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आम का नाम सुनकर छोटे बच्चे क्या बड़ों के मुंह में भी पानी आ जाता है। फलों का राजा आम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही कई पोषक तत्वों से भी समृद्ध होता है। माना जाता है कि आम का सेवन शरीर को पोषण देने के साथ-साथ कई शारीरिक समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है। वहीं, बात करें बच्चों की, तो शिशुओं को आम का सेवन कराने से पहले यह जान लेना बहुत जरूरी है कि यह शिशु के लिए कितना सुरक्षित और फायदेमंद है। साथ ही यह भी पता होना चाहिए कि शिशु को किस उम्र से आम खिलाना शुरू करना चाहिए। साथ ही इसके नुकसान भी पता होने चाहिए। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम बच्चों में आम के सेवन से जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि बच्चों के लिए आम का सेवन सुरक्षित है या नहीं।
क्या छोटे बच्चों को आम खिलाना सुरक्षित है?
हां, छोटे बच्चों के लिए आम का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है। डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा छोटे बच्चों के आहार में आम को शामिल करने की सलाह दी गई है (1)। वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर उपलब्ध एक शोध के मुताबिक, आम में विटामिन-ए, विटामिन-सी व बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
इसके अलावा, आम में एंटीडायबिटिक (डायबिटीज से बचाने वाला), एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, कार्डियोटॉनिक (हृदय को स्वस्थ रखने के लिए), हाइपोटेंसिव (उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाला) के साथ ही एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो शिशु के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं, बशर्ते बच्चे को हमेशा प्राकृतिक रूप से पके आमों का ही सेवन कराया जाए (2)। बाजार में मौजूद कैल्शियम कार्बाइड से पकाए हुए आम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
आगे जानते हैं कि बच्चों को किस उम्र में आम का सेवन कराया जा सकता है।
बच्चों को आम खिलाना कब शुरू करना चाहिए? | Bachoo Ko Aam Khilana Kab Shuru Kare
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जन्म से छह महीने तक शिशु को सिर्फ स्तनपान ही कराना चाहिए। वहीं, छह महीने के बाद, शिशु के आहार में ठोस खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह दी गई है, जिसमें आम को भी शामिल किया जा सकता है (1)। अगर आम का सेवन कराने से बच्चे में किसी तरह के साइड इफेक्ट नजर आते हैं, तो हो सकता है कि बच्चे को आम से एलर्जी की शिकायत हो। ऐसे में आम का सेवन रोक दें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
लेख में आगे पढ़िए आम में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
आम के पोषक तत्व
पोषक तत्वों से समृद्ध होने के कारण आम का सेवन बच्चों के लिए लाभकारी माना जाता है। नीचे हम 100 ग्राम आम में मौजूद जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में बता रहे हैं (3) :
- 100 ग्राम आम में 71 किलो कैलोरी ऊर्जा पाई जाती है।
- वहीं, इसकी 100 ग्राम मात्रा में 2.1 ग्राम फाइबर, 15 ग्राम शुगर, 14 मिलीग्राम कैल्शियम और 1.93 मिलीग्राम आयरन मौजूद होता है।
- विटामिन-सी बात करें, तो 100 ग्राम आम में यह करीब 30 मिलीग्राम तक मौजूद रहता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम आम में 714 IU विटामिन-ए उपस्थित रहता है।
लेख के इस भाग में जानते हैं कि बच्चों के लिए आम किस तरह फायदेमंद साबित हो सकता है।
बच्चों के लिए आम के फायदे | Bachoo Ke Liye Aam Khane Ke Fayde
आम बच्चों में जरूरी पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकता है। इसलिए, यहां हम क्रमवार बच्चों को आम खाने से होने वाले फायदों की जानकारी दे रहे हैं।
