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शिशुओं का रोना एक सामान्य स्थिति है, लेकिन बच्चा अगर ज्यादा समय तक रोता है और ऐसा स्तनपान के दौरान भी देखा जाता है, तो इसे सामान्य नहीं समझा जाना चाहिए। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं और यह किसी शारीरिक समस्या का संकेत भी हो सकता है। इसलिए, स्तनपान के दौरान बच्चा अगर रोता है, तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आइये, मॉमजंक्शन के इस लेख में उन कारणों के बारे में जानते हैं, जिनकी वजह से शिशु स्तनपान के दौरान रो सकते हैं। इसके अलावा, इससे बचने के उपाय भी यहां बताए जाएंगे।

सबसे पहले लेख में जानिए स्तनपान के दौरान शिशुओं के रोने की वजह।

बच्चे स्तनपान करते हुए क्यों रोते हैं?

शिशु नाजुक होते हैं और थोड़ी-सी तकलीफ होने पर वो बड़ों की तुलना में ज्यादा और देर तक रो सकते हैं। वहीं, इस बात को भी समझना होगा कि बच्चे का रोना कोई शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि किसी वजह से उन्हें हो रही असहजता या शारीरिक परेशानी की वजह से ऐसा हो सकता है। इनमें कुछ सामान्य कारण (भूख न लगना या स्तनपान के दौरान बच्चे की पोजीशन का सही न होना) और कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे दांत आने से पहले मसूड़ों में सूजन या मिल्क एलर्जी (1) (2)

वहीं, स्तनपान के दौरान शिशु के रोने के पीछे कॉलिक की समस्या भी हो सकती है। यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें एक स्वस्थ बच्चा एक दिन में 3 घंटे से अधिक रोता है। वहीं, इस समस्या के पीछे गैस, भूख न लगना या अत्यधिक भोजन जैसे कारण शामिल हो सकते हैं (3)। नीचे स्तनपान के दौरान शिशुओं के रोने के कारणों को विस्तार से बताया गया है।

स्तनपान के समय शिशुओं के रोने का कारण नीचे विस्तार से जानिए।

स्तनपान करते हुए बच्चों के रोने का कारण 

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि विभिन्न कारणों की वजह से हो रही शिशुओं को असहजता या शारीरिक परेशानी की वजह से बच्चे स्तनपान के दौरान रो सकते हैं। आइये, विस्तार से ऐसे कारणों के बारे में जानते हैं :

