Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

दुनिया भर में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में से किसी की जड़, फल, फूल तो किसी की छाल दवाई बनाने के काम आती है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम ऐसी ही एक जड़ी-बूटी ब्राह्मी के बारे में बता रहे हैं। इस आयुर्वेदिक पौधे का एक-एक हिस्सा औषधि के रूप में उपयोग में लाया जाता है। क्या हैं ब्राह्मी के फायदे, उपयोग के तरीके और नुकसान, इस लेख में जानिए।

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सबसे पहले जानेंगे ब्राह्मी के फायदे के बारे में।

ब्राह्मी के फायदे – Benefits of Brahmi in Hindi

प्राचीन काल से चिकित्सा के क्षेत्र में ब्राह्मी जड़ी बूटी का उपयोग किया जा रहा है। इसके तमाम गुणों का ही परिणाम है कि वैज्ञानिक निरंतर इसको लेकर शोध कर रहे हैं। यहां हम ब्राह्मी के कुछ प्रमाणित फायदों के बारे में बता रहे हैं।

1. अल्जाइमर रोग में सहायक

ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीकॉन्वेलसेंट गुण हाेते हैं। ये गुण मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं। साथ ही मिर्गी, अनिद्रा और चिंता को दूर करने में भी ये कारगर माने जाते हैं। इसके अलावा, ब्राह्मी में मौजूद ये गुण अल्जाइमर यानी याददाश्त कमजोर होने की बीमारी को भी दूर करने में सहायक हो सकते हैं (1)।

2. रक्त संचार के लिए ब्राह्मी चूर्ण

ब्राह्मी के फायदे रक्त संचार में भी देखे जा सकते हैं। ब्राह्मी बूटी हृदय और रक्त वाहिकाओं के अंदर मौजूद एंडोथेलियम मेमबरेन से नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज करके रक्तचाप के खतरे को कम कर सकती है। साथ ही इससे रक्त को पतला करने में मदद मिल सकती है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह आसानी से हो सकता है (2)। इस आधार पर माना जा सकता है कि ब्राह्मी जड़ी बूटी रक्त संचार में सुधार करने में लाभकारी हो सकती है।

3. चिंता को दूर करे

आयुर्वेद में सालों से ब्राह्मी का उपयोग चिंता को दूर करने के लिए किया जाता रहा है (3)। इसी वजह से ब्राह्मी के फायदे में चिंता दूर करना भी शामिल है। दरअसल, ब्राह्मी को एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है यानी यह शरीर के तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है (4)। इस आधार पर यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि चिंता दूर करने के तरीके में ब्राह्मी को भी शामिल किया जा सकता है।

4. कैंसर के लिए ब्राह्मी के गुण

ब्राह्मी का उपयोग कैंसर के जोखिम को कम करने में लाभकारी माना जा सकता है। इसकी वजह ब्राह्मी जड़ी बूटी में मौजूद एंटी कैंसर गुण है, जो ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकता है (5)। एक अन्य शोध की मानें, तो ब्राह्मी कोलन कैंसर की हानिकारक कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मददगार साबित हो सकती है (6)। बस ध्यान दें कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है। इसका डॉक्टर से ट्रीटमेंट करवाना जरूरी है। ब्राह्मी से कैंसर का इलाज होता है, यह समझने की भूल न करें।

5. दर्द में ब्राह्मी तेल के फायदे

ब्राह्मी को दर्द निवारक के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीनोसिसेप्टिव प्रभाव इसमें मदद कर सकता है। दरअसल, इस प्रभाव को दर्द कम करने के लिए जाना जाता है। इसी वजह से ब्राह्मी को दर्द निवारक औषधि के रूप में जाना जाता है। इस गुण के कारण ब्राह्मी को न्यूरोपैथिक दर्द की स्थिति में घरेलू इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है (7)।

6. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार

ब्राह्मी बूटी प्राकृतिक रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकती है। शोध की मानें, तो ब्राह्मी का सेवन करने से शरीर में इम्युनोग्लोबुलिन एंटीबॉडीज का उत्पादन बढ़ सकता है (8)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि ब्राह्मी से शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ सकती है और बीमारियों से लड़ने में फायदा मिल सकता है।

7. शुगर को नियंत्रित करने में ब्राह्मी के फायदे

ब्राह्मी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबिटिक प्रभाव भी पाए जाते हैं। यही कारण है कि ब्राह्मी शुगर को नियंत्रित कर सकती है। साथ ही इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण भी होता है, जिस कारण टाइप 2 डायबिटीज में ब्राह्मी के सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं (9)। इस आधार पर माना जा सकता है कि यह बूटी शुगर को नियंत्रित रखने में फायदेमंद हो सकती है।

8. पाचन तंत्र को मजबूत करे ब्राह्मी जड़ी बूटी

ब्राह्मी को विटामिन और मिनरल का अच्छा स्राेत माना जाता है (10)। इसमें कुछ फाइबर की मात्रा भी मौजूद होती है (11)। फाइबर आंतों में से हानिकारक पदार्थों को साफ करके पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक हो सकता है। इसके अलावा, यह पाचन प्रणाली को धीमा कर भरपूर ऊर्जा प्रदान करता है और मल की निकासी में सहायता कर सकता है (12)।

