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व्यस्त दिनचर्या और खराब खान-पान की वजह से शरीर कई परेशानियों की चपेट में आ जाता है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी इसमें शामिल है। कोलेस्ट्रॉल के स्तर में गड़बड़ी होने से हृदय रोग व रक्तचाप जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। यूं तो कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए डॉक्टर कई तरह की दवाएं देते हैं, लेकिन अगर दिनचर्या में कुछ बदलाव किए जाएं व कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय को इस्तेमाल में लाया जाए, तो इस समस्या से बचा जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कोलेस्ट्राॅल के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। साथ ही यहां हम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण और इसे कम करने के घरेलू उपायों की जानकारी भी दे रहे हैं।
शुरू करते हैं लेख
लेख में सबसे पहले हम बता रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल क्या है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है? – What is Cholesterol in Hindi
अक्सर लोगों के जहन में यह सवाल आता है कि कोलेस्ट्रॉल क्या है? दरअसल, शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं में पाए जाने वाले मोम जैसे फैटी पदार्थ को कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। इसे हाइपरकोलेस्ट्रॉलमिया (Hypercholesterolemia), हाइपरलिपिडिमिया (Hyperlipidemia) और हाइपरलिपोप्रोटीनेमिया (Hyperlipoproteinemia) के नाम से भी जाना जाता है। कोलेस्ट्रॉल शरीर में हार्मोन, विटामिन-डी व अन्य प्रकार के पदार्थ का निर्माण करने में मदद करता है, जिससे भोजन को पचाना आसान हो जाता है। वहीं, रक्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल होने पर आर्टरी (धमनियों) से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है (1) (2)।
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कोलेस्ट्रॉल क्या है, यह तो हमने जान लिया है। चलिए अब कोलेस्ट्रॉल के प्रकार के बारे में जान लेते हैं।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार – Types of Cholesterol in Hindi
वैसे तो कोलेस्ट्रॉल के दो ही प्रकार माने गए हैं, लेकिन यहां हम कोलेस्ट्रॉल के सभी प्रकारों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं (2) (3):
- लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL): इसे खराब या फिर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) के नाम से भी जाना जाता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। यह कोलेस्ट्रॉल का प्रकार धमनियों को ब्लॉक करने का मुख्य स्रोत होता है। इसकी वजह से कई अन्य परेशानियां और बीमारियों का खतरा भी बना रहता है।
- हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL): इस कोलेस्ट्रॉल को अच्छे कोलेस्ट्रॉल (गुड कोलेस्ट्रॉल) के तौर पर जाना जाता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल (LDL) को कम करने में मदद कर सकता है। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य रहने से हृदय रोग के होने का जोखिम कम हो सकता है।
- कुल (टोटल) कोलेस्ट्रॉल: यह रक्त में मौजूद कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बताता है। इसमें कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल दोनों शामिल होते हैं।
- ट्राइग्लिसराइड्स: यह रक्त में पाया जाने वाला एक प्रकार का वसा है। कुछ अध्ययनों के अनुसार, ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर से महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- वेरी लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (VLDL): बहुत कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन यानी VLDL एक और प्रकार का खराब कोलेस्ट्रॉल है। वीएलडीएल का उच्च स्तर होने पर धमनियों पर प्लाक (वसा का जमाव) बनने लगता है।
- नॉन-एचडीएल: यह बहुत कम घनत्व वाला कोलेस्ट्रॉल होता है। इसमें एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के अलावा सभी अन्य कोलेस्ट्रॉल शामिल होते हैं।
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लेख के अगले भाग में अब हम बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण जानने का प्रयास करेंगे।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण – Causes of High Cholesterol in Hindi
उच्च कोलेस्ट्रॉल का सबसे आम कारण अव्यवस्थित और खराब जीवनशैली है। कोलेस्ट्राॅल बढ़ने के इसके अलावा भी कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं (1):
खराब खानपान: ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना, जिसमें वसा की मात्रा अधिक होती है, जैसे – मांस, तले हुए खाद्य पदार्थ, डेयरी उत्पाद व चॉकलेट आदि। वसा युक्त इन पदार्थों को खाने से एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।
अधिक वजन: बहुत ज्यादा वजन भी उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारणों में से एक है। ऐसे में वजन को कम करने से बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।
