Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

प्रकृति ने हमें कई प्रकार के फल तोहफे में दिए हैं, जिनमें से कुछ स्वाद के लिए, तो कुछ स्वाद के साथ ही सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। उन्हीं में से एक है चेरी। इसे दुनिया भर में इसके बेहतरीन स्वाद के लिए पसंद किया जाता है, लेकिन क्या आपको मालूम है, स्वाद में लाजवाब चेरी का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको बता रहे हैं चेरी के फायदे। साथ ही इसके उपयोग और चेरी के नुकसान के बारे में भी यहां जानेंगे। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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सबसे पहले चेरी के विषय में जानकारी हासिल कर लेते हैं।

चेरी क्या है – What is Cherry in Hindi

चेरी की गिनती चुनिंदा खास फलों में होती है। चेरी फल आकार में छोटे और गोल होते हैं। इसकी कई किस्में हैं, जिन्हें दो भागों में बांटा जाता है, एक स्वीट चेरी और दूसरा टार्ट चेरी। आमतौर पर भारत में इस्तेमाल होने वाली चेरी का स्वाद मीठा होता है। इसे स्वीट चेरी की नाम से जाना जाता है। वहीं, इसका दूसरा प्रकार टार्ट चेरी का स्वाद खट्टा होता है। स्वीट चेरी को वैज्ञानिक भाषा में प्रूनस एवियम (Prunus avium), जबकि टार्ट चेरी प्रूनस सेरासस (Prunus cerasus) कहा जाता है।

जहां तक सेहत की बात है, तो एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार चेरी फल में कई जरूरी पोषक तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें फाइबर, पॉलीफेनोल्स, कैरोटेनॉयड्स, विटामिन सी और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों के अलावा एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे प्रभाव पाए जाते हैं (1)।

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नीचे जानिए सेहत के लिए चेरी के फायदे।

चेरी खाने के फायदे – Benefits of Cherry in Hindi

चेरी में मौजूद पोषक तत्व और औषधीय गुण इसे सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद बनाते हैं। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि चेरी किसी भी बीमारी का डॉक्टरी उपचार नहीं है, इसका उपयोग कुछ हद तक नीचे बताई जा रही शारीरिक समस्याओं से बचाव और उनके लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है। नीचे पढ़ें चेरी के फायदे।

1. एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव से युक्त

हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट अहम भूमिका निभाता है। यह शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद कर सकता है। फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कण के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है, जिससे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह की समस्या, अल्जाइमर रोग (भूलने की बीमारी), पार्किंसंस रोग (इसमें शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं) और नेत्र रोग, जैसे मोतियाबिंद का जोखिम बढ़ सकता है।

वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि चेरी में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है, जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही चेरी का अर्क लिवर में एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की हेपाटिक (लिवर से जुड़ी) गतिविधियों को बढ़ाने का काम कर सकता है (1)।

2. अनिद्रा में फायदेमंद

इंसोमेनिया यानी अनिद्रा (नींद न आने की समस्या) की समस्या में भी चेरी के लाभ देखे जा सकते हैं। विषय से जुड़े शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि चेरी का रस नींद का समय और गुणवत्ता को बढ़ाने में सहयोग कर सकता है। वहीं, शोध में आगे जिक्र मिलता है कि चेरी के रस में मेलाटोनिन पाया जाता है, जो नींद में सुधार का काम कर सकता है (3)। बता दें कि मेलाटोनिन एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो नींद की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद कर सकता है।

3. एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव

सूजन की समस्या को कम करने में चेरी के फायदे देखे गए है। जानवरों और इंसानों पर हुए एक शोध के अनुसार गंभीर सूजन के कारण गठिया (आर्थराइटिस) की समस्या, हृदय रोग (सीवीडी), मधुमेह और कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, चेरी में मौजूद एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव के कारण सूजन और इसके कारण होने वाली इंफ्लामेटरी समस्याओं से बचाव में मदद मिल सकती है (1)।

4. सिर दर्द में लाभदायक

चेरी का सेवन करने पर माइग्रेन से होने वाले सिर दर्द में भी लाभदायक प्रभाव दिखा सकता है। दरअसल, एक अध्ययन के दौरान जब एक 24 वर्षीय महिला रोगी को चेरी के रस का सेवन कराया गया, तो माइग्रेन के कारण होने वाले सिर दर्द की समस्या में काफी हद तक कमी देखी गई। (5)। हालांकि, रिसर्च में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि चेरी के रस का कौन-सा प्रभाव इस समस्या में फायदेमंद होता है।

