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गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण कुछ महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी की सलाह दी जाती है। ऐसे में उनके मन में ये सवाल उठता है कि क्या एक बार सिजेरियन डिलीवरी कराने के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराई जा सकती है। इसी सवाल का जवाब देने के लिए हम मॉमजंक्शन का यह लेख लेकर आए हैं। यहां हम सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी के फायदे और जोखिमों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

सबसे पहले समझिए कि सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है या नहीं।

क्या सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी (VBAC) की जा सकती है? | After c section normal delivery is possible in hindi

हां, सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराई जा सकती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि एक बार सी-सेक्शन के माध्यम से डिलीवरी हुई है, तो अगली बार भी उसी प्रक्रिया को अपनाया जाए। गर्भवती की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी की सलाह दी जा सकती है। इस प्रक्रिया को वीबीएसी (वेजाइनल बर्थ आफ्टर सिजेरियन) यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव कहा जाता है (1)।

अब जानिए कि सिजेरियन के बाद सामान्य प्रसव प्रकिया कितनी सेफ है।

वीबीएसी कितना सुरक्षित है और कितनी प्रतिशत महिलाओं को होता है?

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी सुरक्षित होना और न होना, महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात का जिक्र मिलता है। शोध के अनुसार, जिन महिलाओं ने पहले सिजेरियन डिलीवरी और फिर सामान्य प्रसव कराया, उनमें सफलता दर 60 से 80 प्रतिशत तक हो सकती है (2)।

अब यह भी जान लीजिए कि सी-सेक्शन के बाद सामान्य प्रसव कराने के लाभ क्या हैं।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी के फायदे

सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव कराने के कई फायदे हो सकते हैं, जिनकी चर्चा हम क्रमवार नीचे कर रहे हैं (1) (3)।

  • इस प्रक्रिया के बाद अस्पताल में अधिक समय नहीं बिताना पड़ता।
  • सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव कराने से महिलाएं जल्दी रिकवर होती हैं।
  • इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • इसमें संक्रमण का जोखिम भी काफी कम होता है।
  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन यानी खून चढ़ाने की जरूरत भी काफी कम होती है।
  • भविष्य में सी-सेक्शन की प्रक्रिया अपनाने से भी बचा जा सकता है। खासकर, उन महिलाओं के लिए जो दो से अधिक बच्चे पैदा करने की चाह रखती हों।
  • वीबीएसी की प्रक्रिया में महिलाओं को जान का जोखिम काफी कम होता है।
  • इसके माध्यम से भविष्य में गर्भधारण में होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता है।

वीबीएसी के फायदे के बाद इसके जोखिमों को भी जानना जरूरी है।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी के जोखिम

वीबीएसी यानी सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने से सबसे बड़ा जोखिम गर्भाशय के फटना का है। अगर इस प्रक्रिया के दौरान किसी महिला का गर्भाशय फट जाता है, तो उसे खून की कमी हो सकती है, जो चिंता का विषय बन सकता है।

साथ ही इससे बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा, अगर वीबीएसी की ये प्रक्रिया सफल नहीं होती, तो महिला को खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है। साथ ही गर्भाशय में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है (1)।

अब जानेंगे कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव के लिए महिला खुद को कैसे तैयार कर सकती है।

सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव के लिए खुद को कैसे तैयार करें?

सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव के लिए एक महिला खुद को निम्नलिखित तरीकों से तैयार कर सकती है।

  • अगर पहले कभी किसी महिला का सी-सेक्शन हुआ हो और वो दोबारा गर्भवती है, तो सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव अपनाने से पहले डॉक्टर से बात करें।
  • वीबीएसी की प्रक्रिया अपनाने से पहले इस बारे में जरूरी जानकारी हासिल कर लें।
  • गर्भावस्था के दौरान कुछ जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है, जिस वजह से सी-सेक्शन की आवश्यकता पड़ सकती है। ऐसे में आपातकाल स्थिति के लिए डॉक्टर से जानकारी लें कि उस अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की व्यवस्था है या नहीं।
  • वीबीएसी के लिए अस्पताल का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वहां सभी प्रकार की सुविधाएं और विशेषज्ञ मौजूद हों। दरअसल, सभी हॉस्पिटल इसकी मंजूरी नहीं देते या इसके लिए विशेषज्ञ नहीं रखते।

लेख के इस भाग में जानिए कि सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव किन महिलाओं को कराना चाहिए।

VBAC करवाने की सलाह किसे दी जा सकती है?

