Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

जो लोग चिचिण्डा का सेवन नहीं करते हैं, वो यह लेख पढ़कर इसे अपनी डायट में शामिल करने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। यह ऐसी सब्जी है, जो न सिर्फ स्वाद में अच्छी होती है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। इसके सेवन से न सिर्फ कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है, बल्कि यह कई बीमारियों के इलाज में सहायक भी हो सकती है। फिर भी इसे किसी बीमारी का सटीक इलाज नहीं माना जा सकता है। इसलिए, अगर कोई बीमार है, तो डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम चिचिण्डा का उपयोग व चिचिण्डा के फायदे  के साथ ही चिचिण्डा के नुकसान से रूबरू कराएंगे।

नीचे और जानकारी है

चलिए, अब जानते हैं कि चिचिण्डा सेहत के लिए अच्छा क्यों होता है।

चिचिण्डा आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छा है?

चिचिण्डा सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसमें फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, सोल्युबल व इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर और एसेंशियल मिनरल (जरूरी खनिज) होते हैं, जो चिचिण्डा को औषधीय और चिकित्सीय रूप से सक्रिय बनाते हैं। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन (ए, ई) पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम और जिंक की भी मात्रा पाई जाती है। इसके उपयोग से सिरदर्द, एलोपेशिया, बुखार, डाइजेस्टिव डिसऑर्डर, फोड़े, दस्त, हेमाट्यूरिया (पेशाब के साथ रक्त आना) और त्वचा की एलर्जी के उपचार में मदद मिल सकती है। इसलिए, इसे सेहत के लिए अच्छा माना जा सकता है (1)

नीचे है जरूरी जानकारी

इस आर्टिकल के अगले भाग में हम चिचिण्डा के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

चिचिण्डा के फायदे – Benefits of Snake Gourd in Hindi

इसमें कोई शक नहीं कि चिचिंडा खाने के फायदे स्वास्थ्य पर दिखाई दे सकते हैं। ये लाभ किस तरह के हो सकते हैं, इस बारे में नीचे विस्तार से जानें।

1. डायबिटीज (मधुमेह) के लिए

जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत है, उनके लिए चिचिण्डा दवाई का काम कर सकता है। एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि चिचिण्डा में एंटीडायबिटिक गतिविधि पाई जाती है। नार्मल ब्लड शुगर वाले चूहों पर किए गए एक अध्ययन में देखा गया है कि इसके नियमित सेवन से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में कमी हो सकती है (1)। ऐसे में कहा जा सकता है कि चिचिण्डा के फायदे मधुमेह से राहत दिलाने के लिए हो सकते हैं।

2. बुखार के उपचार के लिए

चिचिण्डा सब्जी बुखार में भी काम आ सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो चिचिण्डा को बुखार के इलाज में औषधीय दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह मलेरिया की स्थिति में भी मददगार हो सकता है (1) (2)। फिलहाल, इस पर अभी और वैज्ञानिक शोध की आवश्यकता है, ताकि पता चल सके कि इसमें मौजूद कौन-सा गुण बुखार से राहत पहुंचाता है।

3. हृदय के लिए

चिचिण्डा सब्जी का हृदय स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव पड़ सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, चिचिण्डा में कुकुरबिटासिन-बी, कुकुरबिटासिन-ई, कैरोटीनॉयड और एस्कॉर्बिक एसिड होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि की तरह काम कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट, फ्री रेडिकल्स द्वारा किए गए ऑक्सीडेटिव चैन रिएक्शन को रोकने का काम कर सकता है। इससे ऑक्सीडेटिव डैमेज को कम किया जा सकता है। ऑक्सीडेटिव डैमेज के कारण हृदय रोग पनप सकते हैं (3)। इसलिए, चिचिण्डा के फायदे हृदय के लिए हो सकते हैं।

4. पाचन के लिए

चिचिंडा खाने के फायदे में पाचन क्रिया को बेहतर करना भी शामिल है। एक शोध के मुताबिक, चिचिंडा में सॉल्युबल और इनसॉल्युबल डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं, जो खाद्य पदार्थ को पचाकर मल के जरिए बाहर करने का काम कर सकते हैं। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रह सकता है और पाचन क्रिया आसानी हो सकती है (1)। ऐसे में जिन लोगों को अधिक अपच की समस्या होती है, वो चिचिण्डा का उपयोग आहार के रूप में कर सकते हैं।