5. आंखों के स्वास्थ्य के लिए

ग्लूकोमा आंखों में होने वाली वृद्धावस्था की सबसे आम बीमारियों में से एक है। यह बीमारियों का एक समूह है, जो आंख की ऑप्टिक नर्व (आंखों को मस्तिष्क से जोड़ने वाली नर्व्स) को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अंधेपन का जोखिम बढ़ सकता है। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है, जब आंखों के अंदर द्रव का दबाव धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे ऑप्टिक नर्व डैमेज हो सकती है (6)।

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित खरगोश पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि चेरी में लॉगैनिक एसिड मौजूद होता है। लॉगैनिक एसिड इंट्राऑकुलर प्रेशर (आंखों के अंदर द्रव का दबाव) को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही इस बात की पुष्टि भी की गई कि ग्लूकोमा की चिकित्सा में लॉगैनिक एसिड का उपयोग सहायक हो सकता है (7)।

6. कैंसर से बचाव में सहायक

चेरी का उपयोग कैंसर की रोकथाम में मददगार हो सकता है। दरअसल, चेरी में कई प्रकार के पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें कई गुणों के साथ ही एंटी कैंसर गुण भी मौजूद होता है। शोध में इस बात की पुष्टि की गई कि चेरी के अर्क में पाए जाने वाले एंथोसायनिन नामक फ्लेवोनोइड में एंटी-कार्सिनोजेनिक प्रभाव होता है।

यह प्रभाव कई प्रकार के कैंसर, जैसे कोलन, स्तन और लिवर के कैंसर की कोशिकाओं के विस्तार को रोककर कैंसर को बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है (8)। ध्यान रहे कि चेरी किसी भी तरीके से कैंसर का उपचार नहीं है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसका जल्द से जल्द डॉक्टरी उपचार करवाना जरूरी है।

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7. वजन कम करने में सहायक

शरीर में अतिरिक्त चर्बी के जमा होने पर मोटापे की समस्या हो सकती है। इस समस्या में चेरी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार चेरी में एंटीऑबेसिटी प्रभाव होता है। यह प्रभाव मोटापा कम करने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, शोध में इस बात का जिक्र भी मिलता है कि चेरी का सेवन मोटापे से जुड़ी सूजन और मेटाबोलिक सिंड्रोम को कम करने में भी मददगार हो सकता है (9)।

इसके साथ ही एक अन्य रिसर्च से पता चलता है कि चेरी में पाए जाने वाले पॉलिफिनॉल्स बचपन में होने वाली मोटापे की समस्या में कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है (10)।

8. हृदय के स्वास्थ्य के लिए

अच्छी सेहत के साथ ही चेरी के फायदे हृदय संबंधी समस्या में भी देखे जा सकते हैं। एक रिसर्च के अनुसार सूजन के कारण अन्य समस्याओं के साथ ही हृदय संबंधी समस्या का जोखिम भी बढ़ सकता है। वहीं, शोध के पाया गया कि चेरी में एंटीइंफ्लामेटरी प्रभाव होता है, जो सूजन के कारण होने वाली हृदय संबंधी समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही रिसर्च में चेरी में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स हृदय रोग में फायदेमंद माने गए हैं (8)।

9. कब्ज की समस्या में लाभकारी

कब्ज पाचन तंत्र से जुड़ी स्थिति है, जिसमें मल त्याग करते समय कठिनाई होती है (11)। कब्ज की इस समस्या में चेरी के फायदे देखे गए हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाकर कब्ज की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। वहीं, चेरी में पाए जाने वाले फाइबर से हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि चेरी का उपयोग कब्ज की समस्या में कुछ हद तक लाभदायक हो सकता है (12)।

10. मस्तिष्क विकार में लाभदायक

उम्र बढ़ने के साथ ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें मस्तिष्क संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं, जैसे कि याददाश्त का कमजोर हो जाना, सोचने-समझने और सीखने में दिक्कत होना आदि। वहीं, मस्तिष्क संबंधी इन समस्या को कम करने में भी चेरी के फायदे देखे जा सकते हैं। चूहों पर किए गए एक रिसर्च के अनुसार टार्ट चेरी का दैनिक सेवन सीखने की क्षमता और याददाश्त में सुधार का काम कर सकता है।

