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बहू का रिश्ता ससुराल में सास-ससुर के साथ सम्मान और प्रेम से भरपूर होता है। हालांकि, कई बार ससुराल वालों को भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों का साथ नहीं मिल पाता है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम 65+ बेस्ट बहू शायरी या बहू के लिए कोट्स बताने जा रहे हैं। बहू के लिए कोट्स व शायरी के जरिए सास-ससुर, ननद व ससुराल के अन्य सदस्य अपने बहू के प्रति अपने प्यार को जाहिर कर उन्हें खास महसूस करा सकते हैं। इनके लिए किसी स्पेशल दिन की जरूरत नहीं, बल्कि जिस दिन ये कोट्स साझा कर दें वही दिन उनके लिए खास बन सकता है। तो यहां पढ़ें बहू के लिए कोट्स।
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यहां पढ़ें बहू के लिए कोट्स और शायरी और इनमें से पसंदीदा कोट्स चुनकर अपने बहू के साथ साझा करें।
बहू के लिए कोट्स | Shayari For Daughter In Law in hindi
यहां हमने बहू के लिए 60 से भी अधिक कोट्स और शायरी शेयर की है। तो बहू को उनकी अहमियत महसूस कराने के लिए इनमें से अपनी पसंदीदा या बहू के व्यक्तित्व से मिलता जुलता कोट्स या शायरी चुनें। फिर फोन या मैसेज के जरिए अपनी बहू से साझा करें। तो बहू के लिए कोट्स कुछ इस प्रकार हैं:
1. इस घर की खुशी मेरी बहु में बस्ती है,
इस घर में जान आ जाती है,
जब मेरी बहु हंसती-खिलखिलाती है।
2. कुछ लम्हों में यूं ही,
साल ऐसे बीत जाते हैं,
जब हम अपनी लाडली बहू के संग वक्त बिताते हैं।
3. सबका खूब ख्याल रखती है,
सबको खूब प्यार देती है,
वो कोई परी नहीं, बल्कि बहु है मेरी,
जो हर दुख-दर्द दूर कर देती है।
4. भूल कभी हो जाए,
तो प्यार से बड़ा समझाती है,
मेरी बहू कभी डॉक्टर,
तो कभी काउंसलर बन जाती है।
5. चूल्हा-चौका और घर का सारा काम,
सीखने की कोशिश में मेरी बहू लगी है,
मुझे तो अब वो मेरी बेटी जैसी लगने लगी है।
6. हमारी सेवा में हमेशा अपना सारा दर्द भूलकर लग जाना,
तेरी जैसी प्यारी बहू को हम पाकर,
नहीं चाहते हैं कोई भी धन संपत्ति पाना।
7. पूरे घर में छन-छन करके चहकती रहती है,
इस घर की खुशियां,
हमारी प्यारी बहू के कारण ही खिलखिलाती है।
8. रखती है सबका ख्याल,
करती है हमारी दिनभर सेवा,
घर और बाहर के काम में रखती है तालमेल,
बहू नहीं, वो बेटी है हमारी।
9. मेरी प्यारी बहू मुझे इसलिए भाती है,
सबको प्यार करने के साथ,
अपने सपनो को भी पूरा करना चाहती है।
10. बहू, पत्नी और मां वो बन जाती है,
माता रानी की तरह मेरी बहू भी,
अपने अनेक रूप दिखाती है।
11. जब भी मेरी बहू अपने मायके को चली जाती है,
घर-आंगन सूना हो जाता, हम सबको वो बहुत याद जाती है।
12. अब तो कुछ पलों में यूं ही बीत जाते हैं,
महीने और साल,
जब से आई है मेरी प्यारी बहु ससुराल।
