How To Potty Train AChild with Autism, PG Diploma In Dietetics & Hospital Food Services
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

बैंगन आप सभी के घर में बनता होगा, लेकिन घर के कुछ सदस्य ऐसे होते हैं, जिन्हें बैंगन बिल्कुल भी पसंद नहीं होते। भले ही कुछ लोगों को बैंगन स्वाद में अच्छा न लगता हो, लेकिन आपको बता दें कि बैंगन बे-गुण नहीं है। बैंगन के औषधीय गुण इतने अधिक हैं कि जिन्हें जानने के बाद आप इसे देखकर मुंह नहीं बना पाएंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको बैंगन खाने के फायदे और इससे जुड़ी इतनी रोचक जानकारियां देने वाले हैं कि इसे न पसंद करने वाले भी इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।

शुरू करते हैं लेख

लेख में हम बैंगन के फायदे और गुणों के बारे में तो जानेंगे ही, लेकिन उससे पहले बेहतर होगा कि इसके प्रकार के बारे में पता कर लिया जाए।

बैंगन के प्रकार – Types of Brinjal (Eggplant) in Hindi

बैंगन के प्रकार की बात करें, तो मुख्य रूप से ये सात प्रकार के होते हैं। आइए, इनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं।

  1. जापानी बैंगन- बैंगन का यह प्रकार मुख्य रूप से जापान में पैदा होता है। यह आकार में लंबा और पतला होता है। इसका रंग लगभग काला होता है और यह ऊपर से दिखने में चमकदार होता है। पकाए जाने के बाद यह मुंह में घुल जाता है और खाने में यह कुछ मलाई के समान महसूस होता है।
  2. चाइनीज बैंगन – बैंगन का यह प्रकार जापानी बैंगन के समान ही दिखता है, लेकिन यह जापानी बैंगन के मुकाबले ज्यादा लंबा, हल्का और कम मीठा होता है। इसमें बीज काफी कम होते हैं और रसदार गूदा होता है। बैंगन के इस प्रकार को खासतौर पर भूनकर खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।
  3. ग्राफिटी बैंगन– बैंगन के इस प्रकार का नाम इसके रंग-रूप के कारण ही पड़ा है। दरअसल, इसकी बाहरी सतह पर धारीदार और बिखरे हुए निशान पाए जाते हैं। इसका छिलका पतला और बीज छोटे होते हैं। सामान्य रूप से यह हर आकर में पाया जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसे हर प्रकार से पका कर खाया जा सकता है। इसी कारण बैंगन का यह प्रकार दुनियाभर में मशहूर है। इसे कई उपनामों से पुकारा जाता है जैसे:- पर्पल रेन (Purple Rain), पेंडोरा स्ट्राइप्ड रोज (Pandora Striped Rose), शूटिंग स्टार्स (Shooting Stars), फेयरीटेल (Fairytale) और लिस्टडा डी गांडिया (Listada De Gandia)।
  4. बियांका बैंगन– यह बैंगन की इटालियन किस्म है। यह बड़ा और गोल आकार का होता है। इसका रंग सफेद होता है। इसका गूदा मलाईदार और स्वाद मीठा होता है। इस कारण यह भरवां और रसदार दोनों प्रकार से बनाकर खाया जा सकता है।
  5. टैंगो बैंगन– बैंगन का यह प्रकार रंग में सफेद और आकार में अंडे के समान होता है। इसकी बाहरी त्वचा मोटी और गूदा अधिक व मलाईदार होता है। इसकी खासियत यह है कि कटाई के बाद इसका रंग सफेद से पीला होने लगता है। वहीं, समय बीतने के साथ-साथ इसका गूदा सख्त होता जाता है।
  6. सैंटाना बैंगन- यह बैंगन की इटालियन किस्म का एक खास प्रकार है। यह साइज में बड़ा होता है, लेकिन दिखने में पानी की एक बूंद जैसा होता है। यह गहरे बैंगनी रंग का होता है। बैंगन के इस प्रकार को मुख्य रूप से भून कर पकाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। बैंगन का यह प्रकार खासतौर पर टर्किश डिश घनौश बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
  7. थाई बैंगन– बैंगन का यह प्रकार आकार में गोल्फ बॉल के समान दिखाई देता है। इसका रंग हल्का हरा होता है। इसकी बाहरी त्वचा पर सफेद और पीली धारियां पाई जाती हैं। स्वाद में यह कड़वा होता है। वहीं, पकाने से पहले इसके बीज निकालने की जरूरत पड़ती है।

