Dr. Zeel Gandhi, BAMS
Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

सर्दियों में कुछ शारीरिक समस्याओं से कई लोग परेशान रहते हैं, जिनमें खांसी, जुकाम, सिरदर्द व गले की खराश शामिल है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को गले में खुरदुरापन महसूस होता है। साथ ही दर्द भी हो सकता है। यह समस्या कई कारणों से हो सकती है। इस लेख में हम गले में खराश के कारण, लक्षण और गले में खराश के घरेलू उपचार बता रहे हैं, ताकि गले की खराश के लक्षणों से कुछ राहत मिल सके। इस लेख में बताए गए सभी घरेलू उपाय वैज्ञानिक शोध पर आधारित हैं, लेकिन ये मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हैं। इसलिए, गले में खराश की समस्या गंभीर होने पर बेहतर इलाज के लिए डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाएं।

नीचे विस्तार से पढ़ें

आइए, सबसे पहले जानते हैं कि गले में खराश की समस्या किसे कहते हैं।

 गले में खराश क्या है? – What is a Sore Throat in Hindi

गले में खराश ऊपरी श्वसन मार्ग में होने वाला संक्रमण है। यह संक्रमण गले के रेस्पिरेट्री म्यूकोसा (श्वसन तंत्र की झिल्ली) के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। इसे “ऊपरी श्वसन पथ का संक्रमण” भी कह सकते है। गले में खराश, ग्रसनीशोथ ,टॉन्सिल , सामान्य सर्दी, साइनसाइटिस, ओटिटिस मीडिया या ब्रोंकाइटिस इत्यादि इसके रूप हो सकते हैं। गले में खराश का कारण जीव बैक्टीरिया हो सकते हैं, जिनमें स्ट्रेप्टोकोकस सबसे आम बैक्टीरिया है। इसके संक्रमण से गले में अजीब-सा खुरदरापन महसूस हो सकता है। जैसे-जैसे समस्या बढ़ती है, गले में दर्द शुरू हो जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को गले में अधिक दिक्कत और बेचैनी का सामना करना पड़ सकता है। इस अवस्था में मरीज को कुछ निगलने या पानी पीने पर गले में दर्द होता है (1)

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आइए, अब जानते हैं कि गले में खराश क्यों होती है यानी गले में खराश के कारण क्या-क्या हो सकते हैं।

गले में खराश के कारण – Causes of Sore Throat in Hindi

 गले में खराश की समस्या एक या एक से अधिक कारणों से हो सकती है (2)

  • सामान्य जुकाम/इन्फ्लूएंजा
  • बैक्टीरिया/वायरस
  • गर्म और सूखा वातावरण
  • धूल या मिट्टी
  • अधिक शराब का सेवन
  • धूम्रपान
  • अन्य व्यक्ति द्वारा धूम्रपान
  • वायु प्रदूषण
  • तापमान में अचानक बदलाव
  • खर्राटे
  • एलर्जी

गले में खराश क्यों होती है, यह जानने के बाद लेख में आगे जानते हैं कि खराश होने पर क्या-क्या लक्षण नजर आ सकते हैं।

गले में खराश के लक्षण – Symptoms of Sore Throat in Hindi

गले में खराश होने पर बोलने और सांस लेने के अलावा कुछ और लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जैसे (3):

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • जोड़ों का दर्द या मांसपेशियों में दर्द
  • त्वचा पर चकत्ते
  • गर्दन की ग्रंथियों में सूजन
  • कर्कश आवाज
  • भोजन निगलने में परेशानी
  • खांसी

आगे है और जानकारी

गले में खराश के लक्षण के बाद अब जानते हैं कि गले में खराश होने पर क्या घरेलू उपाय करें।

गले में खराश दूर करने के घरेलू उपाय – Home Remedies for Sore Throat in Hindi

गले में खराश क्यों होती है (gale me kharash kyu hota hai) यह लेख में बताया जा चुका है। इसे दूर करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया जा सकता है। ये घरेलू उपचार गले की खराश के लक्षणों को कम कर सकते हैं, लेकिन इसके पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह लेना सही होगा। इसलिए, अगर गले में खराश की स्थिति गंभीर हो, तो केवल घरेलू नुस्खों पर निर्भर न रहें। गले में खराश के घरेलू उपचार इस प्रकार हैं।

