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उल्टी या जी-मिचलाने जैसे गर्भावस्था के लक्षण के कारण घर में प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाह रही हैं, तो बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। यह गर्भावस्था का पता लगाने का एक मजेदार और लोकप्रिय तरीका है। इसे आम भाषा में डू-इट-योर सेल्फ (DIY) ट्रिक भी कहा जाता है। इसमें बिना डॉक्टर के पास गए खुद अपना प्रेगनेंसी टेस्ट घर में मौजूद चीजों से किया जा सकता है। इस मजेदार टेस्ट को चीनी, टूथपेस्ट और नमक से भी कर सकते हैं, लेकिन यहां हम बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में बताएंगे। यह प्रचलित बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे किया जाता है और इसका रिजल्ट कितना सटीक होता है, जैसे कई सवालों के जवाब जानने के लिए मॉमजंक्शन के इस लेख को अंत तक पढ़ें।
चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट किसे कहा जाता है।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है? | Baking Soda Pregnancy Test In Hindi
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट एक ऐसा जरिया है, जिससे मां बनने की चाह रखने वाली महिलाएं घर में ही गर्भाधारण से संबंधित जानकारी हासिल करने की कोशिश करती हैं। बेशक, यह महिलाओं के बीच प्रचलित तरीका है, जिसकी मदद से गर्भवती होने की चाह रखने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर के पास गए यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि वो कंसीव कर पाई हैं या नहीं। वहीं, इस टेस्ट से जुड़ा कोई सटीक वैज्ञानिक शोध भी उपलब्ध नहीं है। फिर भी महिलाएं मान्यताओं के आधार पर अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए इस प्रेगनेंसी टेस्ट को घर में करती हैं। इससे किसी तरह के नुकसान महिला को नहीं होते हैं, इसलिए यह किया भी जा सकता है। यह महिला के कंसीव करने के समय को दिलचस्प बना सकता है। इसका परिणाम कितना सटीक होता है, यह जानने के लिए पढ़ते रहें लेख।
आगे बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट करने के सही समय के बारे में पढ़ें।
गर्भावस्था की पुष्टि के लिए बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?
गर्भधारण करने के बाद शरीर में एचजीसी हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है। ऐसे में पीरियड्स मिस होने के 10 दिन बाद बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट किया जा सकता है। अगर स्त्री ने गर्भधारण किया होता है, तो करीब 10 दिन गुजरने के बाद शरीर में इस हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे परिणाम सही आ सकता है (1)।
थोड़ा समय रूकने से यह पता चल जाता है कि नॉर्मल पीरियड्स की डेट आगे होने के कारण महावारी नहीं हुई है या महिला ने कंसीव कर लिया है। इसके अलावा, केमिकल प्रेगनेंसी (समय से पहले गर्भावस्था टेस्ट करने से आने वाला सकारात्मक परिणाम, जो बाद में नेगेटिव निकलता है) से भी बचा जा सकता है।
अब लेख के अगले भाग में बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका जानें।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका हम नीचे बता रहे हैं। इस तरीके को अपना कर घर में ही पता लगाया जा सकता है कि प्रेगनेंट होने की संभावना कितनी है।
आपको चाहिए:
- एक चम्मच बेकिंग सोडा।
- दो कप। एक कप पर ए और एक कप पर बी लिख दें।
- सुबह का यूरिन।
टेस्ट करने का तरीका:
- सबसे पहले कप ए में यूरिन का ताजा सैंपल डालें।
- अब कप बी में एक चम्मच बेकिंग सोडा डाल दें।
- फिर यूरिन को कप बी में डाल दें।
- इसके बाद केमिकल रिएक्शन के लिए कुछ क्षण इंतजार करें।
हम आगे बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के परिणाम जानने का तरीका बता रहे हैं।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के रिजल्ट को कैसे समझें?
बेंकिंग सोडा से प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका, तो आप जान ही गए हैं। अब इसके रिजल्ट को कैसे समझा जाए, उस बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
- पॉजिटिव बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट – मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिला के यूरिन में बेकिंग सोडा डालते ही उससे अगर झाग निकलती है या उसका रंग बदलता है, तो रिजल्ट सकारात्मक यानी पॉजिटिव होता है।
- नेगेटिव बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट – यूरिन में किसी तरह के बदलाव नजर न आने का मतलब है नेगेटिव प्रेगनेंसी टेस्ट।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट रिजल्ट के बारे में आप जान चुके हैं। अब जानिए कि यह टेस्ट कैसे काम करता है।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे काम करता है?
लोगों के विश्वास और मान्यताओं के मुताबिक बेकिंग सोडा के संपर्क में यूरिन के आने से उसमें रासायनिक बदलाव होते हैं। इस बदलाव को ही प्रेगनेंसी का रिजल्ट माना जाता है। रंग में बदलाव और झाग नजर आने पर टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव और न आने पर नेगेटिव माना जाता है। इस मान्यता के पीछे का कारण है गर्भावस्था में बनने वाला एचसीजी हार्मोन, जो गर्भधारण करने के बाद यूरीन में मौजूद होता है। कहा जाता है कि यह हार्मोन सुबह के यूरिन में अधिक होता है (2)। इसी वजह से सुबह के यूरिन से ही बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट को करने की सलाह दी जा सकती है।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में इतना सब जानने के बाद परिणाम की सटीकता पर एक नजर डाल लेते हैं।
बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट कितना सही होता है?
इस टेस्ट की सटीकता को प्रमाणित करने के लिए कोई शोध उपलब्ध नहीं है। कहा जाता है कि इससे कुछ महिलाओं को सही परिणाम मिलते हैं, जबकि कुछ को नहीं। कई बार ऐसा भी होता है कि पहला परिणाम नकारात्मक और दूसरा रिजल्ट सकारात्मक हो जाता है। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि इस टेस्ट की सटीकता 50 प्रतिशत तक हो सकती है।
आगे हम बता रहे हैं कि डॉक्टर से संपर्क करने का सही समय क्या है।
चिकित्सक से कब संपर्क करें?
बेकिंग सोडा टेस्ट करने के बाद भी मन में दुविधा व संशय रहे, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। खासकर, तब जब रिजल्ट नेगेटिव आए, लेकिन गर्भधारण के लक्षण लगातार नजर आ रहे हों। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि महिला मां बनने वाली है या नहीं। इस स्थिति में किसी तरह की दुविधा या संशय नहीं होना चाहिए। चलिए, नीचे जानते हैं कुछ लक्षण, जिनके नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए (3)।
- थकान
- पीरियड्स का न आना
- उल्टी करने का मन
- जी-मिचलाना
- मूड स्विंग
- सिरदर्द
- बार-बार पेशाब का आना, खासकर रात के समय
- स्तन का संवेदनशील होना
- अलग-अलग चीजें खाने का मन करना
इस रोचक बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में आप जान ही चुके हैं। ध्यान रखें कि इसे गर्भावस्था के समय को एक्साइटिंग बनाने के लिए और गर्भधारण करने के संकेत के रूप में किया जा सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यह बेकिंग सोडा प्रेगनेंसी टेस्ट के परिणाम 100 प्रतिशत सटीक नहीं होते हैं। इसी वजह से इस पर पूरी तरह से निर्भर रहना ठीक नहीं होगा। इस तरह के अन्य दिलचस्प घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में जानने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।
References
1. Pregnancy tests By OWH
2. HCG in urine By Medline Plus
3. Pregnancy – signs and symptoms By Better Health
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