- तेज याददाश्त : इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि आम में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बच्चों की याददाश्त को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इस आधार पर माना जा सकता है कि बच्चे के आहार में आम शामिल करने से उनकी स्मरण शक्ति बढ़ाने में मदद मिल सकती है (4)।
- स्कर्वी से बचाव : स्कर्वी रोग (विटामिन-सी की कमी) का मुख्य कारण शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी की पूर्ति न होना है। वहीं, स्कर्वी की वजह से कमजोरी, मसूड़ों व त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आम का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, आम में भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो स्कर्वी रोग से बचाव में मददगार साबित हो सकता है (5)।
- दृष्टि में सुधार : बच्चों की आंखों के लिए भी आम का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, आम में विटामिन ए के साथ बी-कैरोटीन, ए-कैरोटीन और बीटा-क्रिप्टोक्सैथिन जैसे जरूरी फ्लेवोनॉयड्स मौजूद होते हैं, जो बच्चों की दृष्टि को तेज बनाने में सहायक हो सकते हैं (6)।
- हृदय गति और रक्तचाप : आम पोटैशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। 100 ग्राम आम में 156 मिलीग्राम पोटैशियम की मात्रा मौजूद होती है। बता दें कि पोटैशियम शरीर के सबसे महत्वपूर्ण घटक में से एक है, जो हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (6)।
- हृदय रोग से बचाव : हृदय को स्वस्थ रखने में आम अहम भूमिका निभा सकता है। दरअसल, इसमें विटामिन बी-6 होता है, जिसे पायरिडोक्सिन के नाम से भी जाना जाता है। पायरिडोक्सिन शरीर में होमोसिस्टीन नामक अमीनो एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इससे हृदय रोग के होने का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है (7)। बता दें होमोसिस्टीन नामक अमीनो एसिड रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसल्स) को नुकसान पहुंचा सकता है।
- एनीमिया से बचाव : बच्चों में एनीमिया के खतरे को कम करने में आम कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, आम आयरन से समृद्ध होता है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि बच्चों में आम का सेवन आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से बचाव का काम कर सकता है (7)।
स्क्रॉल करके जानिए बच्चों में आम से होने वाली एलर्जी के बारे में।
बच्चों को आम से होनी वाली एलर्जी
बच्चों में आम खाकर होने वाली एलर्जी की समस्या असामान्य है। कुछ दुर्लभ मामलों में आम एलर्जी का कारण बन सकता है। बच्चों में मैंगो एलर्जी दो तरह से हो सकती है। पहला जल्द होने वाली सेंसिटिविटी (इमीडिएट हाइपरसेंसिटिविटी), जिसमें लक्षण तुरंत नजर आते हैं और दूसरी देर से होने वाली हाइपरसेंसिटिविटी, इसमें लक्षण गंभीर होते हैं और देर से सामने आते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि बच्चे को आम खिलाने के बाद बच्चों की हरकतों और स्वास्थ्य पर ध्यान जरूर दें (8)।
जल्द होने वाली सेंसिटिविटी (इमीडिएट हाइपरसेंसिटिविटी) में निम्नलिखित प्रतिक्रियाएं नजर आ सकती हैं :
- आंखों और मुंह में खुजली होना
- बच्चों की पलकों में सूजन
- अत्यधिक पसीना आना
- छाती में जकड़न महसूस होना
वहीं, देर से होने वाले हाइपरसेंसिटिविटी के चलते बच्चों में पेरिऑरबिटल एडिमा (आंखों के आस-पास सूजन), डर्मेटाइटिस (सूजन से जुड़ा एक तरह का त्वचा रोग), चकत्ते और होठों के आसपास छाले हो सकते हैं। इसलिए, जरूरी है कि आम खिलाने के बाद बच्चे पर नजर रखें। जहां, कुछ गड़बड़ लगे, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
लेख में आगे जानते हैं कि बच्चों के लिए आम का चयन व उसे स्टोर कैसे करें।
बच्चों के लिए आम कैसे पसंद करें और कैसे स्टोर करें
बच्चों के लिए आम का चुनाव करते समय निम्न बातों को जरूर ध्यान रखें :
- कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए आमों की जगह प्राकृतिक रूप से पके आमों का चयन करें।
