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जीवन में कुछ लोग न चाहते हुए भी दुश्मन बन जाते हैं। ऐसे में हम सीधे-सीधे शब्दों में उन तक अपनी बात नहीं पहुंचा पाते। इस दौरान अपने गुस्से को जताने का एक अच्छा तरीका दुश्मनी शायरी भी है। दुश्मनी वाली शायरी के जरिए जज्बातों को व्यक्ति तक सही तरीके से पहुंचाया जा सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ऐसी ही दुश्मनों को जलाने वाली शायरी लेकर आए हैं। यहां आपको दुश्मनी वाली शायरी नए अंदाज में पढ़ने को मिलेंगी।
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लेख में यहां पढ़ें दुश्मनी पर शायरी और दुश्मन को जलाने वाले स्टेटस।
दुश्मनी वाली शायरी | Dushmani Quotes in Hindi | Shayari for Enemy
यहां नई-नई दुश्मनी पर शायरी और दुश्मन को जलाने वाले स्टेटस दिए गए हैं। इनके माध्यम से आप अपनी दुश्मनी बयां कर सकते हैं।
1. उसका एक ही उद्देश्य था मुझे गिराना,
दोस्ती करके मेरी जिंदगी को तबाह करना,
मैंने भी राह में आगे बढ़ते हुए कहा,
थोड़ी और मेहनत कर यदि मुझ तक है पहुंचना।
2. बहुत खूब किया मेरे दुश्मनों ने,
अनजान बन के चतुराई शुरू कर दी,
कोशिश की पर मुझ सा न बन सके,
फिर पीठ पीछे मेरी बुराई शुरू कर दी।
3. खूब मेहनत की और आगे बढ़ गया,
लेकिन अपनी नजरें कहीं नहीं झुकाई,
मेरे दुश्मन खुद जले और खूब जलते रहे,
मैंने किसी के जीवन में आग नहीं लगवाई।
4. मैं बदला लेने में विश्वास नहीं रखता,
बस खुद की मेहनत पर जोर देता हूं,
तोड़ दिया था जिन दुश्मनों ने मुझे,
उन्हें मैं निचोड़ कर रख देता हूं।
5. एक दिन गिरा देंगे मुझे दुनिया की नजरों से,
ऐसा मैं नहीं मेरे दुश्मन कहते रहते हैं,
मैं तो हाथी हूं जनाब मेरा रौब अलग है,
निकल जाता हूं गली से, कुत्ते भौंकते रहते हैं।
6. अच्छा मानते हो मुझे तो मैं तुम्हारा यार ही हूं,
दुश्मनी करने वालों का बाप और सरकार हूं,
जो कहना है सामने ही कहने की हिम्मत रख,
दुश्मनी भी अच्छे से निभाऊंगा मैं मक्कार नहीं हूं।
7. दोस्त थे वो मेरे अब नहीं रहे,
चलो दुश्मनी ही ठीक से जता दो,
लाख बुरा हूं मैं, चलो मान लिया,
कुछ अपनी अच्छाई ही बता दो।
8. जिनकी औकात नहीं कुछ मेरे सामने,
वो हमें अपनी औकात दिखाते हैं,
दुश्मनी करने वालों एक बात सुन लो,
हाथ जोड़ते हो तुम जहां, वो यहां सिर झुकाते हैं।
9. अभी सिर्फ दोस्ती ही देखी है तुमने मेरी ,
अभी तो दुश्मनी का सबक सिखाना बाकी है,
दोस्त था तो जान लुटा देता था तुम पर,
दुश्मनी कैसे निभाता हूं ये बताना बाकी है।
10. वो मेरी दोस्ती और मेरे प्यार को भुला गया,
लालच में पड़कर अब वो दुश्मनी पर आ गया,
