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गर्भावस्था का समय नए बच्चे के आने की खुशी और प्रसव से जुड़ी चिंता जैसी मिश्रित भावनाओं का दौर होता है। वहीं, डिलीवरी के बाद मातृत्व सुख के साथ-साथ कमर व पीठ दर्द जैसी परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हम मॉमजंक्शन के इस लेख में आपको प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द के कारण और इस दर्द से राहत पाने के कुछ घरेलू उपाय बताएंगे। इसके अलावा, प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द से संबंधित अन्य जानकारियां हम आपको तथ्यों के साथ देंगे।
प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द के घरेलू उपचार और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देने से पहले आपको बता देते हैं कि प्रसव के बाद कमर और पीठ में दर्द रहना सामान्य है या नहीं।
क्या प्रसव के बाद कमर या पीठ दर्द सामान्य है? | Delivery Ke Baad Kamar Dard
जी हां, प्रसव के बाद कमर व पीठ में दर्द होना सामान्य होता है। एक शोध के मुताबिक, वैसे तो महिलाओं की कमर और पीठ का दर्द प्रसव के दो दिन बाद 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है, लेकिन कुछ दर्द बना रहता है। वहीं, कुछ महिलाओं को लगातार 82 प्रतिशत तक दर्द 18 महीनों तक बना रहता है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं में प्रसव के दो साल बाद भी 21 प्रतिशत तक दर्द रहता है (1)।
दूसरी रिसर्च में सामने आया है कि लगभग 19 प्रतिशत महिलाओं में डिलीवरी के बाद कमर और पेट में दर्द दोबारा से उठ सकता है। वहीं, कई महिलाओं में यह दर्द कुछ दिनों के अंतराल पर उठ सकता है और कुछ में इसके होने की आशंका लगातार बनी रहती है (2)।
चलिए, अब बात करते हैं शिशु को जन्म देने के बाद भी कमर व पीठ में होने वाले दर्द के बारे में।
गर्भावस्था के बाद कमर या पीठ दर्द के कारण
प्रसव के बाद कमर या पीठ में दर्द होता है, यह तो हम आपको बता ही चुके हैं। लगभग हर महिला को डिलीवरी के बाद भी इस दर्द का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं बच्चे के पैदा होने के बाद भी मां को पीठ या कमर में दर्द क्यों बना रहता है (3) (1) (4) (5)।
- प्रसव के बाद शारीरिक परिवर्तन।
- गर्भधारण करने से पहले से कमर दर्द व पीठ दर्द रहना।
- बोन मास डेंसिटी का घटना। दरअसल, गर्भावस्था से पहले कम कैल्शियम होने की स्थिति में गर्भावस्था के दौरान अधिकांश कैल्शियम भ्रूण में स्थानांतरित हो जाता है। ऐसे में महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। इस वजह से पीठ में दर्द हो सकता है।
- प्रसव के बाद भारी चीजें उठाना।
- गलत आसन यानी बिस्तर पर सपाट (सीधे) सोने के कारण भी दर्द बना रह सकता है।
- माना जाता है कि बैक पेन का कारण शरीर का अधिक वजन और कद का छोटा होना हो सकता है।
- गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव महिलाओं की मांसपेशियों और जोड़ों को प्रभावित करते हैं। रिलैक्सिन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मांसपेशियों को रिलैक्स करके लिगामेंट्स (हड्डियों को जोड़ने वाला टिश्यू) और जोड़ों को ढीला करता है। इसकी वजह से प्रेगनेंसी के साथ ही प्रसव होने के बाद भी कमर व पीठ में दर्द बना रह सकता है।
नोट : शोध में कमर दर्द का प्रसव के दौरान एनेस्थीसिया व डिलीवरी के तरीके से कोई संबंध नहीं पाया गया है।
आगे पढ़िए कमर दर्द से जुड़ी अन्य जानकारी।
प्रसव के बाद कमर या पीठ दर्द कब तक रहता है?
