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ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। वहीं, कुछ लोगों को मौसम में बदलाव होते ही यह समस्या होने लगती है। आमतौर पर सर्दी-जुकाम को लोग गंभीरता से नहीं लेते, जिस कारण आगे चलकर कई अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इन्हीं में से एक है बलगम बनने की समस्या। बलगम के कारण बैक्टीरिया को बढ़ावा मिल सकता है। इससे श्वसन तंत्र तो प्रभावित होता ही है, साथ ही उससे जुड़े दूसरे अंगों में भी परेशानी उत्पन्न हो सकती है।
अगर आप बलगम के बढ़ने को साधारण समझ रहे हैं, तो आपको बता दें कि इसका बढ़ना फेफड़ों और अग्न्याशय (Pancreas) को डैमेज कर सकता है (1)। घबराइए नहीं, अगर आप इससे पीड़ित हैं, तो इस लेख में आपको वैज्ञानिक प्रमाण सहित समाधान मिल जाएंगे। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हमारे साथ जानिए कि कफ क्या है। साथ ही हम कफ के कारण और कफ निकालने के घरेलू उपाय भी बताएंगे।
सबसे पहले हम जानेंगे कि कफ क्या है।
कफ (बलगम) क्या है? – What is Phlegm in Hindi
कफ एक तरह का गाढ़ा और चिपचिपा तरल पदार्थ है, जिससे गले या छाती में जमाव महसूस होने लगता है। श्वसन प्रणाली को सुरक्षा प्रदान करने के लिए म्यूकस मेम्ब्रेन (Mucus Membranes) बलगम उत्पन्न करने का काम करती है। म्यूकस मेम्ब्रेन आपके मुंह, नाक, गले, साइनस और फेफड़ों में पाई जाती हैं। स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार इसके रंग में भी बदलाव हो सकता है, जैसे हरा, पीला, सफेद, भूरा, लाल, गुलाबी और काला।
चलिए, अब कफ के कारण जाने लेते हैं।
कफ के कारण – Causes of Phlegm in Hindi
शरीर में कफ बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ के बारे में हम यहां बता रहे हैं (2) :
- संक्रमण
- जलन
- फेफड़ों की बीमारी
- एलर्जी
- अस्थमा
कफ के लक्षण किस तरह के होते हैं, इसके बारे में हम लेख के अगले भाग में जानेंगे।
कफ (बलगम) के लक्षण – Symptoms of Phlegm in Hindi
अगर आपका कफ (बलगम) बढ़ रहा है, तो इसके लक्षण आपको दिखाई देने लगेंगे, जो इस प्रकार हो सकते हैं-
- खांसी के साथ बलगम आना
- गले में दर्द
- गले में खराश
- सीने में जकड़न
- घरघराहट
- सांस लेने में तकलीफ
- गंभीर स्थिति में बलगम के रंग में बदलाव
आइए, अब कफ से निपटने के लिए घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कफ (बलगम) के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Phlegm in Hindi
कफ को घरेलू उपचार की मदद से दूर किया जा सकता है। नीचे जानिए कफ दूर करने के लिए सटीक घरेलू नुस्खे –
1. सेब का सिरका
सामग्री:
- एक चम्मच सेब का सिरका
- एक गिलास पानी
- शहद (वैकल्पिक)
कैसे करें उपयोग:
- एक गिलास गुनगुने पानी में सेब का सिरका मिला लें।
- फिर इस मिश्रण को पी लीजिए।
- इसके अच्छे स्वाद के लिए आप शहद भी मिला सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में तीन बार इस उपाय को किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद:
संक्रमण को दूर करने के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, सेब के सिरके में एंटी इन्फेक्टिव गुण पाए जाते हैं, जो लगातार हो रही खांसी को दूर कर सकते हैं। इसका फायदा बलगम के जमाव को रोकने में मदद कर सकता है (3)।
2. नमक पानी से गरारे
सामग्री:
- एक चम्मच नमक
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी को हल्का गर्म कर लें। फिर उसमें नमक को अच्छी तरह से मिलाएं।
- इस घोल का उपयोग गार्गल करने के लिए करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- कफ की स्थिति में प्रतिदिन दो से दिन बार इसका उपयोग करें।
कैसे है फायदेमंद:
नमक पानी से गरारे करने पर बलगम से छुटकारा पाया जा सकता है। पानी से गरारे करने पर ऊपरी श्वसन नली के संक्रमण को दूर किया जा सकता है (4)। साथ ही नमक में पाए जाने वाले एंटी-माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया को दूर रख सकते हैं (5)। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि कफ निकालने के उपाय में नमक पानी को भी शामिल किया जा सकता है।
