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क्या आप बच्चों के नाखून चबाने की आदत को यह सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि समय के साथ यह अपने आप छूट जाएगी? अगर हां, तो सावधान हो जाइए। बच्चों की नाखुन चबाने की आदत अनचाही बीमारियों को न्योता दे रही है। अगर समय रहते बच्चों को न रोका जाए, तो बड़े होने पर भी यह आदत नहीं छूटती और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसी वजह से मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम बता रहे हैं कि बच्चों को नाखून चबाने की आदत कैसे लगती है और इस आदत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही हम इससे होने वाले नुकसान और जोखिम की जानकारी भी देंगे।
सबसे पहले हम बताएंगे कि बच्चे कब से नाखून चबाना शुरू करते हैं।
किस उम्र में बच्चों को नाखून चबाने की आदत लगती है?
नाखून चबाने की आदत बच्चों को तीन से चार साल की उम्र के बाद ही लगती है। एक रिसर्च पेपर में इस बात का साफ जिक्र है कि बच्चे आमतौर पर दांत से नाखून काटने की शुरुआत तीन या चार साल की उम्र तक नहीं करते हैं (1)।
ग्लोबल जर्नल फॉर रिसर्च एनालिसिस के मुताबिक, यह आदत 4 से 6 साल तक के बच्चों में अधिक होती है, जो किशोरावस्था में और बढ़ सकती है। धीरे-धीरे बड़े होने पर यह आदत कम भी हो सकती है (2)। करीब 7 से 10 साल की उम्र के 28 से 33 प्रतिशत बच्चों में यह आदत होती है। साथ ही 45 प्रतिशत किशोर भी इस आदत से ग्रस्त होते हैं (3)।
आगे जानिए कि नाखून चबाने की आदत बच्चों को कैसे लगती है।
बच्चों में नाखून चबाने की आदत के कारण
बच्चों में नाखून काटने की आदत के कई कारण हैं। अलग-अलग मामलों में यह आदत मनोवैज्ञानिक या आनुवंशिक भी हो सकती है। इसी वजह से हम नीचे इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं (3) (4)।
- तनाव में: अक्सर बच्चे तनाव को दूर करने और अपने आप को शांत करने के लिए नाखून चबाने लगते हैं। घर की, बाहर की और स्कूल की अनेक परिस्थितियां बच्चों में तनाव पैदा कर सकती हैं। उदाहरण के तौर पर स्कूल में मिलने वाली सजा और परीक्षा का दबाव व घर में लड़ाई-झगड़े आदि से बच्चे तनाव ग्रस्त होकर नाखून चबाने लगते हैं।
- घबराहट होने पर: बच्चे असहज होने पर भी नाखून चबाना शुरू कर देते हैं। अक्सर बच्चे झूठ बोलते हुए पकड़े जाने पर या फिर कोई गलती करने के बाद खुद को असहज महसूस करते हैं और इन परिस्थितियों के कारण उन्हें नाखून चबाने की आदत लग जाती है।
- भूख लगने पर: कई बार बच्चे भूख लगने पर नाखून चबाने लगते हैं। ऐसा बच्चे भूख कंट्रोल करने या फिर ध्यान भटकाने आदि के लिए करते हैं।
- ऊबने पर: जब बच्चे बोर होने लगते हैं या ऊबने लगते हैं, तो भी वो नाखून चबाने लगते हैं। ऐसा अक्सर तब होता है जब वो बड़ी देर तक एक ही काम करते रहें या फिर उन्हें उनकी पसंद के विपरीत कोई कार्य करना पड़े।
- जेनेटिक: बच्चों में कई बार नाखून चबाने जैसी आदत जेनेटिक भी हो सकती है। इसका मतलब है कि अगर बच्चे के परिवार में किसी को ऐसी आदत हो, तो बच्चे में इस तरह की आदतों के जीन आ सकते हैं।
- चिंतित होने पर: अक्सर बच्चे चिंता करते समय नाखून चबाना शुरू करते हैं। अनजाने में ऐसा करते-करते नाखून चबाना उनकी आदत बन जाती है।
- दूसरों को देखकर: बच्चे अपने आसपास के लोगों को देखकर बहुत कुछ सीखते हैं। ऐसे में अगर बच्चा किसी शख्स को बार-बार नाखून चबाते हुए देखता है, तो उसमें भी ऐसी आदत पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
- भावनात्मक या मानसिक विकार: बच्चों में नाखून चबाने की आदत भावनात्मक या मानसिक विकार का भी संकेत हो सकता है।
बच्चों को नाखून चबाने से किस तरह से रोका जा सकता है, अगले भाग में जानें।
बच्चे में नाखून चबाने की आदत को कैसे रोकें?
