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क्या आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन गर्भावस्था परीक्षण के परिणाम जानने के लिए इंतजार नहीं करना चाहती हैं? अगर ऐसा है, तो कुछ घरेलू उपाय आपकी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं। आप पीरियड्स मिस होने के बाद गर्भावस्था का अनुमान लगाने के लिए चीनी यानी शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। यह महिलाओं के बीच गर्भधारण से जुड़ी जानकारी हासिल करने का एक प्रचलित रोचक तरीका है। इस आर्टिकल में मॉमजंक्शन आपको शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में विस्तार से बताएगा। साथ ही इसे कैसे करना चाहिए और इसकी सटीकता के बारे में भी यहां बताया गया है।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट करने का मतलब क्या होता है।
चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट किसे कहते हैं? | Homemade Pregnancy Test With Sugar In Hindi
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट गर्भावस्था का पता लगाने का घरेलू तरीका है। इसमें महिला के पेशाब को चीनी के साथ मिलाकर यह अनुमान लगाया जाता है कि गर्भ में बच्चा ठहरा है या नहीं। माना जाता है कि यह घरेलू गर्भावस्था परीक्षण भी पेशाब में एचसीजी प्रेगनेंसी हार्मोन की उपस्थिति का पता लगा सकता है। वैसे, इस प्रेगनेंसी टेस्ट का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। यह सिर्फ लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई नुकसान नहीं है, इसलिए गर्भधारण करने वाले समय को रोचक बनाने के लिए इसे किया जा सकता।
लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सबसे सही समय क्या होता है।
प्रेगनेंसी की पुष्टि के लिए चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?
अगर किसी महिला को गर्भवती होने की संभावना लगती है, तो मासिक धर्म न आने के एक से दो हफ्ते तक का इंतजार करना चाहिए। दरअसल, पीरियड्स मिस होने के बाद पेशाब में एचसीजी का स्तर बढ़ने में आमतौर पर लगभग एक से दो सप्ताह लगते हैं। अगर मासिक धर्म नहीं आता, तो हो सकता है कि महिला ने गर्भधारण कर लिया हो। गर्भावस्था की पुष्टि के लिए शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट हमेशा सुबह के पहले यूरीन से करें, क्योंकि उस समय एचसीजी का स्तर उच्च होता है (1)।
लेख के अगले भाग में हम बता रहे हैं कि चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए किन चीजों की जरूरत होती है।
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए क्या-क्या चाहिए हाेता है?
चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है। ये कुछ इस प्रकार हैं:
सामग्री :
- 1 चम्मच दानेदार सफेद चीनी
- दिन के पहले पेशाब का नमूना यानी यूरिन सैंपल
- दो पारदर्शी कप
अब आगे जानते हैं कि चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट करने की प्रक्रिया क्या होती है।
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट करने का तरीका
चीनी से प्रेगनेंसी चेक करने के लिए सुबह उठकर ये सभी सामग्रियों को एक जगह एकत्रित कर लें। इसके बाद नीचे लिखी विधि को अपनाएं।
- एक खाली कप में 1 चम्मच दानेदार सफेद चीनी डाल लें।
- अब दूसरे कप में पेशाब का नमूना ले लीजिए।
- फिर पेशाब को चीनी वाले कप में डालें।
- इसके बाद परिणाम देखने के लिए 5 मिनट प्रतीक्षा करें।
चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे काम करता है, अब इस पर एक नजर डाल लेते हैं।
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट किस तरह काम करता है?
चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे काम करता है, इस पर विश्वसनीय जानकारी और वैज्ञानिक तथ्यों का अभाव है। हां, इसके लेकर लोक मान्यता है कि अगर महिला गर्भवती होती है, तो उसके पेशाब में मौजूद एचसीजी हार्मोन चीनी को घुलने नहीं देगा। इस दौरान पेशाब में चीनी इकट्ठा हो सकती है।
आइए, अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी टेस्ट के रिजल्ट को कैसे समझा जा सकता है।
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट से आए रिजल्ट का मतलब
चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट को समझने के लिए पेशाब और चीनी के मिश्रण को ध्यान से देखना होगा। हम नीचे बता रहे हैं कि कैसे पता चलता है कि चीनी प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है या निगेटिव।
- पॉजिटिव शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट : अगर कोई महिला गर्भवती है, तो उसके पेशाब में चीनी इकट्ठा होकर गुच्छे जैसी (Clump) दिखाई देगी। ऐसा दिखने पर प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव माना जा सकता है। इसके बाद गर्भावस्था की पुष्टि के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
- नेगेटिव शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट : चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट करते समय अगर चीनी और पेशाब में कोई प्रतिक्रिया नहीं होती और चीनी घुल जाती है, तो इसे नेगेटिव रिजल्ट माना जाता है। हां, कई बार निगेटिव रिजल्ट आने की वजह एचसीजी हार्मोन का कम होना भी होता है। इसी वजह से कुछ दिन बाद दोबारा टेस्ट को दोहराया जा सकता है, क्योंकि गर्भधारण के बाद एचसीजी हार्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है। साथ ही पुष्टि के लिए एक बार डॉक्टर से भी सलाह जरूर लें (1)।
लेख के अगले हिस्से में जानते हैं कि यह प्रेगनेंसी शुगर टेस्ट कितना सटीक होता है।
शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट के परिणाम कितने सटीक होते हैं?
चीनी से किए गए प्रेगनेंसी टेस्ट का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, इसलिए इसकी विश्वसनीयता बेहद कम है। कई मामलों में यह प्रेगेनेंसी टेस्ट गलत परिणाम दिखा सकता है, क्योंकि पेशाब में एचसीजी के अलावा और कई तत्व होते हैं, जो चीनी के घुलने का कारण बन सकते हैं। इसी वजह से शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट पर निर्भर रहना सही नहीं होगा। गर्भावस्था की पुष्टि के लिए हमेशा डॉक्टर से जांच कराना ही सबसे विश्वसनीय उपाय है।
लेख के अंतिम हिस्से में जानते हैं कि गर्भावस्था की जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क कब किया जाना चाहिए।
चिकित्सक से कब संपर्क करें?
अगर यौन संबंध बनाने के बाद मासिक धर्म निश्चित समय पर नहीं आता है, तो नीचे बताए गए लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण दिखने के बाद आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं (2) (3)।
- मॉर्निंग सिकनेस (सुबह के समय उल्टी-मतली आना)
- कब्ज
- थकान
- स्तनों में हल्की सूजन और संवेदनशीलता
- सिरदर्द होना
- योनि से हल्का रक्तस्राव
- बार-बार पेशाब आना
- मूड स्विंग
- यौन इच्छा में कमी
इन लक्षणों के आधार पर डॉक्टर जांच करके गर्भावस्था की सटीक पुष्टि कर सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर सोनोग्राफी या एचसीजी प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग कर सकते हैं।
गर्भावस्था का अनुमान लगाने के लिए शुगर प्रेगनेंसी टेस्ट एक मजेदार विकल्प हो सकता है, लेकिन यह मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली प्रेगनेंसी टेस्ट किट जितना विश्वसनीय नहीं है। घरेलू नुस्खों द्वारा गर्भावस्था का अनुमान लगाने के बाद एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें, ताकि समय पर उचित जांच हो सके। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इसे अपने जानकारों के साथ साझा करें और ऐसे ही मजेदार आर्टिकल पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन की वेबसाइट विजिट करते रहें।
संदर्भ :
3. Development and validation of a pregnancy symptoms inventory by NCBI
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