9. मिर्गी के लिए ब्राह्मी के उपचार

आयुर्वेद में ब्राह्मी का उपयोग सदियों से नर्व टॉनिक के रूप में नर्वस सिस्टम के विकारों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। साथ ही मिर्गी की आयुर्वेदिक दवाओं जैसे मेंटट में एंटीपीलेप्टिक (मिर्गी को ठीक करने का प्रभाव) होता है और खास बात यह है कि इसमें बतौर सामग्री ब्राह्मी का उपयोग होता है (13)। ऐसे में कह सकते हैं कि ब्राह्मी के सेवन से इस रोग को दूर किया जा सकता है और बीमारी के दौरान भी इसका उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

10. सांस संबंधी समस्या में ब्राह्मी के फायदे

ब्राह्मी का अर्क या जूस एंटीऑक्सीडेंट और एडेप्टोजेनिक से समृद्ध होता है, जिसके प्रभाव से ब्राह्मी ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारी दूर हो सकती है (3)। ब्रोंकाइटिस में श्वास नली में जलन और सूजन होती है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है (14)। ऐसे में कहा जा सकता है कि सांस संबंधी समस्याओं में ब्राह्मी के गुण उपयोगी साबित हो सकते हैं।

11. एंटीऑक्सीडेंट युक्त ब्राह्मी जड़ी बूटी

ब्राह्मी को एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत माना गया है। इस एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण ही ब्राह्मी शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर सकती है। साथ ही यह ऑक्सिडेंट के हानिकारक प्रभावों को भी कम करने में कारगर हाे सकती है (15)। शोध से यह साबित होता है कि ब्राह्मी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है।

12. मानसिक क्षमता बढ़ाने में मददगार

ब्राह्मी को प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है, जिसकी मस्तिष्क के विकास में न्यूरोप्रोटेक्टिव भूमिका होती है। इसका उपयोग मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है। बताया जाता है कि यह बूटी एकाग्रता, समझ, ज्ञान और सतर्कता को बढ़ाने में मदद कर सकती है (16)।

13. अन्य बीमारियों में ब्राह्मी के उपचार

इस अद्भुत जड़ी-बूटी का उपयोग अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याओं के साथ-साथ मिर्गी के इलाज में भी किया जा सकता है (16)। इसका उपयोग मूत्र मार्ग के संक्रमण, उच्च रक्तचाप, रक्त के रोग, गठिया व हेपेटाइटिस के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। इसमें एंटीबायोटिक व एंटिफंगल गुण भी होते हैं, जो घावों को भरने में उपयोगी माने जाते हैं (17)।

14. मूत्रवर्धक ब्राह्मी चूर्ण

ब्राह्मी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इन्हीं में से मूत्रवर्धक भी इसका एक गुण है (18)। यह शरीर में मौजूद अतिरिक्त पानी को निकाल कर वॉटर रिटेंशन, किडनी स्टोन व अन्य बीमारियों से छुटकारा दिलाने में कारगर हो सकता है (19)।

15. तनाव कम करने में सहायक

शोध में पता चलता है कि ब्राह्मी में एंटी स्ट्रेस एक्टिविटी होती है, जो तनाव को कम करने में मददगार हो सकती है (20)। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च के अनुसार, ब्राह्मी को एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी माना जाता है, जो तनाव को दूर करने में कारगर हो सकती है (4)। इस आधार पर माना जा सकता है कि तनाव को कम करने में ब्राह्मी बूटी फायदेमंद हो सकती है।

16. सूजन में राहत

सूजन संबंधी समस्या से राहत पाने के लिए भी ब्राह्मी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक रिसर्च पेपर की मानें, तो यह जड़ी बूटी मस्तिष्क में सूजन का कारण बनने वाले एंजाइम को बढ़ने रोक सकती है (21)। यही नहीं, ब्राह्मी में एंटी इंफ्लामेटरी प्रभाव भी होता है (22)। ऐसे में मान सकते हैं कि सूजन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में ब्राह्मी बूटी कारगर हो सकती है।

17. त्वचा स्वास्थ्य के लिए

ब्राह्मी में पाए जाने वाले पेंटासाइक्लिक ट्राइटरपीन जैसे केमिकल कंपाउंड का उपयोग आमतौर पर एंटी रिंकल यौगिक के रूप में किया जा सकता है (22)। यह झुर्रियों को दूर कर त्वचा को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि यह कंपाउंड एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करने की क्षमता रखता है (15)।

इतना ही नहीं, एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर के फ्री रेडिकल्स से लड़ने और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ झुर्रियों व सूजन को कम कर सकते है (23)। इसी वजह से ब्राह्मी के फायदे में त्वचा स्वास्थ्य को भी गिना जाता है।

उपयोग का तरीका :

