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प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए सबसे प्यारा अहसास होता है। वहीं, पहली बार मां बन रही महिला के लिए इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है कि वह गर्भवती है या नहीं। इसके लिए आप डॉक्टर के पास जा सकती हैं या फिर प्रेगनेंसी किट का यूज कर सकती हैं। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खों के जरिए भी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा ही एक घरेलू नुस्खा डेटॉल है। डेटॉल लगभग हर घर में होता है, जिसका उपयोग आप प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए कर सकती हैं। इस टेस्ट से जुड़ी तमाम जानकारियां आपको मिलेगी मॉमजंक्शन के इस लेख में। यहां आप इस टेस्ट की प्रमाणिकता और इसे करने के तरीके के बारे में जानेंगे।

लेख की शुरुआत में हम जानते हैं कि डेटॉल से घर में गर्भावस्था की जांच करने का मतलब क्या है।

डेटॉल से गर्भावस्था की जांच करना क्या है?

डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट किफायती तो है ही साथ ही इसे करने का तरीका भी सरल है। इस टेस्ट के जरिए यह जानने में आसानी होती है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। यह प्रेगनेंसी को चेक करने की नॉन-मेडिकल प्रक्रिया है। जिस प्रकार मेडिकल प्रक्रिया में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन यानी एचसीजी (human chorionic gonadotropin) हॉर्मोन की अहम भूमिका होती है। उसी प्रकार डेटॉल के जरिए किए जाने वाले टेस्ट का परिणाम भी एचसीजी हॉर्मोन के जरिए सामने आता है। इस घरेलू नुस्खे का परिणाम सटीक हो यह कहना मुश्किल है। इसलिए, हम यही सलाह देंगे कि घर में इस टेस्ट को करने के बावजूद डॉक्टर से चेकअप करवाके अपनी प्रेगनेंसी को कन्फर्म जरूर करें।

आइए, अब जानते हैं कि डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट को कब करना चाहिए।

गर्भावस्था की पुष्टि के लिए डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय क्या है?

कंसीव करने के बाद गर्भवती महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। गर्भवती होने के साथ ही शरीर में एचसीजी हॉर्मोन का निर्माण होने लगता है। सुबह के समय इस हॉर्मोन की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। इसलिए, गर्भावस्था की जांच सुबह के पहले पेशाब से करने की सलाह दी जाती है (1)अगर पीरियड मिस होने के बाद आपको जरा भी महसूस होता है कि आपने गर्भधारण किया है, तो इसके 10 दिन बाद से कभी भी डेटॉल टेस्ट किया जा सकता है।

जब आप डेटॉल टेस्ट करेंगी तो आपको कुछ चीजों की जरूरत होगी और वो क्या है यह हम आपको बताते हैं।

डेटॉल से गर्भावस्था की जांच के लिए क्या-क्या चाहिए?

टेस्ट के लिए आपको डेटॉल के अलावा कुछ और चीजों की जरूरत होगी, जो इस प्रकार है:

  • एक चम्मच डेटॉल (यह आपके यूरिन की मात्रा पर भी डिपेंड करता है)
  • दो कप या यूरिन डिस्पोजल गिलास
  • सुबह का यूरिन

इस टेस्ट को करने का तरीका जानने के लिए लेख का अगला भाग जरूर पढ़ें।

डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

  1. इस टेस्ट को करने के लिए सुबह का समय अनुकूल है, इसलिए सुबह सबसे पहले जल्दी उठकर यूरिन को किसी गिलास या कप में स्टोर कर लें।
  1. इसके बाद जितना यूरीन आपने लिया है, उससे थोड़ी कम मात्रा में डेटॉल एक दूसरे बर्तन में निकालकर रख लें।
  1. तीसरे स्टेप में आप यूरीन वाले गिलास को उठाकर उसे डेटॉल वाले गिलास में मिला दें। ऐसा करने के बाद कुछ देर इंतजार करें कम से कम 5 मिनट और मिक्स की गई दोनों चीजों पर ध्यान रखें।

इस टेस्ट से जुड़ी और जानकारी जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।

डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट किस तरह से काम करता है?

