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किसी भी महिला के लिए गर्भवती होने का एहसास बेहद खास होता है। यह उसे न केवल मां कहलाने का गौरव दिलाता है, बल्कि उसे संपूर्ण नारी भी बनाता है। इस कारण लगभग हर महिला अपनी प्रेगनेंसी को प्लान कर आगे बढ़ना चाहती हैं। ऐसे में गर्भधारण करने से पहले ‘ओव्यूलेशन’ के संबंध में हर जानकारी होना जरूरी है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम इसी संबंध में तमाम सवालों के जवाब देने का प्रयास करेंगे। आपको ओव्यूलेशन के बारे में तो जानकारी मिलेगी ही, साथ ही उन दिनों के बारे में भी पता चलेगा, जो गर्भधारण करने के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं।
मासिक धर्म के कितने फेस होते हैं?
यह ओव्यूलेशन ही है, जो आपके गर्भवती होने की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। ओव्यूलेशन महिलाओं में मासिक चक्र के बीच आने वाला एक चरण है। यह प्रक्रिया मासिक धर्म शुरू होने से लगभग दो हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है। इस दौरान महिलाओं के सबसे ज्यादा फर्टाइल होने की संभावना होती है। इस समय महिलाओं के एग्स अंडाशस से निकलकर शरीर में आते हैं। फिर ये शुक्राणुओं के साथ मिलने पर गर्भधारण का कारण बन सकते हैं। इस दौरान किसी भी महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इस प्रकार कह सकते हैं कि प्रत्येक महिला रजनोवृत्ति की अवस्था में पहुंचने तक हर महीने गर्भधारण कर सकती है (1)।
आगे लेख में हम ओव्यूलेशन और गर्भावस्था के संबंध को विस्तार से जानेंगे।
प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित करता है ओव्यूलेशन?
ओव्यूलेशन और प्रेगनेंसी में सीधा संबंध है। साफ शब्दों में इसे समझें, तो बिना ओव्यूलेशन किसी भी महिला के लिए गर्भधारण करना मुश्किल है। आइए, इसे क्रमवार समझते हैं :
- ओव्यूलेशन की प्रक्रिया प्रत्येक महिला में हर महीने मासिक चक्र के पूर्ण होने के बाद शुरू होती है। हर महिला में पीरियड्स की तारीख के हिसाब से यह प्रक्रिया अलग-अलग पूरी होती है।
- इस प्रक्रिया में महिला के एग्स अंडाशय में सक्रिय हो जाते हैं। उनके सक्रिय होने के बाद उनमें से एक मेच्योर एग फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद वह एग शुक्राणुओं की प्रतीक्षा करता है।
- अंडाशय से निकलने वाले अंडे का जीवनकाल केवल 12 से 24 घंटे का ही होता है। इसलिए, शुक्राणु की गैर-मौजूदगी में यह अपने आप नष्ट हो जाता है।
- सही समय पर अंडे और शुक्राणु के आपस में न मिलने पर गर्भावस्था की संभावनाएं खत्म हो जाती हैं।
- अंडे के एक बार नष्ट होने के बाद महिला को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अगले मासिक चक्र तक का इंतजार करना पड़ता है (2)।
क्या आप ओव्यूलेशन ट्रैकर का प्रयोग जानते हैं? अगर नहीं, तो चलिए हम बताते हैं।
फर्टाइल दिनों की गणना के लिए ओव्यूलेशन ट्रैकर का इस्तेमाल कैसे करें?
मां बनने में ओव्यूलेशन ट्रैकर आपकी मदद कर सकता है। इस ट्रैकर की सहायता से महिलाएं अपने फर्टाइल दिनों यानी गर्भधारण करने के उपयुक्त दिनों के बारे में जानकारी हासिल कर सकती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि हर महिला की ओव्यूलेशन प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है।
ओव्यूलेशन ट्रैकर के उपयोग की विधि को समझने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि महिलाओं में मासिक चक्र 22 से 36 दिन के बीच हो सकता है। उनके मासिक चक्र की अवधि ही उनके ओव्यूलेशन का निर्धारण करती है। जहां कुछ महिलाओं में मासिक चक्र 28 दिन के अंतराल पर आता है, वहीं कुछ महिलाएं का मासिक चक्र 21 दिन में ही पूरा हो जाता है। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जिन्हें अपना मासिक चक्र पूरा करने में 35 से 36 दिन लग सकते हैं।
मासिक चक्र के आधार पर ओव्यूलेशन को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है :
- 28 दिन के मासिक धर्म वाली महिलाएं 14वें दिन पर ओव्यूलेट करेंगी।
- 21 दिन के मासिक धर्म वाली महिलाएं 7वें दिन पर ओव्यूलेट करेंगी।
- 35 से 36 दिन के मासिक धर्म वाली महिलाएं 21वें दिन ओव्यूलेट कर सकती हैं (3)।
इस प्रक्रिया को विस्तार से समझाने के लिए हम नीचे टेबल दे रहे हैं।
मासिक चक्र | फर्टाइल विंडो | ओव्यूलेशन का दिन | बेहतर फर्टाइल समय |
---|---|---|---|