इसके अलावा, शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि टार्ट चेरी का सेवन न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है (13)। बता दें कि न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज में अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) और पार्किंसन (यह शारीरिक गतिविधि को प्रभावित करता है।) जैसी बीमाारियां शामिल हैं (14)।

11. त्वचा के लिए

सेहत के साथ ही चेरी का सेवन त्वचा संबंधी समस्या में भी फायदेमंद हो सकता है। इस विषय पर हुई एक रिसर्च के अनुसार चेरी में पॉलिफिनॉल्स होते हैं। पॉलिफिनॉल्स त्वचा को हाइड्रेट, कोमल व मुलायम बनाने के साथ-साथ त्वचा की लोच को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा, यह त्वचा की जलन और लालिमा को कम करने और सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा को बचाने में सहायक हो सकते हैं (15)।

12. बालों की ग्रोथ के लिए

बालों के झड़ने की समस्या हो या फिर बालों के ग्रोथ, दोनों में ही चेरी फायदेमंद माना गया है। दरअसल, एक रिसर्च में पाया गया कि जंगली चेरी की छाल में कुछ ऐसे औषधीय गुण होते हैं, जो बालों को चिकना और रेशमी बनाने के साथ ही बालों बालों की मजबूती में मदद कर सकते हैं (16)। हालांकि, चेरी की छाल का कौन-सा गुण बालों के लिए फायदेमंद होता है, यह अभी शोध का विषय है।

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चेरी के फायदे के बाद जानते हैं इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में।

चेरी के पौष्टिक तत्व – Cherry Nutritional Value in Hindi

चेरी में मौजूद पोषक तत्व इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं। इसमें कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं, यह हम नीचे बता रहे हैं (17) :

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी82.2 ग्राम
ऊर्जा63 kcal
प्रोटीन1.06 ग्राम
फैट0.2 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट16 ग्राम
फाइबर2.1 ग्राम
शुगर12.8 ग्राम
कैल्शियम13 मिलीग्राम
आयरन0.36 मिलीग्राम
मैग्नीशियम11 मिलीग्राम
फास्फोरस21 मिलीग्राम
पोटेशियम222 मिलीग्राम
जिंक0.07 मिलीग्राम
कॉपर0.06 मिलीग्राम
मैंगनीज0.07 मिलीग्राम
विटामिन सी7 मिलीग्राम
थियामिन0.027 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.33 मिलीग्राम
नियासिन0.154 मिलीग्राम
विटामिन-बी 60.049 मिलीग्राम
फोलेट4 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, आरएई3 माइक्रोग्राम
बीटा कैरोटीन38 माइक्रोग्राम
विटामिन-ए, आईयू64 आईयू
विटामिन ई (अल्फा टोकोफेरॉल)0.07 मिलीग्राम
विटामिन-के2.1 मिक्रोग्राम
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड0.038 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.047 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.052 ग्राम

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चेरी का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है, जानिए नीचे।

चेरी का उपयोग – How to Use Cherry in Hindi

चेरी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। यहां जानते हैं इसके उपयोग के बारे में।

  • चेरी को ठीक से धोकर इसे सीधे ही खाया जा सकता है।
  • केक और पुडिंग पर टॉपिंग के लिए चेरी का उपयोग किया जा सकता है।
  • चेरी का उपयोग बेक्ड कुकीज जैसे चॉकलेट और बादाम कुकीज में भी किया जाता है।
  • चेरी का इस्तेमाल कई मॉकटेल में किया जाता है।
  • इसका उपयोग फ्रूट सलाद में किया जा सकता है।
  • इसके अलावा कई लोग इसे जूस के रूप में भी पीना पसंद करते हैं।

मात्रा : एक दिन में अन्य फलों के साथ 5-6 चेरी का सेवन किया जा सकता है। हालांकि, एक दिन में इसका कितना सेवन करना सही रहेगा, इससे जुड़े शोध का अभाव है। ऐसे में डॉक्टर से उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर इसके सेवन की सही मात्रा जानी जा सकती है।

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चेरी के चयन और उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।

चेरी का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

चेरी का उपयोग करने के लिए उसका सही चुनाव और सही स्टोरेज जरूरी है, ताकि चेरी को लंबे समय तक उपयोग में लाया जा सके। नीचे जानिए इन दोनों विषय के बारे में :

चेरी का चयन :