वैसे तो कहा जाता है कि प्रसव के 4 महीने तक कमर व पीठ दर्द की समस्या बनी रहती है (6), लेकिन डिलीवरी होने के बाद कमर व पीठ दर्द की समस्या कब तक बनी रहेगी, यह आपके शरीर पर निर्भर करता है। इसलिए, आपको पीठ व कमर में दर्द से जल्द छुटकारा पाने के लिए अपनी डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करना होगा, जो गर्भावस्था के दौरान कम होने वाली बोन मास डेंसिटी को ठीक करने में मदद करेगा।
अब पीठ और कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार के बारे में बात कर लेते हैं।
प्रसव के बाद कमर या पीठ दर्द के लिए घरेलू उपचार | Delivery Ke Baad Kamar Dard Ka Gharelu Upay
आमतौर पर डिलीवरी के बाद कमर में दर्द बना ही रहता है, जिससे महिलाओं के दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं। ऐसे में आप इन उपायों को अपनाकर प्रसव के बाद होने वाले कमर व पीठ दर्द से छुटकारा पा सकती हैं (7) (8)।
- गर्म पानी से नहाएं : प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द की समस्या को कम करने के लिए आप गुनगुने पानी से नहा सकती हैं। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम लगने लगता है।
- गर्म पानी से सिकाई : डिलीवरी के बाद कमर व पीठ दर्द से राहत पाने के लिए आप गर्म पानी की सिकाई कर सकती हैं। आप गर्म पानी वाले बैग (Hot Water Bag) से सिकाई कर सकती हैं। इसके अलावा, तौलिए को गर्म पानी में निचोड़कर कमर पर रख सकती हैं। आराम न मिलने तक यह प्रक्रिया दोहराएं।
- मालिश : कमर की मालिश करके या इसे हल्के हाथों से दबाकर भी दर्द से राहत मिल सकती है। आप तेल का इस्तेमाल करके मालिश भी कर सकती हैं या हाथों से दर्द वाले हिस्से को हल्का-हल्का दबा सकती हैं।
- पेशाब न रोकें : मूत्राशय भरने से भी कमर और उसके आस-पास का दर्द बढ़ने लगता है। ऐसे में कोशिश करें की आप अपने मूत्राशय को खाली रखें।
- सपोर्ट : स्तनपान कराने के दौरान सही सपोर्ट न लेने की वजह से भी कमर व पीठ में दर्द हो सकता है। इसलिए, आप अपने शिशु को स्तनपान करवाते समय सही तरीके से बैठें और कमर को सपोर्ट दें। आप दीवार या कुर्सी का सहारा लेकर बैठ सकती हैं और साथ में तकिये का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
- एक्सरसाइज : आप कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से हल्के व्यायाम भी कर सकती हैं। लेख के अगले हिस्से में हम आपके कमर व पीठ दर्द को ठीक करने के लिए कौन से व्यायाम करने चाहिए यह बताएंगे।
- हीटिंग पैड : आप कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
लेख में आगे प्रसवोत्तर पीठ और कमर में होने वाले दर्द को कम करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है।
प्रसव के बाद कमर या पीठ दर्द कम करने में सहायक खाद्य पदार्थ
प्रसव के बाद होने वाले कमर व पीठ दर्द को दूर या कम करने में आपके रसोई घर में आसानी से मिलने वाले कुछ खाद्य पदार्थ भी मदद कर सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही फायदेमंद सामग्रियों का जिक्र कर रहे हैं।
- दूध : कमर व पीठ में दर्द होना का कारण हड्डियों का कमजोर होना भी होता है। ऐसे में आप दूध का सेवन करके कैल्शियम की कमी को दूर कर सकती हैं। दूध में मौजूद कैल्शियम आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है (9) (10)।
- सोया उत्पाद और नट्स : कमर व पीठ दर्द को दूर करने के लिए आप सोया उत्पाद और नट्स का सेवन कर सकती हैं। इसके अलावा, आप सूखी फलियों का भी सेवन कर सकती हैं (9)। ये सभी प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। हड्डियों को मजबूत करने के लिए प्रोटीन भी जरूरी होता है (11)।
- हरी सब्जियां : प्रसव के बाद आपको पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। आपको नियमित रूप से हरी सब्जियों, फल और दाल को खाने में शामिल करना चाहिए, क्योंकि पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी प्रसवोत्तर होने वाला कमर दर्द जल्दी ठीक नहीं होता है (9)।
