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स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम जिस चीज के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं, उसके बारे में शायद ही कोई जानता होगा। हम बात कर रहे हैं बिच्छू बूटी यानी नेटल लीफ के बारे में। संभव है कि कुछ लोगों को ही बिछुआ पत्ती के बारे में पता हो, लेकिन अधिकतर लोगों को बिच्छू बूटी के फायदे नहीं पता होंगे। इस लेख में हम न सिर्फ बिच्छू बूटी के फायदे बताएंगे, बल्कि बिच्छू बूटी का उपयोग कैसे किया जाए, उसकी भी जानकारी देंगे।
इससे पहले कि आप बिच्छू बूटी के फायदे जानें, हम उसके बारे में कुछ खास जानकारी आपके साथ नीचे शेयर कर रहे हैं।
नेटल्स और उनके पत्तों यानी बिच्छू बूटी में क्या खास है?
नेटल्स, जिसे नेटल लीफ, बिच्छू बूटी और बिछुआ पत्ती भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम उर्टिका डियोका (urtica dioica) है। इसे अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और इसे कई सालों से दवा के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह बूटी उस जगह उगती है, जहां ज्यादा नमी होती है। आपको जंगलों में या फिर नदी-नालों और सड़कों के किनारे नेटल की कुछ प्रजातियां मिल सकती हैं (1)। विशेष रूप से यह पहाड़ी इलाकों में पाई जाती हैं, इसको तोड़ते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए ताकि बिच्छु बूटी त्वचा के संपर्क में ना आए। इसे छूने से शरीर में जलन या झनझनाहट हो सकती है, लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
ये पौधे मुख्य रूप से मैक्सिको, इटली, नेपाल, भारत, चीन, रूस, नीदरलैंड, उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। बिछुआ की कुछ प्रजातियां, विशेष रूप से चुभने वाली बिछुआ (उर्टिका डियोका) के पत्तों और एरियल भाग पर नुकीले बाल होते हैं। इनमें से कुछ डंक भी होते हैं, जिस कारण इसका नाम बिच्छू बूटी रखा गया है (1)।
इस परिवार का एक और दिलचस्प सदस्य जलने वाला बिछुआ (अर्टिका यूरेनस Urtica urens) है, जिसे छोटा बिछुआ या बौना बिछुआ भी कहा जाता है। अगर यह त्वचा के संपर्क में आ जाए, तो इससे त्वचा पर जलन या फफोले हो सकते हैं। यह आमतौर पर बाड़ की पंक्तियों, सड़कों के किनारे, खाई के किनारे, बागानों व सब्जियों की फसलों के पास देखा जाता है (2)।
अब इसके बाद बारी आती है बिच्छू बूटी के फायदे जानने की, इस लेख के आगे के भाग में आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे।
बिच्छू बूटी (बिछुआ पत्ती) के फायदे – Benefits of Nettle Leaf in Hindi
बिच्छू बूटी में कई तरह के पोषक तत्व हाते हैं, जिस कारण यह कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकती है। आइए, जानते हैं कि किस प्रकार से बिच्छू बूटी के फायदे आपको मिल सकते हैं।
1. ह्रदय और लिवर के लिए बिच्छू बूटी के फायदे
अगर बिच्छू बूटी के फायदे की अगर बात करें, तो यह ह्रदय और लिवर दोनों के लिए लाभकारी है। बिच्छू बूटी के इथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट (Ethanolic extract) का प्रयोग करने से एथेरोस्क्लोरोटिक से बचा जा सकता है। एथेरोस्क्लोरोटिक एक प्रकार की ह्रदय की धमनियों से जुड़ी समस्या होती है। इसमें दिल का दौरा या अन्य ह्रदय संबंधी रोग होने का खतरा रहता है (3)। इतना ही नहीं बिच्छू बूटी में हेपटोप्रोटेक्टिव (hepatoprotective) असर भी होता है, जिससे लिवर संबंधी समस्या से बचाव हो सकता है (4)।
