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सर्दी-जुकाम और बुखार की तरह डायरिया भी आम, लेकिन गंभीर समस्या है। गर्मी और बरसात के मौसम में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे अहम कारण गंदगी है। लगभग हर किसी ने अपने जीवन में कभी न कभी डायरिया का सामना किया ही होगा। जिन्हें डायरिया हुआ है, उन्हें पता होगा कि पेट में ऐंठन और सूजन कितनी तकलीफदेय होती है। बार-बार उल्टी और दस्त होना डायरिया के लक्षण हैं। अगर डायरिया का इलाज सही वक्त पर न किया जाए, तो इससे जान भी जा सकती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस लेख में हम आपको डायरिया के घरेलू उपाय बताएंगे। हमारे साथ जानिए डायरिया के लक्षण और डायरिया से बचाव के उपाय।
डायरिया क्या होता है?- What is Diarrhea in Hindi
अगर किसी व्यक्ति को लूज मोशन या पानी की तरह दस्त हों और साथ ही में लगातार उल्टी हो रही हो, तो यह डायरिया है। नोरोवायरस व संक्रमण दस्त के कारणों में से एक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि विकासशील देशों में यह 2 लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है (1)। स्वच्छता का पालन करके डायरिया से बचाव आसानी से किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। यूं तो दस्त की समस्या सिर्फ कुछ दिन तक ही रहती है, लेकिन कुछ मामलों में दस्त जान के लिए खतरा भी बन सकता है।
डायरिया की परिभाषा समझने के बाद, अब इसके प्रकारों के बारे में जान लेते हैं।
डायरिया के प्रकार – Types of Diarrhea in Hindi
डायरिया तीन प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं (2)।
- पानी जैसा दस्त (Acute Watery Diarrhea) : यह कई घंटों या दिनों तक रह सकता है। यह कॉलेरा संक्रमण (cholera infection) के कारण भी हो सकता है ।
- दस्त में खून (Acute Bloody Diarrhea) : इसमें पानी जैसा मल आता है, लेकिन मल के साथ खून भी आता है। इसे पेचिश भी कहा जाता है।
- लगातार होने वाले दस्त (Persistent Diarrhea) : यह 14 दिन या उससे अधिक दिनों तक रहते हैं।
आर्टिकल के इस भाग में जानिए कि यह समस्या किन-किन कारणों से हो सकती है।
डायरिया के कारण – Causes of Diarrhea Hindi
डायरिया के कारण कई हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं।
- दस्त की अधिकांश वजह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (gastrointestinal tract) में संक्रमण होता है।
- दूषित पानी या भोजन का सेवन करने से।
- ज्यादा यात्रा करने से और इधर-उधर का खाना खाने से।
- दवाइयां जैसे – एंटीबायोटिक या पेट साफ करने की दवा।
- 5. अधा पका या कच्चा मीट का सेवन करने से।
- वंशानुगत या आनुवंशिक स्थिति, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस या एंजाइम की कमी।
- पेट या पित्ताशय की थैली की सर्जरी कराने के बाद।
- पेट से संबंधित समस्या जैसे – इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome – IBS), माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस (microscopic colitis) के कारण।
- बच्चों में रोटावायरस (rotavirus) की वजह से डायरिया हो सकता है।
- स्विमिंग के दौरान दूषित पानी के पेट में चले जाने से।
- ज्यादा गर्म या नमी वाले मौसम से भी दस्त लग सकते हैं।
- जब शिशुओं के दांत निकलते हैं, तो उन्हें डायरिया हो सकता है। उस वक्त उनके मसूड़ों में खुजली होती है, तो वो कुछ भी उठाकर चबाने लगते हैं, जिस कारण उन्हें पेट संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।
अब हम उन लक्षणों की बात कर लेते हैं, जिनके कारण डायरिया होता है।
डायरिया के लक्षण – Symptoms of Diarrhea in Hindi
कई बार दस्त बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में चिकित्सा की जरूरत होती है। बेहतर है कि वक्त रहते इस पर ध्यान दिया जाए। अगर डायरिया का इलाज सही तरीके से करना है, तो पहले डायरिया के लक्षण जानने जरूरी हैं, ताकि इसका सटीक इलाज हो सके। डायरिया के कारण बताने के बाद अब हम आपको डायरिया के लक्षण बता रहे हैं।
- पेट दर्द
- सूजन
- पेट में मरोड़
- वजन घटना
- बुखार
- मल में रक्त आना
- लगातार उल्टी होना
- लगातार लूज मोशन होना
- शरीर में दर्द
- बार-बार प्यास लगना
- डिहाइड्रेशन
- सिरदर्द
आर्टिकल के इस अहम भाग में हम उन घरेलू उपायों की बात करेंगे, जिनसे डायरिया को ठीक किया जा सकता है।
डायरिया का घरेलू इलाज – Home Remedies for Diarrhea in Hindi
1. ओआरएस (ORS)
सामग्री :
- छह चम्मच चीनी
- एक चम्मच नमक
- एक लीटर उबला हुआ पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
- चीनी को पानी में मिलाएं।
- जब चीनी अच्छी तरह घुल जाए, तो इसमें नमक मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
इसका सेवन कब करें?