  1. दूध का धीमा प्रवाह : स्तनपान के दौरान छोटे बच्चों के रोने का एक कारण दूध का धीमा प्रवाह हो सकता है। दरअसल, दूध का प्रवाह धीमा होने पर बच्चों को अधिक जोर लगाने की आवश्यकता पड़ सकती है। इससे उन्हें तकलीफ हो सकती है और वो रोना शुरू कर सकते हैं।
  1. भूख लगने पर : कई बार शिशुओं को भूख नहीं लगती है और इस स्थिति में अगर उन्हें स्तनपान कराया जाए, तो वो रोने लग सकते हैं। इसलिए, शिशुओं को भूख न लगना भी स्तनपान के दौरान उनके रोने का एक कारण माना जा सकता है।
  1. सोने के समय स्तनपान : अगर शिशु को नींद आ रही है और ऐसे समय में उन्हें स्तनपान कराया जाए, तो वो रोना शुरू कर सकते हैं। हालांकि, अधिकतर शिशु स्तनपान करते हुए ही सो जाते हैं, लेकिन नींद आने पर स्तनपान कराना शिशु के रोने की वजह बन सकता है।
  1. घुटन होने पर : शिशुओं को स्तनपान कराते वक्त माताएं आंचल से उन्हें ढक देती हैं। वहीं, कुछ बच्चों को इससे घुटन महसूस हो सकती है, जिससे वो रोना शुरू कर सकते हैं।
  1. गंध के कारण : स्तनपान के दौरान शिशुओं के रोने का एक कारण मां से शरीर से आ रही परफ्यूम, साबुन या लोशन की गंध हो सकती है। ऐसी गंध बच्चों को असहज महसूस करा सकती है, जिससे वो रोना शुरू कर सकते हैं।
  1. दूध के स्वाद में परिवर्तन : स्तनों में सूजन के कारण स्तनों के दूध के स्वाद में बदलाव हो सकता है (4)। इस वजह से भी बच्चा स्तनपान के दौरान रो सकता है।
  1. दांत आने के कारण : शिशुओं के दांत निकलने के लक्षण में मसूड़ों में सूजन और दर्द भी शामिल है (1)। इस कारण दूध पीते समय शिशुओं को तकलीफ महसूस हो सकती है और वे रो सकते हैं।
  1. बंद नाक या भरी हुई नाक : सामान्य जुकाम या फ्लू कई शिशुओं में भरी हुई नाक का कारण बन सकते हैं (5)। ऐसे में शिशुओं को स्तनपान करते समय परेशानी हो सकती है और वो रोना शुरू कर सकते हैं।
  1. ध्यान भटकने पर : स्तनपान के दौरान अगर कोई शिशु का ध्यान भटका दे, तो ऐसी स्थिति में भी बच्चा परेशान होकर रोने लग सकता है।
  1. रिफ्लक्स के कारण : रिफ्लक्स (पेट में मौजूद खाद्य सामग्री का वापस भोजन नली में आना) की समस्या के कारण भी बच्चे स्तनपान के दौरान रो सकते हैं (6)। ऐसे में शिशुओं के रोने का एक कारण रिफ्लक्स की समस्या को भी माना जा सकता है।
  1. थकान महसूस होने पर : कई बार शिशुओं की नींद पूरी नहीं हो पाती है, इससे उन्हें थकान महसूस हो सकती है। थके होने के कारण उन्हें दूध पिलाने पर वो रोने लग सकते हैं।
  1. ओरल थ्रश : कुछ बच्चे ओरल थ्रश की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं, जिन्हें दूध पिलाने पर वो रोना शुरू कर सकते हैं। ओरल थ्रश मुंह से संबंधित एक संक्रमण है, जिसमें मुंह के अंदर कैंडिडा नामक फंगस का जमाव हो जाता है। इसके कारण कुछ निगलते वक्त गले में दर्द भी हो सकता है (7)
  1. टंगटाई के कारण : यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमे शिशु की जीभ का निचला हिस्सा मुंह के तल से जुड़ा हुआ होता है। इसे चिपकी हुई जीभ भी कहते हैं। इस कारण ठीक से स्तनपान करने में शिशु को परेशानी हो सकती है, जिससे वो रोना शुरू कर सकते हैं (8)
  1. शिशु विकास : शिशु जब बड़े होने लगते हैं, तब उनमें स्तनपान की चाह कम हो सकती है। ऐसे में उन्हें स्तनपान करने पर वे रो सकते हैं। ऐसे में बच्चों के विकास को भी उनके स्तनपान के समय रोने का एक कारण माना जा सकता है।
  1. स्तनपान का समय : बच्चों को स्तनपान कराने का एक निर्धारित समय हो सकता है। ऐसे में उनके स्तनपान के समय से पहले या बाद में स्तनपान कराने पर वो रो सकते हैं।
  1. दूसरे स्तन से दूध पिलाने पर : कुछ बच्चे एक स्तन से ही स्तनपान करना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में शिशु को दूसरे स्तन से स्तनपान कराने पर वो रोने लग सकते हैं।
  1. गलत पोजीशन : स्तनपान के समय शिशु को सही और आरामदायक पोजीशन में रखना चाहिए। कई बार सही पोजीशन में नहीं होने के कारण स्तनपान के दौरान वो रोने लगते हैं।
  1. स्तनों में दूध का उत्पादन कम होना : वैसे तो अधिकतर महिलाओं के स्तनों में शिशु के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में दूध का निर्माण कम हो सकता है (9)। इस स्थिति में दूध कम आने पर शिशु रोना शुरू कर सकते हैं।
  1. तनाव के कारण : तनाव के कारण भी शिशु स्तनपान के समय रो सकता है। इसलिए, इसे भी एक कारण समझा जा सकता है।
  1. दूध से एलर्जी : शिशुओं को गाय के दूध से एलर्जी की समस्या हो सकती है। दरअसल, गाय के दूध में प्रोटीन पाया जाता है, जो एलर्जी का कारण बनता है। वहीं, स्तनपान कराने वाली माताएं अगर अपने आहार में मिल्क प्रोटीन लेती हैं, तो ऐसे में यह स्तनपान के जरिए बच्चे के शरीर में पहुंच सकता है, जिससे बच्चे को मिल्क एलर्जी हो सकती है। इससे बच्चे को दस्त और उल्टी हो सकती है (2)। मिल्क एलर्जी की स्थिति में बच्चे को स्तनपान करने में परेशानी हो सकती है और वो रोना शुरू कर सकता है।