नोट– बैंगन टमाटर की तरह बेल पर उगने वाला एक फल है। पकाने के लिए इसे सब्जी की तरह ही इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन अधिकांश लोग इसे सब्जी ही मानते हैं।

पढ़ते रहें लेख

बैंगन के प्रकार जानने के बाद अब हम बैंगन के गुण के बारे में बात करेंगे।

बैंगन के फायदे – Benefits of Brinjal in Hindi

बैंगन में विटामिन, फेनोलिक्स (कार्बोलिक एसिड) और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इन खास तत्वों की मौजूदगी के कारण बैंगन स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने के लिए एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (1)।

यह तो हुई सामान्य बात, अब हम इसके सेहत, त्वचा और बालों से संबंधित फायदों को थोड़ा विस्तार से जानेंगे।

सेहत/स्वास्थ्य के लिए बैंगन के फायदे – Health Benefits of Brinjal(Eggplant) in Hindi

1. डायबिटीज में लाभकारी

डायबिटीज की समस्या में बैंगन का उपयोग लाभकारी माना जा सकता है। कारण यह है कि इसमें पाए जाने वाले फेनोलिक्स (कार्बोलिक एसिड) टाइप-2 डायबिटीज की समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर फेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर हाइपरग्लाइसीमिया (हाई ब्लड शुगर) के प्रभाव को कम करने में सहायक माने जाते हैं। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बैंगन खाने के फायदे में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना भी शामिल है (2)।

2. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंगन में विटामिन-ए, विटामिन-सी के साथ बी-कैरोटीन और पॉलीफेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं। इन तत्वों की मौजूदगी के कारण बैंगन में शक्तिशाली कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है। इसलिए, इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए एक उत्तम विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है (3)।

3. याददाश्त बढ़ाने में सहायक

बैंगन का उपयोग याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक साबित हो सकता है। कारण यह है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए आयरन, जिंक, फोलेट और विटामिन ए, बी व सी उपयोगी माना जाते हैं, जो बैंगन में भी उपलब्ध होते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता हैं कि बैंगन का सेवन इंसान में खुशी की भावना को जगाने का काम करता है। साथ ही यह दिमाग की कार्य क्षमता तो बढ़ाने में भी मददगार माना जाता है (4) (5)। इंसान की याददाश्त दिमागी कार्य क्षमता पर निर्भर करती है, इस कारण बैंगन के गुण याददाश्त बढ़ाने में भी सहायक माने जा सकते हैं।

4. धूम्रपान छोड़ने में करता है मदद

बैंगन के गुण में एक यह भी है कि अगर आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं, तो यह आपकी सहायता कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में शोध इतने कम हुए हैं कि पुख्ता तौर पर कहना मुश्किल है कि यह कितना कारगर साबित हो सकता है। बता दें कि 100 ग्राम बैंगम में करीब 0.01 मिलीग्राम निकोटीन मौजूद होता है। हालांकि, सिगरेट पीने वालों के लिए निकोटिन की यह मात्रा काफी कम है, लेकिन अगर आप सिगरेट छोड़ने का मन बना चुके हैं, तो यह आपको इस काम में थोड़ी मदद तो कर ही सकता है (6)।

