लें और फिर एक कढ़ाही में डालें।
- फिर कढ़ाही में पानी मिलाकर गैस पर पकने के लिए रख दें।
- दलिया को आराम-आराम से चलाते रहें।
- जरूरत पड़ने पर इसमें और पानी मिला सकते हैं।
- जब दलिया नरम हो जाए, तो मट्ठा मिलाकर इसे आराम-आराम से चलाते रहें।
- उबाल आने पर इसमें चुटकी भर नमक मिला लें।
- तैयार है बच्चों के लिए हेल्दी महेरी।
4. बजारा कुकीज
सामग्री:
- 1 कप बाजरे का आटा
- 1/4 कप बादाम
- 1/4 छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर
- 1/2 कप ब्राउन शुगर
- 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर या वनीला एसेंस
- 1/2 कप बटर
- आवश्यकतानुसार उबला हुआ दूध – वैकल्पिक
- स्वादानुसार नमक
- 8 बादाम / काजू – गार्निशिंग के लिए
बनाने की विधि:
- सबसे पहले ओवन को 180 डिग्री सेल्सियस पर प्रीहीट कर लें।
- इसके बाद ब्लेंडर में 1/4 कप बादाम लें और इसे थोड़े मोटे या महीन पाउडर में पीस लें।
- अब एक मिक्सिंग बाउल में पिसे हुए बादाम, बाजरे का आटा, नमक और बेकिंग पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें।
- इसके बाद एक अलग बर्तन में पिघला हुआ मक्खन लें और इसमें ब्राउन शुगर को अच्छी तरह मिला लें।
- अब सूखी सामग्री में वनीला एसेंस या इलायची पाउडर के साथ बटर-ब्राउन शुगर के मिश्रण को मिलाकर आटा गूंथ लें। आटे को तब तक गूंथे जब तक वह नरम न हो जाए। अगर जरूरत हो, तो इसमें आवश्यकतानुसार दूध भी मिला सकते हैं।
- इसके बाद आटे को 20 मिनट के लिए अलग ढक कर रख दें।
- इसके बाद आटे की छोटी-छोटी लोई बनाएं और उन्हें कुकीज का आकार दें।
- अब इन्हें कटे हुए बादाम या काजू से गार्निश करें।
- इसके बाद इन्हें15-20 मिनट तक ओवन में बेक करें।
- इसके बाद इन्हें ठंडा होने के लिए रख दें।
- बच्चों के लिए बाजरा के कुकीज तैयार हैं।
5. बाजरे के लड्डू
सामग्री:
- 1 कप बाजरे का आटा
- 4 चम्मच गेहूं का आटा
- 1/4 कप तिल
- 1/2 कप गुड़ पाउडर
- 2 चम्मच घी
- आधा चम्मच इलायची का पाउडर
- आवश्यकतानुसार पानी
बनाने की विधि:
- सबसे पहले सभी सामग्री को एक कटोरे में डालकर अच्छी तरह से मिला लीजिए।
- अब इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर गूंथ लें।
- अब तैयार सामग्री के छोटे-छोटे लड्डू बना लें।
- इसके बाद अप्पम मेकर में घी लगा लें और गर्म करने के लिए रख दें।
- हल्का सा गर्म होने पर इस में लड्डूओं डाल दें।
- लड्डूओं को इसमें अच्छी तरह पका लें।
- ध्यान रहे लड्डू पकने पर हल्के भूरे रंग के हो जाएंगे।
- पकने पर इन्हें एक बर्तन में निकाल लें और ठंडा होने पर परोसें।
नोट: बच्चों के लिए बाजरा बेहद हेल्दी है, क्योंकि यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम से समृद्ध होते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों की मानें तो इसके और बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए अपरिष्कृत (Unprocessed) बाजरा चुनना बेहतर हो सकता है।
लेख के माध्यम से आपने जाना कि बाजरा में कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में मददगार हो सकते हैं। वहीं, इसे शिशुओं के आहार में शामिल करने से पहले शिशु विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें। डॉक्टर अगर बच्चे को बाजरा खाने की अनुमति देता है, तो आप उन्हें ऊपर दी गई किसी भी रेसिपी के जरिए बाजरा दे सकते हैं। साथ ही बच्चों को बाजरा देते समय बताई गई सावधानियों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
References
2. Acceptance and Impact of Millet-Based Mid-Day Meal on the Nutritional Status of Adolescent School Going Children in a Peri Urban Region of Karnataka State in India by NCBI
3. Production of nutrient‐enhanced millet‐based composite flour using skimmed milk powder and vegetables by NCBI
4. Biofortification in Millets: A Sustainable Approach for Nutritional Security by NCBI
5. Health benefits of dietary fiber by NCBI
6. Nutraceutical Value of Finger Millet [Eleusine coracana (L.) Gaertn.], and Their Improvement Using Omics Approaches by NCBI
7. Fiber by MEDLINEPLUS
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