विषय सूची
संक्रमण के कारण त्वचा संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें से एक बालतोड़ भी है। एक आम धारणा बन चुकी है कि जब शरीर के किसी भी हिस्से का बाल अचानक टूट जाता है, तो बालतोड़ हो जाता है। हां, यह बात सही है कि जहां बालतोड़ होता है, वहां एक गांठ जरूर बन जाती है, लेकिन हम स्पष्ट कर दें कि बालतोड़ किसी प्रकार की बीमारी नहीं है। इसलिए, इसे आसानी से घर बैठे-बैठे ही ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद में इसके उपचार के बारे में विस्तार से बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार घर की रसोई में ऐसी कई चीजें मौजूद हैं, जिससे बालतोड़ का इलाज किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ऐसे ही घरेलू सामग्रियों के बारे में बताएंगे, जो बालतोड़ का घरेलू इलाज साबित हो सकती हैं।
नीचे विस्तार से पढ़ें
आइए, सबसे पहले जान लेते हैं कि बालतोड़ क्यों होता है।
बालतोड़ क्यों होता है? – What are Boils in Hindi
बालतोड़ त्वचा पर होने वाली एक प्रकार की संक्रमण की समस्या होती है। बालतोड़ लाल रंग के फोड़े के रूप में बाल कूप (हेयर फॉलिकल) या फिर तैलीय ग्रंथियों से शुरू होता है। करीब चार-पांच दिन बाद इसका रंग लाल से सफेद हो जाता है और उसके अंदर मवाद बनने लगती है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है और असहनीय दर्द भी होता है (1)।
बालतोड़ क्यों होता है यह जानने के बाद अब आगे हम बाल तोड़ के प्रकार बता रहे हैं।
बालतोड़ के प्रकार – Types of Boils in Hindi
शरीर के कई भाग में फोड़े-फुंसी होते हैं, जिन्हें अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इन्हें बालतोड़ के प्रकार भी कहा जा सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नीचे बालतोड़ के कुछ प्रकार बता रहे हैं:
- नासूर (Carbuncle)- यह एक तरह का त्वचा संक्रमण है, जिसमें अक्सर बालों के रोम का एक समूह शामिल होता है। इससे संक्रमित स्थान पर एक गांठ बन जाती है, जो त्वचा की गहराई में होती है और इसमें अक्सर मवाद बन जाती है (2)।
- हिड्राडेनाइटिस सुपराटीवा (Hidradenitis Suppurativa)- यह क्रोनिक त्वचा रोग है। इसमें दर्द होने के साथ ही फोड़े जैसी गांठ भी बन जाती है। यह समस्या अक्सर उन भागों में होती है, जहां त्वचा एक साथ रगड़ती है, जैसे कि बगल और जांघों के ऊपरी भाग में। इसमें फोड़े में मवाद भरा होता है (3)।
- पायलोनिडल सिस्ट (Pilonidal Cyst)- यह ऐसी समस्या है, जो नितंबों के बीच क्रीज में एक हेयर फॉलिकल के चारों ओर बनता है। इस इन्फेक्शन के कारण फोड़ हो जाता है। इसलिए, इसे भी बालतोड़ का एक प्रकार कहा जा सकता है (4)।
पढ़ते रहें यह आर्टिकल
अब लेख के अगले भाग में हम बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) होने के कारण बताएंगे।
बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) के कारण – Causes of Boils in Hindi
अगर किसी समस्या के उत्पन्न होने का कारण पता चल जाता है, तो लोग उन कारणों के प्रति सतर्क हो जाते हैं। इससे समस्या को उत्पन्न होने से पहले ही रोका जा सकता है। बालतोड़ होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं (1), (5)।
- पहला और अहम कारण स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया (जीवाणु) है। यह छोटे से घाव या फिर चोट के रास्ते शरीर में पहुंचता है और बाल कूप में जाकर इंफेक्शन को फैलाता है। इससे बालतोड़ होता है।
- यह डायबिटीज के कारण भी हो सकता है।
- नाक के अंदर जीवाणु जमा होने से भी यह हो सकता है।