2. प्रोस्टेट के लिए बिच्छू बूटी के फायदे
अगर गंभीर बीमारियों की बात करें, तो प्रोस्टेट बढ़ना भी उन्हीं में से एक है। प्रोस्टेट बढ़ना या प्रोस्टेट कैंसर दोनों ही घातक हो सकते हैं। यह एक ग्रंथि होती है, जो पुरुष की आयु के साथ-साथ बढ़ती रहती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा बढ़ने पर प्रोस्टेट कैंसर का खतरा हो सकता है। ऐसे में वक्त रहते इस पर ध्यान देना जरूरी है। अगर प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करना है, तो बिच्छू बूटी से काफी लाभ हो सकता है। यह बूटी प्रोस्टेट को जरूरत से ज्यादा बढ़ने से रोक सकता है, लेकिन इस पर अभी और शोध होना बाकी है (5)।
3. बुखार, दमा और एलर्जी के लिए बिच्छू बूटी के फायदे
आजकल मौसम बदलते ही बुखार या एलर्जी की समस्या आम है। इस स्थिति में बिच्छू बूटी का उपयोग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। मौसम बदलने से होने वाली एलर्जी जैसे -रायनाइटिस और उससे होने वाली समस्याएं यानी नाक बहना, नाक में खुजली की समस्या व बुखार इन सबसे राहत मिल सकती है (6) (7)। इतना ही नहीं बिच्छू बूटी में मौजूद एंटी-अस्थमैटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दमा की परेशानी से भी राहत दिला सकते हैं (8) (9)।
4. मासिक धर्म, पीसीओएस और प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए बिच्छू बूटी
मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं को हर महीने होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हालांकि, यह किसी को ज्यादा और किसी को कम होती है, लेकिन कई बार कुछ महिलाओं को अनियमित पीरियड्स और कुछ को जरूरत से ज्यादा रक्त बहाव होता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बाद दवा के रूप में बिच्छू बूटी का उपयोग किया जा सकता है। इससे अत्यधिक रक्त स्राव की समस्या से राहत मिल सकती है (10)।
इसके अलावा, आजकल जीवनशैली में होने वाले बदलावों के कारण महिलाओं में पीसीओएस की समस्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बिच्छू बूटी में एंटी-एंड्रोजन (Anti-androgen) गुण होते हैं, जो पीसीओएस के लक्षणों को कम कर सकते हैं (11)।
प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए महिलाएं कई तरह की औषधियों का उपयोग करती हैं, जिनमें बिच्छू बूटी भी शामिल है (12)। हालांकि, यह प्रजनन संबंधी समस्याओं के लिए कितनी फायदेमंद है, इस पर अभी तक कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है। इसके उपयोग से पहले बेहतर होगा कि आप एक बार डॉक्टर से सलाह कर लें ।
[ पढ़े: मासिक धर्म (पीरियड्स) के समय होने वाले दर्द का घरेलू इलाज ]
5. घावों को भरने और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए बिच्छू बूटी
चोट लगने या घाव होने पर लोग घरेलू उपायों व आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जाता है। अगर औषधि की बात करें, तो घावों और चोट के लिए बिच्छू बूटी अच्छा उपाय है। बिच्छू बूटी में पाया जाने वाला हाइड्रोअल्कोहलिक एक्सट्रैक्ट (hydroalcoholic extract) घावों को भरने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो घावों को भरने में लाभकारी साबित हो सकते हैं (10)। इतना ही नहीं यह जलने के घाव से भी राहत दिला सकता है (13)।