- अदरक : अदरक किसी भी तरह के दर्द की तीव्रता को कम करने और दर्द में जल्द राहत दिलाने में मदद करता है। यह मेफेनामिक एसिड और इबुप्रोफेन की तरह शरीर में काम करता है (12)। इसके अलावा, अदरक में पाया जाने वाला 6 शोगोल में भी दर्द के प्रभाव को कम करने की क्षमता पाई जाती है ()।
- अंजीर : अंजीर में मौजूद कैल्शियम आपको कमर दर्द से होने वाली परेशानी को कम करने में मदद कर सकता हैं (13)। हम आपको ऊपर लेख में बता ही चुके हैं कि कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।
- अजवाइन : अजवाइन में एंटी इंफ्लेमेटरी कंपाउंड पाए जाते हैं। ऐसे में इसको उन फायदेमंद खाद्य पदार्थों में गिना जाता है, जो कमर दर्द में आराम दिलाने में मदद करते हैं (14)। आप अजवाइन भूनकर खा सकती हैं या इसका काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है।
- शहद : शहद में एमिनो एसिड मौजूद होता है। इसलिए, इसका सेवन करने से आपको कमर दर्द से राहत मिल सकती है। दरअसल, एमिनो एसिड काफी पुराने और स्थायी कमर दर्द के इलाज में भी फायदेमंद माना जाता है (15)।
- हल्दी : हल्दी का सेवन हमेशा से ही गर्भावस्था और प्रसव के बाद के लिए अच्छा माना जाता है। यह प्रसवोत्तर आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने का काम करता है (16)। ऐसे में इसका इस्तेमाल प्रसोवत्तर होने वाले कमर दर्द से राहत पाने के लिए भी लोग करते हैं। दरअसल, इसमें करक्यूमिन नामक कंपाउंड होता है, जो बतौर एनाल्जेसिक (दर्द कम करने वाला ड्रग) हमारे शरीर में काम करता है (17)।
- पानी : प्रसव के बाद महिला को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। पानी की मात्रा जब शरीर में बनी रहती है, तो यह पोषक तत्वों को शरीर में अच्छे से पहुंचने में मदद करता है। पानी पीने से कब्ज से बचने में मदद मिलती है, जो पीठ दर्द से राहत दिला सकता है।
खाद्य पदार्थों के साथ ही व्यायाम भी प्रसव के बाद होने वाले पीठ और कमर दर्द में राहत दे सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कौन-कौन सी एक्सरसाइज आपको दर्द में राहत दे सकती हैं।
डिलीवरी के बाद पीठ या कमर दर्द के लिए व्यायाम
प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द और पीठ दर्द से राहत पाने के लिए आप कुछ व्यायाम कर सकती हैं। नीचे हम आपको तीन एक्सरसाइज के बारे में बताएंगे, जिन्हें प्रसव के बाद सुरक्षित माना जाता है (18) (19)। ध्यान रहें कि डॉक्टरी परमार्श के बिना भारी व्यायाम करने से प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकते हैं (20) (21) (22) (23) (24)।
1. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (कीगल एक्सरसाइज)
अक्सर महिलाओं के कमर में दर्द रहता है, जिसकी वजह मासपेशियां का कमजोर होना भी होता है। ऐसे में पेल्विक एक्सरसाइज करना फायदेमंद माना जाता है। इस एक्सरसाइज को करने से पेल्विक मसल्स मजबूत होती है, जिससे कमर दर्द में राहत मिलती है। आप इसे घर में आराम से कर सकती हैं।
विधि :
- योग मैट बिछाकर फर्श पर बैठ जाएं या लेट जाएं।
- आपको इस एक्सरसाइज को करने से पहले पेल्विक मांसपेशियों को पहचानना होगा।
- इन मांसपेशियां को आप देख नहीं सकतीं, लेकिन महसूस कर सकती हैं।
- पेशाब करते समय मूत्रप्रवाह को रोकने के लिए जिन मांसपेशियां का इस्तेमाल होता है, वो पेल्विक मांसपेशियां होती हैं।
- इन मसल्स को पहचानने के बाद सांस लेते हुए दस सेकंड के लिए इन्हें टाइट करें और फिर इन्हें दस सेकंड के लिए आराम दें।
- इस प्रक्रिया को 10 से 20 बार दोहराएं।
- आप इस अभ्यास को किसी भी मुद्रा में कर सकते हैं।
- दिनभर में इस एक्सरसाइज को 3 बार करें।
- ध्यान रहें कि एक्सरसाइज करने के पहले आपका ब्लैडर खाली रहे, यानि पेशाब करने के बाद।
2. पीठ और पेट का व्यायाम
पीठ और पेट की एक्सरसाइज आपको दर्द में राहत दे सकती है। आइए जानते हैं इसे करने की विधि।
विधि:
- योग मैट बिछाकर या बेड में पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ लें।
- दोनों घुटनों को कुछ दूरी पर रखें।
- सांस छोड़कर पेट को कस लें।