करता था तारीफ कभी, अब बुराई से नहीं डरता,
मेरे दोस्त का यह अंदाज भी मुझको भा गया।
11. गैरों के साथ मिलकर तू अपनी औकात दिखा गया,
झूठे थे तेरे सारे जो जजबात वो दिखा गया,
अरे क्या कमी रह गई थी तेरी भलाई करने में,
दुश्मनी करके जो तू अपनी औकात दिखा गया।
12. दिया था साथ तेरा हर मुसीबत में,
फिर दोस्ती को अपनी क्यों अधूरा कर दिया,
दुश्मन नहीं थे मेरे इस जहान में सुन ले,
और तूने उस कमी को भी पूरा कर दिया।
13. दुश्मनों को भी खबर है मेरी,
तभी तो मेरा नाम हमेशा लिया करते हैं,
छुपा लेते हैं मेरे आते ही अपने खंजर को,
नजरें उठाने पर सलाम किया करते हैं।
14. करीब थे वो दिल के, अब दुश्मन बन गए,
गैरों के साथ मिलकर हौसले भी तन गए,
खंजर ही घोपेंगे वो भी तेरी पीठ पर सुन,
छोड़कर मुझे तुम जिनके मुरीद बन गए।
15. यह सब तो है बस सब्र मेरा,
लेकिन मैं तुमसे डरा नहीं हूं,
दुश्मनी कर भेले ही छोड़ गए तुम मुझे,
मैं जिंदा हूं अभी तक मरा नहीं हूं।
16. बेबस सा छोड़कर चल दिए गैरों की ओर,
दुश्मनी से तेरी अभी मैं डरा हूं नहीं,
वो कहते हैं कि मिटा देंगे हसती तेरी,
बता दो उन्हें मैं पहाड़ हूं, जर्रा नहीं।
17. तू दोस्ती को निभा भी नहीं सकता,
दुश्मनी को सही से जता भी नहीं सकता,
दुश्मन है आज तू मेरा, गलती क्या है मेरी,
तू तो किसी का साथ निभा भी नहीं सकता।
18. सुनो आज यह बात फिर से तुम्हें बताता हूं,
कान खोलकर सुन लो ये जो बात सुनाता हूं,
माना कि कर ली हमसे दुश्मनी तुमने,
दुश्मनी को भी मैं बड़ी शिद्दत से निभाता हूं।
19. अपने थे जो कभी अब वो सब पराए हैं,
छोड़ गए साथ मेरा अब गैरों के हम साए हैं,
दिया करते थे मिसाल दोस्ती की जो कभी,
वो सभी अब दुश्मनी पर उतर आए हैं।
20. सच को चादर ओढ़े देखा तो,
झूठ के फसाने नजर आए,
ध्यान दिया जब दुश्मनों पर मैंने,
दोस्त कई पुराने नजर आए।
21. ब्लेड की तेज धार से भी,
पेड़ एकदम गिर नहीं सकता,
दुश्मन लाख होशियार सही,
लेकिन मुझे नहीं हरा सकता।
22. दिखता है मेहनत का रंग मेरे पसीने में,
रहता हूं तैयार दोस्ती का जाम पीने में,
बढ़ता चला गया मंजिल की तरफ मैं भी,
आग लगती गई कई दुश्मनों के सीने में।
23. दोस्त ने दोस्ती छोड़कर दुश्मनी कर ली,
दोस्ती को भुलाकर नफरत दिल में भर ली,
नशा उतरेगा एक दिन झूठे अभिमान का,
तूने दोस्त को छोड़कर दुश्मनी की शरण ली।
24. मुझे नीचा दिखाने वाले मेरी ऊंचाई देख सकें,
दोस्ती छोड़ने वाले मेरी दुश्मनी देख सकें,
ऊपर वाला दुश्मनों को लम्बी उम्र दे,
ताकी वो सभी मेरी तरक्की देख सकें।
25. दुश्मनी से तेरी वाकिफ हूं,
मत समझो नादान मुझे,
सारे राज जानता हूं तेरे,
आंख खोल पहचान मुझे।
26. जाने क्या तू औकात मेरी,
