Written by , (शिक्षा- एमए इन मास कम्युनिकेशन)

शारीरिक समस्याओं से बचने व राहत पाने में खानपान की अहम भूमिका होती है। ऐसी ही एक समस्या पाइल्स यानी बवासीर भी है। जी हां, बवासीर व हेमोर्रोइड्स से ग्रस्त व्यक्ति को आहार पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। डाइट की मदद से पाइल्स के कारण होने वाली असुविधा को कुछ कम किया जा सकता है। अक्सर लोग पाइल्स के लिए दवा और क्रीम का सहारा लेते हैं, लेकिन आहार पर ध्यान देना भूल जाते हैं। इसी वजह से स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम बवासीर में क्या खाएं और क्या न खाएं इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

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चलिए, सीधे जानते हैं कि बवासीर में क्या खाना चाहिए। फिर बवासीर में परहेज के बारे में जानेंगे।

बवासीर में क्या खाएं? – Food For Piles in Hindi

बवासीर के लक्षण और इससे होने वाली परेशानी से राहत पाने के लिए डॉक्टर उच्च मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने की सलाह देते हैं। फाइबर से भरपूर आहार पाइल्स के कारण मल निकासी में होने वाली असुविधा कम हो सकती है। साथ ही इससे बवासीर को ठीक करने में भी मदद मिल सकती है (1)। चलिए, नीचे जानते हैं कि इस स्थिति में क्या खाना चाहिए।

1. फलियां

अगर कोई सोच रहा है कि बवासीर मे क्या खाएं, तो हम फलियां खाने की सलाह देंगे। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, फलियों में अधिक मात्रा में फाइबर होता है। यह पानी को अवशोषित करके मल को नरम कर सकता है, जिससे मल त्यागने में होने वाली परेशानी कम हो सकती है। इसी वजह से बवासीर में फलियों के सेवन को बेहतर माना जाता है (2)

2. अनाज

पाइल्स के लिए आहार में अनाज को शामिल करना भी एक अच्छा उपाय हो सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, अनाज भी फाइबर से समृद्ध होते हैं, जो पाइल्स की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकते हैं (3)। इसके लिए दलिया और गेहूं जैसे अनाज को सबसे बेहतर माना जाता है (1)

3. ब्रोकली

ब्रोकली का सेवन भी बवासीर में लाभदायक हो सकता है। ब्रोकली में भी भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। यह फाइबर पाइल्स के कारण होने वाली सूजन व रक्तस्राव को कम कर सकता है। साथ ही इसे बवासीर को बढ़ने से रोकने में भी लाभदायक माना जाता है। इतना ही नहीं, फाइबर रक्त वाहिकाओं में मल के फंसने के कारण होने वाली जलन को कम कर सकता है (4)

4. आर्टिचोक

बवासीर की स्थिति में आर्टिचोक का सेवन भी किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, आर्टिचोक में प्रीबायोटिक प्रभाव होता है। यह प्रभाव अच्छे माइक्रोबायोटा (पेट के अच्छे माइक्रोओर्गेनिज्म) को बढ़ावा देने में मदद करता है। इससे आंत स्वस्थ होने के साथ-साथ कब्ज की परेशानी भी कम हो सकती है। साथ ही मल आवृत्ति यानी फ्रीक्वेंसी पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (5)

5. जड़ वाली सब्जियां 

बवासीर में क्या खाएं की सूची में जड़ वाली सब्जियां भी शामिल हैं। इसके लिए मूली को इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में दिया हुआ है कि मूली पाइल्स का घरेलू इलाज करने में मदद कर सकती है। ऐसे में जिन्हें पाइल्स की समस्या है, वो मूली का सेवन कर सकते हैं (6)

मूली का पेस्ट बनाकर पाइल्स से प्रभावित हिस्से पर लगाने से सूजन से राहत मिल सकती है (7)। इसके अलावा, गाजर के उपयोग से भी बवासीर की समस्या ठीक हो सकती है (8)। फिलहाल, इन जड़ वाली सब्जियों का कौन-सा गुण इसमें मदद करता है यह स्पष्ट नहीं है।