1. नमक का पानी

सामग्री :

  • आधा चम्मच नमक
  • एक गिलास गुनगुना पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • नमक को पानी में मिलाएं।
  • इस पानी से रोज 3-4 बार गरारे करें।

कैसे है लाभदायक :

गले में खराश के घरेलू उपचार में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नुस्खा है गरम पानी। इसके साथ गले की खराश के घरेलू उपाय के रूप में नमक का प्रयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जलनेति (नाक के मार्ग की सफाई) करने के लिए नमक वाले पानी का उपयोग किया जाए, तो गले की खराश को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। नमक युक्त गर्म पानी में एंटी-वायरल गुण मौजूद होते हैं, जो मुंह व गले के बैक्टीरिया और वायरस को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इससे गरारे करने से गले की सूजन और खुरदुरेपन से राहत मिल सकती है (4)

2. कैमोमाइल चाय

सामग्री :

  • कैमोमाइल चाय के फूल
  • एक कप पानी

बनाने व प्रयोग की विधि : 

  • कैमोमाइल चाय के फूल को एक छलनी में रखें।
  • इस छलनी को एक खाली कप के ऊपर रखें।
  • एक कप गर्म पानी को फूलों के ऊपर डालें।
  • फिर इस कैमोमाइल चाय का सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

कैमोमाइल चाय में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। गले में खराश के घरेलू उपचार के रूप में जब इसका सेवन किया जाता है या इससे गरारे किए जाते हैं, तो गले के टिश्यू की सिकाई होती है। साथ ही कैमोमाइल चाय का उपयोग मुंह और गले में मौजूद श्लेष्म झिल्ली (mucous membranes) की सूजन को कम करने में भी मदद कर सकता है (5)

3. सेब का सिरका

सामग्री :

  • एक चम्मच सेब का सिरका
  • आधा चम्मच नमक
  • एक गिलास गर्म पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • गर्म पानी में सेब का सिरका और नमक मिला लें।
  • अब इस पानी से गरारे करें।
  • यह प्रक्रिया दिन में 4-5 बार करें।
  • आप चाहें तो आधा लिटर गर्म पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर स्टीम भी ले सकते हैं।

कैसे है लाभदायक : 

गले में खराश के लक्षण दिखाई देने पर घरेलू उपचार के तहत सेब के सिरके का प्रयोग किया जा सकता है। सेब का सिरका एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुण से परिपूर्ण होता है। यह कई प्रकार के बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकता है, जिसमें स्टेफिलोकोकस ऑरियस भी शामिल है (6)। स्टेफिलोकोकस ऑरियस को गले और नाक के संक्रमण और खराश का मुख्य कारण माना जाता है (7)। सेब का सिरका गले की खराश में और किस-किस तरह से फायदा पहुंचा सकता है, इस पर और शोध किए जाने की जरूरत है।

4. मेथी के बीज

सामग्री :

  • एक चम्मच मेथी के बीज
  • दो गिलास पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • पानी में मेथी डालकर अच्छी तरह उबाल लें।
  • पानी को ठंडा होने दें।
  • फिर पानी को छानकर गरारे करें।
  • यह प्रक्रिया दिन में 4-5 बार करें।

कैसे है लाभदायक :

गले की खराश का देसी इलाज में मेथी भी शामिल है। मेथी के बीज एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से परिपूर्ण होते हैं, जो शरीर के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही मेथी गले से अतिरिक्त बलगम को साफ करने में भी उपयोगी होती है, जिससे खांसी की समस्या कम हो सकती है। यह फेफड़ों में बलगम की जमावट को साफ कर सकती है, क्योंकि यह बलगम को घुलाने की क्षमता रखती है। इसलिए, मेथी का उपयोग जुकाम, खांसी, निमोनिया, गले की खराश और श्वसन वाहिकाओं की समस्या से निजात पाने में किया जा सकता है। साथ ही इसमें सूजन कम करने की क्षमता होती है, इसलिए गले की खराश को दूर करने के लिए मेथी के बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं (8)