मैं दुश्मनों का नवाब हूं,
सच्चों के लिए अच्छा हूं,
झूठों के लिए खराब हूं।
27. दुश्मनों की रूह कांप जाती है,
दोस्तों की जान कहलाते हैं,
रिश्ता चाहे कैसा भी हो हमसे,
हम बड़ी शिद्दत से निभाते हैं।
28. डरता नहीं दुश्मनों से,
बस एक खुदा से डरता हूं,
दुश्मनों के इलाके से,
मैं सर उठा के गुजरता हूं।
29. आज कामयाबी कदम चूमती है,
और हम जीते हैं बड़ी शान से,
तभी तो जलते रहते हैं दुश्मन,
मेरी तरक्की और मेरे नाम से।
पढ़ते रहें दुश्मनी शायरी हिंदी
30. जान देता हूं दोस्तों पर अपने,
दोस्तों के लिए मैं ताकत हूं,
बन गए हैं जो दुश्मन मेरे,
मैं उनके लिए बड़ी आफत हूं।
31. रहमत में अपनी छुपा लेना मेरे मौला,
दुश्मनों को मुझ से बचा लेना मेरे मौला।
32. मजा तो दुश्मन से लड़ने में है,
चुप रहकर सुकून में नहीं,
जो समझते हैं कि डर जाऊंगा बातों से,
तो सुन डरना तो अपने मैं खून से भी नहीं।
33. कितने ही दुश्मन,
हमें आए थे गिराने,
कुछ कर नहीं पाए,
गुजर गए कितने जमाने।
34. जिंदगी में आए दुश्मन बड़े-बड़े,
लेकिन हम कभी किसी से नहीं डरे,
दुश्मनी करना है तो कद ऊंचा करो,
क्योंकि हम चूहे नहीं मारते।
35. दोस्ती का दुश्मनी से कोई वास्ता नहीं होता,
दुश्मन भी डरकर भागते हैं वहां,
जहां कोई रास्ता नहीं होता।
36. शराफत से बात करो तो,
दुश्मन कमजोर समझ लेते हैं,
दिखा देते हैं जब औकात अपनी,
तब कोई और समझ लेते हैं।
37. दुश्मनों की तरक्की से जल जाएं,
उन लोगों में से हम नहीं हैं,
जलाया है अपनी तरक्की से कितनों को,
जमाने में ऐसे दुश्मन भी कम नहीं हैं।
38. अभी वक्त है तुम्हारा तो,
कानों में शोर तुम्हारा आएगा,
दुश्मनी करके तब बचकर रहना,
जब दौर हमारा आएगा।
39. नादान समझने वाले,
दुश्मन भी इस नादानी में है,
हम भी देखते रहते हैं,
कौन कितने पानी में है।
40. दुश्मनों ने सोचा कि नहीं आऊंगा मैं,
क्योंकि बहुत गहरी चोट खाया हूं,
नजरें उठाकर सलाम करो मुझे,
क्योंकि मैं वापस लौट आया हूं।
41. दुश्मनी तो कर ली तूने,
तू अब किस ओर जाएगा,
छुप न पाएगीं तेरी करतूतें,
हमारा जब दौर आएगा।
42. कद में जो बहुत छोटे हैं,
वो दुश्मनी क्या निभाएंगे,
औकात कर लो हमसे भिड़ने की,
तब दुश्मनी हम भी निभाएंगे।
43. दुश्मनों के दिलों में डर और,
खुदा मेरे दिल में मौजूद रहता है,
छूकर कहीं खाक मत हो जाना,
क्योंकि लहू में मेरे बारूद रहता है।
44. मेरे हार जाने का वो,
न जाने कब से इंतजार कर रहे हैं।
कम अकल हैं मेरे सारे दुश्मन,
अपना समय बेकार कर रहे हैं।
45. औकात नहीं है जिनकी खाक बराबर,
वो हमें दुश्मनी का पैगाम दे रहे हैं,
अपनी जुबां से मुझे रोज याद करते हैं,
और उसे हौसले का नाम दे रहे हैं।