- खराब रोग प्रतिरोधक प्रणाली और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना भी एक अहम कारण है।
- त्वचा की साफ-सफाई पर ध्यान न देना और रसायन युक्त उत्पादों के प्रयोग से भी बालतोड़ हो सकता है।
आगे है और जानकारी
ऊपर बालतोड़ के कारण जाने, अब बालतोड़ के लक्षण की जानकारी दे रहे हैं।
बालतोड़ के लक्षण – Symptoms of Boils in Hindi
आमतौर पर बालतोड़ चेहरे, गर्दन, अंडरऑर्म्स, कूल्हों या फिर जांघों पर होते हैं। इसकी शुरुआत एक छोटी-सी फुंसी के साथ होती है। इसका आकार चेरी से लेकर अखरोट जितना हो सकता है। कई बार फोड़े और बालतोड़ में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हम यहां कुछ ऐसे लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से बालतोड़ की पहचान की जा सकती है (1), (5)।
- फोड़े के चारों ओर त्वचा लाल रंग की नजर आती है।
- फोड़े और उसके आसपास सूजन आ जाती है।
- इसके कारण असहनीय दर्द होता है।
- कुछ दिनों के बाद इसमें गांठ बनने लगती है।
- फिर इसमें मवाद भरनी शुरू हो जाती है।
- कुछ लोगों को इससे बुखार भी आ सकता है।
- पीड़ित व्यक्ति को कमजोरी व थकावट महसूस हो सकती है।
अब इस लेख के अगले भाग में हम जानेंगे कि बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) का घरेलू उपचार क्या-क्या है।
बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) के घरेलू उपचार – Home Remedies for Boils in Hindi
बालतोड़ का घरेलू उपाय द्वारा इलाज किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे विस्तारपूर्वक जानें।
1. टी ट्री तेल
सामग्री :
- टी ट्री तेल की 7 बूंदें
- आधा कप विच हेजल
- सूती कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- तेल को विच हेजल के साथ मिक्स कर लें।
- फिर सूती कपड़े को इसमें भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाएं।
कितनी बार करें प्रयोग :
- इसे रोज दिन में तीन बार लगा सकते हैं, जब तक कि बालतोड़ पूरी तरह से ठीक न हो जाए।
किस प्रकार है लाभकारी :
संवेदनशील त्वचा के लिए टी ट्री तेल बेहद गुणकारी है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कील-मुंहासों, बालतोड़ व त्वचा से संबंधित अन्य समस्याओं के लिए किया जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, टी ट्री ऑयल में एंटीसेप्टिक व एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण टी ट्री ऑयल बालतोड़ का कारण बनने वाले स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया पर प्रभाव दिखा सकता है। इसलिए, टी ट्री ऑयल बालतोड़ को कुछ हद तक ठीक कर सकता है (6) (7)। बालतोड़ के लिए इलाज के रूप में टी ट्री आयल का उपयोग कर सकते हैं।
सावधानी : अकेले टी ट्री ऑयल को त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए, अन्यथा इससे जलन हो सकती है।
2. हल्दी
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- एक चम्मच हल्दी पाउडर
- थोड़ा-सा पानी
प्रयोग की विधि :
- हल्दी पाउडर में इतना पानी डालें कि पेस्ट बन जाए।
- अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- बालतोड़ के इलाज के लिए दिन में दो बार यह पेस्ट लगा सकते हैं। साथ ही रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध भी पी सकते हैं।
किस प्रकार है लाभकारी :
