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घर के बड़े-बुजुर्ग हमेशा बच्चों को धूप दिखाने की सलाह देते हैं। धूप से सिर्फ गर्माहट का एहसास ही नहीं, बल्कि कई फायदे भी मिलते हैं। यूं तो घर के बड़ों की सलाह पर अमल करके लोग बच्चों को धूप में कुछ देर रख देते हैं, लेकिन कई माता-पिता के मन में यह सवाल उठाता है कि क्या बच्चों की कोमल त्वचा को धूप से नुकसान नहीं होगा। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब मॉमजंक्शन का यह लेख लेकर आया है। यहां हमने विस्तार से बताया है कि बच्चों के लिए सूर्य की रोशनी के फायदे हैं या नहीं और इससे बच्चों की त्वचा पर क्या असर पड़ता है। बस तो बच्चों के लिए सूरज की किरणों के फायदे और अन्य जरूरी जानकारी पाने के लिए अंत तक पढ़ें यह आर्टिकल।

सबसे पहले हम बताते हैं कि क्या शिशुओं को धूप में रख सकते हैं।

क्या शिशुओं को धूप दिखा सकते है?

हां, शिशुओं को धूप में ले जा सकते हैं। इससे बच्चे को विटामिन डी मिल सकता है (1)। बस ध्यान रहे कि शिशुओं को सीधी धूप में न रखें। शिशु को हल्की छांव में रखे ताकि उन्हें धूप की गर्माहट मिल सके। अगर धूप में ले जा रहे हैं, तो उन्हें पूरे कपड़े पहनाएं। जरूरत पड़े तो केमिकल रहित सन स्क्रीन उनकी त्वचा पर लगा दें (2)

अब जानते हैं कि बच्चे को धूप में ले जाने का सही वक्त क्या है।

बच्चों के लिए किस टाइम की धूप सही होती है

माना जाता है कि बच्चों के लिए सुबह की धूप ही अच्छी होती है। खासकर शिशुओं को सुबह 10 बजे से लेकर शाम चार बजे तक की धूप में बाहर ज्यादा देर तक न रखने की सलाह दी जाती है। इस समय से पहले यानी 7 से 10 बजे तक बच्चे करीब 15 से 30 मिनट तक की धूप सेक सकते हैं (3) वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, सुबह 10 बजे से शाम को 4 बजे तक सूर्य की यूवी किरणें सबसे तेज होती हैं (4) इसी वजह से बच्चे को 10 बजे से 4 बजे तक की धूप से बचने की सलाह दी जाती है (5)

लेख के अगले भाग में हम बता रहे हैं कि छोटे बच्चों के लिए धूप के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

छोटे बच्चों के लिए धूप के 7 फायदे

छोटे बच्चों को धूप में रखना का सही वक्त जानने के बाद बच्चों के लिए धूप के फायदों के बारे में पता होना भी जरूरी है। आगे हम विस्तार से छोटे बच्चों के लिए धूप के फायदे बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  1. विटामिन डी – शिशु के लिए धूप के फायदे में सबसे पहले विटामिन डी आता है। बच्चों में विटामिन डी की कमी से उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में धूप से बच्चे के शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलता है। धूप से शरीर में विटामिन डी का स्तर संतुलित बना रहता है (3)
  1. हड्डियों के लिए – धूप से बच्चों की हड्डियां भी मजबूत हो सकती हैं। धूप से मिलने वाला विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। जब शरीर में कैल्शियम अवशोषित होता है, तो हड्डियां को इसकी पर्याप्त मात्रा मिलती है और हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही विटामिन डी बच्चों में रिकेट्स यानी हड्डियां का जरूरत से ज्यादा नरम और काफी कमजोर होने की समस्या से भी बचा सकता है। यह बीमारी विटामिन डी की कमी की वजह से होती है (3)
  1. मधुमेह के जोखिम से बचाव – धूप से बच्चों में मधुमेह का जोखिम भी कम हो सकता है। एक स्टडी के अनुसार, प्रारंभिक जीवनकाल में पर्याप्त विटामिन डी लेने से टाइप 1 मधुमेह से बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं, सूर्य की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी से मेटाबॉलिक सिंड्रोम की स्थिति के कारण होने वाली बीमारियां जैसे – हृदय रोग, टाइप 2 मधुमेह के रिस्क से भी बचा जा सकता है (6)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है।
  1. जॉन्डिस के लिए – नवजात को जन्म के कुछ समय तक जॉन्डिस होना सामान्य है (7)। अगर उसके बाद भी नवजात शिशु का पीलिया ठीक न हो, तो  माना जाता है कि सूरज की रोशनी मदद कर सकती है। हालांकि,  पीलिया से ग्रसित बच्चों को सूर्य के रौशनी के जगह पर बेहतर डॉक्टरी इलाज करना अच्छा विकल्प है (8)। अभी स्पष्ट रूप से कह पाना संभव नहीं है कि जॉन्डिस से बचाव में सूर्य की रोशनी की किस तरह की भूमिका हो सकती है।
  1. मस्तिष्क के लिए – सूर्य की रोशनी शिशुओं के मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी होती है। इससे मस्तिष्क में सेरोटोनर्जिक गतिविधि बढ़ती है। अगर शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन व सेरोटोनर्जिक गतिविधि में कमी हो जाए, तो शिशु की जान को खतरा (Sudden Infant Death Syndrome) भी हो सकता है (9)इसी वजह से सूरज की किरणों को मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर में सेरोटोनिन यानी मूड को नियंत्रित करने वाला हॉर्मोन के उत्पादन में मदद मिल सकती है, जिससे सेरोटोनर्जिक गतिविधि बढ़ती है (10)