स्क्रॉल करके जानिए स्तनपान के समय रोते हुए बच्चे को कैसे चुप कराएं।

स्तनपान के समय बच्चे का रोना कैसे शांत करें?

लेख के इस भाग में हम स्तनपान के दौरान रोते बच्चों को शांत कराने से जुड़ी बातें बता रहे हैं :

  • बच्चों को शांत करने के लिए उनके साथ खेलें।
  • शिशु के रोने का कारण जानने की कोशिश करें और उसका समाधान करें।
  • स्तनपान के समय बच्चों को पर्याप्त हवा मिल सके, इस बात का ध्यान रखें।
  • शिशुओं को स्तनपान कराते समय हाथों में झुनझुना पकड़ा सकते हैं, इससे वो स्तनपान करते समय खेल सकते हैं।
  • अगर कोई शिशु दूध पीते समय रोने लगता है, तो उसे शांत करने के लिए लोरी गा सकते हैं।
  • रोते बच्चे से बात करने जैसा अभिनय कर सकते हैं, हालांकि वो बात समझेगा नहीं, लेकिन वो चुप हो सकता है।

अंत में जानिए स्तनपान के समय बच्चों को रोने से बचाने के टिप्स।

स्तनपान करते हुए बच्चों को रोने से कैसे बचाएं?

स्तनपान के दौरान बच्चे को रोने से बचाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जा सकता है :

  • शिशु जब शांत हो, तभी उन्हें स्तनपान कराएं।
  • बच्चे को घर के गार्डन या बाहर थोड़ा घुमाएं, उसके बाद उन्हें स्तनपान कराएं।
  • शिशु को दूध पिलाने के लिए शांत जगह का चयन करें।
  • शिशुओं को स्तनपान करने के लिए जबरदस्ती न करें।
  • स्तनपान के समय जरूरत महसूस होने पर शिशु की स्थिति को बदल सकते हैं। एक ही स्थिति में अधिक समय तक रहने पर शरीर के उस हिस्से में दबाव महसूस हो सकता है, जिससे वो रोना शुरू कर सकता है।
  • समय-समय पर शिशु विशेषज्ञ से बच्चे के लिए सलाह लेते रहें।

दोस्तों, जैसा कि हमने लेख में बताया कि शिशुओं का रोना सामान्य बात है, लेकिन बच्चा अगर ज्यादा देर तक रोता है, तो उसके पीछे कोई शारीरिक समस्या हो सकती है। इसलिए, बच्चों के रोने को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं, लेख में बताए गए बच्चों को शांत करने के उपाय और बचाव के टिप्स का जरूर पालन करें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे की सेहत और उसके भविष्य के लिए आपकी जागरूकता बहुत जरूरी है। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।

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