आप हर कुछ देर में या जितनी बार भी आपको लूज मोशन हो उसके बाद इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
बाजार में कई तरह के इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स उपलब्ध हैं, लेकिन अगर घर में किसी को अचानक डायरिया हो जाए, तो तुरंत इलाज के लिए घर में बना ओआरएस लाभकारी होता है। इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स या ओआरएस का सेवन काफी वक्त से लोग करते आ रहे हैं। डायरिया के दौरान डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है, जिस कारण कमजोरी होने लगती है। इस स्थिति में ओआरएस के सेवन से न सिर्फ कमजोरी दूर होगी, बल्कि डायरिया का असर भी कम हो सकता है (3) (4)।
2. नारियल पानी
सामग्री :
- एक गिलास ताजा नारियल पानी
क्या करें
- रोजाना एक गिलास ताजा नारियल पानी पिएं।
कब इसका सेवन करें?
आप रोजाना इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
जिनको हल्के दस्त की शिकायत है, वह नारियल पानी का उपयोग रिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए कर सकते हैं। साथ ही डायरिया के बाद होने वाली रिकवरी के दौरान, जो खाद्य पदार्थ दिए जाते हैं (रीफिडिंग- refeeding) उसके साथ भी आप इसका सेवन कर सकते हैं (5) (6)।
सावधानी – गंभीर डिहाइड्रेशन या दस्त के लक्षणों के उपचार के लिए इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। कॉलेरा या किडनी की समस्या में भी इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
3. चावल का पानी
सामग्री :
- आधा गिलास चावल का पानी
क्या करें?
- पके हुए चावल के पानी को छान लें।
- जब भी आपको डायरिया के दौरान लूज मोशन हों, उसके तुरंत बाद आधा गिलास चावल का पानी पिएं।
- यह उपचार छोटे बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
इसका सेवन कब करें?
आप दो से तीन बार या उससे ज्यादा बार भी इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
चावल का पानी आपके स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव डाले बिना मल की संख्या में कटौती कर सकता है। यह बच्चों में इन्फेंटाइल गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (infantile gastroenteritis) के कारण होने वाले डायरिया को रोकने में मदद कर सकता है। आप इसे हल्के खाद्य पदार्थ और ओआरएस के साथ ले सकते हैं। यह हल्के से लेकर सामान्य दस्त में ज्यादा असरदार होता है (7) (8)।
4. शहद
सामग्री :
- शहद
- पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
- लूज मोशन होने पर आप दिनभर में एक से दो चम्मच शहद का सेवन कर सकते हैं।
- इसके अलावा, आप गर्म पानी में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर उसे ठंडा करके पी सकते हैं।
कब इसका सेवन करें?
आप एक से दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद हैं, जो गैस्ट्रोएन्टेराइटिस (gastroenteritis) के कारण होने वाले डायरिया को कम करने में मदद करते हैं। अगर शहद को ओआरएस के साथ लिया जाए, तो इससे भी बैक्टीरियल डायरिया की अवधि कम हो सकती है (9)।
5. अदरक
सामग्री :
- अदरक के कुछ छोटे टुकड़े
- एक कप पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
- एक कप पानी में एक इंच या दो अदरक के टुकड़े डालें।
- अब इस मिश्रण को उबालें।
- जब यह उबाल जाए, तो इसे छानकर इसका सेवन करें।
कब इसका सेवन करें?
आप दिनभर में एक से दो बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
जापान की एक फार्मास्युटिकल सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अदरक में मौजूद एसीटोन एक्सट्रैक्ट सेरोटोनिन (मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से बनने वाला केमिकल) से दस्त को रोकने में मदद मिल सकती है (10)। इतना ही नहीं, अदरक पेट संबंधी अन्य समस्यायों जैसे – गैस, पेट दर्द, पेट फूलना, सीने में जलन व भूख न लगने से भी राहत दिलाता है (11)।
6. दही
सामग्री :
- दही
कैसे उपयोग करें ?