3. एसेंशियल ऑयल
(क) पुदीने का तेल
सामग्री:
- कुछ बूंद पुदीने का तेल
- आधा गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी को हल्का गर्म कर उसमें पुदीने का तेल डालें।
- फिर तौलिए से सिर को ढककर धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक से दो बार लगभग 5 मिनट तक इसका उपयोग करें।
कैसे है फायदेमंद:
पुदीने से बने तेल को कई बीमारियों में दवाई के तौर पर उपयोग किया जाता है। इनमें कफ निकालने के उपाय भी हो सकता है। दरअसल, पुदीने के तेल में एंटीसेप्टिक और एंटीस्पास्मोडिक गुण पाए जाते हैं, जो बलगम को कम करने के साथ-साथ खांसी, साइनसाइटिस, गले में संक्रमण, सर्दी, फ्लू, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (6)।
(ख) नीलगिरी का तेल
सामग्री:
- कुछ बूंद नीलगिरी का तेल
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी को हल्का गर्म करने के बाद उसमें निलगिरी का तेल मिलाएं।
- फिर तौलिए से सिर को ढककर आराम से सांस लें और छोड़ें।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में दो से तीन बार इसे पांच मिनट तक उपयोग में ला सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
नीलगिरी के तेल को लेकर किए गए एक शोध में पाया गया कि इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और म्यूकोलाइटिक गुण के कारण खांसी की समस्या से राहत पाया जा सकता है। इससे बलगम की समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है (7)।
4. अदरक
सामग्री:
- लगभग एक इंच अदरक
- एक कप पानी
- शहद (वैकल्पिक)
कैसे करें उपयोग:
- अदरक को कूटकर पानी में डालें और लगभग 10 मिनट तक इस पानी को उबालें।
- फिर इस पानी को थोड़ी देर तक ठंडा होने दें।
- फिर इसमें शहद मिलाकर या बिना शहद के धीरे-धीरे पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में तीन से चार बार इस उपाय को करें।
कैसे है फायदेमंद:
अदरक का उपयोग कफ निकालने के घरेलू उपाय में किया जा सकता है। इसके लिए इसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सहायक हो सकते हैं, जो प्रोस्टाग्लैंडीन (एक तरह का सक्रिय लिपिड यौगिकों का समूह) के उत्पादन को कम कर सकता है, जिससे खांसी और बलगम को रोकने में मदद मिल सकती है (8)।
5. लहसुन
सामग्री:
- चार-पांच लहसुन की कलियां
- एक कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- लहसुन की कलियों को कुचल कर पानी में डाल लें।
- फिर पानी को 5 से 10 मिनट तक गर्म करें और थोड़ी देर के लिए अलग रख दें।
- गुनगुना होने पर इसका सेवन करें।
- आप लहसुन को भोजन बनाने में भी उपयोग कर सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- इस उपाय को दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद:
लहसुन को कई तरह की समस्याओं में घरेलू उपचार के लिए उपयोग किया जा सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि कफ का एक कारण संक्रमण भी है और ऐसा माना जा सकता है कि लहसुन में मौजूद एंटी माइक्रोबियल गुण संक्रमण को दूर कर बलगम से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (9)।
6. हल्दी और सेब का सिरका
सामग्री:
- एक चम्मच हल्दी
- एक चम्मच सेब का सिरका
- एक चम्मच शहद
- एक गिलास पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी में सेब का सिरका और हल्दी को मिलाकर गुनगुना होने तक गर्म करें।
- फिर स्वाद के लिए इसमें शहद मिलाकर पी लें।
- आप इस मिश्रण को गरारे करने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में दो बार तक उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
हल्दी कई तरह के आयुर्वेदिक गुणों से समृद्ध होती है, जो आपके शरीर से कई बीमारियों को दूर करने का काम कर सकती है। हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण मुख्य रूप से कफ की समस्या को दूर करने में सहायता कर सकते हैं (10)।
6. ह्यूमिडिफायर/वेपोराइजर
कैसे है फायदेमंद:
बलगम की समस्या के दौरान कमरे में ह्यूमिडिफायर लगाने से आराम मिल सकता है। दरअसल, यह कमरे में मरीज के अनुकूल ह्यूमिडिटी बनाने का काम करता है, जिससे गले की खराश और कफ से आराम मिल सकता है (11)। हालांकि, बलगम से छुटकारा दिलाने में यह सीधे तौर पर कैसे काम करता है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
7. शहद
सामग्री:
- एक चम्मच शहद
- चुटकी भर काली मिर्च पाउडर
कैसे करें उपयोग:
- शहद और काली मिर्च पाउडर को अच्छी तरह मिला लें।
- फिर इसका सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में दो से तीन बार तक उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
एक रिसर्च के अनुसार, शहद का उपयोग कर बलगम स्राव को कम किया जा सकता है, जिससे खांसी की समस्या भी दूर हो सकती है। दरअसल, शहद में डिमल्सेंट (सूजन और जलन को कम करने वाला एक तरह का एजेंट) और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो साइटोकिन (एक तरह के प्रोटीन का समूह) रिलीज को बढ़ावा देने का काम करते हैं, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण हो सकता है (12)। एंटीमाइक्रोबियल गुण किसी भी तरह के संक्रमण से बचाव करने का काम कर सकते हैं।
8. प्याज
सामग्री:
- एक प्याज
- आधा चम्मच शहद
कैसे करें उपयोग:
- प्याज को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- फिर इसे कुचल कर इसमें शहद मिला लें।
- इस मिश्रण को खाने के लिए उपयोग करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- प्रतिदिन दो से तीन बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
बलगम से निजात दिलाने में प्याज आपकी मदद कर सकता है। यह एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीइफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होती है (13) माना जाता है कि प्याज के ये गुण क्रुप, खांसी व ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन तंत्र संक्रमण से निजात दिलाने का काम कर सकते हैं, जिससे बलगम को दूर करने में मदद मिल सकती है (14)।
9. नींबू का रस
सामग्री:
- एक नींबू
- एक गिलास पानी
- शहद
कैसे करें उपयोग:
- पानी को हल्का गर्म कर लें और उसमें नींबू के रस को निचोड़ लें।
- इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए शहद मिलाएं और फिर पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में तीन बार इसका उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
नींबू का उपयोग श्वसन तंत्र से जुड़ी कई समस्याओं जैसे सर्दी-जुकाम, खांसी व गले में खराश आदि से निजात दिलाने का काम कर सकता है। इसके पीछे नींबू में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और विटामिन-सी गुण हो सकते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि इन श्वसन तंत्र समस्याओं पर नींबू के सकारात्मक प्रभाव बलगम से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (15) (16)।
10. हर्बल चाय
सामग्री:
- कैमोमाइल के कुछ सूखे फूल
- एक कप पानी
- शहद (वैकल्पिक)
कैसे करें उपयोग:
- पानी को गर्म कर लें और फिर उसमें कैमोमाइल के कुछ सूखे फूल डाल दें।
- फिर इसे छान कर धीरे-धीरे पिएं।
- स्वाद के लिए इसमें शहद भी डाल सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक से दो बार पी सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
कैमोमाइल के सूखे फूलों को हर्बल टी के लिए उपयोग किया जाता है, जो आपको खांसी और जुकाम से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह सब इसमें पाए जाने वाले एंटीइन्फ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण के कारण ही संभव हो पाता है (17)। इसके अलावा, तुलसी, मुलेठी और दालचीनी की चाय का सेवन भी उपयोगी हो सकता है।
11. लाल मिर्च
सामग्री:
- एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- एक चम्मच शहद
- दो चम्मच पानी
कैसे करें उपयोग:
- मिर्च पाउडर को शहद और पानी के साथ मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- प्रतिदिन दो बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