5. पीलिया के उपचार में सहायक

अगर किसी को पीलिया की समस्या है, तो उनके लिए चिचिंडा का उपयोग अच्छा साबित हो सकता है। एक रिसर्च की मानें, तो चिचिंडा के औषधीय गुण के कारण पीलिया के उपचार में सहायता मिल सकती है (4) । इसके लिए चिचिंडा के लगभग 7 से 10 पत्तों को पानी में उबाल लें और फिर ठंडा होने दें। इसके बाद आधे लीटर पानी में 10-15 धनिया के बीज को डालकर उबाल लें। इसके बाद इन दोनों पानी को मिला लें और सेवन करें। इससे पीलिया की स्थिति में सुधार हो सकता है (5)। फिलहाल, इस पर और शोध की जरूरत है कि यह किस गुण के कारण पीलिया में फायदेमंद हो सकता है।

6. एलोपेशिया से निजात

एलोपेशिया ऐसी समस्या है, जिसमें सिर के बीच में से बाल झड़ने लगते हैं। धीरे-धीरे करके पूरे सिर के बाल झड़ जाते हैं और गंजेपन का शिकार होना पड़ता है (6)। ऐसे में इस समस्या से निपटने में चिचिंडा मददगार हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, चिचिंडा स्कैल्प के रक्त संचार में सुधार कर सकता है। इससे बालों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे एलोपेशिया की समस्या कुछ कम हो सकती है (7)। फिलहाल, इस पर और शोध की आवश्यकता है।

7. कब्ज के लिए और परगेटिव (Purgative) की तरह

कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में भी चिचिण्डा सहायक हो सकता है। कब्ज की स्थिति में पेट ठीक तरह से साफ नहीं हो पता है। वहीं, चिचिण्डा में परगेटिव गतिविधि पाई जाती है, जो एक तरह का लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह कब्ज की स्थिति में पेट को साफ करने में मदद कर सकता है। इससे कब्ज की समस्या कुछ कम हो सकती है (8)। लिहाजा, ऐसा कहा जा सकता है कि चिचिंडा खाने के फायदे कब्ज से छुटकारा दिला सकते हैं।

9. कम कैलोरी वाला

जो लोग वजन कम करने के लिए डायटिंग करते हैं, वो अपनी आहार लिस्ट में चिचिण्डा को शामिल कर सकते हैं। दरअसल, चिचिण्डा एक कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थ है, जिसके सेवन से शरीर में फैट नहीं बढ़ता। कम कैलोरी होने से यह वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकता है। इसलिए, अगर कोई चाहता है कि उनका फैट न बढ़े, तो चिचिण्डा का सेवन जरूर करें (1)

10. मिनरल से भरपूर

चिचिण्डा स्वास्थ्यवर्धक सब्जियों में से एक है, क्योंकि यह मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे एसेंशियल मिनरल से समृद्ध है। ये मिनरल्स हड्डियों, मांसपेशियों, हृदय व मस्तिष्क को ठीक तरह से काम करने में सहायता कर सकते हैं (9)। इससे कई शारीरिक समस्याओं को दूर रखने में मदद मिल सकती है (1)

11. डैंड्रफ से छुटकारा

आजकल डैंड्रफ यानी रूसी की समस्या आम हो गई है। अगर कोई भी रूसी से परेशान हैं, तो चिचिण्डा के फायदे इस समस्या से निजात दिलाने में सहायक हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, बालों की समस्या से निजात दिलाने वाले हर्बल टॉनिक में चिचिण्डा के पत्तों का उपयोग किया गया है, जिसमें एंटी डैंड्रफ एजेंट है (10)। ऐसे में डैंड्रफ होने पर सप्ताह में तीन बार चिचिंडा रस को सिर पर 15-20 मिनट के लिए लगाएं। इससे रूसी से छुटकारा मिल सकता है।

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इसके अगले भाग में हम चिचिण्डा के पौष्टिक तत्व की जानकारी देंगे।

चिचिण्डा के पौष्टिक तत्व – Snake Gourd Nutritional Value in Hindi

चिचिण्डा में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉइड्स, फेनोलिक एसिड, सोल्युबल व इनसोल्युबल डाइटरी फाइबर, एसेंशियल मिनरल, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन (ए, ई) पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम, मैग्नीशियम और जिंक पाए जाते हैं (1)। हालांकि, ये पोषक तत्व चिचिण्डा में कितनी मात्रा में मौजूद होते हैं, इस पर फिलहाल शोध की आवश्यकता है।

लेख को पढ़ते रहें

चलिए, अब जान लेते हैं कि चिचिण्डा का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।

चिचिण्डा का उपयोग – How to Use Snake Gourd in Hindi

चिचिण्डा को कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। इसके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है। चिचिण्डा कैसे खाएं इसके बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं।

  • चिचिण्डा की सब्जी बनाकर खाई जा सकती है।
  • चिचिंडा, आलू और प्याज की सूखी सब्जी का भी सेवन किया जा सकता है।
  • चिचिण्डा के टुकड़े पर बेसन लगाकर तेल में फ्राई करके खाया जा सकता है।
  • बेसन और चिचिंडा का चीला बनाकर खा सकते हैं।
  • चिचिण्डा और मूंग दाल की करी बनाकर सेवन किया जा सकता है।