शरीर में कहीं भी चोट लगी हो या फिर संक्रमण हुआ हो, इनके लिए हल्दी से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। बालतोड़ के इलाज के रूप में हल्दी का प्रयोग किया जा सकता है। हल्दी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल जैसे प्रभावी गुण पाए जाते हैं। यह बालतोड़ और उससे होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकती है (8)। इसे संक्रमण वाली जगह पर लगाए या फिर सेवन करें, यह हर तरह से फायदेमंद साबित हो सकती हैं। बालतोड़ के उपाय के रूप में हल्दी का इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
सावधानी : हल्दी के अधिक सेवन से रक्त के थक्के बन सकते हैं या फिर गुर्दे की पथरी भी हो सकती है।
3. लहसुन
सामग्री :
- लहसुन की एक या दो कलियां
प्रयोग की विधि :
- लहसुन की कलियों को अच्छी तरह मसलकर पेस्ट बना लें।
- फिर यह पेस्ट बालतोड़ पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद साफ पानी से धो लें।
- लहसुन की कलियों को काटकर उनका जूस निकालकर भी संक्रमित जगह पर लगा सकते हैं।
कितनी बार करें प्रयोग :
- कम से कम दिन में एक बार जरूर करें।
किस प्रकार है लाभकारी :
आयुर्वेद में लहसुन के भी कई फायदे बताए गए हैं। एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि लहसुन के प्रयोग से बालतोड़ के सबसे अहम जीवाणु स्टेफिलोकोकस ऑरियस को बढ़ने से रोका जा सकता है। लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट व एंटीबैक्टीरिया की तरह काम कर सकता है (9)। फोड़े फुंसी का इलाज और फुंसी हटाने के उपाय के रूप में लहसुन का उपयोग कर सकते हैं।
4. प्याज
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- आधा कटा प्याज
- आधा चम्मच शहद
प्रयोग की विधि :
- प्याज को अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट तैयार कर लें।
- फिर इसमें शहद डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें।
- इसके बाद यह पेस्ट बालतोड़ पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर साफ पानी से धो लें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- प्याज का बड़ा टुकड़ा
- एक साफ कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- प्याज को बालतोड़ पर रख दें और कुछ घंटों के लिए कपड़ा बांध दें।
- प्याज की गर्मी से फोड़ा पक जाएगा और मवाद बाहर निकल जाएगी।
कितनी बार करें प्रयोग :
- जब तक मवाद पूरी तरह से निकल न जाए, इस प्रक्रिया को रोज दिन में दो से तीन बार करें।
किस प्रकार है लाभकारी :
फुंसी हटाने के उपाय के रूप में प्याज भी कारगर घरेलू उपचार साबित हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, प्याज में एंटीबैक्टीरियल व एंटीमाइक्रोबियल तत्व होते हैं, जो विभिन्न तरह के संक्रमण खासकर स्टेफिलोकोकस ऑरियस से निपटने में काम आते हैं। साथ ही इसमें फेनोलिक एसिड भी होता है, जो किसी भी प्रकार के संक्रमण को पनपने से रोक सकता है (10) (11)। ऐसे में इसे बालतोड़ की मेडिसीन भी कहा जा सकता है।
5. अरंडी का तेल
सामग्री :
- अरंडी के तेल की कुछ बूंदें
- एक कॉटन बॉल
प्रयोग की विधि :
- कॉटन बॉल पर अरंडी का तेल लगाकर फोड़े पर रख दें।
- ध्यान रहे कि रूई को न तो दबाएं और न ही रगड़ें।
- कुछ देर बाद रूई को हटा दें। इसके बाद घाव को धोएं नहीं।
कितनी बार करें प्रयोग:
- जब तब आराम न मिले रोज कम से कम तीन बार ऐसा करते रहें।
किस प्रकार है लाभकारी :
त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं के लिए अरंडी का तेल लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक, अरंडी के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं। इससे बालतोड़ की समस्या को पनपने से रोक सकते हैं (12) । फोड़े फुंसी का इलाज इस तेल की मदद से किया जा सकता है।