46. जगह नहीं बची दिल में दोस्तों के लिए,
गिना भी नहीं सकता इतने जख्म दिए,
दोस्त थे कभी, आज वो दुश्मन हो गए,
दिल नहीं करता किसी से दोस्ती के लिए।
47. हाथ मिला लिया उसने औरों के साथ मिलकर,
हाे गया याराना अब बेगैरों के साथ मिलकर,
दुश्मनों से मिलकर दुश्मनी कर ली हमसे,
दोस्ती कर ली उसने गैरों के साथ मिलकर।
48. कल तक था जो भी अपना,
आज वो अफसाना बन गया,
कदम क्या चूमे तरक्की ने मेरे,
दुश्मन सारा जमाना बन गया।
49. सुनकर यह कैसा फसाना हो गया,
दुश्मन हमारा सारा जमाना हो गया,
हम करते रहे भलाई यारों की और,
दुश्मनों से ही उसका याराना हो गया।
50. मेरे दुश्मनों की ठोकरों ने मुझे,
सही रास्ता दिखाया है,
दोस्तों से खाकर धोखा,
अपनी मंजिल तक पहुंचाया है।
पढ़ें नई दुश्मनी शायरी हिंदी में
51. जिसका नाम शामिल,
मेरी धड़कनों में था,
जरूरत पड़ी तो वो शख्स,
मेरे दुश्मनों में था।
52. आखिर पछता रहे हो न,
तुम हमसे मुंह मोड़कर,
बाल भी बांका नहीं कर सके,
तुम हमसे दुश्मनी जोड़कर।
53. जब जरूरत थी दोस्त की,
तो कभी उसका जबाव न मिला,
दुश्मनों में शामिल हो गया वो,
अच्छा दिया उसने दोस्ती का सिला।
54. हाथों में सिर्फ खंजर नहीं,
उसकी आंखों में पानी भी होना चाहिए,
दुश्मन मेरा जो भी बने खुदा,
उसपर भी खुदा की महरबानी होनी चाहिए।
55. कभी लगता है कि दुश्मन ही करीब हैं,
जो हर दिन मेरा नाम ले लेते हैं,
अपनों की ही क्या तारीफ करूं मैं,
मुसीबत के समय भाग लेते हैं।
56. मिलते-मिलते भी लोग मुकर जाते हैं,
संग चलने वाले भी दुश्मन हो जाते हैं,
दुनिया में किसे कहूं अब अपना,
वक्त आने पर दोस्त भी छोड़कर चले जाते हैं।
57. खामोश रहूं तो दुनिया बदनाम करती है,
महफिल में रहूं तो बातें परेशान करती हैं,
जो दोस्त थे आज वो दुश्मनों के संग हैं,
अकेले में मुझे उसकी यादें हैरान करती हैं।
58. उसकी दुश्मनी का शोर,
मुद्दतों से मेरे कानों में गूंजता रहा,
और मैं पागलों के जैसे,
उसकी दोस्ती को यादों में ढूंढता रहा।
59. चेहरे की झूठी मुस्कुराहटें सब कहती हैं,
दुश्मनों की जिंदगी सिर्फ जलने में बीत जाती है।
60. निगाहों में ले कर घूमा हूं तो सिर्फ तरक्की की चमक,
दुश्मनों की निगाहों में अब वो खटकने लगी है।
61. दोस्तों को दुश्मन बनाना भी तो जानते हैं वो,
सामने नहीं आते हैं ऐसा गुनाह करके मेरे,
क्योंकि मेरी ताकत को भी पहचानते हैं वो।
आगे और हैं दुश्मनों को जलाने वाली शायरी
62. आज फिर कोई गम में गुजरा होगा,
जरूर फिर कोई हम से गुजरा होगा,
दुश्मनों को देखकर लगता है ऐसा,
आज फिर कोई जल-जलकर गुजरा होगा।
63. पेश-ए-जमीं रहूं या पेश-ए-आसमां रहूं,
रहता हूं अपने आप में मैं चाहे जहां रहूं,