- आप एक कटोरी दही ऐसे ही खा सकते हैं।
- आप चावल के साथ भी दही का सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन कब करें?
आप एक दिन में दो से तीन बार दही का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
प्रोबायोटिक पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर सामान्य खाद्य पदार्थ की बात करें जिसमें प्रोबायोटिक मौजूद है, तो वह दही है। दही न सिर्फ ठंडा होता है, बल्कि डायरिया के दौरान इसका सेवन बहुत लाभकारी होता है। इससे डायरिया की अवधि कम हो सकती है और जल्द छुटकारा भी मिल सकता है (12) (13) (14) (15)।
7. ग्रीन या कच्चा केला
सामग्री :
- एक कच्चा केला
- नमक (स्वादानुसार)
- नींबू (वैकल्पिक)
बनाने और उपयोग करने की विधि :
- आप कच्चे केले को उबाल लें।
- इसे अच्छे से मैश यानी कुचल लें।
- फिर इसमें स्वादानुसार नमक और थोड़ा नींबू का रस निचोड़कर मिला लें।
- फिर इसका सेवन करें।
- आप उबले हुए चावल के साथ भी इसका सेवन कर सकते हैं।
इसका सेवन कब करें?
आप दिनभर में एक से दो बार इसका सेवन करें।
कैसे फायदेमंद है?
केले में पेक्टिन नामक तत्व होता है, जो डायरिया की समस्या को कम कर सकता है। अगर डायरिया में उबला हुआ केला दिया जाए, तो यह बहुत लाभकारी हो सकता है। अगर डायरिया के घरेलू उपाय की बात करें, तो यह अच्छा विकल्प है (16) (17)।
8. ग्रीन टी
सामग्री :
- एक चम्मच या एक ग्रीन टी बैग
- एक कप गर्म पानी
बनाने और उपयोग करने की विधि :
- एक चम्मच या एक ग्रीन टी बैग को एक कप गर्म पानी में पांच से छह मिनट के लिए भिगोकर रखें।
- फिर इसे छानकर इस चाय का सेवन करें।
इसका सेवन कब करें?
आप दिनभर में एक से दो बार पी सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
ग्रीन टी में अधिक मात्रा में कैटेकिन होता है, जो रेडियोथेरेपी से होने वाले डायरिया को कम करने में मदद कर सकता है। जो मरीज पेल्विक या पेट के निचले हिस्से में रेडियोथेरेपी करा चुके हैं और अगर डायरिया व उल्टी से पीड़ित हैं, तो उनके लिए हर रोज 450 मिलीग्राम (450 mg/day) ग्रीन टी सुरक्षित है। फिर भी इसे लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें (18)।
9. विटामिन-ए
सामग्री :
- विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स
उपयोग करने की विधि :
- अपने आहार में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – गाजर, शक्करकंद व पालक का सेवन करें।
- इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर से पूछकर विटामिन-ए के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
कब इसका सेवन करें?
आप अपने आहार में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
कई बार विटामिन-ए की कमी से भी डायरिया हो सकता है। ऐसे में विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट्स डायरिया से बचाव कर सकते हैं। हल्के डायरिया के दौरान विटामिन-ए के सेवन से भी इसके लक्षण कम हो सकते हैं। कुछ हद तक कहा जा सकता है कि विटामिन-ए की कमी और डायरिया के बीच संबंध है (19) (20) (21)।
10. कैमोमाइल टी (Chamomile tea)
सामग्री :
- एक कैमोमाइल टी बैग या एक चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल
- एक कप गर्म पानी
- दो से तीन पुदीने के पत्ते (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
- एक कप गर्म पानी में कैमोमाइल टी बैग या एक चम्मच सूखे कैमोमाइल फूल को थोड़ी देर भिगोकर रखें।
- अब आप इस गरमा गर्म काढ़े में पुदीने के पत्ते मिला दें।
- फिर इसका सेवन करें।
कब इसका सेवन करें?
डायरिया के दौरान आप दो से तीन कप कैमोमाइल टी का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदेमंद है?