6. नीम
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- नीम के तेल की कुछ बूंदें
- एक कॉटन बॉल
प्रयोग की विधि :
- तेल को कॉटन बॉल पर लगाकर फोड़े पर रख दें।
- कुछ देर बार कॉटन बॉल को हटा लें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- नीम की कुछ पत्तियां
- आधा चम्मच हल्दी पाउडर
- पानी (आवश्यकतानुसार)
प्रयोग की विधि :
- नीम की पत्तियों को हल्दी और पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें।
- फिर इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाकर छोड़ दें।
- जब पेस्ट सूख जाए, तो साफ पानी से उसे धो लें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- नीम तेल की विधि को दिन में चार-पांच बार करें। वहीं, नीम पेस्ट को दिन में दो बार लगाएं, जब तक कि फोड़ा ठीक न हो जाए।
किस प्रकार है लाभकारी :
नीम के पत्ते एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल के प्रमुख स्रोत हैं। नमी के पत्तों को सदियों से मुंहासे और बालतोड़ जैसे त्वचा संबंधी संक्रमण के लिए प्रयोग किया जा रहा है। नीम का तेल संक्रमण के कारण पैदा होने वाले बैक्टीरिया व सूजन को कम करने और घाव को भरने में मदद कर सकता है (13)। बाल तोड़ के घरेलू नुस्खे के रूप में नीम का प्रयोग किया जा सकता है।
7. गर्म सिकाई
सामग्री :
- गर्म पानी
- साफ कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- सबसे पहले गर्म पानी में कपड़े को भिगोकर निचाड़ लें।
- इसके बाद गर्म कपड़े को प्रभावित जगह पर करीब 15-20 मिनट तक रखें।
- इस दौरान फोड़े पर न तो दबाव डालें और न ही उसे दबाएं।
कितनी बार करें प्रयोग :
- जब तक फोड़ा पूरी तरह से ठीक न हो जाए, इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
किस प्रकार है लाभकारी :
एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि कई त्वचा संबंधी समस्या के लिए डॉक्टर गर्म कपड़े से सिकाई करने की सलाह देते हैं, जिनमें बालतोड़ भी शामिल है। इस सिकाई के मदद से पस बाहर आ सकती है, जिससे बालतोड़ से जल्दी राहत मिल सकती है (14)। बालतोड़ के घरेलू इलाज के लिए यह सबसे सरल और आसान उपाय है।
8. एलोवेरा
सामग्री :
- एलोवेरा का पत्ता या एलोवेरा जेल
प्रयोग की विधि :
- एलोवेरा के पत्ते को काटकर उसमें से जेल निकाल लें। एलोवेरा जेल बाजार में भी उपलब्ध है। उसका भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन पत्ते को काटकर निकाला गया जेल सबसे बेहतर है।
जेल निकालने के बाद रात को सोने से पहले इसे फोड़ पर लगा दें और रातभर लगा रहने दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- जब तक आराम न मिले, प्रतिदिन करते रहें।
किस प्रकार है लाभकारी :
एलोवेरा का प्रयोग न सिर्फ सुंदरता बढ़ाने के लिए, बल्कि त्वचा से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमण में भी किया जा सकता है। एलोवेरा में भी एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो बालतोड़ जैसे संक्रमण को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही यह स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया पर भी प्रभावी असर दिखा सकता है। इसे प्रभावित जगह पर लगाने से किसी भी तरह की जलन नहीं होती है (15)। अगर कोई घर बैठे-बैठे ही फोड़ा का उपचार करना चाहते हैं, तो एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकता है।
9. पान का पत्ता
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- दो-तीन पान के पत्ते
- अरंडी के तेल की कुछ बूंदें
- साफ कपड़ा या रूई