वीबीएसी यानी सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव की सलाह निम्नलिखित परिस्थितियों में दी जा सकती है (1)।

  • अगर महिला ने पहले सिर्फ एक ही बार सी-सेक्शन डिलीवरी कराई है, तो वह वीबीएसी करा सकती है।
  • महिला के गर्भाशय पर पिछले सी-सेक्शन का कट होना चाहिए, जिसे ट्रांसवर्स कहा जाता है। अगर लो-ट्रांसवर्स है, तो वीबीएसी होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं, अगर हाई-ट्रांसवर्स है, तो वीबीएसी होने में जोखिम बना रहता है। इसकी पुष्टि के लिए डॉक्टर पिछले सी-सेक्शन डिलीवरी की रिपोर्ट मांग सकते हैं।
  • महिला के गर्भाशय पर फटने या अन्य सर्जरी का कोई और निशान नहीं होना चाहिए।
  • इसके लिए डॉक्टर यह भी सुनिश्चित करेगा कि सामान्य प्रसव के लिए महिला की गर्भाशय ग्रीवा 3 सेमी बड़ी है या नहीं, ताकि शिशु को उससे निकलने में परेशानी न हो। अगर गर्भाशय ग्रीवा 3 सेमी बड़ी है, तो वीबीएसी होने की संभावना 90 प्रतिशत तक रहती है (4)।

नीचे स्क्रॉल कर समझिए कि सी-सेक्शन के बाद सामान्य प्रसव की संभावना कब कम होती है।

नॉर्मल डिलीवरी (VBAC) की संभावना कब कम हो जाती है?

नॉर्मल डिलीवरी की संभावना निम्नलिखित मामलों में कम हो सकती है।

यहां हम जानेंगे कि वीबीएसी और दोबारा से सी-सेक्शन के अंतर के बारे में।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी और सिजेरियन डिलीवरी के बाद फिर से सी-सेक्शन में क्या अंतर है?

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरी और फिर दोबारा से सी-सेक्शन में निम्नलिखित अंतर हैं (1) (5)।

सिजेरियन डिलीवरी के बाद नॉर्मल डिलीवरीदोबारा से सी-सेक्शन
अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल सकती हैअधिक समय तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है
किसी प्रकार की सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़तीगर्भाशय की परत में संक्रमण होने का खतरा
संक्रमण का जोखिम काफी हद तक कम होता हैपैरों में खून के थक्के जमा होने का खतरा
भविष्य में सी-सेक्शन की प्रक्रिया अपनाने से भी बचा जा सकता हैघाव के आसपास दर्द महसूस होना
वीबीएसी की प्रक्रिया में महिलाओं को जान का जोखिम काफी कम होता हैकुछ मामलों में भविष्य में सामान्य प्रसव में जटिलताएं हो सकती हैं
भविष्य के गर्भधारण में होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता हैसुन करने वाली दवाओं से भविष्य में जटिलताएं हो सकती हैं

आखिर में जानिए कि वीबीएसी के मामलों में डॉक्टरी सलाह कब लेनी चाहिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें

सी-सेक्शन के बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने पर अगर निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

  • अगर VBAC कराने से पहले किसी महिला को डर या घबराहट महसूस हो रही हो।
  • पेट में दर्द या भारीपन महसूस हो रहा हो।
  • अगर ब्लीडिंग की समस्या होने पर।
  • अगर वीबीएसी के बाद योनि में दर्द की समस्या हो।

ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर एक बार सिजेरियन डिलीवरी कराई गई है, तो अगली बार भी उसी प्रक्रिया को अपनाया जाए। सी-सेक्शन के बाद सामान्य प्रसव आसानी से किया जा सकता है। महिलाओं के लिए इसे एक सुरक्षित तरीका भी माना गया है, जिसके बारे में हमने लेख में विस्तार से बताया है। बस तो इस लेख को पढ़कर मन में सिजेरियन डिलीवरी के बाद सामान्य प्रसव से जुड़े संशय को दूर करें।

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