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गर्भधारण करना हर महिला का सपना होता है। बेशक, इसमें कई तरह की शारीरिक परेशानियां होती हैं, लेकिन घर में नन्हे मेहमान के आने का अहसास मात्र ही इन परेशानियों को कम कर देता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था की पूरी योजना बनाने के बाद भी किसी न किसी परेशानी से जूझना पड़ता है, जिनका इलाज समय पर कराना जरूरी होता है, नहीं तो छोटी-सी समस्या बड़ा रूप ले सकती हैं। इन्हीं परेशानियों में से एक है, अस्थानिक गर्भावस्था, जिसे अंग्रेजी में एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic pregnancy) कहते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

सबसे पहले हमारे लिया यह जानना जरूरी है कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है।

अस्थानिक गर्भावस्था क्या है? | Ectopic Pregnancy Kya Hai

अस्थानिक का मतलब होता है गलत स्थान पर यानी गर्भावस्था के मूल कारण अंडाणु गलत स्थान पर जुड़ जाएं, उसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। इस स्थिति में अंडाणु गर्भाशय के अंदर विकसित होने की जगह उसके बाहर फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने लगते हैं (1) फैलोपियन ट्यूब में विकसित होने के कारण इस गर्भावस्था को ट्यूबल गर्भावस्था (Tubal pregnancy) भी कहते हैं। हालांकि, ऐसा दुर्लभ मामलों में ही होता है। हां, अगर इस गर्भावस्था के लक्षणों को शुरू में ही नहीं पहचाना गया, तो फैलोपियन ट्यूब फटने का खतरा भी हो सकता है, जिससे अंदर रक्त स्राव शुरू हो सकता है। सही समय पर इलाज न होने पर यह समस्या जानलेवा भी हो सकती है।

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अस्थानिक गर्भावस्था होने की आशंका कब होती है?

आमतौर पर गर्भधारण करने के बाद छठे से 10वें सप्ताह के बीच अस्थानिक गर्भावस्था का पता चलता है (2)। इसके अलावा, पीरिड्स मिस होने के दो सप्ताह बाद अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण महसूस होने लग जाते हैं। इसके लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और इसका इलाज कराना चाहिए।

आइए, अब जानते हैं कि यह गर्भावस्था किन महिलाओं को हो सकती है।

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क्या मुझे अस्थानिक गर्भावस्था होने का खतरा है? | Ectopic Pregnancy Kyu Hoti Hai

एक्टोपिक प्रेगनेंसी किसी भी महिला को हो सकती है, लेकिन कुछ लक्षण और कारण इसकी आशंका को बढ़ा देते हैं। नीचे हम बता रहे हैं कि आखिर किन-किन परिस्थितियों में अस्थानिक गर्भावस्था का खतरा होता है (3):

  • जिन महिलाओं को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो।
  • जिन महिलाओं को ट्यूबल एंडोमेट्रियोसिस हो।
  • धूम्रपान करने वालीं महिलाओं में इसकी आशंका बढ़ जाती है।
  • जिन महिलाओं ने गर्भनिरोधक कॉइल लगवाई हो।
  • अगर प्रेग्नेंट होने के लिए ट्यूब की सर्जरी कराई हो।
  • अगर कोई महिला 35 साल की उम्र के बाद गर्भवती हो।
  • हालांकि, कुछ मामलों में इसके कारणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

अभी तक हमने एक्टोपिक प्रेगनेंसी के खतरों के बारे में जाना। अब पता करते हैं, अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षणों के बारे में।

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अस्थानिक गर्भावस्था के लक्षण | Ectopic Pregnancy Ke Lakshan

एक्टोपिक प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं को इसके लक्षण समझ नहीं आते। हो सकता है, आपको पीरियड्स जैसा दर्द महसूस हो या फिर आपको मरोड़ और रक्तस्राव जैसा महसूस हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि आप इसके सभी लक्षण पहचान जाएं। नीचे हम कुछ लक्षण बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप कुछ हद तक एक्टोपिक प्रेगनेंसी को पहचान सकती हैं (4) :