6. ब्लड प्रेशर के लिए बिच्छू बूटी के फायदे
अधिकतर लोगों को उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। कुछ लोग तो हाई ब्लड प्रेशर के लिए दवाइयां तक लेते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की देखरेख में नेटल लीफ यानी बिच्छू बूटी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटी-हाइपरटेंसिव गुण (antihypertensive) यानी ब्लड प्रेशर को कम करने का गुण होता है (14) (15)। फिर भी इसका इस्तेमाल डॉक्टर से पूछकर ही करें और जिन्हें निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, वो इसका सेवन न ही करें।
7. एंटी-अल्सर गुण के साथ बिच्छू बूटी
पेट की समस्या जैसे – एसिडिटी, पेट दर्द और ऐसी अन्य कई परेशानियां आम हैं और उन्हीं में से एक है अल्सर की समस्या। यह समस्या गलत खान-पान के कारण होती है, जो कई बार गंभीर रूप ले लेती है। इस स्थिति में नेटल लीफ के सेवन से कुछ हद तक आराम मिल सकता है। बिच्छू बूटी में एंटी-अल्सर गुण मौजूद होते हैं, इसके अलावा यह एसिडिटी से भी राहत दिला सकता है। इतना ही नहीं इसमें दर्दनाशक गुण (analgesic) भी है, जिससे दर्द संबंधी समस्या से राहत मिल सकती है (16) (17)।
8. ऑस्टियोअर्थराइटिस के लिए नेटल लीफ
उम्र के साथ-साथ कुछ शारीरिक समस्याएं होना आम है और ऑस्टियोअर्थराइटिस भी उन्हीं में से एक है। यह एक प्रकार का गठिया है और कई लोग इससे परेशान रहते हैं। इसमें जोड़ों में खासकर, घुटनों, कलाई और शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द व सूजन की समस्या होती है। इस स्थिति में नेटल लीफ लाभकारी हो सकता है। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया से राहत दिला सकता है, लेकिन अभी भी ठोस प्रमाण की जरूरत है (18) (19) (20) (21)।
9. त्वचा के लिए बिच्छू बूटी
जब बिच्छू बूटी के पत्ते त्वचा के संपर्क में आते हैं, तो इससे त्वचा पर जलन, रैशेज, चुभन या खुजली की समस्या हो सकती है। आपको सुनकर आश्चर्य हो सकता है कि इसके बावजूद नेटल लीफ को त्वचा संबंधी परेशानियां जैसे – एक्जिमा व दाद में भी उपयोग किया जा सकता है (18) (22)। फिर इसे उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें, क्योंकि हर किसी की त्वचा एक जैसी नहीं होती है। जरूर नहीं कि यह किसी को त्वचा को सूट करे।
10. बालों के लिए बिच्छू बूटी के फायदे
स्वस्थ, सुन्दर और घने बालों की इच्छा लगभग हर किसी को होती है। वहीं, प्रदूषण और देखभाल की कमी के कारण बाल रूखे व बेजान होकर टूटने लगते हैं। ऐसे में कई लोग आयुर्वेदिक औषधि और कुछ नुस्खों का भी सहारा लेते हैं। इन्हीं में से एक है बिच्छू बूटी, इसे बालों के लिए पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, बिच्छू बूटी के साथ कुछ अन्य हर्बल चीजों को मिलाकर उपयोग में लाया जा सकता है। इससे बालों का झड़ना कम हो सकता है (23)। इसके अलावा, नेटल लीफ से गंजेपन की समस्या से भी बचाव हो सकता है (24)।
बिच्छू बूटी के फायदे जानने के बाद आगे हम बता रहे हैं कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
बिच्छू बूटी के पौष्टिक तत्व – Nettle Leaf Nutritional Value in Hindi
बिछुआ पत्ती, इसके नाम को सुनकर कोई फैसला न करें, क्योंकि यह पौष्टिक तत्वों का खजाना है। अगर यकीन नहीं होता, तो नीचे दी गई सूची पर ध्यान दें।