दांतों से नाखून काटने की आदत को छुड़ाने के लिए कुछ टिप्स को अपनाया जा सकता है। अगर यह किसी तरह की बीमारी के कारण नहीं हुआ है, तो इनकी मदद से बच्चों की यह आदत छूट सकती है (1)।
- नाखून छोटे रखें : बच्चों के नाखून समय-समय पर नेल कटर से काटकर छोटे-छोटे रखें, ताकि वह नाखून न चबा सकें।
- नाखून में कुछ कड़वी चीज लगाएं : आप बच्चों को नाखून चबाने से रोकने के लिए उस पर स्वाद में कड़वा नेल पोलिश (जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो) भी लगा सकते हैं। कड़वे स्वाद से बच्चे नाखून नहीं चबाएंगे। इसके लिए नीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- नाखून चबाने के नुकसान के बारे में बताएं : बच्चों को नाखून चबाने के दुष्प्रभाव के बारे में बताएं। बच्चों को बताएं कि नाखून चबाने से उन्हें बीमारियां हो सकती हैं और उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
- परिस्थिति को पहचानें : बच्चा किन परिस्थितियों में नाखून चबाता है उसका पता लगाएं और उसे सुलझाने का प्रयास करें। अधिकतर मामलों में बच्चे तनाव या प्रतिकूल परिस्थितियों में नाखून चबाने लगते हैं।
- टेप या स्टीकर का इस्तेमाल करें : बच्चों को नाखून चबाने से रोकने के लिए उनकी उंगलियों पर टेप, बैंडेज या स्टीकर आदि भी लगा सकते हैं। ऐसी स्थिति में ध्यान रखें कि यह बच्चे को ज्यादा असहज न लगे।
- नाखून न चबाने के लिए प्रोत्साहित करें : बच्चों को नाखून न चबाने के लिए प्रोत्साहित करके भी उनकी यह आदत दूर की जा सकती है। अक्सर माता-पिता बच्चों की बुरी आदतों को छुड़ाने के लिए उन्हें डांटने लगते हैं, जबकि परिजनों को बच्चों की मनोस्थिति को समझकर उन्हें समझाना चाहिए और बुरी आदतें छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- हाथों को व्यस्त रखें : बच्चों में नाखून चबाने की आदत दूर करने के लिए उसे लेखन, ड्राइंग व हाथ में छोटी गेंद पकड़ना जैसी गतिविधियां में व्यस्त रख सकते हैं। इसके अलावा, च्यूइंग गम चबाना और वाद्य यंत्र सिखाना आदि भी मदद कर सकते हैं।
लेख के अगले भाग में जानिए नाखून चबाने से बच्चों को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।
बच्चों के नाखून चबाने से संबंधित नुकसान और जोखिम
बच्चों के नाखून चबाने से संबंधित नुकसान और जोखिम को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है (1) (5)।
- नाखून चबाने वाले बच्चों में नाखूनों के जरिए बैक्टीरिया दांतों की जड़ों में पहुंच सकता है, जिससे मसूड़ों और दांतों की जड़ को नुकसान पहुंचता है।
- इसके कारण एपिकल रूट रिसॉर्पशन (दांतों की संरचना को स्थायी नुकसान) हो सकता है।
- मैलोक्लूसन (Malocclusion) यानी दांतों का टेड़ा होना का जोखिम बढ़ सकता है।
- टेम्पोरोमैंडिबुलर (Temporomandibular) डिसऑर्डर हो सकता है। इसमें जबड़े में और उसके आसपास की मांसपेशियों में दर्द होता है।
मसूड़ों में घाव हो सकते हैं।
- नाखून को दांतों से काटने पर इसके आसपास के उत्तक (टिशू) क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
- कुछ मामलों में नाखून चबाने से नेल बेड्स यानी नाखून के अंदर के गुलाबी रंग के मुलायम कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। इससे उस उंगली का नाखून पूरा खत्म हो सकता है।
- नाखून चबाने से बच्चे व उसके माता-पिता पर नकारात्मक सामाजिक व मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है।
आगे पढ़ें कि नाखून चबाने की आदत कब चिंता का कारण बन जाती है।
बच्चे के नाखून खाने की चिंता कब करें?
कुछ मामलों में यह आदत शारीरिक समस्या का परिणाम हो सकती है। साथ ही इसे भावनात्मक या मानसिक विकार का संकेत भी माना जाता है, इसी वजह से बच्चों के नाखून चबाने की आदत को हल्के में नहीं लेना चाहिए (4)। इसके अलावा, अगर लेख में ऊपर बताए गए नुकसान व जोखिम बच्चे में नजर आने लगें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (6)।
छोटी उम्र में बच्चे कोई भी आदत जल्दी सीख लेते हैं और उन आदतों को बचपन में ही आसानी से छुड़ाया भी जा सकता है। ऐसा ही कुछ बच्चों की नाखून चबाने की आदत के साथ भी है। आप लेख में बताए गए टिप्स की मदद से बच्चों की इस आदत को छुड़वा सकते हैं। साथ ही इससे होने वाले नुकसान को ध्यान में रखकर इस आदत को गंभीरता से लेना शुरू कर दें। अगर आपकी हजारों कोशिशों के बावजूद बच्चे की यह आदत नहीं छूट रही है, तो किसी प्रोफेशनल की सहायता जरूर लें।
References
2. Nailbiting By Sage Journals
3. Onychophagia (Nail Biting), Anxiety, And Malocclusion By Indian Journal Of Dental Research
4. Relationship Between Mental Health Disorder And Nail Biting In Children By Clinical Research
5. Association of nail biting and psychiatric disorders in children and their parents in a psychiatrically referred sample of children By NCBI
6. Your Child’s Habits By Kids Health
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