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कहते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है, जो उसे बीमारियों से बचाने के साथ ही बच्चे के विकास में भी फायदेमंद होता है। मगर, कुछ परिस्थितियां ऐसी भी हैं, जिनमें मां अपने बच्चे को दूध पिलाने से कतराती है। वह सोचती है कि क्या इस दौरान बच्चे को दूध पिलाना सुरक्षित होगा? ऐसी ही एक परिस्थिति है, मां को सर्दी-बुखार होना। यही कारण है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम उन सभी तथ्यों को वैज्ञानिक प्रमाण के साथ उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिनसे यह पता चल सके कि सर्दी-बुखार होने पर बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए या नहीं। साथ ही इस स्थिति से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में भी आप इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे।

तो आइए सर्दी और बुखार में बच्चे को स्तनपान कराना कितना सही है, पहले हम इसी बारे में जान लेते हैं।

अगर मुझे सर्दी या बुखार है तो क्या मैं अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हूं? | Kya Bukhar Me Stanpan Kara Sakte Hain

हां, सर्दी या बुखार होने पर मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती है। दरअसल, मां के दूध में एंटीबॉडी और अन्य प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले तत्व मौजूद होते हैं। यह सभी तत्व शिशु को फ्लू और अन्य संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं। वहीं अगर मां अधिक बीमार है और वह शिशु को स्तनपान कराने में असमर्थ है। तो उसे ऐसी स्थिति में अन्य साधनाें (जैसे स्तन से अपना दूध पम्प के माध्यम से निकालकर) की सहायता से बच्चे को नियमित रूप से दूध देना चाहिए। ताकि शिशुओं से मां का दूध छुड़ाए बिना बच्चा बीमारियों से सुरक्षित रहे (1)

नीचे पढ़ें कि क्या मां से बच्चे को सर्दी या बुखार हो सकता है?

क्या स्तनपान के जरिए मां से बच्चे को सर्दी या बुखार हो सकता है?

नहीं, स्तनपान के जरिए मां से शिशुओं को सर्दी, बुखार या फ्लू नहीं होता है। वजह यह है कि फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ड्रॉपलेट्स (मुंह और नाक में मौजूद तरल) के माध्यम से ही फैल सकता है। हां, यह जरूर मुमकिन है कि स्तनपान कराते समय मां की संक्रमित लार और नाक के तरल के संपर्क में आने पर बच्चा भी संक्रमित हो सकता है, जिससे उसे सर्दी और बुखार हो सकता है। ऐसे में स्तनपान कराते समय प्रत्येक महिला को इन बातों का ध्यान रखते हुए स्तनपान कराने से पूर्व अपने हाथों और स्तनों को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए (1)

आगे जानें कि यदि मां को सर्दी या बुखार है, तो वह अपने बच्चे को संक्रमण से कैसे बचा सकती है।

मैं अपने बच्चे को ठंड/बुखार को पकड़ने से कैसे रोक सकती हूं?

अपने शिशु को सर्दी, बुखार या फ्लू से बचाने के लिए मां को कुछ सावधानी बरतनी चाहिए। इसकी चर्चा हम नीचे क्रमवार दिए बिंदुओं के माध्यम से कर रहे हैं  (2) (1):

  • पीड़ित माताओं को शिशु या किसी भी वस्तु को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोकर सुखा लेना चाहिए।
  • अगर सीधे स्तनपान करने की जगह पंप का उपयोग कर रही हैं, तो पंप की उचित सफाई का भी ध्यान रखना जरूरी है।
  • खांसी या छींक आने पर टिश्यू पेपर का उपयोग करें और उसे सीधे कूड़ेदान में डालें।
  • सर्दी या फ्लू की समस्या में एक मां को अपने बच्चे के साथ सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए या फिर उससे संपर्क के दौरान उचित दूरी बनाकर रखना चाहिए।
  • बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान अगर मां को खांसी या छींक आती है, तो इसके लिए मास्क का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।
  • सर्दी और बुखार होने पर बच्चे को चुंबन करने से बचें।
  • इसके अलावा बोतल के निप्पल के छेद को जांच के लिए उसे अपने मुंह न रखें। उसे साफ हाथों से ही दबा कर देखें।

लेख के इस हिस्से में पढ़ें सर्दी और बुखार होने पर भी बच्चे के लिए स्तनपान क्यों जरूरी माना जाता है।

सर्दी या बुखार होने पर भी स्तनपान क्यों जारी रखना चाहिए ?

