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ऐसे तो हर बच्चा प्यारा होता है, लेकिन कई बार घने बाल वाले बच्चे आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। हालांकि, सभी बच्चों के बाल एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ के बाल पतले, तो कुछ के घुंघराले और घने भी होते हैं। वहीं, कुछ बच्चे जन्म के दौरान बिना बाल वाले भी होते हैं। ये सारी ही स्थितियां सामान्य है, लेकिन फिर भी कई बार माता-पिता बच्चों के पतले बाल की वजह से चिंतित हो जाते हैं। ऐसे में मॉमजंक्शन का यह लेख इसी चिंता को दूर कर सकता है। यहांं छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में 15 टिप्स बताए गए हैं। तो इन उपायों को जानने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

तो चलिए जानते हैं, बच्चों के बाल बढ़ाने के 10 से भी ज्यादा उपाय।

छोटे बच्चों के तेजी से बाल बढ़ाने के उपाय | Baby Hair Growth in Hindi

यहां छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ते हैं इसके लिए कई कारगर उपाय दिए गए हैं। हम यह स्पष्ट कर दें कि ये सभी उपाय 6 माह से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए ही है। कृपया छोटी उम्र के बच्चों पर इन तरीकों का इस्तेमाल न करें। साथ ही यहां बताए गए उपायों को बाल या स्कैल्प से जुड़ी किसी भी गंभीर समस्या का इलाज समझने की भूल न करें। तो चलिए अब जानते हैं छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय जो कुछ इस प्रकार हैं:

1. आहार में बायोटिन (विटामिन बी7) शामिल करें

छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में पहली जानकारी बायोटिन से जुड़ी है, क्योंकि बायोटिन (विटामिन बी7 या विटामिन एच) की कमी के कारण बाल झड़ने की समस्या हो सकती है। दरअसल, खून में बायोटिन की कमी से बालों के पतले होने की समस्या हो सकती है। इस आधार पर कह सकते हैं कि छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में उनके आहार में बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना लाभकारी माना जा सकता है। बच्चों के आहार में उनकी उम्र के अनुसार बायोटिन युक्त खाद्य की कितनी मात्रा शामिल की जा सकती है, इसकी जानकारी हम नीचे बता रहे हैं (1)

  • 12 माह तक के बच्चों के लिए – 7 माइक्रोग्राम
  • 1 से 3 साल की उम्र के बच्चों के लिए – 8 माइक्रोग्राम
  • 4 से 8 साल की उम्र के बच्चों के लिए – 12 माइक्रोग्राम
  • 9 से 13 साल की उम्र के बच्चों के लिए – 20 माइक्रोग्राम
  • 14 से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए – 25 माइक्रोग्राम

अगर बच्चे में बायोटिन की पूर्ति करने के लिए सप्लीमेंट्स देना चाहते हैं, तो इसके लिए डॉक्टरी सलाह जरूर लें। इसके अलावा, बच्चों के आहार में बायोटिन युक्त निम्नलिखित खाद्य पदार्थ भी शामिल किए जा सकते हैं (2) :

  • अनाज
  • चॉकलेट
  • अंडे की जर्दी
  • फलियां
  • दूध
  • सूखे मेवे

ध्यान रखें कि अगर बच्चे को बायोटिन युक्त किसी भी खाद्य पदार्थ से एलर्जी है, तो उसका सेवन कराने से पहले डॉक्टरी सलाह लें।

2. पोषक तत्वों की कमी दूर करें

विभिन्न अध्ययनों से इसकी पुष्टि होती है कि कुछ खास तरह के पोषक तत्वों की कमी बच्चों में बालों से जुड़ी समस्या का कारण बन सकती है। इसके लिए सेलेनियम, जिंक, विटामिन ए और विटामिन डी, जैसे पोषक तत्वों की कमी मुख्य मानी जा सकती है।

  • जिंक व सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ दें

जिंक व सेलेनियम की कमी बच्चों में बालों से जुड़ी समस्या का कारण हो सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, फार्मूला मिल्क पीने वाले बच्चे में जिंक की कमी हो सकती है, जो एलोपेसिया (Alopecia – गंजापन) का कारण बन सकता है। जिस वजह से बच्चों के आहार में जिंक युक्त खाद्य शामिल करना लाभकारी हो सकता है।

इसके अलावा, सेलेनियम के सेवन से भी बच्चों में एलोपेसिया और सफेद बालों की समस्या (Pseudoalbinism) दूर की जा सकती है। ऐसे में छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में सेलेनिमय और जिंक युक्त खाद्य सामग्री शामिल किए जा सकते हैं। इसके लिए सब्जियां, नट्स, मांस और मछली बच्चे के आहार में शामिल कर सकते हैं (3)हम फिर एक बार कहेंगे कि किसी भी खाद्य पदार्थ को बच्चे की डाइट में शामिल करते वक्त बच्चे की उम्र का ध्यान जरूर रखें।