नेटल लीफ में पोषक तत्वों की मात्रा | ||||
---|---|---|---|---|
पोषक तत्व | यूनिट | सर्विंग साइज (1 कप 89g) | ||
पानी | ग्राम (g) | 78.03 | ||
एनर्जी | केसीएल (किलो कैलोरी) | 37 | ||
एनर्जी | केजे (किलोजूल) | 156 | ||
प्रोटीन | ग्राम | 2.41 | ||
टोटल लिपिड (फैट) | ग्राम | 0.10 | ||
ऐश | ग्राम | 1.81 | ||
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate, by difference) | ग्राम | 6.67 | ||
फाइबर, टोटल डायटरी | ग्राम | 6.1 | ||
शुगर, टोटल | ग्राम | 0.22 | ||
मिनरल | ||||
कैल्शियम | मिलीग्राम | 428 | ||
आयरन | मिलीग्राम | 1.46 | ||
मैग्नीशियम | मिलीग्राम | 51 | ||
फास्फोरस | मिलीग्राम | 63 | ||
पोटैशियम | मिलीग्राम | 297 | ||
सोडियम | मिलीग्राम | 4 | ||
जिंक | मिलीग्राम | 0.30 | ||
कॉपर | मिलीग्राम | 0.068 | ||
मैंगनीज | मिलीग्राम | 0.693 | ||
सेलेनियम | माइक्रोग्राम (µg) | 0.3 | ||
विटामिन | ||||
थायमिन | मिलीग्राम | 0.007 | ||
राइबोफ्लाविन | मिलीग्राम | 0.142 | ||
नियासिन | मिलीग्राम | 0.345 | ||
विटामिन बी -6 | मिलीग्राम | 0.092 | ||
फोलेट, टोटल | माइक्रोग्राम | 12 | ||
फोलेट, फूड | माइक्रोग्राम | 12 | ||
फोलेट, डीएफई | माइक्रोग्राम | 12 | ||
कॉलिन, टोटल | मिलीग्राम | 15.5 | ||
बीटाइन | मिलीग्राम | 19.0 | ||
विटामिन ए, आरएई | मिलीग्राम | 90 | ||
कैरोटीन, बीटा | माइक्रोग्राम | 1024 | ||
कैरोटीन अल्फा | माइक्रोग्राम | 101 | ||
विटामिन ए, आईयू | आईयू (IU) | 1790 | ||
लुटिन + जियाजैंथिन (Lutein + zeaxanthin) | आईयू | 3718 | ||
विटामिन के (फिलोक्विनोन- phylloquinone) | आईयू | 443.8 |
आइए, अब बिच्छू बूटी का उपयोग जान लेते हैं। अगर बिच्छू बूटी का उपयोग सही तरीके से होगा, तब ही बिच्छू बूटी के फायदे आपको पूर्ण रूप से मिल सकेंगे।
बिच्छू बूटी का उपयोग – How to Use Nettle Leaf in Hindi
जैसा कि हमने आपको लेख के शुरुआत में बताया था कि बिच्छू बूटी को बिछुआ पत्ती भी कहते हैं। इसे छूने भर से शरीर में सिहरन हो सकती है। ऐसे में बिच्छू बूटी का उपयोग कैसे किया जाए, यह सवाल तो आपके मन में आ ही रहा होगा। इसलिए, नीचे हम बिच्छू बूटी का उपयोग किस तरीके से किया जाए, उसकी जानकारी दे रहे हैं।
- आप सलाद में उबले हुए नेटल लीफ को शामिल कर सकते हैं। आप इन पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर नमक वाले पानी में उबाल लें और फिर इसे सलाद में शामिल करें।
- इसके अलावा, आप डॉक्टर से पूछकर बिच्छू बूटी के कैप्सूल भी ले सकते हैं।
आप नेटल लीफ की चाय का भी सेवन कर सकते हैं। नीचे हम उसे बनाने की विधि बता रहे हैं।
बिछुआ पत्ती की चाय
सामग्री :
- लगभग 250 एमएल या तीन से चार चम्मच ताजा या सूखे बिछुआ पत्ते
- एक से दो कप पानी
बनाने की विधि :
- एक केतली या बर्तन में पानी को उबाल लें।
- अब उबलते पानी में बिछुआ पत्तियों को डालें।
- फिर गैस बंद कर दें और थोड़ी देर पत्तियों को भीगने दें।
- उसके बाद इसे छानकर कप में डाल लें।
- फिर स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
- उसके बाद गरमा-गर्म इसका सेवन करें।
- बिच्छु बूटी की चाय काफी प्रसिद्ध है, इसकी पत्तियों को सूखा कर ये तैयार की जाती है। इसका सेवन आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी किया जाता है।
खाने में उपयोग करने से पहले नेटल लीफ को कैसे साफ करें?