शारीरिक गतिविधि का अभाव: रोजमर्रा की जीवनशैली में शारीरिक गतिविधियों, योग और व्यायाम के अभाव से भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इस प्रकार की जीवनशैली एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को कम करती है। नियमित रूप से व्यायम करने से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो सकता है।
धूम्रपान करने से: धूम्रपान से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) कम और एलडीएल (हानिकारक) कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि होती है। स्मोकिंग की वजह से अच्छे कोलेस्ट्रॉल के कम होने की स्थिति खासकर महिलाओं में देखी जाती है।
आनुवंशिक कारण: जेनेटिक्स के कारण भी लोगों को उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रॉलेमिया (Familial Hypercholesterolemia) आनुवंशिक व विरासत में मिले हुए उच्च कोलेस्ट्रॉल का एक प्रकार है।
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यहां अब हम कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण क्या हो सकते हैं, यह समझने का प्रयास करेंगे।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण – High Cholesterol Symptoms in Hindi
आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के किसी तरह के कोई लक्षण नहीं होते हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी है, यह कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से ही स्पष्ट हो सकता है। हां, अगर किसी को लंबे समय से उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो उसे हृदय रोग जैसे:- एनजाइना (Angina – सीने में दर्द), दिल का दौरा और स्ट्रोक होने का जोखिम अधिक हो सकता है। कुछ मामलों में मरीज को स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने के बाद उच्च कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे में मालूम होता है। यही कारण है कि समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के लिए रक्त परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है (1) (4)।
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कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण जानने के बाद यहां हम जानेंगे कि शरीर में कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल लेवल कितना होना चाहिए? – Cholesterol Levels in Hindi
कोलेस्ट्रॉल के बारे में इतना कुछ जानने के बाद जहन में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए? नीचे हम उम्र और लिंग के आधार पर कोलेस्ट्रॉल के स्वस्थ स्तर के बारे में बता रहे हैं। कोलेस्ट्रॉल कितना होना चाहिए, यह समझने से पहले यह जान लीजिए कि कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के दौरान कोलेस्ट्रॉल को मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) में मापा जाता है (2):
आयु | कुल कोलेस्ट्रॉल | एलडीएल | एचडीएल | नॉन – एचडीएल |
19 वर्ष व उससे कम | 170 मिलीग्राम / डीएल से कम | 100 मिलीग्राम / डीएल से कम | 45 मिलीग्राम / डीएल से अधिक | 120 मिलीग्राम / डीएल से कम |
20 व उससे अधिक उम्र के पुरुष | 125 से 200 मिलीग्राम / डीएल से कम | 100 मिलीग्राम / डीएल से कम | 40 मिलीग्राम / डीएल से अधिक | 130 मिलीग्राम / डीएल से कम |
19 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं | 125 से 200 मिलीग्राम / डीएल से कम | 100 मिलीग्राम / डीएल से कम | 50 मिलीग्राम / डीएल से अधिक | 130 मिलीग्राम / डीएल से कम |
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कोलेस्ट्रॉल के बारे में तमाम जानकारी के बाद यहां हम बता रहे हैं कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Cholesterol in Hindi
कोलेस्ट्रॉल का इलाज यूं तो डॉक्टरों की दवाई से ही संभव है, लेकिन घरेलू उपचार की मदद से भी कोलेस्ट्रॉल को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए नीचे हम आपको कॉलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय के बारे में बता रहे हैं।
1. नारियल का तेल
स्वास्थ्य के लिए नारियल तेल के फायदे कई हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए भी वर्जिन नारियल के तेल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें लोरिक एसिड (Lauric Acid) की मात्रा पाई जाती है। यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकता है (5)। वहीं एक अन्य शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल लिपिड प्रोफाइल को भी ठीक करने में मदद कर सकता है (6)। इसलिए यह कहा जा सकता है कि नारियल का तेल कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में कुछ हद तक सहायक हो सकता है। इसे खाना बनाते समय अन्य तेल की जगह उपयोग कर सकते हैं।
2. आंवला
आंवले का सेवन करने से कई बीमारियों को दूर करने के साथ ही कोलेस्ट्राॅल काे नियंत्रित रखने में भी मदद मिल सकती है। आंवले में भरपूर विटामिन-सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा आंवले के रस में हाइपोलिपिडेमिक गुण भी होते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, आंवले के ये सभी गुण खराब कोलेस्ट्राॅल व टोटल कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। साथ ही यह गुण अच्छे कॉलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (7)। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए आंवले के जूस के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