5. पाचन में करता है सुधार

पाचन तंत्र को सुधारने में बैंगन खाने के फायदे काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इस संबंध में कई खाद्य पदार्थों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि स्टीम कुकिंग से बना बैंगन पाचक रसों को प्रेरित करने का काम करता है। पाचक रस भोजन को पचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग पाचन प्रक्रिया को सुधारने में सहायक साबित हो सकता है (7)।

6. वजन घटाने में मददगार

अगर आप मोटापे की समस्या से परेशान हैं और वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं, तो बैंगन आपके बड़े काम आने वाला है। वजह यह है कि 100 ग्राम बैंगन में 92 ग्राम पानी पाया जाता है। वहीं, फैट की मात्रा काफी कम होती है (5)। बैंगन में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। साथ ही इसमें बेहद कम कैलोरी होती है। इस कारण यह पेट भरने के साथ-साथ मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए कम फैट वाला एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर बैंगन पर किए गए शोध में सीधे तौर पर पाया गया है कि इसका सेवन कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने के साथ-साथ वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है (8)। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बैंगन के गुण वजन घटाने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।

7. कैंसर से करता है बचाव

कैंसर की समस्या में भी बैंगन खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। वजह यह है कि इसमें एक खास तत्व एंथोसायनिन पाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एंथोसायनिन कैंसर कोशिकाओं के प्रभाव को कम करने का काम कर सकता है (9)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग कैंसर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए काफी हद तक फायदेमंद साबित हो सकता है।

8. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक

बैंगन कई गंभीर समस्याओं के उपचार के साथ-साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है। दरअसल, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन (ए, सी, डी, ई, बी-2, बी-6, बी-12), फोलिक एसिड आयरन, सेलेनियम और जिंक अहम भूमिका निभाते हैं (10)। वहीं, बैंगन में विटामिन ए, सी, ई, बी-2, बी-6 के साथ-साथ आयरन और जिंक मौजूद होते हैं (5), जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। इस कारण बैंगन का उपयोग शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करने में सहायक माना जा सकता है।

9. एनीमिया से करता है बचाव

एनीमिया की समस्या मुख्य रूप से आयरन और फोलेट के साथ-साथ विटामिन बी-12 की कमी के कारण भी हो सकती है (11)। वहीं, बैंगन में फोलेट और आयरन दोनों पाए जाते हैं (5)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि बैंगन के औषधीय गुण एनीमिया के जोखिमों को कम करने में भी सहायक साबित हो सकते हैं।

10. कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करता है

बैंगन का उपयोग वजन घटाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल को घटाने में भी फायदेमंद हो सकता है। इस संबंध में किए गए एक शोध में पाया गया है कि बैंगन का जूस कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करने का काम कर सकता है (8)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि बैंगन कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है।

11. तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है

बैंगन के औषधीय गुण में तुरंत ऊर्जा प्रदान करना भी शामिल है। दरअसल, यह कम वसा वाला ऊर्जा का स्रोत है (5)। इस कारण इसके सेवन से ऊर्जा हासिल की जा सकती है और वसा न होने के कारण यह हमारी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है।

12. हड्डियों को करता है मजबूत

माना जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस समस्या के हल के लिए फल और सब्जियों को लेकर एक शोध किया गया। इस शोध में पाया गया कि बैंगन में कैल्शियम और पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जिस वजह से यह सीधे तौर पर ‘बोन मिनरल डेंसिटी’ (हड्डियों की मजबूती) को बढ़ाने में सहायक माना जाता है (12)। इसलिए, बैंगन का उपयोग हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में भी लाभकारी माना जा सकता है।

13. अनिद्रा की समस्या को करे दूर

विशेषज्ञों के मुताबिक, बैंगन में ऐसेटाइलकोलिन और डोपामाइन नाम के डाइटरी न्यूरोट्रांसमीटर (रसायन जो मानसिक संदेशों के संचार में सहायक होते हैं) पाए जाते हैं। यह दिमागी विकास के साथ चिंता और अनिद्रा की समस्या को हल करने में सहायक माने जाते हैं (13)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि बैंगन के औषधीय गुण अनिद्रा की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकते हैं।

