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जब भी घर में नया नन्हा मेहमान आता है, तो दादी-नानी नई मां को पंजीरी खाने के लिए देती हैं। इसे देखकर कई लोग यह भी पूछ लेते हैं कि पूजा-पाठ में दिया जाने वाले प्रसाद नई मां को क्यों खिलाया जा रहा है? लोग इस बात से अंजान होते हैं कि पंजीरी सिर्फ प्रसाद ही नहीं है, बल्कि नई मां के लिए स्वस्थवर्धक आहार है। डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने से क्या फायदे होते हैं और न्यू मदर्स के लिए पंजीरी बनाने की रिसेपी, जानने के लिए पढ़ें मॉमजंक्शन का यह लेख। 

सबसे पहले पढ़ें कि पंजीरी क्या है।

पंजीरी क्या है?

पंजीरी एक पारंपरिक नाश्ता है, जिसे आमतौर पर प्रसव के बाद शिशु को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार में शामिल किया जाता है। इसे सप्लीमेंटरी स्नैक्स और शरीर को उचित पोषण देने वाला आहार माना जाता है। इसका जिक्र एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मोशन) की वेबसाइट पर उपलब्ध रिसर्च पेपर में भी किया गया है (1)

वैसे तो इसे बनाने की अलग-अलग विधियां है, लेकिन पारंपरिक तौर पर इसे गेहूं का आटा, चीनी, वेजिटेबल ऑयल, दूध पाउडर व विभिन्न सूखे मेवों से तैयार किया जाता है (1)। पंजीरी को प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन से समृद्ध भी माना जाता है। यही वजह है कि यह शरीर को ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान कर सकता है (2)

आगे पढ़ें पंजीरी में मौजूद पोषक तत्व व उनकी मात्रा।

पंजीरी के पोषक तत्व

100 ग्राम पंजीरी को कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन के साथ ही प्रोटीन, फैट, फाइबर, ऐश, कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा से समृद्ध माना जाता है (2)। ध्यान रखें कि यहां हमने आमतौर पर बनाई जाने वाली पंजीरी रेसिपी के लिए इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सामग्रियों के आधार पर इसके पोषक तत्वों की जानकारी दी है। हर घर में पंजीरी बनाने की विधि और इसमें शामिल सामग्रियों की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। ऐसे में उसमें मौजूद पोषक तत्व यहां बताए गए पोषक तत्वों से भिन्न हो सकते है।

डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के फायदे क्या-क्या हैं, यह जानने के लिए स्क्रॉल करें।

डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के फायदे

डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के फायदे कई हैं, जिनके बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं। बस यह ध्यान दें कि पंजीरी में कई तरह की सामग्रियां होती हैं। अगर किसी महिला को पंजीरी में शामिल किसी भी खाद्य सामग्री से एलर्जी हो, तो उसे पंजीरी में शामिल न करें। उसके स्थान पर किसी वैकल्पिक पदार्थ का उपयोग किया जा सकता है।