  • विटामिन ए

जरूरी फैटी एसिड और विटामिन ए त्वचा के साथ-साथ बालों के निर्माण और रखरखाव में भी मददगार हो सकते हैं। इसके लिए बच्चे के आहार में अंडा, मांस, पीले और गहरे हरे रंग की सब्जियां और फल, जैसे – पालक, शकरकंद, खुबानी, खरबूजा, पीच शामिल किया जा सकता है।

  • विटामिन डी

बच्चों में विटामिन डी की कमी रिकेट्स (Rickets) का कारण बन सकती है । वहीं, विटामिन डी की कमी से होने वाला रिकेट्स बालों के झड़ने की समस्या बढ़ा सकता है (5)। इसके अलावा, यह भी पुष्टि होती है कि विटामिन डी की कमी दूर करने से बालों के विकास (Hair Cycling) और इससे जुड़ी समस्या का उपचार किया जा सकता है (6)हालांकि, इस विषय में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए उनके डाइट में विटामिन डी युक्त आहार शामिल कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे की उम्र के अनुसार उनके आहार में मछली, मांस और अंडा जैसे खाद्य पदार्थ शामिल किए जा सकते हैं। इससे बच्चों के बाल स्वस्थ हो सकते हैं और उनके विकास में भी कुछ हद तक मदद मिल सकती है।

3. नरम तौलिए का इस्तेमाल

जब भी बच्चे के बाल धोएं, तो बालों को सूखाने के लिए किसी नरम व मुलायम तौलिए का ही इस्तेमाल करें। खुरदुरे तौलिये का उपयोग करने से उनके उनके बालों के रोम को क्षति पहुंच सकती है। इसके कारण बाल अधिक टूटने के साथ-साथ उनके विकास भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए, शैंपू या कंडीशनर करने के बाद नरम तौलिए से बच्चे के बालों और सिर को पोंछे।

4. बालों को ट्रिम करें

समय-समय पर बच्चे के बालों को ट्रिम करना चाहिए। माना जाता है कि ट्रिम करने से दोमुहें बालों की समस्या दूर की जा सकती है। इसके अलावा, अगर बच्चे के बाल बहुत अधिक झड़ रहे हैं या वो बेजान हैं, तो बच्चे के बाल कटवा भी सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि बाल कटवाने से बालों की नई ग्रोथ अच्छी होती है। इससे बालों के विकास में मदद मिल सकती है। हालांकि, इस विषय में उचित वैज्ञानिक प्रमाणों की आवश्यकता है।

5. नारियल तेल से बालों की मसाज करें

छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में नारियल तेल को भी शामिल किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, यह हल्का होने के कारण आसानी से बालों में अवशोषित हो सकता है, जिससे बालों को उचित पोषण मिल सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद लॉरिक एसिड (एक प्रकार का फैटी एसिड) बालों में प्रोटीन लॉस और हेयर डैमेज दोनों को कम करने में मदद कर सकता है (7)। जिस वजह से छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने में नारियल तेल के लाभ प्रभावकारी माने जा सकते हैं। साथ ही यह बालों को रूखा और बेजान होने से भी बचाए रख सकता है।

6. सोने की अवस्था बदलें

ऐसा माना जाता है कि शिशु के सोने की अवस्था भी उनके बालों के विकास को प्रभावित कर सकती है। दरअसल, इस संबंध में एनसीबीआई की वेबसाइट पर एक शोध प्रकाशित है। जिसके अनुसार, जन्म के 2 से 3 माह बाद नवजात बच्चों में सिर के पीछे के हिस्से में बालों के झड़ने की समस्या देखी गई। इसे मेडिकल टर्म में नीयोनेटल ऑक्सीपिटल एलोपेसिया (NOA) भी कहा जाता है (8)। ऐसे में अगर सोते समय बच्चे की अवस्था बदली जाए, तो कुछ हद तक इस समस्या से बचाव किया जा सकता है और बच्चे के बालों के सही विकास को बढ़ावा देने में भी मदद मिल सकती है।

