विषय सूची
अगर आप सामाजिक या किन्हीं पारिवारिक कारण से अपने प्रेमी से शादी नहीं कर पा रहे हैं, तो कोर्ट मैरिज इस सपने को सच कर सकता है। कोर्ट मैरिज क्या है या कोर्ट मैरिज के नियम क्या हैं, जानने के लिए इस लेख को पढ़ें। यहां कोर्ट मैरिज से जुड़े सभी जरूरी सवालों के जवाब हमने बताए हैं। साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आप जान पाएंगे कि कोर्ट मैरिज में क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं।
सबसे पहले पढ़ें कि कोर्ट मैरिज क्या है।
कोर्ट मैरिज क्या है? | Court marriage kya hoti hai
कोर्ट मैरिज, भारत में होने वाली सामान्य व परंपरागत शादियों से बहुत अलग होती है। भारत में कोर्ट मैरिज करने के लिए स्पेशल मैरिज एक्ट-1954 बनाया गया है, जिसके तहत कानूनी तौर पर शादी की जाती है। यह शादी किसी भी धर्म और समुदाय के लोग कर सकते हैं, जिसे कानूनी माना जाता है। यह शादी कोर्ट में मैरिज ऑफिसर की देखरेख में की जाती है। इस शादी में किसी तरह के रीति-रिवाज नहीं होते।
अब पढ़ें भारत में कोर्ट मैरिज के नियम के बारे में।
कोर्ट मैरिज करने के क्या नियम हैं? | Court marriage rules in hindi
भारत में कोर्ट मैरिज करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनके तहत लड़का और लड़की मैरिज रजिस्ट्रार से अपनी शादी का आवेदन कर सकते हैं।
- कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन करने वाले पक्ष में लड़का या लड़की दोनों में से कोई भी पहले से शादीशुदा नहीं होना चाहिए।
- अगर लड़का या लड़की ने पूर्व में शादी की थी, तो उनके पूर्व पार्टनर से या तलाक हो गया हो या वो जीवित न हों।
- कोर्ट मैरिज के लिए लड़का और लड़की दोनों में आपसी सहमती होनी चाहिए।
- कोर्ट मैरिज के लिए लड़के और लड़की की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- कोर्ट मैरिज के दौरान किसी तरह के धार्मिक परम्पराओं या रीति-रिवाज को नहीं करना होगा।
- लड़का या लड़की किसी भी तरह के मानसिक समस्या से ग्रस्त न हों, जो यह साबित करेगा कि यह शादी दोनों की पूरी सहमती से हो रही है।
- लड़का और लड़की दोनों ही शारीरिक रूप से संतान की उत्पत्ति के लिए योग्य होने चाहिए।
कोर्ट मैरिज के आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है, अब यह पढ़ें।
कोर्ट मैरिज में किन दस्तावेजों की जरूरत होती है? | Court marriage documents list in hindi
अगर लड़का और लड़की कोर्ट मैरिज करना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है। ये दस्तावेज उन्हें कोर्ट में पेश करने होते हैं।
- लड़का और लड़की के 21 वर्ष होने के दस्तावेज, जैसे – वोटर आईडी, लाइसेंस, आधार कार्ड। बालिग उम्र की पुष्टि के लिए दसवीं कक्षा की मार्कशीट भी दस्तावेज के रूप में पेश कर सकते हैं।
- दोनों पक्षों के पास तीन गवाह होने चाहिए, जो उनकी जान-पहचान वाले हों और उनकी शादी के गवाह के तौर पर वहां पर मौजूद रहें। उन्हें इसके लिए हस्ताक्षर करना होता है।
- लड़का और लड़की का निवास प्रमाणपत्र। इसके लिए आधार कार्ड के साथ ही बिजली का बिल, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस भी दे सकते हैं।
- लड़के और लड़की की 6-6 पासपोर्ट साइज फोटो।
- कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन किया हुआ आवेदन पत्र और शुल्क।
- लड़के या लड़की का पूर्व में या वर्तमान में कोई अवैध रिश्ता नही है, उसका शपथपत्र।
- तीनों गवाहों के पैनकार्ड और फोटोग्राफ।
- तलाकशुदा या विधवा के मामले में पहले के जीवन साथी का मृत्यु प्रमाण पत्र या तलाक पेपर लगाना होगा।
कोर्ट मैरिज के लिए भारत में कानूनी प्रक्रिया क्या है, हम यह भी बता रहे हैं।
कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया | Court marriage process in hindi
भारत में कोर्ट मैरिज करने के लिए लड़के और लड़की को एक फॉर्म ऑनलाइन डाउनलोड करना होगा। जिसमें उन्हें अपने कोर्ट मैरिज का नोटिस डिक्लेरेशन करना होता है। इसमें कोर्ट मैरिज के लिए एक नोटिस लिखा होता है, जिसे भरकर जिला पदाधिकारी को दिया जाता है। साथ ही उन्हें जन्म व निवास प्रमाण पत्र भी जमा करना होता है।
इसके बाद जिले के मैरिज रजिस्ट्रार कानूनी तौर पर जांच करते हुए सूचना जारी करते हैं और वे सभी प्रमाणपत्रों की जांच भी करते हैं। अगर सभी प्रमाण सत्य होते हैं, तो मैरिज रजिस्ट्रार कोर्ट मैरिज की तारीक और स्थान की जानकारी देते हैं। कोर्ट मैरिज स्थानीय जिला न्यायालय में या क्षेत्र के किसी अन्य स्थान में विवाह अधिकारी के सामने की जा सकती है। इस दौरान गवाही के लिए लड़के और लड़की की तरफ से तीन अन्य लोगों का मौजूद रहना जरूरी है।
आगे पढ़ें कोर्ट मैरिज के फायदे।
कोर्ट मैरिज करने के क्या फायदे हैं?