प्रयोग की विधि :
- अरंडी के तेल को पान के पत्तों पर लगा दें और फिर इन्हें पैन में रखकर थोड़ा गर्म कर लें।
- फिर इसे फोड़े के ऊपर रख दें।
- इससे फोड़े में जमा सारी मवाद बाहर निकल जाएगी।
- इसके बाद साफ कपड़े या फिर रूई से जख्म को साफ कर दें।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- दो-तीन पान के पत्ते
- चुटकी भर हल्दी
प्रयोग की विधि :
- पान के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर पेस्ट तैयार कर लें।
- फिर इस पेस्ट को फोड़े पर लगाकर छोड़ दें।
- जब यह सूख जाए, तो इसे साफ पानी से धो दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- इन दोनों प्रक्रियाओं को दिन में दो बार तब तक करें, जब तक कि घाव पूरी तरह से भर न जाए।
किस प्रकार है लाभकारी :
पान के पत्ते भोजन के बाद खाना पचाने और पूजा-पाठ में काम आने के अलावा बालतोड़ जैसी समस्या से निपटने में भी मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में सदियों से त्वचा संबंधी रोगों के लिए पान के पत्ते का प्रयोग किया जा रहा है। पान के पत्तों में एंटीबैक्टीरिया और एंटीफंगस गुण होते हैं। ये संक्रमित जगह से विषैले जीवाणुओं को साफ कर सूजन को कम कर सकते हैं, जिससे बालतोड़ ठीक हो सकता हैं (16)। इसलिए, बाल तोड़ के घरेलू नुस्खे के तौर पर पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जा सकता है।
10. मंजिष्ठा
प्रक्रिया नंबर-1
सामग्री :
- मंजिष्ठा पाउडर या सिरप
- एक गिलास पानी या दूध
प्रयोग की विधि :
- मंजिष्ठा पाउडर या सिरप को पानी या दूध में मिलाकर पी सकते हैं।
प्रक्रिया नंबर-2
सामग्री :
- मंजिष्ठा पाउडर
- थोड़ी-सी हल्दी
- आवश्यकतानुसार पानी
प्रयोग की विधि :
- मंजिष्ठा पाउडर को हल्दी और पानी के साथ मिक्स करके पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को फोड़े पर लगाएं और जब यह सूख जाए, तो साफ पानी से धो लें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- पाउडर को दूध के साथ दिन में एक बार तो जरूर लें। वहीं पेस्ट को रोज दो बार लगाएं।
किस प्रकार है लाभकारी :
यह आयुर्वेदिक औषधि कॉफी के परिवार से संबंध रखती है। इसे इंग्लिश में रुबिया कोर्डीफोलिया कहा जाता है। मुख्य रूप से इसे खून को साफ करने वाली दवा के तौर पर जाना जाता है। यह खून को साफ करके शरीर को डिटॉक्सीफाई कर सकती है। इस जड़ी-बूटी में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं और यह स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया पर प्रभावित तरीके से काम कर सकती है। इसके नियमित प्रयोग से त्वचा पर सकारात्मक असर नजर आ सकते हैं (17)। मंजिष्ठा की मदद से फोड़ा का इलाज करना संभव है।
11. कलौंजी
सामग्री :
- कलौंजी के तेल की दो-तीन बूंदें
- आधा चम्मच जोजोबा तेल
प्रयोग की विधि :
- इन दोनों तेल को आपस में मिक्स कर लें।
- फिर रात को सोने से पहले इसे फोड़े पर लगा दें और रातभर लगा रहने दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- जब तक आराम न मिले इसे लगाते रहें।
किस प्रकार है लाभकारी :
कलौंजी के छोटे और काले रंग के बीज बेहद कमाल के हैं। ये हर घर की रसोई में आसानी से मिल जाएंगे। इसका प्रयोग कई तरह की बीमारियों में किया जा सकता है। इनमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल जैसे गुण पाए जाते हैं, जो बालतोड़ के कारण हुए घाव को भरकर आराम दिला सकते हैं। साथ ही बालतोड़ का कारण बनने वाले स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया के असर को भी कम कर सकता है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक मेडिकल रिसर्च से होती है (18)। इसके अलावा, कलौंजी का तेल भी बालतोड़ के घरेलू इलाज का काम कर सकता है (19)।