कैमोमाइल चाय डायरिया के दौरान काफी आराम दिला सकती है। यह डायरिया की अवधि को कम कर सकती है। इसमें एंटी-डायरियल और एंटीस्पैस्मोडिक गुण मौजूद हैं। यह बच्चों में पेट दर्द की परेशानी से भी राहत दिला सकती है (22) (23) (24)।
दस्त लगने पर खान-पान का ध्यान रखना भी जरूरी है।
डायरिया में क्या खाना चाहिए – Foods to Eat for Diarrhea in Hindi
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डायरिया होने पर क्या खाना चाहिए।
- केला
- दही
- सेब
- उबले चावल
- खिचड़ी
- उबला आलू
- खूब सारा पानी पिएं
- एक बार में ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके कुछ-कुछ अंतराल में हल्की चीजें खाएं।
डायरिया में क्या न खाएं – Foods to avoid during Diarrhea in Hindi
आपने ऊपर जाना कि डायरिया के दौरान क्या खाना चाहिए। इसी के साथ आपके लिए यह जानना भी उतना ही जरूरी है कि डायरिया में क्या नहीं खाना चाहिए। नीचे हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं।
- मसालेदार खाद्य पदार्थ
- तैलीय चीजें
- बाहरी खाना या जंक फूड
- डिब्बेबंद खाद्य पदार्थ
- ड्राई फ्रूट्स
- शराब
- डेयरी प्रोडक्ट्स
- कच्ची सब्जियां
- साइट्रस फ्रूट्स
- कैफीन
इसके अलावा, ज्यादा भारी खाद्य पदार्थ जैसे – चिकन, मीट व अंडा इनके सेवन से बचें। ये आपके पेट के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
डायरिया से बचाव – Prevention Tips for Diarrhea in Hindi
डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय जानने के बाद अब वक्त आता है डायरिया से बचाव जानने का। नीचे हम आपको कुछ आसान और सामान्य टिप्स दे रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने आप को काफी हद तक डायरिया से बचा सकते हैं।
- हमेशा बाहर से आने के बाद, शौच से आने के बाद और खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साबुन व पानी से धोएं।
- किसी भी जानवर चाहे वो पालतू ही क्यों न हो, उसे छूने के बाद हाथों को धोएं।
- अगर आप ऐसी जगह हैं, जहां पानी नहीं है, तो अपने साथ सैनिटाइजर रखें और उसका उपयोग करें।
- जब आप कहीं यात्रा कर रहे हैं, तो कहीं भी कुछ भी न खा लें या कहीं का भी पानी न पिएं।
- हमेशा बाहर ऐसी जगह से खाएं जहां सफाई हो।
- ज्यादा चाय-कॉफी का सेवन न करें।
- कच्चे या आधे उबले अंडे का सेवन न करें।
- खाना बनाने के पहले सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें।
- फलों को खाने से पहले अच्छे से धो लें।
- बासी खाना या फ्रिज में ज्यादा दिनों तक रखा खाना न खाएं।
डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए – When To See A Doctor in Hindi
डायरिया के घरेलू उपाय हमने आपको बताएं, लेकिन उनके उपयोग से भी आपको कोई सुधार नहीं दिख रहा है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपके शिशु को 24 घंटों में छह से ज्यादा बार पानी जैसा लूज मोशन हो या तीन से ज्यादा बार उल्टी हो, तो बिना देर करते हुए डॉक्टर की सलाह लें।
- एक साल से ऊपर के बच्चे को भी 24 घंटे में छह बार से ज्यादा बार लूज मोशन हो, तो उसे जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं।
इसके अलावा, अगर आपको नीचे दिए गए कुछ लक्षण दिखते हैं, तो भी आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें –
- लगातार लूज मोशन हो
- कमजोरी हो
- लगातार वजन कम हो रहा हो
- लगातार उल्टी हो रही हो
- मल में खून आए
- लगातार पेट दर्द हो
- डिहाइड्रेशन हो
- बुखार हो या चक्कर आए
अगर डायरिया पर वक्त रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। हालांकि, ऊपर दिए गए डायरिया के घरेलू उपाय आपको इसके लक्षणों से राहत दिला सकता हैं, लेकिन सिर्फ घरेलू उपाय ही नहीं, इस स्थिति में खाना-पीना भी बहुत मायने रखता है। अगर आप सही खान-पान के साथ इन उपायों को आजमाएंगे, तो हो सकता है कि आपकी परेशानी जल्द ठीक हो जाए। घरेलू उपायों के बाद भी डायरिया के लक्षण ठीक होते नहीं दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर डायरिया का इलाज कराएं। डायरिया ऐसी स्थिति है, जो आपके दिन-प्रतिदिन की स्वच्छता की आदतों पर भी निर्भर करती है। इसलिए, डायरिया से बचाव के लिए आप अपनी जीवनशैली और आदतों में बदलाव लाएं। अगर आपके पास भी डायरिया से बचाव के कुछ घरेलू उपाय हैं, तो हमारे साथ नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।
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