  • योनि से रक्तस्राव होना एक्टोपिक प्रेगनेसी का लक्षण हो सकता है। यह रक्तस्राव सामान्य महावारी से कम या ज्यादा या सामान्य से ज्यादा गहरे रंग का हो सकता है।
  • पेट के निचले हिस्से में या श्रोणि के एक हिस्से में दर्द होना एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का लक्षण हो सकता है। यह दर्द लगातार बना रह सकता है, जो कभी हल्का हो सकता है, तो कभी तेज। कभी-कभी यह दर्द बहुत तेज भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • चक्कर आना, बेहोशी आना व कमजोरी महसूस होना भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा, कुछ मामलों में मल त्याग करते समय दर्द होना या दस्त लगना इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • अगर एक्टोपिक गर्भावस्था का जल्दी पता न चले, तो नलिका में खिंचाव पड़ सकता है, जिसके कारण यह फट भी सकती है। नलिका फटने से आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है, जिसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं, जैसे:
  1. सिर घूमना, पसीना आना, चक्कर आना।
  2. पेडू में तेज दर्द होना।
  3. कंधे और बाजू के जोड़ों में दर्द होना।
  4. दस्त लगना या पेशाब करते समय दर्द महसूस होना।

अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देरी न करें। आइए, अब जानते हैं कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी से निपटा कैसे जाए।

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अस्थानिक गर्भावस्था का निदान

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता लगाना आसान नहीं है। डॉक्टर इसकी जांच तभी करते हैं, जब आपको गर्भावस्था के दौरान बार-बार दर्द होता है। ऐसे में डॉक्टर पेल्विक परीक्षा करवाते हैं। इनके अलावा, अन्य जांच भी की जा सकती हैं (5):

  • रक्त परीक्षण : इसके जरिए, रक्त जांच में एचजीसी (ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन) का स्तर पता किया जाता है। एचसीजी एक हार्मोन है, जो गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होता है। अगर एचसीजी का स्तर बहुत ज्यादा है, तो यह एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको दर्द नहीं हो रहा और लक्षण फिर भी बने हुए हैं, तो यह टेस्ट दोबारा भी किया जा सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड : एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से निपटने के लिए डॉक्टर ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal ultrasound) का सहारा ले सकते हैं। योनि में एक डिवाइस डाला जाता है, जिससे अंदर का भाग देखा जा सकता है। अगर फैलोपियन ट्यूब में भ्रूण दिखाई दे, तो यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी होती है।

इसके अलावा, सोनोग्राफी के जरिए भी गर्भाशय की जांच की जा सकती है। अगर प्रेगनेंसी की पुष्टि हो चुकी है और फिर भी गर्भाशय में भ्रूण दिखाई न दे, तो यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। यह भी हो सकता है कि गर्भावस्था का शुरुआती चरण होने की वजह से भ्रूण न दिखाई दे या फिर यह गर्भपात का संकेत भी हो सकता है। इसकी पुष्टि डॉक्टर सिर्फ जांच के बाद ही करते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी जांच के अन्य तरीके :

अगर ऊपर बताए गए टेस्ट कारगर साबित नहीं हुए, तो डॉक्टर डी एंड सी सर्जरी (डाइलेशन और क्यूरेटेज) भी कर सकते हैं। यह छोटी-सी सर्जरी होती है, जिसमें सर्विक्स (गर्भाशय का मुख) को साफ किया जाता है। इसमें यूटेरियन टिश्यू का नमूना लिया जाता है और जांच की जाती है।

वहीं, बहुत कम मामलों में लेप्रोस्कोपी की जाती है। इसमें, एक छोटे से कैमरे की मदद से योनि के अंदर का भाग देखकर एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता लगाया जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी की जांच के बाद यह जानना भी जरूरी है कि इसका इलाज कैसे होता है।

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अस्थानिक गर्भावस्था का इलाज | Ectopic Pregnancy Ka Ilaj

अगर आपको अस्थानिक गर्भावस्था है, तो जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना होगा। देरी होने पर फैलोपियन ट्यूब के फटने का खतरा हो सकता है। यहां हम अस्थानिक गर्भावस्था के इलाज के बारे में बता रहे है:

अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता शुरुआत में ही चल जाए, तो डॉक्टर मिथोट्रेक्सेट (Methotrexate) नामक दवा के जरिए इस प्रेगनेंसी को समाप्त कर सकते हैं (6)

अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी की आशंका है, तो डॉक्टर ‘कीहोल सर्जरी’ कर सकते हैं। इसमें, छोटा-सा चीरा लगाकर पेट के जरिए डिवाइस अंदर डालकर नलिकाओं का निरीक्षण किया जाता है। अगर एक्टोपिक प्रेगनेंसी नजर आती है, तो लेप्रोस्कोप के जरिए ट्यूब को काटकर एक्टोपिक प्रेगनेंसी को निकाल दिया जाता है। वहीं, अगर फैलोपियन ट्यूब फट जाती है, तो कीहोल सर्जरी की जगह पेट का ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन ऐसा कम मामलों में ही होता है।