नीचे है और जानकरी

आर्टिकल के अगले भाग में जानिए कि चिचिण्डा खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

चिचिण्डा लेते समय बरती जाने वाली सावधानियां

सही चिचिण्डा तभी खरीद पाएंगे, जब नीचे बताई जा रही सावधानियों को बरतेंगे।

  • चिचिण्डा में दाग न लगा हो।
  • चिचिण्डा किसी भी जगह से कटा हुआ नहीं होना चाहिए।
  • हमेशा ताजे, पतले और नरम चिचिंडा का चयन करें।
  • चिचिण्डा लंबा होने के साथ ही एक समान गोल होना चाहिए। मतलब कहीं से पतला और कहीं से मोटे आकार का नहीं होना चाहिए।
  • इसका रंग गहरा हरा होना चाहिए।

नीचे भी पढ़ें

अब आगे हम चिचिण्डा के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं।

चिचिण्डा के नुकसान – Side Effects of Snake Gourd in Hindi

जिस प्रकार से चिचिण्डा कई बीमारियों में फायदेमंद है, उस हिसाब से इसके खास नुकसान नहीं हैं (11)। साथ ही इसके दुष्प्रभावों की अभी तक वैज्ञानिक पुष्टि भी नहीं हुई। चिचिण्डा के नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं :

  • चिचिण्डा में फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जिस कारण इसके सेवन से कुछ लोगों को पेट में दर्द और गैस की शिकायत हो सकती है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

आगे है और जानकारी

आइए, अब जान लेते है कि चिचिंडा की तासीर कैसी होती है।

चिचिंडा की तासीर क्‍या है?

चिचिंडा की तासीर ठंडी होती है। इसलिए, सर्दी-जुकाम से जूझ रहे व्यक्ति को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

चिचिण्डा के फायदे, चिचिण्डा का उपयोग व चिचिण्डा कैसे खाएं, जैसे सवालों के जवाब हमने इस लेख में देने की कोशिश की है। उम्मीद है कि आपको इस लेख में चिचिंडा से संबंधित जरूरी सवालों के जवाब मिले होंगे। अब जब अगली बार आप सब्जी खरीदने जाएं, तो चिचिण्डा को जरूर लाएं और इसका सेवन करें। वहीं, अगर गंभीर समस्या से ग्रसित व्यक्ति अपने आहार में चिचिण्डा को शामिल करना चाहता है, तो पहले अपने डॉक्टर से इस संबंध में चर्चा जरूर कर लें।

References

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  1. Comparative Analysis of Nutritional and Bioactive Properties of Aerial Parts of Snake Gourd (Trichosanthes cucumerina Linn.)
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5138480/
  2. AN UPDATED REVIEW ON TRICOSANTHES CUCUMERINA L
    http://www.globalresearchonline.net/volume1issue2/Article%20011.pdf
  3. Cardioprotective Activity of Methanol Extract of fruit of Trichosanthes cucumerina on Doxorubicin-induced Cardiotoxicity in Wistar Rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3388762/
  4. Phytochemical Screening and Investigation of Antioxidant and Cytotoxicity Potential of different extracts of selected Medicinal Plants of Bangladesh
    https://rjptonline.org/HTMLPaper.aspx?Journal=Research%20Journal%20of%20Pharmacy%20and%20Technology;PID=2013-6-9-11
  5. Yarqaan (Jaundice)
    https://www.nhp.gov.in/yarqaan-jaundice_mtl
  6. Alopecia areata
    https://medlineplus.gov/ency/article/001450.htm
  7. Potentiality of aqueous leaf extract of Trichosanthes cucumerina Linn. on hair growth promotion in Wistar albino rats
    https://pdfs.semanticscholar.org/cffd/65bec0e308f0714b297bc807ba1ca936965a.pdf
  8. In vitro multiple shoot induction in Trichosanthes cucumerina L.
    https://www.researchgate.net/publication/259716415_In_vitro_multiple_shoot_induction_in_Trichosanthes_cucumerina_L
  9. Minerals
    https://medlineplus.gov/minerals.html#:~:text=They%20include%20calcium%2C%20phosphorus%2C%20magnesium,a%20wide%20variety%20of%20foods.
  10. Alopecia and the Herbal Drugs: An overview of the Current Status
    http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.735.1103&rep=rep1&type=pdf
  11. DISTRIBUTION AND ANCIENT-RECENT MEDICINAL USES OF TRICHOSANTHES SPECIES
    https://www.researchgate.net/publication/272761041_DISTRIBUTION_AND_ANCIENT-RECENT_MEDICINAL_USES_OF_TRICHOSANTHES_SPECIES

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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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