13. कभी गुनगुनाती तो कभी खिलखिलाती है,
जो करते हैं खुल कर उसकी तारीफ,
तो हमारी बहू शरमा जाती है।
14. शानों और शौकत से
मेरी बहू परहेज करती है,
सादगी की खूबसूरत मिसाल,
मेरी बहु ही कहलाती है।
15. कोई सवाल और कोई भ्रम मत रखना,
जब दिल से बहू घर वालों को अपना माने,
इस बात का तुम उसका सम्मान रखना।
16. कभी अपनी बहन और कभी ननद को वो मानती है,
सबके साथ हर रिश्ते को निभाना मेरी बहू जानती है।
17. कभी बिजली जैसी तो कभी आंधी जैसी चाल रखती है,
सूरज सी कभी बनकर उभरती है, तो कभी सांझ सी ढल जाती है।
18. आधी मुश्किलें तो ऐसे ही इस संसार में हल हो जाती है,
जब सासू मां मम्मी और बहू बिटिया बन जाती है।
19. बेटी जहां मायके में अपने पापा के आंखों का तारा होती है,
वही बेटी सास-ससुर का बहू बनकर सहारा होती है।
20. चांद के पास जिस तरह से होता है सितारा,
बहू मेरी उसी तरह है हमारी खुशियों का पिटारा।
21. बहू मेरी एक बेटी बनकर घर आई है,
साथ अपने वो खूब सारी खुशियां लाई है।
22. चाय बनाना भी जिस बेटी को नहीं लगता था बिल्कुल आसान,
आज वो बहू बनकर हमें खिलाती है मीठे-मीठे से पकवान।
23. यूं हमारे निस्वार्थ भाव से सेवा में लग जाती है,
घर को जोड़कर वो सुख का संसार बनाती है,
ये कोई और नहीं, बल्कि हमारी बहु कहलाती है।
24. खेलती है, हंसती है, गुनगुनाती है,
जो कोई खुल कर करे तारीफ,
चुपके से बहू मेरी शरमाती है।
25. महिला शोषण और महिला सशक्तिकरण की बातें बस न करो,
दिल का अपने बस एक कोना अपनी बहू को दे दो।
26. खुशियों की बहू मेरी दुकान है,
सच लोग कहते हैं कि
बहू ही घर की असली जान।
27. मेरी दुआओं में ऐ खुदा असर इतना होना चाहिए,
दामन मेरी बहू का भरा हर खुशी से होना चाहिए।
28. तुम इतना ज्यादा सशक्त होना,
न बेटे पर न पति पर, कभी तुम निर्भर होना,
तुम हमारी बहू नहीं, हमारी शान, हमारा गर्व हो।
29. घर का लगने लगता है वीरान सा हर एक कोना,
घर में ना हो अगर मेरी लाडली बहू,
तो लगता है घर हमारा बहुत सूना।
30. सबका ख्याल रखते हुए वो भूल खुद को जाती है,
अपने ख्वाबों को भूलकर, न जाने बेटी से कब बहू बन जाती है।
अभी और भी हैं
31. उछल-कूद करने वाली कभी,
आज वो शांत-शालीन रहने लगी है,
अल्हड़ लड़की न जाने कब अपना प्यारा सा घर संवारने लगी है।
32. चुपचाप होकर बहू मेरी सारे काम कर लेती है,
समझो ना तुम उसे निर्बल,
वक्त आने पर दुर्गा का अवतार भी धारण कर सकती है।
33. बहू नहीं बेटी हो तुम मेरी,
जब-जब बेटी की याद आए,
तेरा चेहरा देख बहू,
मेरा मन शांत हो जाए।
34. निस्वार्थ होकर बिना वेतन को काम करती है,
सबकी खुशी के लिए हमेशा वो अपनी खुशियों की आहुति देती है।
35. उसे पहली बार देखा तो हमे अल्हड़ और नादान सी लगी,
जब मैंने उसे बुलाकर अपने गले लगाया तो उसी वक्त वो मुझे अपनी बहू लगने लगी।