सर्दी और बुखार होने पर भी बच्चे को स्तनपान कराना जरूरी माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मां का दूध शिशु के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। साथ ही मां के दूध से बच्चे को एंटीबॉडी प्राप्त होती हैं, जो उसे कई बीमारियों और संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती हैं (1)। इसके अलावा अगर स्तनपान कराने वाली महिला के स्तन से दूध नहीं निकलता है, तो इस कारण महिलाओं को मास्टिटिस (स्तन में सूजन) और स्तन में फोड़े होने की समस्या हो सकती है (3)। बता दें कि मास्टिटिस की समस्या के कारण बुखार और बढ़ सकता है (3)

आगे जानकारी दी जा रही है कि सर्दी और बुखार होने पर कब बच्चे को स्तनपान नहीं कराना चाहिए।

सर्दी या बुखार होने पर किन परिस्थितियों में स्तनपान बंद कर दें

आमतौर पर जब मां बीमार होती है, तब भी स्तनपान जारी रखने की सलाह दी जाती है। मगर, कुछ स्थितियां ऐसी भी हो सकती हैं, जिनमें महिलाओं को स्तनपान कराने से मना किया जा सकता है। नीचे हम उन्हीं स्थितियों के बारे में बता रहे हैं (5):

  • अगर महिला एचआईवी से संक्रमित है, तो स्तनपान कराने से मना किया जा सकता है।
  • इसके अलावा ह्यूमन टी-सेल लिम्फोट्रोपिक वायरस (एक प्रकार का रेट्रोवायरल संक्रमण) टाइप-1 या टाइप-2 से संक्रमित होने पर भी स्तनपान बंद कराने की सलाह दी जा सकती है।
  • टीबी (Tuberculosis) की समस्या में भी शिशु को स्तनपान नहीं कराने की सलाह दी जाती है।
  • कुछ दवाओं को शिशुओं के लिए खतरनाक माना जाता है और जो स्तन के दूध के माध्यम से शिशु तक पहुंच सकती हैं। इनमें एड्स के उपचार के लिए ली जाने वाली दवाएं, एस्ट्रोजन युक्त जन्म नियंत्रण गोलियां, कैंसर कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाली दवाएं और माइग्रेन का इलाज करने के लिए ली जाने वाली कुछ दवाएं शामिल हैं।
  • इसके अलावा रेडिएशन थेरेपी लेने वाली महिलाओं को भी स्तनपान नहीं कराना चाहिए।

आगे पढ़ें कि बीमार होने पर दूध की आपूर्ति पर कोई असर होता है या नहीं?

क्या बीमार होने से मेरी दूध की आपूर्ति पर कोई असर पड़ेगा?

हां, बीमार होने पर दूध की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। रिसर्च में पाया गया कि कुछ परिस्थितियों के होने पर स्तन के दूध की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिनमें मां के बीमार होने को भी शामिल किया गया है (1) मगर, इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। जैसे ही बीमारी दूर होती हैं, वैसे ही दूध की आपूर्ति भी ठीक हो जाएगी। इसलिए बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखें।

नीचे पढ़ें कि क्या ठंड और बुखार लगने पर दवाएं लेकर स्तनपान कराया जा सकता है।

क्या स्तनपान के दौरान ठंड और बुखार के लिए दवाएं लेना सुरक्षित है?

हां, स्तनपान के दौरान ठंड और बुखार होने पर दवा लेना सुरक्षित माना जा सकता है। सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से इस बात की जानकारी मिलती है। इस रिसर्च में माना गया है कि फ्लू की समस्या गंभीर स्थिति में स्तनपान कराने वाली महिलाएं कुछ विशेष एंटीवायरल दवाओं का उपयोग कर सकती हैं। इन दवाओं में ओसेल्टामिविर (oseltamivir) जैसी दवा का नाम शामिल है, जो महिला के दूध में बहुत ही कम मात्रा में शामिल होता है (1)। इसलिए फ्लू, ठंड या बुखार जैसी समस्या से निपटने के लिए किसी भी दवा का प्रयोग करने के पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