दोस्तों ने खबर लेना छोड़ दिया है अब,
दुश्मनों को खबर है मेरी मैं जहां रहूं।
64. हादसे तो हर शख्स के साथ होते हैं यहां,
खिलौने बेबसी में फना होते हैं अब यहां,
दुश्मनों ने छोड़ दिया है मुझसे दूर रहना अब,
मुझे तोड़ने की तलाश में रहते हैं अब यहां।
65. जाल बुनने लगे हैं दुश्मन आसमान में,
दोस्त भी नहीं रहे अब इस जहां में,
मैं भी तो ठहर कर देखूं जोर कितना है,
सपने ऊंचे देखे हैं इस नन्ही सी जान ने।
66. मैं दुश्मनी को अंजाम दूंगा,
अपने दुश्मनों को ये पैगाम दूंगा,
रोक सको तो लगा लो जो दम तुम में है,
मैं खुद को एक नया मुकाम दूंगा।
67. मेरे दुश्मन कहकर चले गए कल आएगे,
कितने ही कल गुजर गए जाने वो कब आएगे।
68. हमसे न हो सकी इस जमाने से बंदगी,
मुझमें न दुश्मनों सी मक्कारियां थीं,
और न ही दोस्तों सी अदाकारियां थीं।
69. जो शब्द उसने कहा वही मैंने कहा,
तो हमने क्या बुरा कर दिया,
दुश्मनों से भरे जमाने ने हम पर,
दुश्मनी का इलजाम लगा दिया।
70. हसरतें कतरा-ए-कतरा ओस हुईं,
तपिश भी जिंदगी में खामोश हुईं,
दोस्तों से की थी साथ देने की गुजारिश,
दुश्मनी के नशे में उनकी यारी मदहोश हुई।
पढ़ते रहें दुश्मनी शायरी हिंदी
71. कतरा-कतरा बिखर रहा है कोई,
मेरी तरक्की से जल रहा है कोई,
हमने दुश्मनों को भी दी थी नसीहत,
नसीहत को छोड़कर उधड़ रहा है कोई।
72. दुश्मनी निभाने के लिए मिलना होगा,
तुम्हें अपनी तकदीर को बदलना होगा,
यूं दूर-दूर रहकर नहीं होता करार ये,
मुझसे टकराने के लिए मुझसा बनना होगा।
73. शिकवा है, शिकायत है,
ऐ दुश्मन तुमसे कई सवाल हैं,
कहीं तू बेहतरीन है इतना,
कहीं क्यों तेरा बुरा हाल है।
74. आज वो दोस्त भी दुश्मनों में शामिल था,
कल तक जो शख्स मेरी वजह से काबिल था।
75. दोस्तों से दोस्ती कभी भूल कर भी तोड़ना नहीं,
और जो दुश्मन हैं उन्हें कभी छोड़ना नहीं।
76. जिंदगी यही सोचते-सोचते निकल जाएगी,
आज मेरी बदलेगी तो कल तेरी बदल जाएगी,
किससे दोस्ती करूं और किससे दुश्मनी,
हम सब की शाम जिंदगी के साथ ढल जाएगी।
77. दुश्मनी हमसे कब तक निभाओगे,
एक दिन टूटकर बिखर जाओगे,
देखो अभी भी वक्त है साथ दो मेरा,
बरना सिर्फ तस्वीरों में नजर आओगे।
यहां एकदम नई दुश्मनी शायरी का कलेक्शन मौजूद है, जिनके जरिए आप अपना संदेश अपने दुश्मनों तक भेज सकते हैं। आप दुश्मनी पर शायरी और दुश्मन को जलाने वाले स्टेटस अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी शेयर कर सकते हैं। बस ध्यान दें कि किसी से भी दुश्मनी करना सही नहीं है। फिर भी यदि किसी से दुश्मनी हो जाए, तो उसे दोस्त बनाने की कोशिक करें।
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