12. मकई का आटा
सामग्री :
- आधा कप पानी
- मकई का आटा (आवश्यकतानुसार)
- साफ सूती कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- पहले पानी को उबाल लें और फिर उसमें इतना मकई का आटा डालें कि पेस्ट बन जाए।
- इसके बाद यह पेस्ट फोड़े पर लगाएं और फिर कपड़े से ढक दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- ऐसा दिनभर में कई बार करें, ताकि फोड़ा पक जाए और उसमें से मवाद बाहर निकल जाए।
किस प्रकार है लाभकारी :
मकई के आटा का उपयोग कर बालतोड़ से छुटकारा पाया जा सकता है। एक मेडिकल रिसर्च की माने, तो मकई में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरियल संक्रमण के समस्या से निजात दिला सकते हैं (20)। चूंकी, बालतोड़ एक बैक्टीरियल संक्रमण है, इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि बालतोड़ का इलाज मकई से किया जा सकता है। अभी इस संबंध में वैज्ञानिक और रिसर्च कर रहे हैं।
13. सेंधा नमक
सामग्री :
- दो चम्मच सेंधा नमक
- एक बड़े कटोरे जितना पानी
- सूती कपड़ा
प्रयोग की विधि :
- पानी को गर्म कर लें और उसमें सेंधा नमक मिला दें।
- अब इस पानी में कपड़े को डालकर भिगो दें और फिर निचोड़ लें।
- इसके बाद यह गर्म कपड़ा फोड़े पर करीब 20 मिनट के लिए रख दें।
कितनी बार करें प्रयोग :
- ऐसा दिन में करीब तीन बार करें, ताकि फोड़े में से मवाद बाहर निकल जाए।
किस प्रकार है लाभकारी :
घावों को ठीक करने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग किया जा सकता है। यह नमक बैक्टीरिया को खत्म करके मवाद को सुखाने का काम कर सकता है, ताकि बालतोड़ के कारण हुआ फोड़ा जल्द से जल्द ठीक हो जाए। गर्माहट से प्रभावित जगह पर रक्त का संचार बेहतर तरीके से होता है, जिससे संक्रमण से आराम मिल सकता है। बालतोड़ के घरेलू इलाज के तौर पर इसका प्रयोग जरूर करें। फिलहाल, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, इसलिए, डॉक्टर से पूछकर ही इस घरेलू उपचार का इस्तेमाल करें।
बने रहें हमारे साथ
आइए, अब जानते हैं कि बालतोड़ की स्थिति में क्या खाना चाहिए।
बालतोड़ में क्या खाना चाहिए – What to Eat During Boils in Hindi
बालतोड़ एक बैक्टीरियल संक्रमण है, इसलिए इससे निपटने और बचने के लिए एंटीबैक्टीरियल युक्त आहार का सेवन बालतोड़ की मेडिसीन का काम कर सकता है। जिन्हें बालतोड़ की समस्या है, वो नीचे बताए जा रहे खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं (21)।
- लहसुन, प्याज, अजवायन, मरजोरम और ऑरेगैनो खाद्य पदार्थ बालतोड़ से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
- पपीता
- पत्ता गोभी
- ब्रोकली
- सलाद पत्ते व गाजर
- स्ट्रॉबेरी
- मशरूम
- तरल पदार्थ का सेवन करें।
बालतोड़ में किन चीजों को परहेज करना चाहिए, अब हम इस पर चर्चा करेंगे।
बालतोड़ में परहेज – What to Avoid During Boils in Hindi
बालतोड़ का घरेलू उपाय कुछ खाद्य पदार्थ को परहेज करके भी किया जा सकता है, जिनमें यह शामिल हैं:
- अधिक तैलीय खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
- मसालेदार आहार को कम करें।
- ज्यादा जंक फूड न खाएं।
- बासी खाने का परहेज करें।
अभी बाकी है जानकारी
अब हम बताने जा रहे हैं कि बालतोड़ के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए।
बालतोड़ के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?