लाल मिर्च को बलगम के इलाज में एक कारगर दवाई की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। मिर्च की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे शहद के साथ मिलाकर खाने से सर्दी-जुकाम से राहत मिल सकती है, जिससे बलगम की समस्या को भी रोका जा सकता है (18)।
12. गुड़
सामग्री:
- गुड़ का एक टुकड़ा
- आधा प्याज
कैसे करें उपयोग:
- प्याज को छोटे टुकड़ों में काटकर गुड़ के साथ मिला लें।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- प्रतिदिन दो से तीन बार इसका सेवन किया जा सकता है।
कैसे है फायदेमंद:
गुण का उपयोग कर श्वसन प्रणाली से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। इनमें गले की खराश, सर्दी और खांसी की समस्या भी शामिल हैं, जिससे बलगम को बढ़ने से रोका जा सकता है। गुड़ में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट क्लिंजर गुण पाए जाते हैं। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि कफ निकालने के घरेलू उपाय में गुड़ भी हो सकता है (19)।
13. अनानास का रस
सामग्री:
- एक चौथाई अनानास
- एक कप पानी
कैसे करें उपयोग:
- पानी के साथ अनानास को ब्लेंड करके जूस बना लें।
- फिर इसे पी लें।
- अनानास के टुकड़ों को आप सीधे खा भी सकते हैं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
बलगम की समस्या से निजात दिलाने में अनानास भी आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, अनानास में एक खास प्रकार का एंजाइम ब्रोमेलैन पाया जाता है, जो बलगम से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है (20)।
14. ऑयल पुलिंग
सामग्री:
- एक चम्मच तिल का तेल
कैसे करें उपयोग:
- तिल के तेल को मुंह में डाल लें।
- फिर उसे लगभग 5 मिनट के लिए मुंह के अंदर घुमाएं।
- फिर इसे थूक दें।
कितनी बार करें उपयोग:
- अच्छे परिणाम के लिए इस उपाय को रोजाना प्रयोग करें।
कैसे है फायदेमंद
ऑयल पुलिंग को मुंह के स्वास्थ्य के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसके अलावा, यह कई श्वसन संबंधी विकारों को दूर करने का काम कर सकता है, जिससे बलगम से छुटकारा मिल सकता है (21)। फिलहाल, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है कि यह किस गुण के कारण कफ में फायदेमंद है।
15. संतरे का रस
सामग्री:
- एक संतरा
कैसे करें उपयोग:
- संतरे को ब्लेंड करें और जूस निकाल लें।
- फिर इस जूस को ताजा पिएं।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक बार संतरे का जूस पिएं।
कैसे है फायदेमंद:
संतरे के जूस का सेवन करने पर बलगम को दूर किया जा सकता है। दरअसल, संतरे में विटामिन-सी होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। एंटीऑक्सीडेंट खांसी की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकता है, जिससे बलगम को बढ़ने से रोका जा सकता है (22)।
16. सूप
सामग्री:
- एक इंच अदरक
- दो से तीन लहसुन की कलियां
- लगभग 50 ग्राम चिकन
- स्वादानुसार नमक और चुटकी भर काली मिर्च
कैसे करें उपयोग:
- चिकन के साथ बाकी सामग्रियों को मिलाकर सूप बना लें।
- फिर इसे पीने के लिए उपयोग करें।
कितनी बार करें उपयोग:
- दिन में एक बार उपयोग कर सकते हैं।
कैसे है फायदेमंद:
चिकन सूप बलगम को पतला करने में सहायता कर सकता है, जिससे बलगम को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। इसके लिए चिकन में पाए जाने वाले एमिनो एसिड मददगार होते हैं (23)।
आइए, अब कफ में परहेज करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानते हैं।
कफ (बलगम) में परहेज – What to Avoid During Phlegm in Hindi
कफ होने पर कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना आपके लिए बेहतर होगा। अगर इन आहार का सेवन किया गया, तो आपका कफ बढ़ सकता है। परहेज करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में नीचे बताया जा रहा है-
- रात में दही का सेवन न करें।
- शराब का सेवन न करें।
- धूम्रपान न करें।
- ठंडी चीजों के सेवन से बचें।
- बाहर से आकर तुरंत फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं।