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स्वास्थ्य संबंधी फायदों को जानने के बाद हम अब बैंगन के त्वचा संबंधी फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

त्वचा के लिए बैंगन के फायदे – Skin Benefits of Brinjal in Hindi

1. बेदाग और चमकदार त्वचा के लिए

बैंगन में विटामिन-सी, विटामिन-ई और विटामिन-ए के साथ-साथ फैटी एसिड भी पाए जाते हैं (5), जिन्हें त्वचा संबंधी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। इन तत्वों की मौजूदगी त्वचा से दाग धब्बों, झाइयों और मुंहासे जैसी समस्या को दूर करने के साथ स्किन को अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी बचाती है (14)। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि बैंगन का उपयोग त्वचा को बेदाग और चमकदार बनाने में सहायक साबित हो सकता है। इसके बेहतर फायदे पाने के लिए आप इसके सेवन के साथ इसका फेसपैक बनाकर भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

2. त्वचा को बनाए मुलायम और कोमल

पानी की कमी के कारण त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। इस कारण उसकी प्राकृतिक कोमलता खो जाती है । वहीं बैंगन में 92 प्रतिशत तक पानी मौजूद होता है (5)। इस कारण यह त्वचा की नमी को संतुलित कर उसे कोमल और मुलायम बनाए रखने में मदद कर सकता है।

नीचे जानिए त्वचा को मुलायम और बेदाग बनाने के लिए कैसे करें बैंगन का इस्तेमाल।

सामग्री :

इस्तेमाल का तरीका :

  • सबसे पहले बैंगन के टुकड़ों को अच्छे से मैश कर लें।
  • अब इसमें एक चम्मच एलोवेरा जेल और शहद डालकर अच्छे से मिलाएं।
  • अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • समय पूरा होने पर गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।

3. बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोके

जैसे कि आपको लेख में बताया जा चुका है कि बैंगन में विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन ए के साथ फैटी एसिड भी पाए जाते हैं (5)। ये सभी तत्व मिश्रित रूप से एंटी-एजिंग प्रभाव के साथ त्वचा को स्वस्थ और कोमल बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं। साथ ही इन तत्वों की मौजूदगी त्वचा से दाग-धब्बों और झाइयों जैसी समस्या को दूर करने के साथ अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी बचाती है (14)। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि बैंगन का उपयोग बढ़ती उम्र के प्रभाव को दूर करने में सहायक साबित होता है।

सामग्री :

इस्तेमाल का तरीका :

  • सामग्रियों को एक साथ मिलाएं और एक साफ बोतल में रख लें।
  • फिर इसे ताजा रखने के लिए रेफ्रिजरेटर में स्टोर कर लें।
  • मेकअप से पहले इस मिश्रण को टोनर की तरह इस्तेमाल करें।

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त्वचा संबंधी फायदे जानने के बाद बात आती है बालों के लिए बैंगन के लाभ जानने की।

बालों के लिए बैंगन के फायदे – Hair Benefits of Brinjal in Hindi

1. लंबे और मजबूत बालों के लिए

लंबे और मजबूत बालों के लिए बैंगन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सेवन करने से बालों के स्वास्थ्य को फायदा होता ही है। वहीं, इसका हेयर मास्क बनाकर उपयोग करना भी काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। दरअसल, बैंगन में विटामिन ए, ई, फोलेट और नियासिन के साथ आयरन और जिंक मौजूद होता है (5)। ये सभी तत्व झड़ते बालों की समस्या को खत्म करने में सहायक माने जाते हैं। साथ ही बालों के विकास में भी मददगार साबित होते हैं (16)।