बालतोड़ की कुछ स्थितियों में डॉक्टरी सलाह लेना ही उचित होगा। ऐसे में उन परिस्थितियों का ज्ञान होना जरूरी है, जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (1)।
- बालतोड़ चेहरे या स्पाइन (रीढ़ की हड्डी) वाली भाग पर दिखाई दें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
- एक बार बालतोड़ के ठीक होने के बाद दोबारा आने पर डॉक्टर को दिखाएं।
- घरेलू इलाज से एक हफ्ते में ठीक न होने पर।
- बुखार के साथ गले पर लाल लकीरें नजर आना, अधिक मात्रा में पस बनना या संक्रमण के अन्य लक्षण दिखाई देने पर।
- असहनीय दर्द और बेचैनी होने पर डॉक्टर से मिलें।
इस लेख के अगले हिस्से में हम बालतोड़ के लिए इलाज बता रहे हैं।
बालतोड़ के लिए इलाज – Treatment For Boils in Hindi
बालतोड़ का इलाज करने के लिए डॉक्टर कुछ उपायों को अपना सकता है, जिनमें यह शामिल हैं (5)।
- बालतोड़ यानी फोड़े का इलाज के लिए डॉक्टर की भी सहायता ली जा सकती है। डॉक्टर एक छोटे से कट के साथ मवाद से भरे फोड़े को खोलते हैं और मवाद को बाहर निकालते हैं। इस उपचार के दौरान फोड़े के कील वाला भाग खुला रहना चाहिए, ताकि पस पूरी तरह बाहर निकल जाए।
- बालतोड़ की गंभीर स्थिति में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स भी दे सकते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर एंटीसेप्टिक सलूशन का उपयोग कर घाव को बार-बार साफ कर सकते हैं।
नीचे स्क्रॉल करें
अब हम आगे बालतोड़ से बचाव के उपाय बताएंगे।
बालतोड़ (फोड़े, फुंसी) से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Boils in Hindi
इस लेख में हमने उन तमाम घरेलू उपचारों के बारे में बात की, जिनके प्रयोग से बालतोड़ को ठीक किया जा सकता है। अब हम बात करेंगे उन खास उपायों के बारे में जिनका पालन करने से बालतोड़ होने जैसी स्थिति से बचा जा सकता है।
- ध्यान रहे कि बालतोड़ संक्रमण के कारण होता है। अगर किसी शख्स को बालतोड़ है और वे अंजाने में बालतोड़ को छू लेते हैं, तो तुरंत हाथों को साबुन व पानी से अच्छी तरह धोएं।
- अगर किसी को बालतोड़ है, तो उसके कपड़े और बिस्तर को गर्म पानी में धोएं। धोते समय डिटर्जेंट के साथ ब्लिच को जरूर मिलाएं।
- अगर किसी को छोटी-सी भी चोट लग जाए या कट लग जाए, तो उसे अच्छी तरह साफ करें और दवा लगाएं।
- हमेशा खुद को साफ-सुथरा रखें, ताकि संक्रमण आसपास भी न फटके।
- संतुलित भोजन करें और नियमित व्यायाम करें, ताकि हमेशा स्वस्थ रहें।
छोटी-छोटी फुंसियों कभी भी और किसी को भी हो सकती हैं, जो अमूमन अपने आप ठीक भी हो जाती हैं। यह संभव नहीं कि हर फुंसी बालतोड़ बने, लेकिन इन्हें हल्के में लेना बड़ी गलती साबित हो सकती है। इसलिए, जितना हो सके खुद को हाइजिन रखें और संतुलित दिनचर्या का पालन करें। अगर इसके बावजूद किसी को फुंसी हो जाए, जो बड़े फोड़े में तबदील हो जाए, तो इस आर्टिकल में बताए गए बालतोड़ के उपाय को जरूर आजमाएं। हो सकता है कि किसी की त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो, जिस कारण कुछ घरेलू उपाय उनको सूट न करें। इसलिए, उन्हें प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार जरूर पूछ लें।
अब एक नजर बालतोड़ को लेकर पाठकों के सवालों पर भी डाल लेते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बालतोड़ से जल्दी छुटकारा कैसे पाएं?