अब जानते हैं कि बच्चों को धूप से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

बच्चों को धूप से होने वाले नुकसान

इसमें कोई शक नहीं है कि बच्चों के लिए धूप के कई फायदे हैं, लेकिन सावधानी न बरती जाए तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं। नीचे जानिए बच्चों को धूप के नुकसान (11) :

  1. सन बर्न – शिशु को ज्यादा देर के लिए धूप में रखा जाए, तो सूरज की पराबैंगनी किरणों से उनकी त्वचा को नुकसान हो सकता है। इससे शिशु को त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे – सनबर्न और रैशेज हो सकते हैं। इसके अलावा, सूर्य की किरणों से स्किन शुष्क यानी ड्राई हो सकती है।
  1. कैंसर का जोखिम – धूप के नुकसान की अगर बात की जाए, तो यह कैंसर जैसे घातक बीमारी का भी जोखिम पैदा कर सकता है। यह मेलेनोमा (Melanoma) स्किन कैंसर का कारण बन सकता है।
  1. आंखों की समस्या – धूप का असर बच्चे की आंखों पर भी पड़ सकता है। सूर्य की सीधी किरणों से बच्चों को कैटेरेक्ट (Cataracts) यानी मोतियाबिंद जैसे आंखों की समस्या हो सकती है। इसमें आंखों की लेंस प्रभावित होती है, जिस कारण धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम होने लगती है। इतना ही नहीं, टेरिजियम (आंखों के सफेद हिस्से में होने वाला धब्बा), आंखों में सूजन और यहां तक की आंखों का कैंसर भी हो सकता है।

अब जानते हैं बच्चों को धूप दिखाने से पहले ध्यान दी जाने वाली कुछ मुख्य बातें।

छोटे बच्चों को धूप दिखाने से पहले रखें इन चीजों का ध्यान

अगर आप चाहते हैं कि शिशुओं को सिर्फ धूप के फायदे ही मिलें और नुकसान न हों, तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां हम शिशुओं को धूप दिखाने से पहले ध्यान में रखने वाली बातें बता रहे हैं। ये टिप्स कुछ इस प्रकार हैं (4) (12):

सही वक्त – शिशुओं को धूप में ले जाने के लिए हमेशा सही वक्त का ध्यान रखें। हम ऊपर सही समय बता ही चुके हैं। साथ ही लंबे समय तक भी बच्चे को धूप में न रखें।

सही जगह चुनें – जरूरी नहीं बच्चे को धूप सेंकने के लिए बाहर ही ले जाया जाए। अगर मौसम ठंडा हो या तेज हवा चल रही हो, तो बेहतर है बच्चे को घर के उस कोने या कमरे में रखें जहां थोड़ी बहुत धूप आती हो।

सीधी धूप से बचें – बच्चे को सीधी धूप में सुलाने या बैठाने से बचें। इससे काफी नुकसान होता है। उसे ऐसी जगह रखें जहां उसके चेहरे पर सीधी धूप न पड़े, लेकिन धूप की गर्माहट मिल सके।

कपड़ों का ध्यान रखें – बच्चे को धूप में रखते हुए उनके कपड़ों का पूरा ध्यान रखें। शिशु की त्वचा अति संवेदनशील होती है, इसलिए उन्हें पूरी अस्तिन वाले और आरामदायक कपड़े पहनाएं।

कैप पहनाएं – अगर शिशु को छांव में नहीं रखा है, तो उसे पूरे कपड़े के साथ ही आरामदायक कैप भी पहनाएं। इससे उसका चेहरा और आंखें सीधी धूप से बच सकती हैं।

बच्चे पर नजर रखें – जबतक शिशु धूप में रहे तब उसपर ध्यान दें। देखें कि उसकी त्वचा लाल तो नहीं हो रही है। अगर ऐसा हो रहा है, तो उसे तुरंत धूप से हटा दें। यह सन बर्न या डीहाइड्रेशन के लक्षण हो सकते हैं।

कुछ पिलाते रहें – शिशु को धूप में रखने के दौरान या उसके बाद उसे स्तनपान कराएं। इससे उसका शरीर हाइड्रेट रहेगा। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है, तो उसे पानी व जूस भी पिला सकते हैं।

बच्चे के लिए सूर्य की रोशनी के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। अगर सही तरीके व सावधानियों पर ध्यान देकर शिशु को धूप दिखाई जाए, तो शिशु को सिर्फ सूरज की रोशनी के फायदे ही मिलेंगे। इस दौरान होने वाली छोटी सी लापरवाही से भी बच्चे को धूप के नुकसान हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता जरूर बरतें। जरूरत पड़े तो इस बारे में एक बार डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं।

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