5. लहसुन

 सामग्री :

  • लहसुन की एक कली

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • लहसुन की कली को दो भागों में काट लें।
  • अब लहसुन को मुंह में रखें।
  • धीरे-धीरे लहसुन के रस को चूसें।

कैसै है लाभदायक :

लहसुन को न केवल मसाले के रूप में, बल्कि ऐसे पदार्थ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है, जो सूक्ष्म जीवों को नियंत्रित रख सकता है। लहसुन के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। इन्हीं गुणों के चलते लहसुन का इस्तेमाल सदियों से जुकाम और उसके अन्य लक्षण जैसे नाक बंद होना व छींक आना आदि में किया जाता है। वहीं, गले में खराश का एक कारण जुकाम भी होता है, इसलिए गले में खराश के घरेलू उपचार में लहसुन को इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस संबंध में और शोध की जरूरत है (9) (10)। फिलहाल, इस संबंध में और शोध की जरूरत है।

6. लौंग की चाय

सामग्री :

  • 2 लौंग
  • चायपत्ती (आवश्यकतानुसार)
  • चीनी (आवश्यकतानुसार)
  • दूध (वैकल्पिक )

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • एक कप से थोड़ा ज्यादा पानी उबालने के लिए रखें।
  • पानी उबलने पर चायपत्ती, लौंग और चीनी डालें।
  • 6-7 मिनट तक मध्यम आंच पर पानी उबलने दें।
  • अब कप में चाय छान कर पिएं। स्वाद के लिए इसमें दूध मिलाया जा सकता है।

कैसे है लाभदायक :

गले की खराश के इलाज के रूप में लौंग का प्रयोग कर सकते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों में लौंग के एसेंशियल ऑयल को गले के इन्फेक्शन से राहत देने में कारगर पाया गया है। लौंग में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो गले और मुंह में स्टेफिलोकोकस जैसे विषैले जीवाणुओं के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं (11)लौंग को श्वसन विकार, सिरदर्द और गले की खराश की पारंपरिक दवा के रूप में अच्छी पहचान हासिल है (12)। इसलिए, गले में किसी भी प्रकार के संक्रमण से राहत के लिए लौंग से बने थ्रोट स्प्रे का इस्तेमाल किया जाता रहा है (13)

7. अदरक

सामग्री :

  • आधा चम्मच अदरक बारीक कटा हुआ
  • चीनी (आवश्यकतानुसार)
  • चायपत्ती (आवश्यकतानुसार)
  • पानी (डेढ़ कप)

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • डेढ़ कप पानी को गर्म करने के लिए रखें।
  • उबलते पानी में अदरक, चीनी और चायपत्ती डालें।
  • फिर पानी को करीब 5 मिनट तक उबालें।
  • अब इस पानी को छानकर कप में डालें और धीरे-धीरे पिएं।

कैसे है लाभदायक :

गले की खराश के लिए घरेलू उपाय के रूप में अदरक गले की खराश दूर करने का एक कारगर नुस्खा हो सकता है। गले की खराश से पीड़ित व्यक्ति अदरक की चाय बनाकर दिन में दो से तीन बार लेने से आराम महसूस कर सकता है। अदरक के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण गले और मुंह के संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकते हैं (14)

8. अनानास

सामग्री :

  • अनानास (आवश्यकतानुसार)

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • सबसे पहले तो अनानास को छील लें।
  • अब उसके टुकड़े करें और बाउल में डालकर खाएं।
  • आप जूसर की मदद से अनानास का जूस निकाल कर भी पी सकते हैं।

कैसे है लाभदायक :

अनानास में ब्रोमेलेन नामक एक एंजाइम होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। गले की सूजन और खराश को दूर करने के लिए यह एंजाइम मदद कर सकता है। इसके साथ ही अनानास में विटामिन-सी भी होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद मिल सकती है (15)। इसलिए, गले में खराश के कारण और जोखिम जैसे की सर्दी और खांसी को दूर रखने में अनानास मददगार हो सकता है।