ऊपर बताए गए घरेलू उपचार का इस्तेमाल कर बालतोड़ से छुटकारा पाया जा सकता है।
रातभर में बालतोड़ से कैसे राहत पा सकते हैं?
बालतोड़ के मवाद को निकालने के बाद एक रात में ही राहत मिलना शुरू हो जाता है। उनके बाद धीरे धीरे यह खत्म हो जाता है।
बालतोड़ को ठीक होने में कितना समय लग सकता है?
अगर सही तरह से घरेलू उपचार किया जाए, तो बालतोड़ एक हफ्ते में ठीक हो सकता है।
क्या एक बालतोड़ अपने आप ठीक हो सकता है?
जी हां, बालतोड़ समय के साथ अपने आप ठीक हो सकता है।
क्या बिना मवाद को बाहर निकाले बालतोड़ ठीक हो सकता है?
जी हां, कई बार बिना मवाद को निकाले ही बालतोड़ ठीक हो जाता है। दरअसल, मवाद शरीर में ही अवशोषित हो जाता है और समय के साथ डिटॉक्स भी हो जाता है।
क्या एक बालतोड़ एक छेद यानी गड्ढा छोड़ देता है?
जी हां, बालतोड़ के कील वाले जगह पर छेद यानी गड्ढा बन सकता है, लेकिन यह समय के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्या बालतोड़ के कोई दुष्प्रभाव हैं?
जी हां, कभी कभी बालतोड़ के कारण संक्रमण से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इनमें त्वचा, रीढ़ की हड्डी, मस्तिष्क, गुर्दे और हृदय से संबंधित संक्रमण शामिल है (1)।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Boils
https://medlineplus.gov/ency/article/001474.htm - Carbuncle
https://medlineplus.gov/ency/article/000825.htm - Hidradenitis Suppurativa
https://medlineplus.gov/hidradenitissuppurativa.html - Surgery for pilonidal cyst
https://medlineplus.gov/ency/article/007591.htm - Boils and carbuncles: Overview
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK513141/ - Melaleuca alternifolia (Tea Tree) Oil: a Review of Antimicrobial and Other Medicinal Properties
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1360273/ - Grandma’s Herbs
https://www.fda.gov/inspections-compliance-enforcement-and-criminal-investigations/warning-letters/grandmas-herbs-532853-09152017 - Potential of Curcumin in Skin Disorders
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6770633/ - Antibacterial Effect of Garlic Aqueous Extract on Staphylococcus aureus in Hamburger
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4332239/ - Antibacterial Effect of Onion
https://www.researchgate.net/publication/311535680_Antibacterial_Effect_of_Onion - Medicinal properties of onion and garlic
https://www.researchgate.net/publication/303803436_Medicinal_properties_of_onion_and_garlic - Commercial Essential Oils as Potential Antimicrobials to Treat Skin Diseases
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5435909/ - Neem: A Tree For Solving Global Problems
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK234637/ - Boils and carbuncles: How are boils treated
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK513136/ - Antibacerial Activity of Aloe vera Against Skin Pathogens
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.679.1670&rep=rep1&type=pdf - Betel Leaf: The Neglected Green Gold of India
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.729.4572&rep=rep1&type=pdf - Evaluation of the antibacterial activity of Ventilago madraspatana Gaertn., Rubia cordifolia Linn. and Lantana camara Linn.: isolation of emodin and physcion as active antibacterial agents
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16261521/ - A review on therapeutic potential of Nigella sativa: A miracle herb
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3642442/ - Detection of the Antibacterial Effect of Nigella Sativa Ground Seeds with Water
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3252685/ - Microbiological Quality Enhancement of Nutritive Value and Shelf-Life of Corn-Meal (OGI) Using Lactobacillus plantarum
http://irjpms.com/wp-content/uploads/2018/10/IRJPMS-V1N6P77-18.pdf - Food applications of natural antimicrobial compounds
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3441195/
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.
Read full bio of Dr. Zeel Gandhi