2. स्कैल्प स्वास्थ्य के लिए बैंगन

विटामिन ए और ई के साथ जिंक में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाए जाते हैं, जो बालों के झड़ने की समस्या को रोकने के साथ स्कैल्प के स्वास्थ्य को भी बरकरार रखने की क्षमता रखते हैं (15)। विटामिन ए और ई के साथ जिंक भी बैंगन में मौजूद होता है (5), इस कारण यह माना जा सकता है कि इसका उपयोग स्कैल्प स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

सामग्री :

  • एक कप कटा हुआ बैंगन
  • एक खीरा कटा हुआ
  • आधा एवाकाडो
  • 1/3 कप खट्टी क्रीम

इस्तेमाल का तरीका :

  • पहले बैंगन और खीरे के टुकड़ों को ब्लेंडर में डालें।
  • अब इसमें एवाकाडो और खट्टी क्रीम डालें।
  • इसके बाद सभी को ब्लेंडर की मदद से अच्छे से मिक्स कर लें।
  • अब तैयार पेस्ट को अपने बालों पर लगाकर 30 से 40 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • समय पूरा होने पर शैम्पू से बाल धो डालें।

3. बालों के टेक्सचर को ठीक करता है

विशेषज्ञों के मुताबिक, जिंक की कमी बालों के टेक्सचर में आने वाली समस्या का मुख्य कारण मानी जाती है (16)। वहीं, बैंगन में मौजूद पोषक तत्वों में जिंक भी शामिल है (5)। इसलिए, यह बालों के टेक्सचर को ठीक करने के लिए एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है।

कैसे इस्तेमाल करें :

बालों के टेक्सचर को ठीक करने के लिए आप बैंगन के जूस को उन्हें धोने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। इससे आपके बालों में काफी सुधार नजर आएगा। आप बैंगन का जूस इस तरह से बना सकते हैं :

  • बैंगन के टुकड़े करके मिक्सर में डाल दें।
  • फिर उसमें एक गिलास पानी डालें और अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें।
  • तैयार हुए जूस को बालों को धोने के लिए इस्तेमाल में लाएं।

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लेख के आगे के भाग में हम बैंगन के पौष्टिक तत्वों से संबंधित जानकारी हासिल करेंगे।

बैंगन के पौष्टिक तत्व – Brinjal Nutritional Value in Hindi

बैंगन के पोषक तत्वों के बारे में जानने के लिए आप नीचे दिए गए आहार चार्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं (5)।

पोषक तत्वयूनिटमात्राप्रति 100 ग्राम
पानीg92.30
एनर्जीKcal25
प्रोटीनg0.98
टोटल लिपिड (फैट)g0.18
कार्बोहाइड्रेटg5.88
फाइबर (टोटल डाइटरी)g3.0
शुगरg3.53
मिनरल्स
कैल्शियमmg9
आयरनmg0.23
मैग्नीशियमmg14
फास्फोरसmg24
पोटैशियमmg229
सोडियमmg2
जिंकmg0.16
विटामिन्स
विटामिन सीmg2.2
थायमिनmg0.039
राइबोफ्लेविनmg0.037
नियासिनmg0.649
विटामिन बी-6mg0.084
फोलेट (डीएफई)µg22
विटामिन ए (आरएई)µg1
विटामिन ए (आईयू)IU23
विटामिन ईmg0.30
विटामिन केµg3.5
लिपिड
फैटी एसिड (सैचुरेटेड)g0.034
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)g0.016
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड)g0.076

अब बारी है बैंगन के उपयोग संबंधी जानकारी हासिल करने की।

बैंगन का उपयोग – How to Use Brinjal in Hindi

खाने के लिए बैंगन के उपयोग की बात करें, तो इसके इस्तेमाल को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है :

कैसे खाएं :

  • आप इसे रसेदार या सूखी सब्जी बनाकर इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • वहीं, इसे ग्रील करके भी खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
  • आप चाहें तो इसका भरता बनाकर भी इसे उपयोग कर सकते हैं।

कब खाएं :