सर्जरी करने के बाद डॉक्टर फिर से एचसीजी का स्तर जांचते हैं। अगर एचसीजी का स्तर कम नहीं होता है, तो डॉक्टर मिथोट्रेक्टेस का इंजेक्शन लगा सकते हैं।

नोट : अगर महिला को किसी अन्य तरह की स्वास्थ्य समस्या है या शिशु को स्तनपान करवा रही है, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। ऐसे में हो सकता है कि डॉक्टर दवा न देकर किसी अन्य विकल्प को अपनाएं।

अब आप जान चुके हैं कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इलाज कैसे किया जा सकता है। आइए, अब पता करते हैं इसकी रोकथाम के बारे में।

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अस्थानिक गर्भावस्था की रोकथाम | Ectopic Pregnancy Se Bachne Ke Upay

परेशानियां कभी कहकर दस्तक नहीं देती हैं, लेकिन अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं, तो आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। बात करें अस्थानिक प्रेगनेंसी की, तो इसके लिए ज्यादा रोकथाम की जरूरत नहीं है, बस नीचे दी गई बातों को ध्यान में रख लें, तो इसके जोखिम से बचा जा सकता है, जैसे :

ज्यादा लोगों के साथ संबंध न बनाएं : यौन संक्रमण से एक्टोपिक प्रेगनेंसी का जोखिम बढ़ जाता है। एक से ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इस तरह की प्रेगनेंसी का खतरा बढ़ जाता है।

संक्रमण का तुरंत इलाज कराएं : अगर महिला को किसी तरह का यौन संक्रमण हो गया है, तो इसका जल्द से जल्द इलाज कराएं। जितनी जल्दी इसका इलाज कराएंगे, एक्टोपिक प्रेगनेंसी का खतरा कम हो जाएगा। पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब करते समय दर्द होना, योनि से असामान्य रक्तस्राव, योनि से दुर्गंध आना या फिर संभोग के दौरान दर्द होना यौन संक्रमण के सामान्य लक्षण हो सकते हैं। अगर महिला को ये सब लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज करवाना जरूरी है। इससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के खतरे को टाला जा सकता है। यौन रूप से सक्रिये होने के बाद समय-समय पर जांच कराते रहना अच्छा रहेगा।

धूम्रपान त्याग दें : धूम्रपान करने से भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, अगर कोई महिला गर्भवती होने की कोशिश कर रही है, तो धूम्रपान तुरंत छोड़ दे। इससे एक्टोपिक प्रेगनेंसी का खतरा कम हो सकता है (7)

अस्थानिक गर्भावस्था के बार में कई लोगों के मन में सवाल होते हैं, जो अक्सर पूछे जाते हैं। आइए, जानते हैं अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के बाद भविष्य में प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है?

हां, एक्टोपिक प्रेगनेंसी से भविष्य में महिला की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ना संभव है। ऐसा तब होता है, जब फैलोपियन ट्यूब को किसी तरह का नुकसान हुआ हो। अगर फैलोपियन ट्यूब पूरी तरह ठीक रहती है, तो गर्भधारण की संभावनाएं सामान्य बनी रहती हैं।

दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने की कितनी आशंका होती है?

दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने की आशंका बहुत कम रहती है। यूं कह लीजिए कि दोबारा एक्टोपिक प्रेगनेंसी की आशंका दस में से एक रह सकती है (4)। यह आशंका पूरी तरह से फैलोपियन ट्यूब की स्थिति पर निर्भर करती है। अगर पहले एक्टोपिक प्रेगनेंसी में फैलोपियन ट्यूब को ज्यादा क्षति नहीं हुई है, तो दूसरी गर्भावस्था सामान्य होने की संभावना बढ़ जाती है।

दोबारा गर्भधारण के प्रयास से पहले कितने समय इंतजार करना चाहिए?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद लगभग 3 महीने तक इंतजार करना चाहिए। इसके 18 महीने के बाद एक स्वस्थ गर्भावस्था हो सकती हैं (8)। हालांकि, इससे उबरना भावनात्मक रूप से मुश्किल होता है, इसलिए गर्भधारण करने पहले मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए और फिर उसके बाद दूसरी प्रेगनेंसी के बारे में योजना बनानी चाहिए।

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एक्टोपिक प्रेगनेंसी कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिससे बचा न जा सके। बस हर महिला को गर्भधारण करने से पहले और बाद में जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। वहीं, अगर कोई महिला इस समस्या से ग्रस्त है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही इस लेख में बताए गए टिप्स को फॉलो करने से भी फायदा हो सकता है। गर्भावस्था से जुड़ी हर तरह की जानकारी के लिए पढ़ते रहें मॉमजंक्शन।

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