36. बेटी जिस तरह से अपने पिता का आंगन छोड़कर,
अपना संसार नया शुरू करती है,
उसी एक बेटी को पाकर धन्य है हम,
जो बहू के रूप में बेटी बनकर आती है।
37. जरूरी बहू की घर में उपस्थिति होती है,
हर चाहत उसके होने से पूरी होती है।
रखती है वो निस्वार्थ भावनाओं से हमारा ख्याल,
ख्वाहिशें अधूरी उसी बहू की अक्सर होती है।
38. बेटी की याद सताये, तो देख बहू को लेती हूं,
बेहद दूरी सताये, तो उसका माथा चूम लेती हूं।
वो लोग मूर्ख हैं जो बहू में अंतर रखते हैं,
आती है याद मुझे जब कोई बातें पुरानी,
बहू में मैं अपने आपको देख लिया करती हूं।
39. घर से जब बेटी शादी करके यूं जाती है,
किसी के घर की तब वो एक बहू कहलाती है,
आपके घर फिर एक बेटी बनकर बहू आती है,
हंसी से अपनी यूं पूरे घर को वो खिलखिलाती है,
इस तरह से बहू बेटी ही कहलाती है।
40. लाडली बेटी मां बाप की है,
देवी संसार के लिए वो है,
बहू गुणी हर रूप में है,
जिंदगी बहू के बिना सूनी है।
पढ़ते रहिए बहू के लिए कोट्स
41. खनकाती चूड़ियां है,
छनकाती पायल है,
अपनी वो हंसी से घर को हमारे चहकाती है,
फैसला कोई लेना हो या कोई रखना हो मत,
पल में बहू मेरी गुरु वो बन जाती है।
42. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,
पढ़ी लिखी तभी तो बहू पाओगे,
पढ़ा लिखा परिवार भविष्य में कहलाओगे,
बहू पर करोगे अत्याचार,
तो नरक में सीधा जाओगे,
पापी अधर्मी, और अत्याचारी,
तुम ही ये सब कहलाओगे।
43. बहू हमारी दिल की बहुत नेक है,
इसलिए तो हमारी बहू लाखों में एक है।
44. धन्य हो देवी तुम जो रूप में बहू बनकर आयी हो,
खुशहाली अपने साथ तुम लेकर आई हो,
सुंदर रूप मां लक्ष्मी के जैसे है तुम्हारा,
सभी के मन को तुम खूब भायी हो।
45. उलझती किताबों से होगी,
झगड़ती अपने बाबा से होगी,
मां ने खूब इसे समझाया होगा,
दूसरे घर ब्याह होकर जाना है,
यह कहकर मां ने उसे चेताया होगा,
नए माहौल में वो इतनी जल्दी ढल गई है,
एक लड़की आज,
बेटी से प्यारी बहू हमारी बन गई है।
46. वो जननी और नारी है,
वो चंडी और दुर्गा भी है
उसका हरदम निभाना साथ,
उसे हरदम देना प्यार,
एक बहू भी है वो,
जीवन की वो संगिनी भी है।
47. कलियों से फूल वो बनी,
दीये से जोत वो बनी,
चांदनी चांद की बनकर,
घर को वो पूरे चमका गई,
सबसे प्यारी दुनिया की लड़की,
बहू बन आज मेरे आंगन आ गई।
48. बहू होती है आंखों का तारा,
क्योंकि बेटे के साथ-साथ वो भी तो होती है घर का सहारा।
49. अपने दिल से उसे अपनाकर के देखो,
एक बार गले लगाकर तुम उसे देखो,
मायका वो भूल जाएगी अपना,
तुम अपनी बहू को एक बार बेटी बुलाकर तो देखो।
50. बहू में तुम अपनी बेटी को देखना,
फिर वो अपने सास-ससुर में,
पिता और मां को देखेगी देखना।
51. अगर सास और बहू में हो बिल्कुल मां-बेटी जैसा प्यार,