  • इसकी सूखी सब्जी दोपहर में लंच के तौर पर पराठे या रोटी के साथ उपयोग की जा सकती है।
  • वहीं, रात को खाने के वक्त इसकी रसेदार सब्जी का प्रयोग रोटी या चावल के साथ किया जा सकता है।

मात्रा– बता दें एक दिन में आधा कप बैंगन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

अंत तक पढ़ें लेख

उपयोग के तरीके जानने के बाद अब हम आपको बैंगन के नुकसान से संबंधित जानकारी देंगे।

बैंगन के नुकसान – Side Effects of Brinjal(Eggplant) in Hindi

आइए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से बैंगन के नुकसान के बारे में जानकारी हासिल करते हैं :

  • कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। ऐसा होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और इसका सेवन तुरंत बंद कर दें (17)।
  • हालांकि, यह पाचन क्रिया में सुधार के लिए जाना जाता है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन पेट में जलन की समस्या पैदा कर सकता है। यह पाचक रस की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है, जिस कारण पेट में जलन होती है (6)।
  • लो बल्ड प्रेशर की समस्या में इसका नियमित उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें। वजह यह है कि बैंगन ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है (3)।
  • यह ब्लड शुगर को कम करने में सहायक मान जाता है, इसलिए लो बल्ड शुगर के रोगी को इसके नियमित से सेवन से बचना चाहिए (2)।

अब तो आप अच्छे से जान चुके होंगे कि बैंगन क्या है और इसका उपयोग आपके लिए कितना फायदेमंद साबित हो सकता है। वहीं, लेख में सेहत, त्वचा और बाल संबंधी बैंगन के सभी फायदों को भी बताया जा चुका है। साथ ही हमने आपको बैंगन कब नहीं खाना चाहिए और इसकी नियमित मात्रा क्या है, इस बारे में भी पूरी जानकारी दे दी है। ऐसे में अगर आप भी इसके चमत्कारिक गुणों को जानकर हैरान हैं और इसे अपनी डाइट में शामिल करने का मन बना रहे है, तो पहले एक बार लेख को अच्छे से पढ़ लें। उम्मीद है कि आपकी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में यह लेख आपकी मदद करेगा। इसी तरह की और सब्जियों के फायदों के बारे में जानने के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

References

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  2. In vitro studies of eggplant (Solanum melongena) phenolics as inhibitors of key enzymes relevant for type 2 diabetes and hypertension
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17706416/
  3. Cardioprotective properties of raw and cooked eggplant (Solanum melongena L)
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21894326/
  4. Brain foods: the effects of nutrients on brain function
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2805706/
  5. Eggplant
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/450698/nutrients
  6. Nicotine content of Vegetables
    https://leg.mt.gov/bills/2019/Minutes/Senate/Exhibits/tas12a03.pdf
  7. Steam cooking significantly improves in vitro bile acid binding of beets, eggplant, asparagus, carrots, green beans, and cauliflower
    https://pubag.nal.usda.gov/catalog/9853
  8. Eggplant (Solanum melongena) extract does not alter serum lipid levels
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15073652/
  9. Anthocyanins and their role in cancer prevention
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2582525/
  10. Immune Function and Micronutrient Requirements Change over the Life Course
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6212925/
  11. Nutritional anaemia
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12264581/
  12. Greater Intake of Fruit and Vegetables Is Associated with Greater Bone Mineral Density and Lower Osteoporosis Risk in Middle-Aged and Elderly Adults
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5207626/
  13. Dietary Neurotransmitters: A Narrative Review on Current Knowledge
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5986471/
  14. Discovering the link between nutrition and skin aging
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3583891/
  15. Dry skin – self-care
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000751.htm#:~:text=Dry%20skin%20occurs%20when%20your,Scaling%2C%20flaking%2C%20or%20peeling%20skin
  16. Diet and hair loss: effects of nutrient deficiency and supplement use
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5315033/
  17. Clinico-Immunological Analysis of Eggplant (Solanum melongena) Allergy Indicates Preponderance of Allergens in the Peel
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3650967/

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