3. प्याज
प्याज का इस्तेमाल भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी किया जा सकता है। चूहों पर किए गए एक शोध में इसकी पुष्टि होती है। शोध में चूहों को प्याज दिया गया, जिसके बाद उनके कोलेस्ट्रॉल में कमी पाई गई (8)। वहीं एक अन्य शोध में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए लाल रंग के प्याज को लाभकारी बताया गया है (9)। इसके आलावा सूखे हुए प्याज में भी हाइपोलिपिडेमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं (10)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि प्याज का उपयोग किसी भी रूप में किया जाए, यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
4. संतरे का रस
आयुर्वेद में कोलेस्ट्रॉल का इलाज करने के लिए संतरे के रस का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। दरअसल, संतरे में मौजूद विटामिन-सी और फोलेट की वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इनके साथ संतरे का रस हाइपोलिपिडेमिक गुणों से भी संपन्न होता है। संतरे में पाए जाने वाले ये गुण और फ्लेवोनोइड्स कंपाउंड रक्त में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काे कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (11)। इसलिए संतरे का रस कोलेस्ट्रॉल से बचे रहने का यह बेहतरीन विकल्प माना जा सकता है। संतरे के रस के फायदे हासिल करने के लिए इसे प्रतिदिन नाश्ते में शामिल किया जा सकता है।
5. सेब का सिरका
कोलेस्ट्रॉल दूर करने के लिए सेब के सिरके का उपयोग भी फायदेमंद माना जाता है। इस बात का प्रमाण सेब के सिरके से संबंधित दो अलग-अलग शोध से मिलता है। चूहों पर आधारित दोनों शोध को देखने से पता चलता है कि सेब के सिरके में एसेटिक एसिड होता है, जो बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को सामान्य करने में मदद कर सकता है। माना जाता है कि इसे आहार में शामिल करने वालों में हृदय रोग की समस्या में भी कमी आ सकती है (12) (13)। इस आधार पर सेब के सिरके को भी बढ़े कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का एक बेहतर विकल्प माना जा सकता है। सेब के सिरके के फायदे हासिल करने के लिए इसे पानी में मिलाकर भोजन के एक घंटे पहले ले सकते हैं। इसके अलावा इसे सलाद के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्यान रहे कि इसे सीमित मात्रा में ही डाइट में शामिल करना चाहिए।
6. धनिया पाउडर
धनिया पाउडर खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही स्वास्थ्य का भी ख्याल रख सकता है। जानवरों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि धनिया के अर्क को इस्तेमाल करने से कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है। इस काम में धनिया में मौजूद हाइपोलिपिडेमिक, हाइपोकोलेस्ट्रॉलमिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण अहम भूमिका निभाते हैं (14)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कोलेस्ट्रॉल की समस्या को नियंत्रित करने का यह कारगर उपाय साबित हो सकता है। सब्जी बनाते समय धनिया पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. मछली का तेल
मछली के तेल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसे त्वचा से लेकर बालों के लिए गुणकारी माना जाता है। मछली के तेल में पाया जाने वाला ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं (15)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मछली का तेल भी सहायक हो सकता है। मछली के तेल को भोजन बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं संभव है कि कुछ लोगों को इसका स्वाद पसंद न आए तो ऐसे में बाजार में उपलब्ध इसके कैप्सूल का सेवन भी किया जा सकता है। मगर, बेहतर होगा कि मछली के तेल का कैप्सूल डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल किया जाए।
8. लहसुन
वैसे तो लहसुन का उपयोग आमतौर पर सब्जी या फिर चटनी बनाने के काम आता है, लेकिन बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी इसे उपयोग में लाया जा सकता है। इस बात को लहसुन से जुड़े एक शोध में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में पाया गया कि लहसुन का अर्क सम्पूर्ण लिपिड प्रोफाइल को ठीक करने में मदद कर सकता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल भी शामिल है (16)। वहीं एक अन्य शोध में भी पाया गया है कि लहसुन टोटल कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (हानिकारक) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में फायदेमंद हो सकता है (17)। इन दोनों तथ्यों को देखते हुए यह माना जा सकता है कि लहसुन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।
9. ग्रीन टी