9. मुलेठी 

सामग्री :

  • आधा चम्मच मुलेठी की जड़ का चूर्ण
  • पीसी हुई एक इलायची
  • 5-6 तुलसी की पत्तियां
  • 1 लौंग पिसी हुई
  • 2 काली मिर्च पीसी हुई
  • तीन कप पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • पानी को बर्तन में डालकर उबाल लें।
  • अब पानी में मुलेठी, लौंग, तुलसी, इलाइची व काली मिर्च डालें।
  • इस मिश्रण को 15-20 मिनट तक पकाएं।
  • फिर इस मिश्रण को एक कप में छान लें।
  • अब गर्मा-गर्म काढ़ा पिएं।
  • इस काढ़े का रोज सुबह सेवन किया जा सकता है।

कैसे है लाभदायक :

इस लेख में आप जान चुके हैं कि गले में खराश क्यों होती है (gale me kharash kyu hota hai)। इसका कारण बैक्टीरिया हो सकता है और मुलेठी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो गले और मुंह के बैक्टीरिया को दूर करने में मदद कर सकते हैं। मुलेठी का यह काढ़ा गले में खराश के कारण माने जाने वाले जुकाम, खांसी, गले में दर्द और सूजन को जल्दी ठीक कर सकता है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुण के चलते गले की खराश के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता हैं (16)

10. काली मिर्च

सामग्री :

  • दो काली मिर्च पिसी हुई
  • बारीक कटा हुआ एक चौथाई चम्मच अदरक
  • शहद एक चम्मच
  • एक चम्मच नींबू का रस (वैकल्पिक)

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • एक कप से थोड़ा ज्यादा पानी गर्म करने के लिए रखें।
  • उसमें काली मिर्च और अदरक डालें।
  • 5-6 मिनट अच्छी तरह उबालने के बाद पानी को छानकर कप में डालें।
  • अब इसमें शहद मिलाएं।
  • जरूरत के अनुसार इसमें नींबू का रस भी मिलाया जा सकता है।

कैसे है लाभदायक :

गले की खराश दूर करने के लिए काली मिर्च का इस्तेमाल चाय की तरह कर सकते हैं। काली मिर्च एक गुणकारी पदार्थ है, जिसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। काली मिर्च का इस प्रकार इस्तेमाल गले और मुंह के बैक्टीरिया को खत्म करने में मददगार साबित हो सकता है। इसलिए, गले की खराश के इलाज के रूप में काली मिर्च प्रयोग कर सकते हैं (17)

11. पेपरमिंट की चाय

सामग्री :

  • 2 चम्मच सूखे पेपरमिंट के पत्ते या 1 पेपरमिंट टी बैग
  • 2 कप पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • सूखे पेपरमिंट के पत्ते या पेपरमिंट टी बैग को दो कप पानी में डालकर उबालें।
  • इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
  • फिर छलनी से छानकर इस चाय का सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

पेपरमिंट के पत्तों में मेंथॉल नामक तत्व पाया जाता है, जो जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुणों को प्रदर्शित करता है। इनकी मदद से ही मेंथा प्रजाति के पौधे गले में खराश जैसे संक्रमण पर काबू पाने में कारगर हो सकते हैं (18) (19)। इसलिए, अगर गले में खराश के कारण कोई व्यक्ति परेशान है, तो पेपरमिंट के पत्तों की चाय पी सकता है।

12. शहद

सामग्री :

  • आधा चम्मच नींबू का रस
  • एक कप गर्म पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • एक कप गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाएं।
  • अब इस पेय को धीरे-धीरे पिएं।
  • इस पेय को दिन में दो बार लें।

कैसे है लाभदायक : 