  1. पौष्टिक : जैसा हम लेख में बता ही चुके हैं कि पंजीरी विभिन्न खाद्यों से मिलकर बनाई जाती है। यही वजह है कि यह पोषक तत्वों से समृद्ध होती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे जरूरी मिनरल्स के साथ ही फैट, फाइबर, ऐश भी होते हैं
  1. एनर्जी के लिए : पंजीरी नई मां के शरीर को स्वस्थ्य व ऊर्जावान बनाए रखने में भी मदद कर सकती है (2)। यही कारण है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं के आहार में पंजीरी को सप्लीमेंटरी स्नैक्स के तौर पर शामिल करने की सलाह दी जाती है (1)
  1. रिकवरी में मददगार : शारीरिक तौर पर डिलीवरी के बाद नई मां के शरीर में कई बदलाव होते हैं। जिनकी रिकवरी में लगभग 6 माह तक का समय लग सकता है (3)रिसर्च बताते हैं कि पंजीरी खाने से नई मां का स्वास्थ्य जल्दी से रिकवर हो सकता है। प्रसव बाद इसे विशेष रूप से नई मां के आहार में शामिल किया जाता है, ताकि वो अपनी शारीरिक ताकत को दोबारा पा सकें (4)
  1. कब्ज से बचाए : पंजीरी में फाइबर की भी मात्रा होती है (2)। बताया जाता है कि फाइबर युक्त खाद्य का सेवन करने से पाचन से संबंधित समस्या, जैसे – कब्ज से बचाव में कुछ हद तक राहत मिल सकती है (5)। ऐसे में पंजीरी को कब्ज के लिए अच्छा कहा जा सकता है।
  1. स्तनों में दूध बढ़ाए : प्रसव के बाद डाई फ्रूट्स और घी से बनी पंजीरी खाने से महिलाओं के स्तनों में दूध बढ़ सकता है (4)। ऐसे में अगर कोई नई मां स्तनों में दूध की आपूर्ति न होने से परेशान है, तो पंजीरी खाना उसके लिए फायदेमंद हो सकता है।
  1. खून की कमी से बचाव : गर्भावस्था में आयरन की कमी या प्रसव के दौरान अधिक मात्रा में रक्तस्राव होने से पोस्टपार्टम एनीमिया यानी प्रसव के बाद खून की कमी हो सकती है (6)। ऐसे में आयरन युक्त खाद्य के सेवन से शरीर में न सिर्फ आयरन की कमी पूरी होती है, बल्कि शरीर में खून भी बनने लगता है (7)। इसके लिए आयरन से समृद्ध पंजीरी को आहार में शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है (2)
  1. अवसाद से बचाव के लिए : शिशु को जन्म देने के कुछ ही दिनों या सप्ताह के बाद महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या हो सकती है (8)। अवसाद का एक जोखिम शिशु को जन्म देने के बाद महिलाओं के शरीर में होने वाली पोषक तत्वों की कमी के भी माना गया है (9)। ऐसे में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन व विभिन्न विटामिन जैसे पोषक तत्व से समृद्ध पंजीरी का सेवन करके अवसाद से बचाव हो सकता है (2)

आगे हम न्यू मदर्स के लिए पंजीरी खाने के नुकसान की जानकारी दे रहे हैं।

क्या डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं?

डिलिवरी के बाद न्यू मदर्स के लिए पंजीरी खाने के कई फायदे हैं, लेकिन हर चीज के फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी होते हैं। इसी तरह पंजीरी खाने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं, यह आप इस भाग में पढ़ सकते हैं।

  • पंजीरी को बनाने में घी का अधिक इस्तेमाल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी माना जाता है (4)। वहीं, अगर घी का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो इससे शरीर में सैचुरेटेड फैटी एसिड व कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा होता है और हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है (10)
  • सिजेरियन डिलीवरी से शिशु को जन्म देने वाली महिलाओं या डायबिटीज व हाई शुगर लेवल वाली महिलाओं को भी पंजीरी के सेवन से परहेज करना चाहिए। इसकी वजह पंजीरी बनाने में इस्तेमाल की गई चीनी है (1)
  • पंजीरी खाने से कम वजन को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है (11) ऐसे में यह कहा जा सकता है नई मां अगर पंजीरी का अधिक सेवन करें, तो उनका वजन बढ़ने का जोखिम हो सकता है।
  • पंजीरी बनाने में विभिन्न खाद्य सामग्रियों का उपयोग होता है। ऐसे में कुछ संवेदनशील महिलाओं को पंजीरी में मौजूद सामग्री से एलर्जी हो सकती है।

न्यू मदर्स के लिए फायदेमंद पंजीरी कैसे बनाएं, यह जानने के लिए आगे इसकी रेसिपी पढ़ें।

पंजीरी बनाने की रेसिपी

न्यू मदर्स के लिए फायदेमंद पंजीरी कैसे बनाएं, सोच रहे हैं तो इसकी विधि नीचे पढ़ें। आप अपनी पसंद के अनुसार इसकी सामग्री में बदलाव भी कर सकती हैं।

सामग्री :