यहां पढ़ें स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए बुखार के घरेलू उपचार क्या क्या हो सकते हैं।

ब्रेस्टफीडिंग महिलाओं के लिए बुखार के घरेलू उपचार | Home Remedies For Fever During Breastfeeding In Hindi

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं बुखार से राहत पाने के लिए यहां बताए गए कुछ घरेलू उपायों को अपनाया सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार है – 

  • ठंडे पानी की पट्टियां: स्तनपान कराने वाली महिलाएं बुखार की स्थिति में घरेलू उपचार के तौर पर ठंडे पानी की पट्टियां माथे पर रख सकती हैं। रिसर्च अनुसार ठंडे पानी की पट्टियां शरीर के तापमान को कम कर बुखार की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकती हैं (6)
  • विटामिन सी सप्लीमेंट या खाद्य पदार्थ : सर्दी और बुखार होने पर विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में मददगार हो सकता है। साथ ही यह कॉमन कोल्ड की अवधि को कम करने में भी सहायक हो सकता है (7)। ऐसे में विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे :- खट्टे फल, कीवी, आम, ब्रोकोली, टमाटर को शामिल किया जा सकता है (8)। वहीं विटामिन सी को सप्लीमेंट के तौर पर लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
  • जिंक सप्लीमेंट या खाद्य पदार्थ : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च के अनुसार बुखार की अवधि को कम करने के लिए जिंक युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट भी फायदेमंद हो सकते हैं (7)। जिंक युक्त खाद्य पदार्थ में मीट, कद्दू का बीज, सीफूड, बीन्स, अंडे, दही, दाल और सोया प्रोडक्टस को शामिल किया जा सकता है (9)। इसके अलावा, जिंक को सप्लीमेंट के रूप में लेने के लिए डॉक्टर से सलाह ले लें।
  • खुद को हाइड्रेट रखें: सर्दी या बुखार जैसी बीमारी की हालत में खुद को हाइड्रेट रखना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इससे संबंधित एक शोध से जानकारी मिलती है कि अधिक पानी पीने से न केवल शरीर में पानी की पूर्ति होती है, बल्कि बलगम की चिपचिपाहट भी कम होती है। साथ ही पानी का अच्छी मात्रा में सेवन बुखार को कम करने में भी मदद कर सकता है (10)
  • ह्यूमिडिफायर: घर में हवा को नम बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, ह्यूमिडिफायर एक ऐसा यंत्र है, जो गर्म हवा को खत्म कर घर की नमी को बनाए रखता है। वहीं एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च से इस बात की जानकारी मिलती है कि ह्यूमिडिफायर निर्जलीकरण की समस्या में मदद कर सकता है (11)। वहीं डिहाइड्रेशन को बुखार का एक कारण माना गया है (12)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि ह्यूमिडिफायर की मदद से निर्जलीकरण को रोक कर बुखार की समस्या में कुछ हद तक मदद मिल सकती है।
  • नेजल सेलाइन का उपयोग: सर्दी जुकाम के दौरान बंद नाक से राहत पाने के लिए नेजल सेलाइन का इस्तेमाल एक बेहतरीन उपाय साबित हो सकता है। यह नाक के अंदर जमे म्यूकस को बाहर निकालने में मदद कर सकता है, जिससे बंद नाक की समस्या से कुछ हद तक राहत मिल सकती है (13)

इस लेख के माध्यम से हमने उन तमाम जानकारियों को प्रस्तुत करने की कोशिश की है, जो बुखार और सर्दी के समय स्तनपान से जुड़ी हुई हैं। साथ ही यहां इस बात को भी बताया गया कि किस प्रकार सुरक्षित तरीकों को अपनाकर शिशुओं को स्तनपान कराया जा सकता है और उन्हें बीमार होने से रोका जा सकता है। वहीं आर्टिकल के अंत में बुखार को कम करने वाले कुछ घरेलू नुस्खों से जुड़ी जानकारी भी दी गई है। ऐसे में आशा करते हैं कि यह लेख स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए काफी लाभदायक साबित होगा। शिशुओं से जुड़े ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन पर बने रहें।

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