6. स्क्वाश

बवासीर की स्थिति में जिन खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए उसकी सूची में स्क्वाश का नाम भी शामिल है। स्क्वाश एक तरह का सब्जी है, जो कद्दू की तरह ही दिखाई देती है। स्क्वाश में भी फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, इसलिए इसे बवासीर को ठीक करने में उपयोगी बताया जाता है (1)

7. शिमला मिर्च (बेल पेपर)

शिमला मिर्च का सेवन बवासीर के मरीज कर सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, बेल पेपर फाइबर से समृद्ध होती है (9)। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि फाइबर बवासीर के लक्षण से राहत देने में मदद कर सकता है। इसी वजह से माना जाता है कि शिमला मिर्च का इस्तेमाल पाइल्स के लिए किया जा सकता है।

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8. अजमोद

अजमोद का सेवन करके भी पाइल्स की समस्या को कुछ कम किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, अजमोद आहार को पचाने के साथ ही कब्ज की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। ऐसा करके अजमोद पाइल्स की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसकी वजह भी शोध में फाइबर को ही बताया गया है (10)

9. नाशपाती

बवासीर से पीड़ित व्यक्ति पियर यानी नाशपाती का सेवन कर सकते हैं। हम बता ही चुके हैं कि बवासीर होने पर शरीर को ज्यादा से ज्यादा फाइबर की जरूरत पड़ती है। एक सामान्य आकार के नाशपती में 5.5 ग्राम फाइबर होता है। इसी वजह से बवासीर से राहत दिलाने में इसे लाभदायक माना जाता है (1)

10. खीरा और खरबूजा

बवासीर में खाए जाने वाले पदार्थों में खीरा और खरबूजा भी शामिल हैं। दरअसल, खीरे में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो खाने को पचाने और कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (11)। वहीं, खरबूजा में फाइबर और पानी भरपूर होता है।

एक ओर फाइबर से कब्ज की परेशानी दूर हो सकती है। दूसरी ओर पानी शरीर में मौजूद फाइबर को ठीक तरीके से काम करने में मदद कर सकता है। इससे बवासीर को कुछ कम किया जा सकता है (1)

11. सेब

सेब का सेवन करके भी बवासीर को कम करने में मदद मिलती है। एक सामान्य आकार के सेब में 4.4 ग्राम फाइबर होता है। इसी वजह से पाइल्स डाइट में सेब को शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह फाइबर मल निकासी को आसान बनाता है और बवासीर की परेशानी को बढ़ने से रोक सकता है (1)

12. केला

अगर अभी भी सोच रहे हैं कि बवासीर में क्या खाएं, तो केले का सेवन भी कर सकते हैं। केले को एक कप दूध में मैश करके दिन में तीन से चार बार खाने से बवासीर के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है (8)। दरअसल, केला फाइबर से समृद्ध होता है और यह पाचन तंत्र को बेहतर कर सकता है (12)

13. रास्पबेरी

रास्पबेरी यानी रसभरी का उपयोग भी बवासीर में फायदेमंद साबित हो सकता है। आधा कप रसभरी में 4.0 ग्राम फाइबर होता है, जो पाइल्स की परेशानी को कम कर सकता है। इसी वजह से बवासीर से जूझ रहे लोगों को रास्पबेरी सेवन करने की सलाह दी जाती है (1)

14. स्ट्यूड प्रूनस

सूखे आलूबुखारा यानी प्रून को जब पानी और चीनी में उबालकर पकाया जाता है, तो उसे स्ट्यूड प्रूनस कहा जाता है। इसका सेवन भी पाइल्स के मरीज के लिए लाभकारी हो सकता है। कटे हुए आधे कप स्ट्यूड प्रूनस में 3.8 ग्राम फाइबर होता है, जो बवासीर से होने वाली असुविधा को कम कर सकता है। इसलिए, इसे बवासीर की डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है (1)