कई लोग कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन टी का सहारा लेते हैं। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। ये गुण रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही ग्रीन टी का एंटीऑक्सीडेंट गुण एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में भी सहायक माना गया है (18)। ऐसे में बढ़े कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए दिनभर में करीब दो कप ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है। रोज इसकी कितनी मात्रा लेनी चाहिए, इस बारे में एक बार आहार विशेषज्ञ से सलाह ली जा सकती है।
10. नींबू का जूस
कोलेस्ट्रॉल की समस्या में नींबू भी लाभकारी साबित हो सकता है। नींबू के रस से संबंधित एक शोध के अनुसार, नींबू में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा नींबू का इस्तेमाल सीरम कोलेस्ट्रॉल, ट्रिगलिसेराइड्स और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन के स्तर को भी कम कर सकता है (19)। इसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में नींबू काफी हद तक कारगर साबित हो सकता है।
11. अलसी के बीज
अलसी के बीज का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। अलसी के बीज में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद फाइबर टोटल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल (हानिकारक) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है (20)। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इसके पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता है। अलसी के बीज से बने पाउडर को सलाद की ड्रेसिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
12. अंगूर का रस
अंगूर के जूस का सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण को कम कर सकता है। दरअसल, इसमें रेसवेरेट्रॉल (Resveratrol), फेनोलिक एसिड (Phenolic Acids), एन्थॉकायनिन (Anthocyanins) और फ्लेवोनोइड (Flavonoids) जैसे पॉलीफेनोल्स (Polyphenol) कंपाउंड होते हैं। ये बतौर एंटीऑक्सीडेंट शरीर में काम करते हैं। इसलिए इनकी मदद से अंगूर का रस हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (21)। इसे जूस के रूप में दोपहर या शाम को ले सकते हैं। संभव है कि कुछ लोगोंं को अंगूर का रस सूट न करे। इसलिए अंगूर के रस का नियमित उपयोग करने से पहले आहार विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित रहेगा।
13. अनार का रस
अनार का रस कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकता है। इसमें पॉलीफेनोलिक, टैनिन और एंथोसायनिन (Anthocyanin) जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाने और हानिकारक यानी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं (22)। अनार के रस का सेवन सीधे या फिर अन्य जूस में मिक्स करके कर सकते हैं।
14. दही
दही में लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस (Lactobacillus Acidophilus) और बिफिदोबैक्टीरियम लैक्टिस (Bifidobacterium Lactis) घटक मौजूद होते हैं। ये दोनों घटक रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं (23)। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल के इलाज में दही को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। आप दिनभर में दही की एक कटोरी खा सकते हैं।
15. चिया सीड्स
चिया के बीज का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर हृदय संबंधी कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। चिया के बीज में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। ये रक्त में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सक्षम माने जाते हैं। साथ ही ये अच्छे कोलेस्ट्रॅल के स्तर को भी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (24)। चिया के बीज, पाउडर और तेल का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग पानी में भिगोकर, दही के साथ या फिर इसका पाउडर बना कर सकते हैं।
16. सेलेरी जूस
सेलेरी (Celery) के जूस का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट के साथ ही फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। इस कारण सेलेरी का उपयोग रक्त में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को कम करके एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाने में मदद कर सकता है (25)। इसका सेवन सलाद, जूस या फिर सूप किसी भी रूप में कर सकते हैं।
17. ओट्स
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ओट्स का सेवन फायदेमंद हो सकता है। ओट्स में बीटा- ग्लूकन (β-glucan) नामक घटक पाया जाता है। प्रतिदिन कम से कम 3 ग्राम बीटा-ग्लूकन का सेवन हानिकारक (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। साथ ही यह एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ावा देने में भी लाभदायक माना जाता है (26)। इसका उपयोग दूध के साथ नाश्ते में दलिया बनाकर या फिर सूप के रूप में किया जा सकता है।
18. एसेंशियल ऑयल
ऐसे कई तेल बाजार में उपलब्ध हैं, जिनके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसे ही कुछ खास एसेंशियल ऑयल के बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं:
