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घर में मौजूद मसाले भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। उन्हीं में से एक मसाला सौंफ भी है। सौंफ को उसकी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण इसे और खास बनाते हैं। इन्हीं गुणों के कारण शिशुओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए घर के बड़े-बुजुर्ग उन्हें सौंफ देने की सलाह देते हैं। इस सलाह पर अमल करने से पहले यह स्पष्ट होना जरूरी है कि शिशुओं के लिए सौंफ सुरक्षित है या नहीं। सौंफ से जुड़े ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब आपको मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में रिसर्च के आधार पर मिलेंगे। चलिए, तो शिशुओं के लिए सौंफ के बारे में जानते हैं।

आर्टिकल में सबसे पहले पढ़िए कि सौंफ का सेवन शिशु के लिए सुरक्षित है या नहीं।

क्या शिशु के लिए सौंफ सुरक्षित है?

हां, शिशुओं के लिए सौंफ का सेवन सुरक्षित है (1)। इस विषय पर हुए रिसर्च के अनुसार, सौंफ को अकेले या फिर अन्य जड़ी बूटियों के साथ बच्चों को देना सुरक्षित हो सकता है। बताया जाता है कि सौंफ बच्चों में काॅलिक की समस्या यानी अज्ञात वजह से घंटों तक रोने की परेशानी से राहत दिला सकती है (2) साथ ही शिशु को पेट दर्द और अन्य समस्याओं के लिए दिए जाने वाले ग्राइप वाटर में भी सौंफ को सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है (3) इस आधार पर कहा जा सकता है कि बच्चों को सौंफ दे सकते हैं।

आगे जानते हैं कि बच्चों को सौंफ किस उम्र से दे सकते हैं।

किस उम्र में शिशुओं को सौंफ देना शुरू कर सकते हैं?

शिशु को सौंफ देने की कोई उम्र निर्धारित नहीं है। हां, 6 माह की उम्र के बाद शिशु को मां के दूध के अलावा अन्य तरल पदार्थों को देना सुरक्षित बताया जाता है। इस दौरान शिशु के आहार में सभी स्वस्थ पदार्थों को शामिल करना अच्छा माना जाता है। यह समय बच्चों को मां के दूध के अलावा अन्य चीजों से परिचय कराने का होता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि छह महीने के बाद शिशु को सौंफ युक्त खाद्य पदार्थ या सौंफ का पानी दे सकते हैं (4)

अब आगे स्क्रॉल करके जानिए बच्चों को सौंफ देने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

बच्चों के लिए सौंफ खाने के स्वास्थ्य लाभ

सौंफ में कई प्रकार के पोषक तत्व और औषधीय गुण होते हैं, जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं। यहां हम सौंफ खाने से बच्चों को होने वाले ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में बता रहे हैं। 

1. कॉलिक की समस्या दूर करे

बच्चे का किसी अनजान कारण से घंटों तक रोने की समस्या को कॉलिक कहते हैं। इस परेशानी को दूर करने में सौंफ फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे संबंधित एक शोध में भी कहा गया है कि सालों से सौंफ का इस्तेमाल बच्चे को कॉलिक से राहत दिलाने के लिए सुरक्षित उपाय के रूप में किया जाता रहा है (2)

2. लिवर डैमेज से बचाए

सौंफ का सेवन बच्चे को लिवर डैमेज से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। रिसर्च में पाया गया है कि सौंफ में हेपाटोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को डैमेज से बचाने वाला गुण होता है (5)। एक अन्य रिसर्च के अनुसार, सौंफ के अर्क में मौजूद फिनोलिक कंपाउंड शरीर में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधियां और हेपाटोप्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाता है (1)। इसी वजह से सौंफ को शिशुओं के लिवर के लिए अच्छा माना जाता है।

3. गैस की समस्या में

पेट में गैस की समस्या को दूर करने में भी सौंफ मददगार साबित हो सकती है। इस समस्या में सौंफ और इससे तैयार किए गए पानी को फायदेमंद माना जाता है। रिसर्च के अनुसार, सौंफ में कार्मिनेटिव यानी गैस बनने से रोकने वाला प्रभाव होता है। इसी वजह से गैस की समस्या के लिए सौंफ को अच्छा माना जाता है। यही नहीं, पेट फूलने की परेशानी को भी सौंफ दूर कर सकती है (1)

4. संक्रमण से बचाने के लिए

बच्चों को संक्रमण से बचाए रखने के लिए सौंफ को जाना जाता है। इससे संबंधित एक रिसर्च के अनुसार, सौंफ में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव होते हैं (5)सौंफ में पाए जाने वाले ये दोनों प्रभाव बच्चों को फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचा सकते हैं।