- जब आपको ताजा बिछुआ पत्तियां मिलती हैं, तो हाथों में दस्ताने पहनकर उन्हें चुनना शुरू करें और खराब व सूखे पत्तों को अलग कर दें।
- पत्तियों को गर्म पानी से भरे कटोरे में डालें।
- उन्हें लगभग 10-15 मिनट तक भीगने दें। फिर आप देखेंगे कि पानी का रंग नारंगी-लाल रंग का हो जाएगा, जो सामान्य है।
- अब पानी से पत्तियों को बाहर निकाल लें, लेकिन ध्यान रहे कि पत्तियों से सारी धूल-मिट्टी और गंदगी साफ हो चुकी हो। फिर इन पत्तियों को उबाल लें।
- अगर आप इन पत्तियों को बाद में उपयोग करना चाहते हैं, तो कागज पर रखकर सूखा लें।
- उसके बाद इसे साफ, सूखे व हवादार बैग में स्टोर कर लें।
- चाय के अलावा बिच्छु बूटी का साग भी बनाया जाता है, ये स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोष्टिक भी होता है। इसकी गर्म तासीर की वजह से इसका सेवन उत्तराखंड जैसे ठंडे क्षेत्रों मे किया जाता है।
आगे इस लेख में हम आपको बिच्छू बूटी के नुकसान बता रहे हैं।
बिच्छू बूटी (बिछुआ पत्ती) के नुकसान – Side Effects of Nettle Leaf in Hindi
हर चीज के जैसे फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, वैसे ही बिच्छू बूटी के फायदे के साथ-साथ बिच्छू बूटी के नुकसान भी है। अगर इसे इस्तेमाल करने से आपको निम्न तरह के लक्षण नजर आते हैं, तो सावधान हो जाएं :
- नेटल लीफ से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इसलिए, अगर आप ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, तो उसके साथ बिछुआ पत्ती का सेवन न करें, वरना इससे ब्लड प्रेशर और कम हो सकता है। इसके अलावा, जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, वो इसका सेवन न करें।
- गर्भवती महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर से पूछकर करें, क्योंकि इससे वक्त से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है।
- इससे पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- इसके ज्यादा सेवन से किडनी की समस्या हो सकती है।
- अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी है या कोई किसी विशेष तरह की दवा का सेवन कर रहा हो, तो वो लोग डॉक्टर से सलाह करने के बाद ही बिच्छू बूटी का उपयोग करें।
- इससे एलर्जी या स्किन रैशेज की परेशानी हो सकती है, इसलिए इसे छूते या धोते वक्त दस्ताने जरूर पहनें।
बिच्छू बूटी के नुकसान जानकर आपको डरने की जरूरत नहीं है, हमने इसके नुकसान इसलिए आपको बताएं, ताकि बिच्छू बूटी का उपयोग करते वक्त आप सावधानी बरतें। आप बिच्छू बूटी के फायदे जानने के बाद नेटल लीफ की चाय या अन्य रेसिपी को घर में ट्राई जरूर करें। आपको इसे प्रयोग करने से क्या फायदा हुआ, उस बारे में नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें बताएं। इसके अलावा, अगर आपके पास भी बिछुआ पत्ती के बारे में कोई जानकारी है, जो इस लेख में नहीं है, तो उस बारे में भी हमें जरूर बताएं। अगर सावधानी के साथ बिच्छू बूटी का उपयोग या सेवन किया जाए, तो इसके फायदे अनेक हैं।
References
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