15. तरल पदार्थ

तरल पदार्थ का सेवन बवासीर के लिए लाभकारी हो सकता है। ऐसे में इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को  पालक, शलजम और गाजर की जूस पीना चाहिए। इसके अलावा, अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन भी करें। ये तरल पदार्थ पाइल्स को जल्दी ठीक करने में मदद कर सकते हैं (8)। दरअसल, तरल पदार्थ शरीर में फाइबर को बेहतर तरीके से काम करने में सहायता कर सकते हैं (1)

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आइए, अब जानते हैं कि बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए।

बवासीर में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to Avoid in Piles in Hindi

अगर कब्ज के कारण बवासीर हुई है, तो इस स्थिति में कुछ खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिए। बवासीर में न खाने वाले आहार की सूची कुछ इस प्रकार है (1):

  • बवासीर की समस्या से जूझ रहे लोगों को चीज़ और पनीर के सेवन से बचना चाहिए।
  • बवासीर में परहेज करने वाले आहार में चिप्स भी शामिल हैं।
  • इस स्थिति में फास्ट फूड का सेवन न करें।
  • अगर किसी को बवासीर है, तो आइसक्रीम खाने से बचें
  • मांसाहारी आहार का बादी बवासीर में परहेज करना चाहिए।
  • पैक फूड का सेवन न करें।
  • बादी बवासीर में परहेज करने वाले खाद्य पदार्थ की सूची में प्रोसेस्ड फूड जैसे कि हॉट डॉग का नाम भी शामिल है।

नीचे है और जानकारी

बवासीर में परहेज जानने के बाद अब हम आगे बवासीर के लिए योगासन की जानकारी दे रहे हैं।

बवासीर रोग का उपचार करने के लिए योगासन

खान-पान के अलावा योगासन भी बवासीर के लक्षणों से कुछ राहत दिला सकते हैं। इन योगासन के नाम कुछ इस प्रकार हैं :

1. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन दो शब्दों के मेल से बना है, पहला भुजंग मतलब सांप और दूसरा आसन। इसे अंग्रेजी में कोबरा पोज कहा जाता है। इस योग के दौरान शरीर का आकार सांप की तरह दिखता है, इसलिए इसे कोबरा पोज व भुजंगासन कहा जाता है। इस आसन को करने से बवासीर के कारण होने वाली असुविधा को कुछ हद तक कम किया जा सकता है (8)

विधि:

  • सबसे पहले एक समतल स्थान पर चटाई बिछा लें।
  • फिर पेट के बल लेटकर अपने हाथों को कंधों के बगल में रखें और माथे को जमीन से टिकाएं।
  • इस समय पैर तने हुए हों।
  • अब गहरी सांस लेते हुए हाथों से जमीन पर दबाव डालते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • इस दौरान सिर, उसके बाद चेस्ट और फिर अंत में नाभि वाले भाग को ऊपर उठाएं।
  • इस मुद्रा में आने के बाद ऊपर आसमान की ओर देखें।
  • इस अवस्था में शरीर का भार दोनों हाथों पर होगा और बाजुएं सीधी रहेंगी।
  • सामान्य रूप से सांस लेते हुए कुछ सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें।
  • अब सांस छोड़ते हुए पहले की अवस्था में आ जाएं।
  • इस आसन को चार से पांच बार दोहरा सकते हैं।

2. धनुरासन (Bow pose)

Bow pose
Image: Shutterstock

धनुरासन करते समय शरीर की आकृति धनुष को तरह बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है, जिनमें धनु यानी धनुष और आसन मतलब मुद्रा है। बताया जाता है कि इस योगासन से भी बवासीर से राहत मिल सकती है (8) 

विधि:

  • इस आसन को करने के लिए पहले योग मैट बिछा लें।
  • इसके बाद मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
  • फिर घुटनों को मोड़कर हाथों को पीछे ले जाकर टखनों को पकड़ लें।
  • अब सांस लेते हुए सिर, छाती और जांघ को ऊपर की तरफ उठाएं।
  • इस अवस्था में आने पर शरीर धनुष के आकार का दिखाई देने लगता है।
  • मुद्रा में आने के लिए शरीर पर जरूरत से ज्यादा जोर न लगाएं।
  • कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • अब पहले वाली अवस्था में आने के लिए गहरी सांस छोड़ते हुए शरीर के सभी अंगों को नीचे लाएं।
  • प्रारंभिक मुद्रा में आने के बाद इस योगासन को तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।

3. मत्स्यासन (Fish Pose)

Fish Pose
Image: Shutterstock

इस आसन के समय शरीर का आकार मछली की तरह दिखता है। यह योगासन आंतों को स्ट्रेच करने और पेट की बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। इस आसान से सूजन और बवासीर से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (13)। मत्स्यासन को करने के दो तरीके हैं, हम नीचे सरल और बवासीर में लाभदायक तरीका बता रहे हैं।

विधि:

  • सबसे पहले एक समतल स्थान पर चटाई बिछाकर पीठ के सहारे लेट जाएं।
  • इस दौरान दोनों पैर चिपके और हाथ शरीर से जुड़े होने चाहिए।
  • अब हथेलियों को हिप्स के नीचे रखें। इस दौरान पंजे जमीन की ओर होने चाहिए।
  • फिर दोनों कोहनियों को पास लाने की कोशिश करें।
  • अब गहरी सांस लेते हुए चेस्ट को ऊपर की ओर उठाएं। इस दौरान गर्दन वाला भाग भी ऊपर उठेगा, लेकिन सिर का ऊपरी भाग जमीन पर होगा।
  • इस समय शरीर का भार कोहनियों पर रहेगा ताकि सिर पर शरीर के भार का असर न हो।
  • जब चेस्ट ऊपर की ओर उठेगा, तो कंधों की मांसपेशियों पर खिंचाव होगा। इससे कंधों पर हल्का दबाव महसूस हो सकता है।
  • इस अवस्था में सामान्य रूप से सांस लेते और छोड़ते रहें।
  • अब धीरे-धीरे पहले की स्थिति में आ जाएं।
  • इसे तीन से चार बार तक दोहराया जा सकता है।

नोट: अगर कोई पहली बार योग कर रहा है, तो योगाचार्य की देखरेख में ही करें।

पाइल्स की समस्या से राहत पाना आसान है। जी हां, इसके लिए बस सही खानपान और देखभाल की आवश्यकता है, जिसके बारे में पाठक लेख में पढ़ सकते हैं। यहां पाइल्स के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा विस्तार से बताया गया है। अगर समस्या गंभीर हो रही है, तो घबराएं नहीं। बस बिना किसी झिझक के डॉक्टर से इस बारे में बात करें। इससे बवासीर को जल्दी ठीक करने में मदद मिल सकती है। ध्यान दें कि बवासीर के कारण शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है, यह बीमारी आधुनिक दिनचर्या की वजह से किसी को भी हो सकती है। स्वस्थ खाएं और शारीरिक समस्या से बचे रहें।

चलिए, अब बवासीर में खान-पान से जुड़े पाठकों के सवालों के जवाब जान लेते हैं।

 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या बवासीर में अंडा खाना खराब है?

बवासीर में अंडे का सेवन लाभदायक है या नुकसानदाक इसको लेकर किसी तरह का शोध उपलब्ध नहीं है। हां, अंडे की जर्दी के पेस्ट को जौ के आटे के साथ मिलाकर बवासीर से प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं। इससे रक्त बहने की समस्या से राहत मिल सकती है (14)

बवासीर को ठीक करने के लिए कौन-सा फल अच्छा है?

बवासीर को ठीक करने के लिए पियर, सेब, रास्पबेरी और केला अच्छा हो सकता है। इन सबके बारे में हमने ऊपर पहले भी बताया है।

क्या हम बवासीर में दूध पी सकते हैं?