गले की खराश के घरेलू उपाय के रूप में शहद का सेवन किया जा सकता है। शहद एक कारगर औषधि है, जिसका इस्तेमाल शारीरिक समस्याओं से निजात पाने के लिए लंबे समय से किया जा रहा है। शहद एंटीमाइक्रोबियल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से परिपूर्ण होता है। इन गुणों के चलते शहद गले की खराश से निजात पाने का सुरक्षित विकल्प हो सकता है (20) (21)

13. बेकिंग सोडा

सामग्री :

  • एक चम्मच बेकिंग सोडा
  • दो गिलास गुनगुना पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • बेकिंग सोडा पानी में घोल लें।
  • इस पानी से गरारे करें।

कैसे है लाभदायक :

बेकिंग सोडा मुंह और गले को साफ रखने में कारगर हो सकता है। इससे गरारे करने से मुंह और गले की कई समस्याओं से बचा जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बेकिंग सोडा में एंटीबैक्टीरियल गतिविधि पाई जाती है, जो स्टेफिलोकोकस जैसे बैक्टीरिया को खत्म कर सकती है। बेकिंग सोडा गले और मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया के प्रसार को रोक कर गले की खराश से राहत दे सकता है (22) (23)

14. दालचीनी

सामग्री :

  • दालचीनी का एक टुकड़ा
  • 1 कप पानी
  • 1 चम्मच शहद

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • दालचीनी को एक कप पानी में उबालें।
  • इसे पानी को छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं।
  • इसे मिश्रण को चाय की तरह पियें।

कैसे है लाभदायक :

दालचीनी का सेवन जीवाणुरोधी प्रभाव दिखा सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि स्टाफीलोकोकस जैसे जीवाणु के खिलाफ दालचीनी कारगर हो सकती है। ये जीवाणु गले की खराश समेत अनेक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। दालचीनी की इस गतिविधि के कारण ही इसे गले की खराश में राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है (24)

15. केयेन पेपर

सामग्री:

  • एक चुटकी केयेन पेपर
  • एक गिलास गुनगुना पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • एक चुटकी केयेन पेपर को पानी में मिलाएं।
  • इस पानी से गरारे करें।

कैसे है लाभदायक :

लाल मिर्च के एक प्रकार को ही केयेन पेपर कहा जाता है। यह गले की खराश को ठीक करने में मदद कर सकता है। मिर्च में खांसी, दांत दर्द, गले में खराश, परजीवी संक्रमण से बचाव की क्षमता पाई जाती है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। गले में खराश के घरेलू इलाज के रूप में केयेन पेपर का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, अगर व्यक्ति के मुंह में खुले घाव हैं, तो उसे केयेन पेपर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इस अवस्था में यह जलन पैदा कर सकता है (25)

16. नींबू पानी

सामग्री:

  • आधा नींबू
  • एक गिलास गुनगुना पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • आधे नींबू को गुनगुने पानी में निचोड़ लें।
  • फिर इस मिश्रण का सेवन करें।

कैसे है लाभदायक :

नींबू का प्रयोग गले की खराश से राहत पाने में किया जा सकता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नींबू गले की खराश पर सूदिंग(आरामदायक) प्रभाव डाल सकता है। गरम पानी में मिलाकर चाय की तरह इसका प्रयोग करने से गले की खराश में कुछ कमी आ सकती है (3)। इसलिए, गले में खराश के कारण अगर कोई व्यक्ति परेशान है, तो वह नींबू पानी पी सकता है। फिलहाल, इस विषय पर और शोध किए जाने की जरूरत है।

17. स्लिपरी एल्म

सामग्री:

  • आधा चम्मच स्लिपरी एल्म की छाल का पाउडर
  • एक गिलास पानी

बनाने व प्रयोग की विधि :

  • स्लिपरी एल्म की छाल के पाउडर को पानी में उबाल लें।
  • फिर इस पानी को छान कर पिएं ।

कैसे है लाभदायक :

गले में खराश और खांसी के लिए स्लिपरी एल्म एक हर्बल दवा है, जिसे स्लिपरी एल्म के पेड़ की भीतरी छाल से बनाया जाता है। इसका उपयोग कई वर्षों से दवा के वैकल्पिक रूप से सूजन के इलाज के लिए किया जा रहा है। इसका सेवन अपर एयरवे सिस्टम (वायुमार्ग) में आई सूजन (Airway inflammation) यानी लैरींजाइटिस (laryngitis) की स्थिति में सुधार कर सकता है (26)। लैरींजाइटिस (laryngitis) गले की एक समस्या है, जिससे आवाज खराब निकलती है और गले में खराश महसूस हो सकती है(27)

बने रहें हमारे साथ

लेख में आगे जानते हैं कुछ कि गले में खराश का इलाज क्या हो सकता है?