  • 200 ग्राम घी
  • 1 किलो गेहूं का आटा
  • 250 ग्राम गुड़ (बारीक बुरादा)
  • आधा कप मिल्क पाउडर
  • 2 चम्मच खाने वाली गोंद
  • 200 ग्राम नारियल (कद्दूकश किया हुआ)
  • अजवाइन एक चम्मच
  • एक चम्मच इलायची पाउडर
  • 1 चम्मच सोंठ पाउडर
  • दो चम्मच सौंफ
  • 50 ग्राम तरबूज के बीज (भुने और छिले हुए)
  • 500 ग्राम मिक्स ड्राई फ्रूट्स (काजू, पिस्ता, बादाम, किशमिश, अखरोट और अन्य मेवे)

बनाने की विधि : 

  • पैन में 2 चम्मच घी गर्म करें।
  • फिर इसमें सभी ड्राई फ्रूट्स को काटकर डालें।
  • जब  ये हल्का भूरे हो जाएं, तो इन्हें किसी दूसरे बर्तन में निकाल कर अलग रख दें।
  • अब उसी पैन में 3 से 4 चम्मच घी गर्म करें और गेहूं का आटे भूनें। सुनहरा रंग आने तक इसे भूनते रहें।
  • जब यह पक जाए, तो इसमें कद्दूकश किया हुआ नारियल मिलाएं और गैस बंद कर दें।
  • अब फ्राई किए गए ड्राई फ्रूट्स मिक्सी में डालकर दरदरा पीस लें।
  • ड्राई फ्रूट्स में भूने हुए खरबूज के बीज मिलाएं।
  • अब पैन में गोंद डालकर उसे पिघलने दें। जब गोंद पिघल जाए, तो उसमें भूना हुआ आटा मिला दें।
  • इसके बाद इसमें अजवाइन, इलायची और सोंठ पाउडर को डालकर गैस बंद कर दें।
  • फिर इस आटे में पिसे हुए ड्राई फ्रूट्स, सौंफ, मिल्क पाउडर और गुड़ का पाउडर मिलाएं।
  • अच्छे से मिलाने के बाद इन्हें लड्डू की तरह गोल-गोल बना लें या इसी तरह किसी एयर टाइट डिब्बे में रख दें।
  • बस डिब्बे में स्टोर करने से पहले इसे पूरी तरह से ठंडा होने दें।

लेख के आखिरी भाग में पढ़ें पंजीरी खाने और इसे रखने के लिए मददगार टिप्स।

पंजीरी खाने और स्टोर करने के लिए टिप्स

  • डिलिवरी के बाद महिलाएं दिनभर में 3 से 5 चम्मच पंजीरी खा सकती हैं। ध्यान रखें कि एक बार में एक चम्मच पंजीरी ही खाएं।
  • पंजीरी को नाश्ते में, खाना खाने के बाद या जब भी मूड खराब हो तो इसे खाएं।
  • बनी हुई पंजीरी को कांच की बर्नी या एयर टाइट डिब्बे में बंद करके 90 दिनों तक स्टोर कर सकते हैं (1)
  • इसे फ्रीज या अन्य स्थान पर रखने के बजाय कमरे के सामान्य तापमान में किचन के अन्य मसालों व राशन के डिब्बों के साथ स्टोर करके रखा जा सकता है।
  • अगर स्टोर करने के बाद पंजीरी के स्वाद में किसी तरह का बदलाव आए, तो उसे न खाएं।

डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के कई स्वास्थ्य फायदे हैं, जिसे देखते हुए आज भी कई महिलाएं इसका सेवन करती हैं। यह स्वाद में भी मजेदार होती है और बनाने में भी आसान। ध्यान रखें कि नई माएं पंजीरी का सेवन सीमित मात्रा में ही करें। शुरू में आधा या एक चम्मच खाकर स्वास्थ्य पर पंजीरी के प्रभाव की जांच करें। इस दौरान पंजीरी खाने से किसी भी तरह के दुष्प्रभाव नजर नहीं आते हैं, तो ही इसका सेवन जारी रखें।

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