- जैतून का तेल: स्वाद और पौष्टिकता दोनों के लिए जैतून के तेल को उपयोग में लाया जा सकता है। इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स लिपोप्रोटीन से संबंधित ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकते हैं। इससे हानिकारक (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (एक तरह का वसा) का स्तर कम हो सकता है। साथ ही शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ने में मदद मिल सकती है (27)।
- पाम ऑयल: पाम ऑयल भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें पाया जाने वाला टोकोट्रिनॉल (Tocotrienol) यौगिक कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। पाम ऑयल का इस्तेमाल एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) पर बिना कोई प्रभाव डाले हानिकारक (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है (28)।
- स्पियरमिंट ऑयल: इस तेल का उपयोग करके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, स्पियरमिंट के पत्तों से तैयार अर्क में फेनोलिक यौगिक होता है। जब इस यौगिक का चूहों पर प्रयोग किया गया, तो इसने शरीर में एंटीऑक्सीडेंट प्रक्रिया को बढ़ा दिया। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने के साथ-साथ रक्त में मौजूद हानिकारक ग्लूकोज और कोलेस्ट्राॅल को कम करने में भी मदद मिली (29)।
- नीम का तेल: नीम के फूल के अर्क (तेल, पाउडर, रस) में कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले प्रभाव होते हैं। ये आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं। साथ ही कोलेस्ट्रॉल को बनने से भी रोकने में मदद करते हैं। दरअसल, नीम में मौजूद हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (Hypocholesterolemic) गुण की वजह से इसे कोलस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में सहायक माना जाता है (30)।
- लेमन ऑयल: कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए लेमन ऑयल का भी उपयोग किया जा सकता है। लेमन ऑयल में लाइमोनीन (Limonene), एंटीऑक्सीडेंट और गामा टरपीन (Y-Terpinene) कंपाउंड पाए जाते हैं। ये गुण रक्त में मौजूद एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके एचडील को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं (31)।
- बादाम का तेल: इसमें पाया जाने वाला मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में हानिकारक (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल, टोटल कोलेस्ट्रॉल और प्लाज्मा ट्राइग्लिसराइड को कम कर सकता है। साथ ही यह फैटी एसिड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर में भी वृद्धि करने में लाभदायक हो सकता है (32)।
19. विटामिन
ऊपर बताई सामग्रियों के अलावा विटामिन को भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में फायदेमंद माना जाता है। दरअसल, विटामिन-बी की उच्च खुराक को शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride) लिपिड के स्तर को संतुलित करने में सहायक माना गया है। वहीं, विटामिन-बी यानी नियासिन (Niacin) में एंटी-एथेरोस्क्लोरोटिक गुण होता है। यह गुण उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) को बढ़ाने में लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा विटामिन-ई को भी इस मामले में जरूरी माना गया है। यह कोलेस्ट्रॉल की वजह से आर्टरी (धमनी) में जमने वाले प्लाक को कम करने और कोलेस्ट्रॉल की वजह से होने वाली धमनी से संबंधित बीमारियों को दूर करने में मदद करता है (33)।
इसके अलावा एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के मुताबिक, विटामिन सी भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है। यह एलडीएल कोलेस्ट्रॉल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद कर सकता है (34)। इसके बावजूद बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन न करें।
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कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय जानने के बाद हम इससे बचाव की जरूरी डाइट के बारे में बता रहे हैं।
कोलेस्ट्रॉल में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए
चाहे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना हो या फिर बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम करना, दोनों ही स्थितियों में डाइट अहम भूमिका निभाती है। इसलिए नीचे हम विस्तार से बता रहे हैं कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किसके सेवन से परहेज करना चाहिए।
- फाइबर युक्त आहार का सेवन करें: घुलनशील फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को अवशोषित होने से रोकते हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने में फाइबर से समृद्ध साबूत अनाज, दलिया और जई मदद कर सकते हैं। इनके अलावा, फलों में सेब, केला, संतरा, नाशपाती और सूखे बेर का सेवन करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने से रोका जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में किडनी बीन्स, दाल, छोले, काले मटर और लिमा बीन्स भी लाभदायक हो सकते हैं (35)।