- धब्बेदार आम न खरीदें। ये सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- आम काटने पर अगर आम अधकचा या कहीं पीला, तो कहीं लाल रंग का दिखे, तो यह आम को रसायनों की मदद से पकाए जाने की तरफ इशारा करता है।
- थोड़े मुलायम आम का चयन करें। आम को छूकर ही उसके कच्चे और पके होने के बारे में मालूम हो जाएगा।
- आम फ्रेश है या नहीं, यह उसकी सुगंध से पता लगाया जा सकता है। हमेशा ताजे आम का चुनाव करें।
आम को स्टोर करने का तरीका :
- आम पूरी तरह से पका हुआ है, तो उसे चार से पांच दिन के लिए फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
- अधपके आम को फ्रिज में न रखें। इसे कमरे के तापमान में कुछ दिनों के लिए भूरे रंग के पेपर बैग में रख सकते हैं। आम जब पूरी तरह पक जाए, तो रेफ्रिजरेटर में रख सकते हैं।
लेख के इस भाग में आम खिलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानते हैं।
बच्चों को आम देने से पहले 5 ध्यान रखने योग्य बातें
बच्चों के लिए आम के कितने फायदे हैं, यह आप जान ही गए होंगे। लेकिन, बच्चों को आम देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। जो इस प्रकार हैं :
- शिशुओं को पहली बार आम खिलाने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- आम का सेवन कराते समय बच्चे की उम्र का ध्यान रखें।
- शिशुओं को हमेशा ऑर्गेनिक और ताजे आम ही खिलाएं।
- शिशुओं को आम काटकर सीधे उनके हाथ में न दें। इसकी प्यूरी बनाकर दे सकते हैं।
- ध्यान रहे कि शिशुओं को आम पहले फूड के तौर पर कभी ना दें।
- अगर बच्चे ने ठोस पदार्थ का सेवन शुरू कर दिया है, तब उसके आहार में आम को शामिल कर सकते हैं।
- थोड़ी मात्रा में ही आम का सेवन कराएं।
लेख के आखिरी हिस्से में आम से बनने वाले व्यंजनों की जानकारी देंगे।
बच्चों के लिए आम की रेसिपी
यहां हम बच्चों के आहार में आम को शामिल करने के लिए कुछ हेल्दी रेसिपी बता रहे हैं :
1. आम की प्यूरी
सामग्री :
- एक छोटा मुलायम और पका हुआ आम
बनाने की विधि :
- सबसे पहले आम को छीलकर एक कटोरी में पल्प निकाल लें।
- अब ब्लेंडर की मदद से आम को अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- मैंगो प्यूरी बनकर तैयार है।
- इसे थोड़ी मात्रा में बच्चे को खिला सकते हैं।
2. मैंगो मिल्क शेक
सामग्री :
- 1/4 कप मैंगो पल्प
- 1/4 कप पानी
- 1/4 कप दूध
बनाने की विधि :
- सभी सामग्री को ब्लेंडर में डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- बच्चों के लिए मैंगो मिल्क शेक बनकर तैयार है।
- बच्चों को आधा कप मैंगो मिल्क शेक दिया जा सकता है।
तो बच्चों के लिए आम के फायदों से आप अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे। बच्चे के आहार में आम को कैसे शामिल किया जा सकता है, इसकी जानकारी भी लेख में दी गई है। वहीं, इसकी मात्रा का खास ख्याल रखें, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। वहीं, आम का सेवन करने से बच्चे में किसी तरह के साइड इफेक्ट नजर आएं, तो बिना देर किए चिकित्सक के पास जाएं। बच्चों के विकास व स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसी ही और रोचक जानकारी के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Infant and young child feeding By WHO
2. Mangifera Indica (Mango) By NCBI
3. MANGO By USDA
4. Protective effect of mangiferin on memory impairment: A systematic review By Science Direct
5. Nutritional Value and Quality of Processed Mango Fruits By CHALMERS UNIVERSITY OF TECHNOLOGY
6. Mango Fruit, Health Benefits and Dangerous Interactions By Researchgate
7. A Review on Pharmacological and Nutritional Benefits of Mango (Mangifera indica Linn): A Remedy for Cancer, Diabetes and Gastrointestinal Infections By Researchgate
8. Hypersensitivity manifestations to the fruit mango By NCBI
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