7. बालों की नियमित सफाई करें

शैंपू न सिर्फ क्लीनिंग एजेंट होते हैं, बल्कि यह बालों की कंडीशनिंग करने और पोषण देने में भी मदद कर सकते हैं। जिस वजह से शैंपू बालों व स्कैल्प से जुड़ी कई समस्याएं दूर करने में प्रभावकारी माने जा सकते हैं (7)वहीं, छोटे बच्चों में क्रैडल कैप (Cradle Cap – स्कैल्प से जुड़ी समस्या) की समस्या हो सकती है, जिससे बाल कमजोर होकर झड़ सकते हैं। ऐसे में नियमित रूप से अच्छी गुणवत्ता वाले माइल्ड शैंपू से बच्चे के बालों और स्कैल्प को धो सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि बच्चों के बालों में शैंपू लगाने से पहले पेट्रोलियम, खनिज तेल या बेबी ऑयल जैसे त्वचा को आराम प्रदान करने वाले तत्व (Emollient) का इस्तेमाल जरूर करें (9)

8. नियमित कंघी करें

भले ही बच्चे के सिर पर बाल हो या न हों, इस बात का ध्यान रखें कि नियमित रूप से उनके सिर की कंघी करनी है। दरअसल, स्कैल्प की कंघी या ब्रश करने से स्कैल्प में सीबम के डिस्ट्रीब्यूशन में मदद मिल सकती है। इससे सीबम पूरे स्कैल्प पर आसानी से फैल सकता है। खासतौर पर घुंघराले बालों के लिए ऐसा करना आवश्यक है, ताकि स्कैल्प को ड्राई हाने से बचाया जा सके। इसके लिए हमेशा नरम ब्रिसल वाले ब्रश या कंघी का ही इस्तेमाल करें। साथ ही सूखे या गीले बालों पर कंघी या ब्रश करने से बचें, क्योंकि यह बालों से जुड़ी परेशानी बढ़ा सकता है (7)

इसलिए बच्चे के बाल धोने के बाद हल्के नमी युक्त हों, तो कंघी या ब्रश कर सकते हैं (10)। ध्यान रहे कि गलत तरीके से बालों को कंघी करना भी बाल खराब होने की वजह बन सकते हैं। इसलिए बच्चे के बालों को सावधानी से कंघी करें।

9. बालों में कंडीशनर लगाएं

शैम्पू के साथ-साथ बालों के लिए कंडिशनर का उपयोग भी जरूरी है। कंडिशनर बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाने में सहायक हो सकता है। आमतौर पर बड़े लोगों के बीच यह काफी प्रचलित भी है (11)। हालांकि, आजकल मार्केट में बच्चों के लिए भी कंडीशनर उपलब्ध हैं। ऐसे में बच्चों के बाल को हेल्दी बनाने के लिए आप विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार बच्चे के लिए कंडीशनर का चुनाव भी कर सकते हैं।

10. एलोवेरा जेल लगाएं

छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ते हैं, इसके जवाब में एलोवेरा के औषधीय गुण व फायदे भी शामिल हो सकते हैं। दरअसल, एलोवेरा में इंफ्लामेशन (सूजन) कम करने का प्रभाव होता है, जो बालों के रोम (Follicles) से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकता है। इससे बालों के झड़ने, रूसी व ड्राई स्कैल्प जैसी समस्या दूर हो सकती है। साथ ही यह बालों को मजबूत भी बना सकता है। साथ ही यह पर्यावरण, धूप और मौसम के बदलाव के कारण होने वाले बालों की क्षति से भी बचाव कर सकता है (12)। बता दें कि बालों के खराब होने का एक कारण पर्यावरण और मौसम में बदलाव भी हो सकता है (10)

इसके अलावा, बालों के लिए एलोवेरा के उपयोग से जुड़ी एक अन्य जानकारी से भी यह पता चलता है कि बाल झड़ने के उपाय के तौर पर एलोवेरा का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। यह स्कैल्प और बालों के लिए प्रभावकारी हो सकता है। इससे बालों के झड़ना कम हो सकता है। नियमित तौर पर बालों में इसका इस्तेमाल करने से बाल दोबारा उगाने में भी मदद मिल सकती है (13)। इस आधार पर छोटे बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय में एलोवेरा भी शामिल कर सकते हैं।

11. जोजोबा तेल लगाएं

छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ाए, इसका एक उपाय जोजोबा तेल भी हो सकता है। बालों के लिए जोजोबा तेल के लाभकारी गुणों की बात करें, तो यह बालों को पोषण प्रदान कर सकता है। साथ ही, बालों के विकास और ड्राई स्कैल्प की परेशानी दूर करने में भी मदद कर सकता है। यह बालों की परत और जड़ों में आसानी से घुल सकता है और बालों की कंडीशनिंग करने में भी मदद कर सकता है। साथ ही यह बालों को टूटने और रूखे-बेजान होने से भी बचा सकता है (14)। इस तरह तरह जोजोबा ऑयल भी बच्चों के बाल बढ़ाने का एक घरेलू माना जा सकता है।

