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नवजात शिशु के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना जाता है। शिशु के विकास के लिए मां के दूध में मौजूद पोषक तत्व जरूरी होते हैं। यही कारण है कि स्तनपान के दौरान मां को खानपान के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। वहीं, कुछ महिलाएं धार्मिक महत्व के चलते इस दौरान व्रत रखती हैं। अब ऐसे में यह अहम सवाल है कि क्या स्तनपान के दौर में महिला को उपवास रखना चाहिए या नहीं? उपवास रखने से कहीं स्तन में दूध की कमी तो नहीं आती? ऐसे और भी कई सवाल स्तनपान के दौरान व्रत रखने वाली महिलाओं के मन आते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम स्तनपान के दौरान व्रत रखने से जुड़े ज्यादातर सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे।

आइए, सबसे पहले यह जानते हैं कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को व्रत रखना चाहिए या नहीं।

क्या स्तनपान के दौरान व्रत रखना सुरक्षित है? | Stanpan Karane Vali Mahila Varat Rekhna Chahiye

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान उपवास सुरक्षित है या नहीं, यह पूरी तरह महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की साइट पर इस संबंध में एक शोध उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि 24 घंटे तक व्रत रखने से मां के दूध में किसी भी तरह की कमी नहीं आती है। वहीं, अगर व्रत रखने की अवधि 24 घंटे से अधिक हो, तो मां के दूध में मौजूद कुछ पोषक तत्व कम हो सकते हैं। इसलिए, स्तनपान कराने वाली महिला को खुद की और बच्चे की पोषक जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित आहार लेने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अगर कोई महिला स्तनपान करवा रही है और व्रत रखना चाहती है, तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें (1)

लेख के अगले भाग में उपवास और शिशु के स्वास्थ्य के संबंध में जान लेते हैं।

क्या स्तनपान के दौरान व्रत रखने से शिशु को नुकसान पहुंच सकता है?

  • अगर स्तनपान कराने वाली महिला 24 घंटे तक किसी चीज का सेवन नहीं करती है, तो दूध की गुणवत्ता पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है (1)
  • 24 घंटे से अधिक समय तक व्रत रखने से कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे जिंक, मैग्नीशियम और पोटेशियम में थोड़ा अंतर आ सकता है (2)। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण शिशु का मानसिक व शारीरिक विकास बाधित हो सकता है।
  • कुछ मामलों में शिशु समय से पहले ही स्तनपान करना छोड़ सकते हैं।

आगे जानिए कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान व्रत रखने से मां पर क्या असर होता है।

क्या स्तनपान के दौरान व्रत रखने से मां को नुकसान पहुंच सकता है?

आमतौर पर स्तनपान के दौरान व्रत रखने से मां को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि स्तनपान कराने वाली महिला कितने समय के लिए व्रत रख रही है। स्तनपान कराने वाली महिला द्वारा लंबे समय तक व्रत रखने से स्वास्थ्य से जुड़े कई जोखिम हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है (3)

  • एनसीबीआई की साइट पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार स्तनपान कराने वाली महिला में लंबे समय तक व्रत करने से सामान्य महिलाओं की तुलना में हाइपोग्लाइसीमिया (लो ब्लड शुगर) होने का जोखिम अधिक होता है ।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं के उपवास करने से शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है।
  • लंबे समय तक उपवास करने से शरीर में वसा की भ कमी हो सकती है। इस कारण लगातार और तेजी से वजन गिर सकता है।

हर महिला का शरीर अलग होता है व व्रत रखने पर सबके शरीर में अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि व्रत रखने से पहले डॉक्टर से अपने स्वास्थ्य की पूरी जानकारी लें। इसके बाद ही व्रत रखने का फैसला करें।

लेख के अगले भाग में जानें कि स्तनपान और व्रत के संबंध में विभिन्न धर्म क्या कहते हैं।

स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए व्रत/उपवास से जुड़ी विभिन्न धर्मों की मान्यताएं

हर धर्म में उपवास के अलग-अलग नियम होते हैं, लेकिन ज्यादातर धर्म में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए व्रत के नियम कठोर नहीं हैं। लेख में आगे जानते हैं गर्भवती व स्तनपान महिला के उपवास रखने को लेकर कुछ प्रमुख धर्म की धारणा के बारे में:

  1. इस्लाम: इस्लामी कानून के अनुसार, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को उपवास न करने की छूट दी जाती है। साथ ही इन छूटे हुए उपवास की पूर्ति करने के लिए उन्हें बाद में व्रत रखने के लिए भी कहा गया है।
  1. हिंदू धर्म: प्रेगनेंसी या स्तनपान के दौरान उपवास रखने को लेकर हिंदू धर्म में काफी राहत है। हिंदू धर्म में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को व्रत न रखकर बच्चे के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने के लिए कहा जाता है।
  1. ईसाई धर्म: ईसाई लोग ईस्टर सप्ताह में व्रत करते हैं। ईसाई धर्म में भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के व्रत करने के लिए कड़े नियम नहीं है। हालांकि, इस दौरान व्रत रखने की जगह महिलाएं अपनी पसंदीदा खाद्य पदार्थों का त्याग कर सकती हैं।

लेख के इस भाग में ब्रेस्टफीडिंग के दौरान फास्ट रखने के नुकसान के बारे में बात करेंगे।

स्तनपान के दौरान व्रत रखने के खतरे | Breastfeeding Me Vrat Rekhne Ke Nukshan

स्तनपान के दौरान व्रत रखने के कई तरह के खतरे हो सकते हैं। ये खतरे व जोखिम कुछ इस प्रकार हैं:

  • ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई: स्तनपान कराने वाली हर महिला के दूध में वसा की मात्रा भिन्न होती है। इसलिए, कई दिनों तक व्रत करने से दूध में वसा की मात्रा प्रभावित हो सकती है, लेकिन दूध की मात्रा में कोई खास अंतर नहीं आता है (4)। महिलाओं का शरीर बच्चे के लिए दूध बनाने के लिए शरीर में मौजूद वसा का उपयोग करता है। वहीं, लंबे समय तक व्रत करने से शरीर में वसा की कमी हो सकती है। फिर भी व्रत की स्थिति में शरीर जमा वसा का इस्तेमाल कर दूध को बनाने की प्रक्रिया को चालू रखता है। इसलिए, उपवास के बाद अच्छा भोजन करने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में खोए या कम हुए पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है।
  • महिला पर प्रभाव: स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लंबे समय तक व्रत रखने से थोड़ा वजन कम हो सकता है, जो सामान्य है। वहीं, अगर हफ्ते में आधे से एक किलो वजन कम होता है, तो तुरंत व्रत रखना बंद कर देना चाहिए। साथ ही । इसके अलावा, ज्यादा प्यास लगती है और मुंह सूखता है व सिरदर्द के साथ मांसपेशियों में ऐंठन होती है, तो डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए।
  • बच्चे पर प्रभाव: उपवास के दौरान स्तनपान का बच्चे पर कोई खास असर नहीं होगा। जैसा कि लेख में पहले भी बताया गया है कि एक दिन का व्रत रखने से दूध के पोषक तत्वों में कोई खास अंतर नहीं होता है (1)। वहीं, लंबे समय तक व्रत कर रही हैं, तो बच्चे को पर्याप्त पोषक तत्व मिलने में बाधा हो सकती है। साथ ही ध्यान रखें कि अगर शिशु का वजन कम हो रहा है, स्तनपान करने के बाद भी लगे कि शिशु का पेट नहीं भरा है और नैपी कम गीले कर रहा है, तो इसका मतलब यह है कि शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं मिल रहा है। ऐसे में मां को तुरंत उपवास रखने बंद कर देने चाहिए।

लेख में आगे स्तनपान के दौरान व्रत रखने के कुछ विकल्पों के बारे में जान लेते हैं।

स्तनपान के दौरान व्रत रखने के विकल्प

स्तनपान के दौरान व्रत रखने की जगह आप निम्न विकल्पों को अपना सकती हैं:

  • नवरात्र में हफ्ते भर उपवास रखने की बजाय पहले और आखिरी दिन व्रत रखा जा सकता है।
  • रमजान में रोज उपवास करने की जगह हफ्ते में एक दिन उपवास किया जा सकता है।
  • व्रत रखने की जगह दान आदि किया जा सकता है।
  • निर्जला व्रत रखने की जगह फलाहार विकल्प का चयन करें।
  • गरीबों को भोजन करवा सकते हैं।

सभी धर्म में स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और प्रेगनेंसी में उपवास संबंधी नियम में कुछ छूट होती है। अगर महिला फिट है और उपवास रखने की हालत में है, तो डॉक्टर से सलाह के बाद ही व्रत करें।

इस विषय के संबंध में और जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

व्रत के दौरान अपना ख्याल कैसे रखें?

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को व्रत रखने के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  • डाइट का रखें खास ख्याल: महिलाओं को स्तनपान के लिए डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। व्रत खोलते समय एक साथ अधिक मात्रा में खाना या पानी पीने की गलती न करें। प्रत्येक समयांतराल पर कुछ भी अनहेल्दी खाने की बजाय फलों का सेवन करें। हल्के पेय पदार्थ से शुरुआत करें, फिर भोजन करें।
  • खुद को रखें हाइड्रेट: दिनभर हाइड्रेट रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। साथ ही बीच-बीच में नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं। यदि किसी व्रत में पानी पीने की भी मनाही है, तो उपवास शुरू होने से पहले पर्याप्त पानी पिएं। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
  • आराम है जरूरी: व्रत रखने के बाद घर के कामकाज न करें। जितना हो सके बॉडी को रेस्ट दें।
  • नींद: उपवास से पहले अच्छी नींद लें। इससे स्तनपान कराने वाली महिला दिनभर ऊर्जावान महसूस करती है।
  • रूटीन चेकअप: हर महीने डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं। व्रत रखने से पहले चिकित्सक से जांच करवा कर सुनिश्चित करें कि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं है।

नोट: डॉक्टर से परामर्श लिए बिना व्रत रखने से बचें।

स्तनपान में व्रत कर सकते हैं या नहीं, इस बात से अब आप अच्छे से वाकिफ हो गई होंगी। लेख में स्तनपान के दौरान व्रत करने से जुड़े कुछ जोखिम के बारे में भी जानकारी दी गई है। इसलिए व्रत रखते समय अपनी सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी आप की है, क्योंकि आपसे बेहतर आपका ध्यान कोई दूसरा नहीं रख सकता है। इसके अलावा, व्रत रखने का निर्णय लेने से पहले एक बार अपने चिकित्सक से परामर्श लेना न भूलें। साथ ही, व्रत रखने के साथ लेख में बताई गई सावधानियों का पालन जरूर करें। गर्भावस्था से जुड़ी इसी तरह की जानकारी हासिल करने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।

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