गले में खराश का इलाज – Sore Throat Treatment In Hindi

कई बार गले में खराश के घरेलू इलाज इस समस्या से निजात नहीं दिला पाते हैं, ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर निम्न प्रकार से इलाज कर सकते हैं (3)

  • डॉक्टर दवा देने से पहले बलगम की जांच करते हैं।
  • बैक्टेरिया जनक समस्या की पुष्टि होने पर गले में खराश का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है।
  • गले में खराश की समस्या अगर अधिक एसिड के कारण हो तो डॉक्टर कुछ एंटी एसिड दवाओं का सेवन करने को कह सकते हैं।
  • गले में खराश के लिए, गले को ठंडक देने वाली कैंडी और थ्रोट स्प्रे का इस्तेमाल भी संक्रमण और दर्द से राहत दे सकता है।
  • अत्यधिक कफ के कारण अगर गले में में खराश है तो डॉक्टर, कफ सीरप भी सुझा सकते हैं।
  • फ्लू (इन्फ्लूएंजा) के कारण गले में खराश है, तो एंटीवायरल दवाओं द्वारा मदद मिल सकती है।

पढ़ते रहें यह आर्टिकल 

इस लेख में आगे जानते हैं कि गले में खराश से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए।

 गले में खराश से बचने के कुछ और उपाय – Tips for Sore Throat in Hindi

गले में खराश से बचने के लिए कुछ साधारण उपाय या टिप्स अपनाए जा सकते हैं जैसे।

गले में खराश होने पर क्या करें ?

  • गले में खराश और खांसी होने पर गर्म तरल पदार्थ पी सकते हैं
  • गर्म नमक के पानी से दिन में कई बार गरारे करना ठीक रहेगा।
  • कमरे में ह्यूमिडिफायर (नमी पैदा करने वाला विद्युत यंत्र) का उपयोग हवा को नम कर सकता है और सूखे गले की पीड़ा को शांत कर सकता है (3)

गले में खराश होने पर क्या न करें ?

  • अधिक मसालेदार भोजन न करें।
  • धूम्रपान या शराब का सेवन न करें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी दवा का सेवन न करें।
  • समस्या अगर ज्यादा दिन तक रहे तो इसे अनदेखा न करें।

इस लेख में पाठकों ने जाना कि गले की खराश एक आम समस्या है, जो गंभीर रूप धारण कर सकती है। इससे निजात पाने के लिए इस लेख में बताए गए घरेलू नुस्खों का प्रयोग किया जा सकता है। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बताए गए उपाय कुछ हद तक प्रभावी और कम खर्चीले हैं, लेकिन ये डाक्टरी इलाज की जगह नहीं ले सकते। उम्मीद करते हैं कि ये घरेलू उपाय आपको पसंद आए होंगे। ऐसी ही महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

गले में खराश कितने दिनों तक रह सकती है?

आमतौर पर गले में खराश कुछ ही दिन तक रहती है। हां, अगर समस्या ज्यादा हो, तो यह समस्या एक हफ्ते तक रह सकती है। कुछ मामलों में डॉक्टरी इलाज की जरूरत भी पड़ सकती है।

रात में गले में अधिक खराश क्यों होती है?

रात में पोस्ट नेजल ड्रिप के कारण गले में अधिक खराश हो सकती है । पोस्ट नेजल ड्रिप की स्थिति में बलगम (mucus) का स्त्राव गले के पिछले हिस्से में होने लगता है, जिस कारण गले में खराश की परेशानी हो सकती है ।

मुझे गले में खराश के लिए डॉक्टर को कब देखना चाहिए?