जैसा कि लेख के शुरुआत में बताया गया है कि सुबह के समय गर्भवती महिला के यूरीन में एचसीजी हॉर्मोन का स्तर सबसे ज्यादा होता है (1)। इसके अलावा, यूरिन में यूरिक एसिड पाया जाता है (2)। वहीं, डेटॉल में मुख्य कंपाउंड क्लोरोक्सिलीनॉल पाया जाता है (3)ऐसे में माना जाता है कि जब क्लोरोक्सिलीनॉल के साथ यूरीन के मुख्य कंपाउंड मिलते हैं, तो केमिकल रिएक्शन होता है। इससे या तो यूरीन का रंग बदल सकता है या फिर उसमें झाग बन सकती है। इससे पता लगाया जा सकता है कि महिला गर्भवती है या नहीं, फिलहाल इस तथ्य की पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

आइए, अब इस घरेलू टेस्ट के रिजल्ट को समझने का प्रयास करते हैं।

डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट के परिणाम को ऐसे समझें?

डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट करने के बाद यह जानने की उत्सुकता सब में होती है कि प्रेगनेंसी रिपोर्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव। अब इसका रिजल्ट कैसे समझें, हम आपको नीचे बता रहे हैं।

  • पॉजिटिव रिजल्ट – जब यूरिन और डेटॉल के मिलते ही घोल झागदार हो जाए, तो इसका मतलब होता है प्रेगनेंसी टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आया है।
  • नेगेटिव रिजल्ट – अगर घोल में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होता है, तो इसका मतलब यह है कि टेस्ट नकारात्मक है।

आखिर इस टेस्ट की प्रमाणिकता क्या है? यह जानने के लिए लेख का अगला भाग जरूर पढ़ें।

डेटॉल से किया गया प्रेगनेंसी टेस्ट कितना सही होता है?

इस तरह की प्रमाणिकता के लिए कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इस कारण से यह तरीका पूरी तरह से भरोसेमंद नहीं माना जा सकता। गर्भावस्था का पता लगाने का यह घरेलू तरीका सस्ता और हानि रहित जरूर हो सकता है, लेकिन सटीक हो यह जरूरी नहीं है। इसलिए, हम यही सलाह देंगे कि कोई भी घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट करने से पहले एक बार डॉक्टर की राय जरूर लें।

आगे हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए डॉक्टर से संपर्क करने का सही समय क्या है।

चिकित्सक से कब संपर्क करें?

घरेलू तरीके से प्रेगनेंसी टेस्ट कर लेने के बाद भी अगर आपके मन में कोई दुविधा और शंका है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर, जब टेस्ट का परिणाम नकारात्मक होता है, लेकिन प्रेगनेंसी के लक्षण नजर जाते हैं। आइए, हम कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं, जिनके नजर आने पर आपको डॉक्टर से संपर्क चाहिए (3):

  • थकान
  • पीरियड्स का रुकना
  • उल्टी जैसा महसूस होना
  • जी मिचलाना
  • मूड स्विंग होना
  • सिरदर्द
  • बार-बार यूरिन का आना, खासकर रात में
  • स्तनों का संवेदनशील होना
  • विभिन्न चीजों को खाने का मन करता है

बेशक, डेटॉल प्रेगनेंसी टेस्ट की कोई वैज्ञानिक प्रमाणिकता नहीं है, लेकिन यह प्रेगनेंसी को रोचक बनाने का अनोखा तरीका जरूर है। बस ध्यान रहे कि घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट का नतीजा चाहे सकारात्मक ही क्यों न आए, लेकिन 100 प्रतिशत पुष्टि के लिए डॉक्टर से चेकअप करवाना जरूरी है। इस तरह के और घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में जानने के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

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