5. पाचन संबंधी परेशानियों के लिए

दस्त और कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए भी सौंफ का उपयोग किया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि सौंफ का सेवन करने से कब्ज और दस्त की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। साथ ही सौंफ बच्चों में गैस की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकती है (1)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि सौंफ पाचन संबंधी परेशानियों से बचाव करने में सहायक है।

6. तनाव दूर करने के लिए

माना जाता है कि सौंफ का उपयोग बच्चों में होने वाले तनाव को दूर करने में मददगार हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटी स्ट्रेस प्रभाव पाया जाता है। इससे तनाव की स्थिति को दूर करने व इससे राहत पाने में मदद मिल सकती है (1)

नीचे पढ़ें कि बच्चों को सौंफ देने से नुकसान होते हैं या नहीं।

बच्चों के लिए सौंफ खाने के नुकसान

सीमित मात्रा में सौंफ फायदेमंद ही होती है। हां अगर इसकी अधिकता हो जाए या शिशु संवेदनशील हो, तो सौंफ के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।

  • सौंफ की अधिक मात्रा टॉक्सिसिटी यानी विषाक्तता का कारण बन सकती है (1)
  • कुछ बच्चों को सौंफ से एलर्जी भी हो सकती है (6)
  • छोटे बच्चों को सौंफ के दाने सीधे न दें। ऐसा करने से ये शिशु के गले में अटक और गला चोक हो सकता है।
  • सौंफ कुछ दवाओं के असर को प्रभावित कर सकती है (7)ऐसे में अगर बच्चे को किसी तरह की दवाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से पूछकर ही उसे सौंफ दें।
  • इसका सेवन लगातार लंबे समय तक करने से 12 महीने की बच्ची में थेलार्चे जैसी समस्या देखने को मिली है (8)। थेलार्चे का अर्थ सही उम्र से पहले स्तन के विकास की शुरुआत होना है।

अब बच्चों को सौंफ देते समय बरती जाने वाली सावधानियों पर नजर डाल लेते हैं।

बच्चों को सौंफ देने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

बच्चों को सौंफ देने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। हम यहां उन्हीं जरूरी बातों के बारे में बता रहे हैं।

  • सौंफ हमेशा अच्छी और साफ ही खरीदें।
  • बच्चों को साबुत सौंफ के बीज देने की जगह इसे पीसकर या इसका पानी बनाकर उसे दें।
  • शिशु को सौंफ खिलाने के बाद कोई एलर्जिक रिएक्शन दिखे, तो तुरंत इसे देना बंद कर दें।
  • सौंफ पानी या चाय तैयार करते हुए इसे धीमी आंच में उबालें और ठंडा होने के बाद ही बच्चे को दें।
  • बच्चों को सौंफ देने से पहले एक बार डॉक्टर से भी सलाह लें।
  • इसकी अधिक मात्रा शिशु को न दें।

आगे हम शिशु के लिए सौंफ से क्या-क्या रेसिपी बना सकते हैं, यह बता रहे हैं।

बच्चों के लिए सौंफ की रेसिपी

बच्चों को सौंफ देने के दो सरल तरीके जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें। हम नीचे सौंफ की दो आसान रेसिपी बता रहे हैं। 

1. सौंफ की चाय रेसिपी

सामग्री:

  • 1 कप पानी
  • 1 चम्मच सौंफ के कुचले हुए बीज

विधि:

  • एक बर्तन में पानी डालकर उसे गर्म कर लें।
  • फिर इसमें सौंफ के कुचले हुए बीज डालें।
  • इसे तकरीब 10 से 20 मिनट तक पकाएं।
  • जैसे ही पानी का रंग पीला हो जाए, तो आंच बंद कर दें।
  • अब तकरीबन इस पानी को 10 मिनट तक ढककर रखें।
  • जैसे ही यह पीने लायक गुनगुना हो जाए, तो उसे बच्चे को दे सकते हैं।

2. सौंफ का पानी रेसिपी

Fennel water recipe
Image: Shutterstock

सामग्री:

  • 1 कप साफ पानी
  • 1 चम्मच सौंफ के दाने

विधि:

  • एक कप पानी में रात भर के लिए एक चम्मच सौंफ के बीज भिगोएं।
  • अगले दिन एक कटोरे में पानी को छान लें।
  • अब बच्चे को आवश्यकतानुसार पानी पिलाएं।

अब आपको बच्चों के लिए सौंफ से संबंधित पूरी जानकारी मिल ही गई होगी। लेख में बताए गए इसके फायदे और नुकसान दोनों को पढ़कर आप यह फैसला ले सकते हैं कि बच्चे को सौंफ देना है या नहीं। अगर आपने शिशु को सौंफ देने का फैसला लिया है, तो यहां बताई गई रेसिपी के हिसाब से ही उसके आहार में सौंफ को शामिल करें। हां, शिशु को किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से पूछे बिना उसकी डाइट में सौंफ को जगह बिल्कुल न दें।

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