  • ऐसी चेरी खरीदें जो थोड़ी सख्त हो और जिनकी सतह चमकदार हो। कट लगी हुई या खरोंच लगी चेरी का चुनाव न करें।
  • गहरे रंग की चेरी का चुनाव करना चाहिए, क्योंकि गहरे रंग की चेरी पकी होती हैं।
    चेरी को स्टोर करने के टिप्स :
  • अगर कमरे के तापमान में रखा जाए, तो उन्हें 2 दिनों के भीतर ही खा लेना चाहिए।
  • चेरी को प्लास्टिक की थैली में रखकर फ्रिज में लगभग एक हफ्ते तक स्टोर किया जा सकता है।
  • बिना धुली चेरी को हमेशा फ्रिज में स्टोर करें, लेकिन ध्यान रहे कि चेरी को खाने से पहले जरूर धोएं।

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लेख के इस भाग में जानते हैं चेरी से होने वाले नुकसान के बारे में।

चेरी के नुकसान – Side Effects of Cherry in Hindi

चेरी में पाए जाने वाले गुण इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में चेरी के नुकसान भी देखे गए हैं। दरअसल, चेरी में फ्रुक्टोज की मात्रा होती है, वहीं, बिना पचा हुआ फ्रुक्टोज कई प्रकार की समस्या का कारण बन सकता है, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं (18) (19) :

  • चेरी में फ्रुक्टोज मौजूद होता है, अगर शरीर इसे ठीक से पचा नहीं पाता है, तो इससे पेट में दर्द, गैस, सूजन की समस्या, दस्त और आंतों में जलन की समस्या हो सकती है।
  • कुछ अध्ययनों से पता चला है कि फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा का सेवन रक्तचाप की समस्या का कारण बन सकता है।
  • फ्रुक्टोज के कारण चेरी का अधिक सेवन मेटाबोलिक सिंड्रोम के साथ ही मोटापा की समस्या की वजह भी बन सकता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम उन जोखिम कारकों (मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप व हाई ब्लड शुगर) को कहा जाता है, जो हृदय रोग और मधुमेह के साथ ही अन्य शारीरिक समस्या का कारण बन सकते हैं।
  • फ्रुक्टोज की वजह से कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी हो सकती है।

दोस्तों, अपने बेहतरीन स्वाद के लिए खाई जाने वाली चेरी सेहत के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है, यह अब आप अच्छे से जान गए होंगे। वहीं, इसका लाभ लेने के लिए इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें, क्योंकि इसका अधिक सेवन लेख में बताए गए चेरी के नुकसान का कारण बन सकता है। वहीं, लेख में हमने चेरी के उपयोग के कुछ कारगर तरीके बताए हैं, जिन्हें आप इस्तेमाल में ला सकते हैं। इसके अलावा, चेरी के सेवन के बाद अगर कोई दुष्प्रभाव नजर आएं, तो इसका सेवन बंद करें और डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

क्या मैं रोज चेरी खा सकता हूं?

हां, सीमित मात्रा में चेरी का सेवन रोजाना किया जा सकता है।

चेरी की तासीर कैसी होती है?

चेरी की तासीर ठंडी मानी जाती है।

मुझे कैसे पता चलेगा कि चेरी कब खाने के लिए तैयार है?

चेरी को पक जाने पर खाना चाहिए। पकने पर यह गहरे रंग की हो जाती है।

एक चेरी को पकने में कितना समय लगता है?

चेरी को पकने में लगभग तीन से पांच महीने तक का समय लग सकता है।

चेरी किस मौसम में होती है?

भारत में चेरी के पौधों को सितंबर से अक्टूबर के महीने लगाया जाता है। वहीं, जनवरी से मार्च के महीने तक चेरी का उत्पादन किया जाता है।

क्या चेरी पेट की चर्बी कम करने में मदद करती है?

हां, चेरी में एंटीऑबेसिटी प्रभाव होता है, जो वजन कम करने में मददगार हो सकता है, लेकिन फ्रुक्टोज की मौजूदगी की वजह से इसकी अधिक मात्रा का सेवन मोटापे का कारण भी बन सकता है (9) (18)।

क्या चेरी त्वचा के लिए अच्छी है?

हां, चेरी में पॉलिफिनॉल्स पाए जाते हैं, जो त्वचा को हाइड्रेट, कोमल और मुलायम करने के साथ-साथ त्वचा की लोच को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। साथ ही त्वचा की समस्याओं जैसे लालिमा और जलन को दूर करने में भी मददगार हो सकते हैं (15)।

References

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  7. Anti-Inflammatory and Anti-Obesity Properties of Food Bioactive Components: Effects on Adipose Tissue,
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