- अब अपनी कमर को सीधा करने के लिए पेल्विक मांसपेशियों को मैट की ओर (नीचे की ओर) दबाएं।
3. पीठ और पेट का व्यायाम – 2
पीठ और पेट का एक और व्यायाम की बात करते हैं, जो आपके कमर दर्द को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकता है।
विधि:
- बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब घुटनों को मोड़कर उन्हें एक साथ रखें।
- ऐसा करने के बाद पेट को कस लें और पीठ के निचले हिस्से को बेड से थोड़ा ऊपर की ओर उठाकर सीधा करें।
- अब इसी मुद्रा में अपने दोनों पैरों को दाईं ओर लेकर आएं।
- अगर पहले से आपके पैर दाईं ओर हैं तो इन्हें बाईं ओर करें।
- अब कुछ देर रिलेक्स करने के लिए अपनी प्रारंभिक मुद्रा पर लौटें।
- इस क्रिया को दोबारा दोहराएं।
- अगर आपने बाईं ओर पैर करके यह व्यायाम किया है, तो अब दाईं ओर वरना बाईं ओर होकर इस व्यायाम को करें।
अब आपको कुछ अन्य टिप्स भी बता देते हैं, जो आपके दर्द को बढ़ने से रोकने में मदद करेंगे।
डिलीवरी के बाद कमर या पीठ दर्द होने से बचने के टिप्स
प्रसोवत्तर के बाद कमर या पीठ में होने वाले दर्द को आप कुछ आसान बातों को याद रखकर भी कम कर सकती हैं। दरअसल, रोजमर्रा के कुछ काम-काज भी हैं, जो पीठ दर्द को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में आप नीचे दी गई बातों का ख्याल रखकर अपनी कमर और पीठ दर्द को होने से रोक सकती हैं (7) (8) (24) ।
1. भारी भरकम चीजें उठाने से बचें
प्रसव के बाद भारी वजन उठाने से भी कमर व पीठ में दर्द होता है। ऐसे में आपको कुछ भी भारी चीज उठाने से बचना चाहिए। शिशु को भी गोद लेते समय बांहों को ज्यादा फैलाने से बचें। शिशु को उठाते वक्त कमर पर ज्यादा जोर डालने से बचें।
2. शिशु को पकड़ने का तरीका
शिशु को बाहर ले जाते समय उसे आगे छाती से चिपका कर रखें। पीठ पर बच्चे को रखने से कमर दर्द और बढ़ सकता है।
3. वजन घटाएं
हम आपके बता चुके हैं कि आपके वजन के कारण भी कमर व पीठ में दर्द होता है। ऐसे में शिशु को जन्म देने के एक से दो महीने बाद आपको अपने सामान्य वजन पर वापस लौटने की कोशिश करनी चाहिए।
4. बैठने का तरीका
आप बैठते समय अपने तरीके का खास ख्याल रखें। दरअसल, अगर आप गलत तरीके से बैठती हैं, तो भी आपके कमर और पीठ का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए, आपको बैठते समय यह ध्यान रखना होगा कि आपकी कमर या पीठ एकदम सीधी हो। इसके अलावा, आप हील पहनने की जगह समतल चप्पल या सैंडल पहनें।
5. बिस्तर से उठने का तरीका
आपको सिर्फ बैठने का ही नहीं, बल्कि बिस्तर से उठने के तरीके पर भी गौर करना होगा। जी हां, अपने शरीर को झटके से बिस्तर से न उठाएं, बल्कि धीरे-धीरे आराम से पहले करवट लें फिर अपनी बॉडी को सीधा करके बेड से उठें।
6. झुकते हुए रखें ध्यान
आपको अपने शिशु व किसी अन्य सामान को उठाते वक्त यह ध्यान रखना होगा कि अपने घुटनों को मोड़कर और कमर को सीधा रखकर ही बच्चे को व अन्य सामान हो उठाएं। उसके बाद उठते समय अपने घुटनों को सीधा करें।
प्रसव के बाद पीठ दर्द होना भले ही सामान्य है, लेकिन कई बार आपको डॉक्टर से सलाह भी लेनी जरूरी होती है। हम लेख में आगे आपको बताएंगे डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
वैसे तो प्रसव के बाद पीठ दर्द कुछ महीनों के बाद खुद ठीक हो जाना चाहिए, लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो किन स्थितियों में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यह हम आपके नीचे बताएंगे (25)।
- अगर आपका दर्द प्रतिदिन बढ़ रहा है, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
- अगर प्रसव के बाद आपकी पीठ व कमर में दर्द गिरने या किसी तरह की चोट लगने की वजह से हो रहा है, तो भी आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- पीठ व कमर दर्द के साथ बुखार का बना रहना।
- एक या दोनों पैरों में सूजन।
- अचानक से दर्द का अधिक बढ़ना व दर्द की वजह से रोजाना सुबह जल्दी नींद खुल जाना।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या प्रसव के बाद एपिड्यूरल से कमर या पीठ दर्द होता है?