  • ब्राह्मी चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें।
  • फिर इसे चेहरे पर फेसपैक की तरह इस्तेमाल करें।

18. बालों के लिए

बालों के लिए ब्राह्मी बूटी फायदेमंद हो सकती है। अध्ययन की मानें, तो ब्राह्मी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव बालों को झड़ने से रोकने में कारगर हो सकता है (24)। साथ ही यह बूटी खून के संचार को ठीक करती है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत हो सकती हैं (15)। इस आधार पर मान सकते हैं कि ब्राह्मी तेल के फायदे बालों को भी हो सकते हैं।

उपयोग का तरीका :

  • ब्राह्मी, आंवला और भृंगराज को एक साथ पीसकर मिश्रण बना लें।
  • इस मिश्रण को रात भर तक एक लोहे की कड़ाही में रखें।
  • सुबह ब्राह्मी चूर्ण मिक्स इस पेस्ट को बालों पर 10 से 15 मिनट के लिए लगाएं।
  • ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बालों का गिरना बंद हो जाता है।

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ब्राह्मी तेल के फायदे के बाद अब जानते हैं ब्राह्मी यूजेज के बारे में।

ब्राह्मी का उपयोग – How to Use Brahmi in Hindi

ब्राह्मी के कई सारे उपयोग हैं। इसे हम चाय, पेस्ट, काढ़े के साथ ही औषधि के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, अन्य कई तरह से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।

  • ब्राह्मी तेल के फायदे जोड़ों के दर्द व सिर दर्द में देखे जा सकते हैं। इसका इस्तेमाल दर्द से राहत पाने में किया जा सकता है।
  • इसकी पत्तियों को पानी में उबाल कर काढ़े के रूप में पी सकते हैं।
  • गर्दन और छाती पर ब्राह्मी पेस्ट लगाकर खांसी और निमोनिया की समस्या से बचा जा सकता है।
  • ब्राह्मी लेप (पेस्ट) सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  • पत्तियों का रस बच्चों को दस्त से राहत देने के लिए चिकित्सक की देखरेख में दे सकते हैं।
  • ताजा ब्राह्मी की पत्तियों से बनी चाय में शहद मिलाकर पीने से दिमाग पर सकारात्मक असर होता है।

बाह्मी का सेवन कब कर सकते हैं :

ब्राह्मी से होने वाले फायदों का लाभ लेने के लिए इसका सेवन चाय, औषधि और काढ़ के रूप में कभी भी कर सकते हैं।

कितनी मात्रा में करें सेवन :

  • चाय बनाने के लिए ब्राह्मी की 5 से 7 पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन पेस्ट आदि के लिए इसकी मात्रा इसके उपयोग पर निर्भर करती है।

आगे पढ़ें नुकसान

उपयोग के बाद अब जानते हैं ब्राह्मी साइड इफेक्ट के बारे में।

ब्राह्मी के नुकसान – Side Effects of Brahmi in Hindi

किसी भी चीज का अधिक सेवन फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। ठीक वैसे ही ब्राह्मी के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसका अधिक मात्रा में किया गया सेवन नुकसानदायक हो सकता है। आइए, जानते हैं ब्राह्मी के नुकसान के बारे में।

  • ब्राह्मी के अधिक सेवन से दस्त के साथ ही पेट में ऐंठन और मतली जैसी शिकायत हो सकती है (25)।
  • ब्राह्मी का उपयोग करने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है, इसलिए अगर गर्भधारण के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके सेवन से परहेज करें (1)।

इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान ही गए होंगे कि ब्राह्मी लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक है। यह तन, मन और मस्तिष्क को तंदुरुस्त रखने में काफी हद तक मदद कर सकती है। यहां हमने ब्राह्मी के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बताया गया है, इसलिए इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें। साथ ही इसे किसी बीमारी का इलाज समझने की भूल न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या हम रोजाना ब्राह्मी का सेवन कर सकते हैं?
हां, सीमित समय और सीमित मात्रा में रोजाना ब्राह्मी का सेवन कर सकते हैं। बस ध्यान दें कि किसी भी चीज का अधिक सेवन फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। ठीक वैसा ही ब्राह्मी के अधिक सेवन के साथ भी है। इसका ज्यादा सेवन करने से दस्त के साथ ही पेट में ऐंठन और मतली जैसी समस्या हो सकती है (25)।

क्या ब्राह्मी बूटी त्वचा के लिए अच्छी है?
हां, ब्राह्मी के फायदे त्वचा के लिए देखे जा सकते हैं। इसमें मौजूद गुण कोलेजोन को बढ़ाकर त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाते हैं। साथ ही त्वचा के रूखेपन, ढीलेपन व झुर्रियाें से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं (26)।

References

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    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21762768/
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  4. An acute double-blind placebo-controlled cross-over study of 320 mg and 640 mg doses of Bacopa monnieri (CDRI 08) on multitasking stress reactivity and mood
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  26. Evaluation of In Vivo Wound Healing Activity of Bacopa monniera on Different Wound Model inRats
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.1002.5337&rep=rep1&type=pdf
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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