- सब्जियों और फल को करें सेवन: फल के साथ ही सब्जियां भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले कंपाउंड को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। दरअसल, इनमें स्टैनोल या स्टेरोल यौगिक मौजूद होते हैं, जो घुलनशील फाइबर की तरह शरीर में काम करते हैं (35)।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य का सेवन करें: ओमेगा-3 फैटी एसिड हानिकारक (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के साथ ही एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए मछली का तेल, चिया सीड्स, अलसी का तेल, अखरोट, कनोला तेल, सोया तेल, सोयाबीन और टोफू अच्छे स्रोत हो सकते हैं (35) (36)।
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: एक दिन में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम से कम होना चाहिए। साथ ही स्तर के बारे में हमने लेख के शुरुआत में विस्तार से बताया है। मांस में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। इसके अलावा, अंडे की जर्दी, झींगा मछली और डेयरी उत्पादों में कोलेस्ट्रॉल अधिक हो सकता है। इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए (35)।
- अल्कोहल का सेवन न करें : अल्कोहल का सेवन शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ा सकता है। इसकी वजह से वजन बढ़ता है और वजन बढ़ने पर एलडीएल का स्तर भी बढ़ने लगता है। साथ ही बढ़ता वजन अच्छे (एचडीएल) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। अल्कोहल का सेवन कोलेस्ट्रॉल के साथ ही हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है (35)।
- नमक की मात्रा सीमित करें: नमक मतलब सोडियम की मात्रा को सीमित करने की कोशिश करनी चाहिए। एक दिन में 2,300 मिलीग्राम (लगभग 1 चम्मच नमक) से अधिक नहीं खाना चाहिए। नमक सीमित करने से कोलेस्ट्रॉल कम नहीं होगा, लेकिन यह रक्तचाप को कम करके हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है (35)।
और भी है जानकारी
आइए अब यहां हम कोलेस्ट्रॉल की समस्या से बचाव की कुछ जरूरी टिप्स भी जान लेते हैं।
कोलेस्ट्रॉल से बचाव – Prevention Tips for Cholesterol in Hindi
नीचे दिए गए बिन्दुओं के माध्यम से हम यहां हाई कोलेस्ट्रॉल से बचाव संबंधी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं (37) (38)।
वजन को नियंत्रित करें: कोलेस्ट्राॅल की समस्या से बचने के लिए बढ़ते हुए वजन को नियंत्रित करना जरूरी है, क्योंकि मोटापा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण में से एक हो सकता है। इससे बचने के लिए अतिरिक्त वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए।
व्यायाम और योग: रोजमर्रा की जिंदगी में योग और व्यायाम के साथ ही शारीरिक गतिविधियों की ओर ध्यान देना भी जरूरी है। ये न सिर्फ मोटापे को कम करेंगे, बल्कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के साथ ही इससे संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकते हैं।
धूम्रपान से दूर रहें: धूम्रपान करने से स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को क्षति पहुंचती है। साथ ही यह बढ़ते कोलेस्ट्रॉल का एक कारण भी बन सकता है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल और इससे जुड़ी हुई समस्याओं से बचने के लिए धूम्रपान से बचने की कोशिश करें।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट: शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना है, यह जानने के लिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना भी जरूरी है।
इस लेख को पढ़ने के बाद आपको इतना तो मालूम हो ही गया होगा कि कोलेस्ट्रॉल कोई समस्या नहीं बल्कि एक ऐसी स्थिति है, जिसकी वजह से अन्य बीमारियां घेर सकती हैं। ऐसे में लेख में शामिल कोलेस्ट्रॉल के लक्षण और उपाय से जुड़ी जानकारी इस समस्या को नियंत्रित करने में काफी मददगार हो सकती है। हालांकि, यह समझना भी जरूरी है कि कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय केवल इस समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
हाई कोलेस्ट्रॉल में किन चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए?
लेख में ऊपर बताया गया है कि हाई कोलेस्ट्रॉल में कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। इन खाद्यों में मांस, अंडे की जर्दी, झींगा मछली व डेयरी उत्पाद शामिल हैं।
क्या कोलेस्ट्रॉल के लिए केले का सेवन फायदेमंद है?
हां, हाई कोलेस्ट्रॉल में केले का सेवन फायदेमंद हो सकता है (39)।
क्या कॉफी पीना कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छा होता है?
नहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल के पेशेंट्स को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध के अनुसार, यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है (40)।
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल क्या है?
एचडीएल कोलेस्ट्रॉल शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को हटाने का काम करता है। इसलिए इसे गुड कोलेस्ट्रॉल के नाम से भी जाना जाता है (41)।
References
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