- जिन खाद्य पदार्थों से आपको एलर्जी है, उनका सेवन न करें।
- सर्दी-जुखाम होने पर ठंडी तासीर वाले फलों से दूर रहें।
- जिन खाद्य पदार्थों को खाने से आपको खांसी हो, उनका सेवन न करें।
आइए, कफ से बचने के कुछ आसान उपाय जानते हैं।
कफ से बचने के उपाय – Prevention Tips for Phlegm in Hindi
कफ के बारे में जानने के बाद आप इस समस्या से बचने के बारे में सोच रहे होंगे। ऐसे में ये काम की बातें आपको कफ से बचने में मदद कर सकती हैं-
- रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- सुबह या शाम हर्बल चाय पी सकते हैं।
- संतुलित आहार को जीवन शैली में शामिल करें।
- किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए खुद को साफ-सुथरा रखें।
- सर्दी-जुकाम से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें।
- प्रदूषण से बचने के लिए मास्क लगाकर बाहर निकलें।
इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप बलगम की समस्या को घर बैठे दूर कर पाएंगे। बस जरूरत है, इस लेख में बताए गए घरेलू उपचार को अपनाने की। इसके अलावा, लेख में आपको बलगम से बचने के उपाय और कफ में परहेज जैसी जरूरी जानकारी भी दी गई हैं, जिनका पालन कर आप कफ की समस्या से बचे रहेंगे। आशा करते हैं कि इस लेख की जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
जब मैं कफ को निगलता हूं, तो क्या होता है?
माना जाता है कि अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं और आपका कफ पतला है, तो उसे निगलने से किसी तरह की समस्या नहीं होती। वहीं, अगर आप बीमार हैं और आपका कफ गाढ़ा है, साथ ही उसका रंग बदल गया है, तो ऐसे में कफ को निगलने से आवाज में बदलाव हो सकता है (24)।
गले में बलगम के निर्माण से कैसे छुटकारा पाएं?
गर्म पेय पदार्थ, हल्के मसालेदार भोजन (जो पेट को नुकसान न पहुंचाएं) या ऊपर बताए गए घरेलू उपायों को अपनाकर आप बलगम के निर्माण से छुटकारा पा सकते हैं।
क्या डेयरी उत्पाद अधिक बलगम पैदा कर सकते हैं ?
स्वस्थ लोगों में डेयरी उत्पाद बलगम का कारण नहीं बनता (25)। हालांकि, अस्वस्थ लोगों में यह बलगम का कारण बन सकता है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, कफ होने पर डॉक्टर से पूछकर ही डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
डॉक्टर को कब दिखाना है?
बलगम का लगातार बना रहना या बढ़ना, बलगम के रंग में बदलाव और साथ में अगर अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
References
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http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.818.1942&rep=rep1&type=pdf - Efficacy of cineole in patients suffering from acute bronchitis: a placebo-controlled double-blind trial
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4264806/ - Anti-bacterial action of onion (Allium cepa L.) extracts against oral pathogenic bacteria
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https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3210003/ - Home Remedy for Cough
https://www.pitt.edu/~cjm6/sp99cough.html - adulteration in jaggery
https://www.academia.edu/23319273/adulteration_in_jaggery - GastroIntestinal Stasis, The Silent Killer
http://www.bio.miami.edu/hare/ileus.html - Effect of oil pulling on peak expiratory flow rate
http://www.ijrhs.org/sites/default/files/IntJResHealthSci-1-3-134.pdf - Dietary vitamin C intake is inversely related to cough and wheeze in young smokers
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12587963/ - The Qualities of Skillful Leadership
https://www.hq.nasa.gov/office/codec/cc/Pages/navig_01_06.pdf - Efficacy of Six Tasks to Clear Laryngeal Mucus Aggregation
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5266670/
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