इस रिश्ते से खत्म हो जाएगी हर तकरार,
हो प्यार मोहब्बत और सिर्फ अपनापन,
कितना सुंदर हो जाएगा फिर ये पूरा संसार।
52. हर बात पर बहू ताने सारे सह जाती है,
सारे कष्ट सहकर भी वो अपने ससुराल में रह जाती है।
पढ़ते रहें
53. नसीब खूब अच्छे हो तुम्हारे,
प्यार यूं ही सबका मिलता रहे तुम्हें,
हर सफलता भगवान से मिले तुम्हें,
प्यारी बहु हर कामयाबी कदम चूमें तुम्हारे।
54. दुनिया की सारी खुशियां आपको मिल जाए,
हम सबसे मिलकर आपका मन खिल जाए,
चेहरे पर कभी मेरी बहू के शिकन ना हो,
आप हमारे साथ हमारे पास हमेशा यूं ही रहो।
55. हर खुशी दुनिया की तुम्हारे दामन में भर जाए,
हर मंजिल ख्वाबों की कदमों में तुम्हारे हो,
प्यारी बहू रानी तुम हमारी हो।
56. बहू के साथ सास का रिश्ता हो जैसे चाय में चीनी
हो जाती है घर की रौनकें फीकी, अगर न हो दोनों बातूनी।
57. गुलाब को गुलाब कहने में क्या बुराई है,
दिल में जगह देने में उसे क्या बुराई है,
जो ससुर को पिता और सास को मां कहे,
ऐसी बहू को बेटी कहने में फिर क्या बुराई है।
58. कोख में भले ही तुमको मैंने जन्म ना दिया हो,
लेकिन बेटी के रूप में बहू को पाकर लगता है ऐसा,
जैसे पिछले जन्म कुछ मैंने अच्छा काम किया हो।
59. दिल से बहू को अपना बना लो,
बेटी की तरह पलकों पे बिठा लो,
रखती है सबका बेटी की तरह ख्याल,
बहू नहीं उसे बेटी बना लो।
60. जब भी कोई मेरी बहू की तारीफ कर जाए,
तो मेरी आंखें गर्व से भर जाए।
61. हर घर बन जाएगा खुशहाल,
जब बहू को बेटी बनाकर अपना लेगा ससुराल।
62. मिनटों में कुछ यूं निकल जाता है पल, बीत जाता है साल,
क्योंकि अब बेटी बनकर आई है मेरी प्यारी बहू ससुराल।
63. बेटे से बढ़कर ख्याल रखने वाली को मैं बहू कैसे कहूं,
बेटी की झलक उसकी मुस्कान में दिखे बहू उसे कैसे कहूं,
फौरन उठ खड़ी होती है, जब जोर की सांस ले लूं कभी,
मां कहते हुए जो थकती नहीं कभी, उसे मैं बहू कैसे कहूं,
वो बहु नहीं, बल्कि उसे मैं अपनी बेटी कहूं।
64. तुम मेरी आंखों का तारा हो,
बहू नहीं तुम बेटी हमारा हो।
65. बहू होती हैं खुशियों की दुकान,
घर में ले आती है नई जान,
परिवार की होती हैं वो शान,
बढ़ाती है वो सबका मान।
66. जब से तूम हमारे आंगने आई,
खुशियों की है बहार छाई,
बहू ही नहीं अब तुम इस घर की,
बन चुकी हो हमारी परछाई।
हम आशा करते हैं लेख में बताए गए बेस्ट बहू कोट्स और बहू के लिए शायरी आपको पसंद आए होंगे। इन कोट्स और शायरी को भेजकर आप बहू से अपनी मन की बात को आसानी से कह सकते हैं। ये खूबसूरत शब्द बहू को उसके खास होने का एहसास जरूर दिलाएगा। इसे आप अपने दोस्तों और करीबियों के साथ शेयर कर सकते हैं। इस तरह के आर्टिकल पढ़ने के लिए आप स्टाइलक्रेज के साथ जुड़े रहें।
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