प्रसव के दौरान दिए जाने वाले एपिड्यूरल (स्पाइनल एनेस्थीसिया) का प्रसव के बाद होने वाले पीठ दर्द से कोई संबंध नहीं है (26)। एक अध्ययन में भी पाया गया है कि एनेस्थीसिया से प्रसव के बाद, बस पहले दिन पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने का खतरा हो सकता है (27)।
दिन के मुकाबले रात में कमर या पीठ दर्द क्यों अधिक महसूस होता है?
दिनभर आपकी पीठ व कमर की मांसपेशियों में लगातार झुकने, भारी चीजे उठाने, गलत तरीके से बैठने से तनाव बनता रहता है। पूरे दिन की थकावट लेकर जब आप रात को आराम करने के लिए बिस्तर पर लेटती हैं, तो आपका ध्यान किसी अन्य काम में नहीं बंटा होता, जिससे आपको दर्द ज्यादा महसूस होने लगता है।
प्रसव के बाद होने वाले कमर व पीठ दर्द के कारण और इससे बचने के घरेलू उपाय तो हम आपको बता ही चुके हैं। बस आपको जरूरत है नियमित रूप से हल्का व्यायाम और इन घरेलू नुस्खों को अपनाने की, जिससे आपकी कमर दर्द की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। वहीं, लेख में शामिल बचाव संबंधी टिप्स पर भी जरूर ध्यान दें। इसके माध्यम से भी प्रसव के बाद होने वाले कमर दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। उम्मीद है यह लेख इस समस्या से राहत पाने में काफी उपयोगी साबित होगा। ऐसे ही अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।
References
1. Persistence of back pain symptoms after pregnancy and bone mineral density changes By NCBI
2. Pregnancy-related low back pain and pelvic girdle pain approximately 14 months after pregnancy By NCBI
3. Factors associated with back pain after childbirth By NCBI
4. Postpartum low back pain By NCBI
5. Back Pain in Pregnancy By URMC
6. IDENTIFICATION AND MANAGEMENT OF PREGNANCY-RELATED LOW BACK PAIN By Deep Blue
7. Pain Management by URMC
8. Scientific Evidence-Based Effects of Hydrotherapy on Various Systems of the Body By NCBI
9. WIC Postpartum Nutrition By Oregon
10. Effects of Dairy Products Consumption on Health By NCBI
11. Dietary protein and bone health By NCBI
12. Comparison of effects of ginger, mefenamic acid, and ibuprofen on pain in women with primary dysmenorrhea By NCBI
13. Figs, Raw By USDA
14. Whole health change the Conversation By Board of Regents of the University of Wisconsin System Ebling Library
15. Reduction in Pain and Inflammation Associated With Chronic Low Back Pain By NCBI
16. Tradition and Plant use during Pregnancy by NCBI
17. CURCUMIN ALLEVIATES LUMBAR RADICULOPATHY By NCBI
18. Exercise for postnatal low back pain and pelvic pain By Semanticscholar
19. Exercises for Women with Persistent Pelvic and Low Back Pain after Pregnancy By NCBI
20. Core Stability Exercise Principles By UNM
21. Physical Activity and Exercise During Pregnancy and the Postpartum Period By ACOG
22. The Effect of Stabilization Exercises By NCBI
23. Pelvic floor muscle exercise for chronic low back pain By NCBI
24. Postnatal Exercise By FHS
25. Treatment of low back pain By US Department of Veterans affair
26. Prevalence of low back pain experienced after delivery with and without epidural analgesia By NCBI
27. Epidural anaesthesia and low back pain after delivery: a prospective cohort study By NCBI
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