कोर्ट मैरिज करने के कई फायदे हैं, जिनके बारे में हमने नीचे विस्तार से बताया है।
- पैसों की बचत – कोर्ट मैरिज बहुत ही कम खर्च में संपन्न हो जाती है। इसके लिए किसी तरह की सजावट, लेन-देन या बड़े-बड़े प्रोग्राम में खर्चे नहीं करने पड़ते। इस वजह से कोर्ट मैरिज का सबसे बड़ा फायदा है पैसों की बचत करना।
- तनाव कम रहे – शादियां को लेकर बहुत से रीति-रिवाज करने की टेंशन होती है। वहीं, कोर्ट मैरिज में किसी तरह के रीति-रिवाज को पूरा करने की जरूरत नहीं होती। इससे उनपर सामाजिक व मानसिक तनाव कम रहता है।
- मिले सुरक्षा – अगर लड़के या लड़की की तरफ से उनके घरवालों, रिश्तेदारों या अन्य किसी को शादी से ऐतराज होता है और वह उन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, तो कोर्ट मैरिज से दोनों को ही कानूनी सुरक्षा मिलती है।
- समय की बचत – कोर्ट मैरिज में शादी का प्रोसेस कुछ ही घंटों में पूरा कर दिया जाता है। इससे कम समय में कानूनी तौर पर शादी संपन्न हो जाती है।
- लोगों की भीड़ – कोर्ट मैरिज के दौरान मैरिज ऑफिस में दूल्हा-दुल्हन समेत कुल पांच लोगों का होना अनिवार्य होता है। इससे बहुत ही कम लोगों के बीच यह शादी शांति से संपन्न हो जाती है। बहुत से लोगों से मिलने-जुलने की परेशानी भी नहीं होती है।
अब हम कोर्ट मैरिज के लिए लगने वाली फीस की जानकारी दे रहे हैं।
कोर्ट मैरिज करने के लिए कितनी फीस लगती है?
कोर्ट मैरिज की पूरी प्रक्रिया में 500 से 1000 ₹ तक का खर्च आ सकता है। यह फीस लड़के और लड़की को कोर्ट मैरिज फाइल करने के दौरान अदा करनी होती है। अन्य औपचारिकता, दस्तावेज और वकील आदि की व्यवस्था में 10,000 से 20,000 रूपये तक का खर्चा भी आ जाता है।
कोर्ट मैरिज करने के बाद तलाक भी ले सकते हैं, लेकिन कब और कैसे जानने के लिए स्क्रॉल करें।
कोर्ट मैरिज के बाद तलाक कब ले सकते हैं?
भारत में कोर्ट मैरिज करने के बाद कोई भी कपल शादी के एक साल तक तलाक नहीं ले सकता है। अगर उन्हें कोर्ट मैरिज के बाद तलाक लेना है, तो एक साल बाद वह न्यायालय में इसके लिए याचिका दायर कर सकते हैं। हालांकि, अगर कुछ मामलों में दंपत्ती को अपनी शादी से असाधारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो वह उचित सबूतों के साथ कोर्ट मैरिज होने के एक साल के अंदर भी अपनी तलाक की याचिका दायर कर सकते हैं।
अगर इस दौरान तलाक की प्रक्रिया असफल रहती है, तो दंपत्ति कोर्ट मैरिज के 1 साल बाद तालाक की याचिका दोबारा से डाल सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- क्या कोर्ट मैरिज के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं?
हां, कोर्ट मैरिज के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। हालांकि, शादी के लिए कपल को कोर्ट की तरफ से जारी तरीख और स्थान पर पहुंचना होगा।
- क्या कोर्ट मैरिज करने पर सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाती है और यह राशि कितनी होती है?
हां, कोर्ट मैरिज करने पर सरकार की तरफ से अंतरजातीय विवाह दंपत्ति को ही प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह राशि 2,50,000 तक की हो सकती है। अगर लड़का और लड़की अलग-अलग धर्म के हैं, तो ही उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलती है।
कोर्ट मैरिज क्या है, इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको इस लेख में मिल गई होगी। तो अगर आपकी और आपके साथी की उम्र 21 वर्ष की है, तो बिना किसी हिचकिचाहट के आप कोर्ट मैरिज कर सकते हैं। बस कोर्ट मैरिज के नियमों का ध्यान रखें। साथ ही कोर्ट मैरिज में क्या क्या डॉक्यूमेंट चाहिए, इसकी भी तैयारी को पूरी रखें।
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.