जी हां, बवासीर की समस्या होने पर दूध पी सकते हैं (8)

क्या बवासीर में गुनगुना पानी पीना अच्छा होता है?

जी हां, बवासीर होने पर गुनगुना पानी पीना अच्छा हो सकता है (8)

मुझे बवासीर में क्या पीना चाहिए?

हाई फाइबर युक्त आहार खाने के साथ-साथ बहुत सारा पानी व जूस पीना बवासीर की स्थिति के लिए अच्छा होता है। यह मल को नरम करके उसे बाहर निकलने में मदद कर सकता है। इससे मल त्यागते समय जलन का एहसास नहीं होता और दर्द भी नहीं होता है (8)

क्या बवासीर में नींबू का उपयोग अच्छा है?

हां, बवासीर में नींबू का उपयोग करना अच्छा होता है (15)

क्या बवासीर में चिकन खाना बुरा है?

हां, बवासीर में चिकन का सेवन बुरा होता है। हम ऊपर भी बता चुके हैं कि बवासीर होने पर मांसाहारी आहार से बचना चाहिए (1)

क्या बवासीर के लिए चावल अच्छा है?

जी हां, बवासीर के लिए चावल का सेवन अच्छा होता है (8)

क्या केला बवासीर के लिए अच्छा है?

हां, पाइल्स के लिए केला अच्छा माना जाता है (8)

क्या दही बवासीर के लिए अच्छा है?

जी हां, बवासीर में दही का सेवन करना अच्छा होता है (8)

References

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  1. Eating, Diet, & Nutrition for Hemorrhoids
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/hemorrhoids/eating-diet-nutrition
  2. Hemorrhoids: Modern Remedies for an Ancient Disease
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3057743/
  3. Enlarged hemorrhoids: How can you relieve the symptoms yourself
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279466/
  4. Hemorrhoids and what to do about them
    https://www.health.harvard.edu/diseases-and-conditions/hemorrhoids_and_what_to_do_about_them
  5. Medical Therapy of Hemorrhoidal Disease
    https://link.springer.com/referenceworkentry/10.1007%2F978-3-319-51989-0_6-1
  6. EFFECT OF PAIRED ROW PLANTING OF RADISH (Raphanus sativus L.) INTERCROPPED WITH VEGETABLE AMARANTHUS (Amaranthus tricolor L.) ON YIELD COMPONENTS OF RADISH IN SANDY REGOSOL
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.659.623&rep=rep1&type=pdf
  7. Golden Herbs used in Piles Treatment: A Concise Report
    https://www.ijddr.in/drug-development/6-golden-herbs-used-in-piles-treatment-a-concise-report.php?aid=5095
  8. HERBAL TREATMENT FOR HEMORRHOIDS
    https://www.researchgate.net/publication/45166133_HERBAL_TREATMENT_FOR_HEMORRHOIDS
  9. Antioxidant Potential of Bell Pepper (Capsicum annum L.)-A Review
    https://www.academia.edu/29771781/Antioxidant_Potential_of_Bell_Pepper_Capsicum_annum_L_A_Review?auto=download
  10. Dietary fibre in foods: a review
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3614039/
  11. Phytochemical and proximate composition of cucumber (Cucumis sativus) fruit from Nsukka, Nigeria
    https://academicjournals.org/journal/AJB/article-full-text-pdf/D0F282A58745
  12. Fibre in food
    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/fibre-in-food
  13. INTERNATIONAL JOURNAL OF CURRENT MEDICAL AND PHARMACEUTICAL RESEARCH
    https://journalcmpr.com/sites/default/files/issue-files/1147-A-2018.pdf
  14. CONCEPT OF HAEMORRHOIDS (BAWASEER).
    http://worldwidejournals.net/index.php/IJAR/article/viewFile/1/1
  15. HEALTH AND MEDICINAL PROPERTIES OF LEMON (CITRUS LIMONUM)
    https://static1.squarespace.com/static/5d26cb57c067540001f8a891/t/5d703a536a06240001dad958/1567636051895/Lemon_Research.pdf
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