अगर कई दिनों के बाद भी गले में खराश की समस्या नहीं ठीक हुई हो। इसके अलावा, गले में खराश के साथ- साथ बुखार, ग्रंथियों में सूजन और रैशेज की परेशानी हो, तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें ।

गले में खराश होने के कारण क्या हैं ?

हमने लेख में ऊपर जानकारी दी है कि गले में खराश होने के कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (1):

  • प्रदूषण
  • स्मोकिंग
  • एलर्जी
  • मौसम में बदलाव

References

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    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2943825/
  2. Incidence, causes, severity and treatment of throat discomfort: a four-region online questionnaire survey
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3489867/
  3. Pharyngitis – sore throat
    https://medlineplus.gov/ency/article/000655.htm
  4. A pilot, open labelled, randomised controlled trial of hypertonic saline nasal irrigation and gargling for the common cold
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6355924/
  5. Chamomile: A herbal medicine of the past with bright future
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2995283/
  6. Antimicrobial activity of apple cider vinegar against Escherichia coli, Staphylococcus aureus and Candida albicans; downregulating cytokine and microbial protein expression
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5788933/
  7. Bacterial Skin Infections: Impetigo and MRSA
    https://www.health.ny.gov/diseases/communicable/athletic_skin_infections/bacterial.htm
  8. Fenugreek: A review on its nutraceutical properties and utilization in various food products
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1658077X15301065
  9. Garlic for the common cold
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6465033/
  10. Garlic
    http://myhealth.ucsd.edu/Conditions/Heart/19,Garlic
  11. In Vitro Antibacterial Activity of Essential Oils against Streptococcus pyogenes
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3638616/
  12. Clove (Syzygium aromaticum) ingredients affect lymphocyte subtypes expansion and cytokine profile responses: An in vitro evaluation
    https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1021949814000878#bib6
  13. Clove: A champion spice
    https://www.researchgate.net/publication/267402397_Clove_A_champion_spice
  14. Ginger in gastrointestinal disorders: A systematic review of clinical trials
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6341159/
  15. Benefits and uses of pineapple
    https://www.researchgate.net/publication/306017037_Benefits_and_uses_of_pineapple
  16. An evaluation of the efficacy of licorice gargle for attenuating postoperative sore throat: a prospective, randomized, single-blind study
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19535697/
  17. Black pepper and health claims: a comprehensive treatise
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/23768180/
  18. Treatment of Upper Respiratory Tract Infections in Primary Care: A Randomized Study Using Aromatic Herbs
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2967840/
  19. Pharmacological and therapeutic effects of Mentha Longifolia L. and its main constituent, menthol
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4171855/
  20. Honey: its medicinal property and antibacterial activity
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3609166/
  21. Role of honey as adjuvant therapy in patients with sore throat
    https://pdfs.semanticscholar.org/7934/f6b4b21c993a7ec37a36db36e63deeb66b45.pdf
  22. Antibacterial activity of baking soda
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12017929/
  23. Onset of analgesia of a paracetamol tablet containing sodium bicarbonate: A double-blind, placebo-controlled study in adult patients with acute sore throat
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17062300/
  24. Cinnamon from the selection of traditional applications to its novel effects on the inhibition of angiogenesis in cancer cells and prevention of Alzheimer’s disease, and a series of functions such as antioxidant, anticholesterol, antidiabetes, antibacterial, antifungal, nematicidal, acaricidal, and repellent activities
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4488098/
  25. A review of the effects of Capsicum annuum L. and its constituent, capsaicin, in metabolic syndrome
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6000222/
  26. Slippery Elm, its Biochemistry, and use as a Complementary and Alternative Treatment for Laryngeal Irritation
    https://www.bibliomed.org/?mno=17581
  27. Acute Laryngitis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7152044/
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Dr. Zeel Gandhi is an Ayurvedic doctor with 7 years of experience and an expert at providing holistic solutions for health problems encompassing Internal medicine, Panchakarma, Yoga, Ayurvedic Nutrition, and formulations.

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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