12. बच्चे को बादाम खिलाएं

छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ाए, इस परेशा्नी को हल करने के लिए बच्चे को बादाम खिला सकती हैं। बालों के लिए बादाम खाने के फायदे की बात करें, तो इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन और टोकोफेरोल बालों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। इस वजह से बादाम खाने से बाल स्वस्थ और लंबे हो सकते हैं (15)। वहीं, 6 माह की उम्र से बड़े बच्चे के आहार में सूखे मेवे यानी नट्स, जैसे – बादाम, मूंगफली आदि शामिल किए जा सकते हैं (16) इसके लिए भीगे हुए बादाम को पीसकर दूध में मिलाकर बच्चे को पिला सकती हैं।

इसके अलावा, बादाम में बायोटिन भी होता है, जो बालों के पतले और झड़ने की समस्या कम करने में मदद कर सकता है (17) साथ ही अगर बच्चे को बादाम से एलर्जी की समस्या है, तो बादाम खिलाने की बजाय बच्चे के सिर पर बादाम के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बालों को उचित पोषण देकर, उन्हें मुलायम और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है (18)

13. प्याज का रस

बच्चे के सिर में प्याज का रस भी लगाकर बालों को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए प्याज का रस पानी में मिलाकर दिन में दो बार लगा सकती हैं। प्याज का रस बालों को दोबारा से उगाने के साथ ही एलोपेसिया एरिटा (Alopecia Areata – गंजेपन से जुड़ी समस्या) के उपचार में भी मददगार माना जा सकता है (19)। हालांकि, बालों के सिरे या बालों पर प्याज का रस लगाते समय सावधानी बरतें। बच्चे की आंख या चेहरे तक पहुंचने से बचाव करें।

14. बालों को कसकर बांधने से बचें

ट्रैक्शन एलोपेसिया (Traction Alopecia) हेयर लॉस से जुड़ी एक समस्या है। यह आमतौर पर बालों को कस कर बांधने के कारण हो सकती है। इसके कारण बालों में खिंचाव होता है, जिससे हेयर शॉफ्ट (बालों की परत) और हेयर फॉलिकल्स (बालों के रोम) को नुकसान पहुंच सकता है (20)। इसलिए बच्चे के बाल कसकर बांधने बचें। इसके बजाय मुलायम रबर बैड और तेल का उपयोग करते हुए बालों की ढीली चोटी या जूड़ा बना सकते हैं। साथ ही बालों को सेट करने और उनके फ्रिजी होने की समस्या को कम करने के लिए साटन स्कार्फ का उपयोग भी किया जा सकता है।

15. सही उत्पाद का चुनाव करें

छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ाए, इसके लिए सिर्फ घरेलू उपाय ही नहीं, बल्कि सही उत्पाद चुनना भी अहम है। बच्चे के लिए शैंपू हो या कंडीशनर हमेशा बच्चों के लिए बनें उत्पाद को ही अहमियत दें। इन्हें खरीदने से पहले इसमें शामिल विभिन्न सामग्रियों की जांच करें। कई बार केमिकल युक्त प्रोडक्ट भी बाल खराब होने के कारण हो सकते हैं (10)। ऐसे में बच्चों के प्रोडक्ट साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि इनमें मौजूद किसी भी सामग्री से बच्चे को एलर्जी की प्रतिक्रिया न हो। इसके लिए डॉक्टरी सलाह पर भी बच्चों के लिए सही उत्पादन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नोट : ऊपर बताए गए किसी भी सामग्री को उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। साथ ही किसी भी प्रोडक्ट के उपयोग के बाद कुछ दिन इंतजार करें, ताकि एलर्जी की प्रतिक्रिया का पता चल सके।

तो ये थे बच्चे के बाल बढ़ाने के कुछ आसान उपाय। अगर आप भी सोच रहे हैं कि छोटे बच्चों के बाल कैसे बढ़ते हैं, तो इस लेख में बताए गए विभिन्न उपायों को आजमा सकते हैं। वहीं, इन उपायों के बाद भी बच्चे के बाल आने की प्रक्रिया धीमी है तो बेहतर है डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लें। हम यह स्पष्ट कर दें कि यहां बताए गए उपाय बालों से जुड़ी हल्की-फुल्की समस्याओं के लिए हैं। अगर बच्चे को बालों या स्कैल्प से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है, तो सुरक्षा के लिहाज से डॉक्टरी इलाज को ही प्राथमिकता दें। उम्मीद है यह लेख आपके लिए उपयोगी रहा होगा, इसे अन्य लोगों के साथ शेयर कर हर किसी के साथ इस विषय से जुड़ी जानकारी साझा करें। शिशु स्वास्थ्य से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।

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