35 दिन | 17 से 24 दिन | लगभग 21वें दिन पर | दिन 19, 20 और 21 |
32 दिन | 14 से 21 दिन | लगभग 18वें दिन पर | दिन 16, 17 और 18 |
28 दिन | 10 से 17 दिन | लगभग 14वें दिन पर | दिन 12, 13 और 14 |
24 दिन | 6 से 13 दिन | लगभग 10वें दिन पर | दिन 8, 9 और 10 |
21 दिन | 3 से 10 दिन | लगभग 7वें दिन पर | दिन 5, 6 और 7 |
अगर बात करें ओव्यूलेशन ट्रैकर की, तो आप इसका पता करने के लिए हमारे ओव्यूलेशन कैल्कुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आपको अपने आप गणना करके बता देगा कि आपके लिए गर्भधारण करने का सबसे बेहतर दिन कौन-सा है। इस जानकारी के आधार पर प्रेगनेंसी को प्लान करने का संभावित प्रयास किया जा सकता है।
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फर्टाइल दिनों की गणना के बाद अब बात करते हैं, पीरियड्स के बाद गर्भधारण के सही समय की।
पीरियड्स के बाद गर्भधारण का सही समय कब होता है? | Pregnant Hone Ka Sahi Samay
साफ तौर पर कहा जाए तो गर्भधारण करना ओव्यूलेशन पर निर्भर करता है। इस दौरान, अंडाशय से सक्रिय अंडा फैलोपियन ट्यूब में प्रवेश करता है। इसे ऊपर दिए गए टेबल के जरिए ज्यादा बेहतर तरीके से समझा जा सकता है। अगर हम 28 दिन पर होने वाले एक नियमित मासिक धर्म चक्र की बात करें, तो माहवारी खत्म होने के बाद 10 से 17वें दिन के बीच के समय को गर्भधारण के लिए उपयुक्त कहा जा सकता है।
अब बात आती है गर्भधारण की सबसे अधिक संभावना की, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से जानेंगे।
पीरियड्स के बाद गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना कब होती है? | Best Pregnancy Time After Period In Hindi
पीरियड्स के बाद गर्भवती होने की सबसे अधिक संभावना ओव्यूलेशन से पहले के दो दिनों और ओव्यूलेशन के दिन होती है। 28 दिन वाले नियमित मासिक चक्र के आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भधारण के लिए पीरियड्स के बाद 12वां, 13वां और 14वां दिन सबसे ज्यादा संभावित होता है।
आगे लेख में बात करेंगे मासिक धर्म के बाद गर्भवती होने की संभावनाओं के बारे में।
मासिक धर्म चक्र के कितने दिन बाद, गर्भवती होने की कोई संभावना नहीं होती है?
जैसा कि इस लेख के शुरुआत में हमने बताया कि ‘ओव्यूलेशन विंडो’ के तहत आने वाले निश्चित दिनों में साथी के साथ संबंध बनाने के दौरान गर्भवती होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं, विशेषज्ञ इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि सामान्य तौर पर महिलाओं में ओव्यूलेशन विंडो मासिक चक्र के बाद 10 से 17वें दिन तक सक्रिय रहती है। अगर इस तथ्य को आधार मान लिया जाए, तो यह कहा जा सकता है कि मासिक धर्म से 17वें दिन बाद गर्भधारण की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है (4)।
आगे हम ओव्यूलेशन के दिन गर्भवती होने की सभी संभावनाओं पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे।
क्या गर्भवती होने के लिए ओव्यूलेशन का दिन सही है?
हां, ओव्यूलेशन का दिन गर्भवती होने के लिए सबसे सही होता है। निश्चित तौर पर गर्भधारण के लिए ओव्यूलेशन से पहले के पांच दिन यौन संबंध के लिए बेहतर माने जाते हैं। वहीं, ओव्यूलेशन वाले दिन भी गर्भधारण के लिए शारीरिक संबंध बनाए जा सकते हैं। ध्यान रहे, ओव्यूलेशन के 12 से 24 घंटे बाद गर्भधारण की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं, क्योंकि इस निश्चित समय के बाद अंडा फैलोपियन ट्यूब में निषेचन की प्रक्रिया के लिए उपस्थित नहीं रहता है (3)।
अब बात करते हैं पीरियड्स के दिनों में गर्भधारण की संभावनाओं के बारे में।
क्या पीरियड्स के दिनों में आप गर्भवती हो सकती है ? | Periods Me Pregnancy
पीरियड्स के दौरान गर्भधारण करने की संभावना पूरी तरह से खत्म नहीं होती है, लेकिन कुछ कम जरूर हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि शारीरिक संबंध के बाद स्पर्म कुछ दिनों तक महिला के शरीर में रह सकते हैं। इस बीच मासिक चक्र 21 से 24 दिन का रहने पर समय से पहले ओव्यूलेशन प्रक्रिया शुरू हो सकती है। यही कारण है कि पीरियड्स के दौरान भी गर्भवती होने की संभावना बनी रहती है (5)। ध्यान रहे कि यह महज एक अपवाद मात्र है।
आर्टिकल के अगले हिस्से में हम ओव्यूलेशन के दौरान नजर आने वाले लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
ओव्यूलेशन होने के लक्षण
अमूमन हर महिला में ओव्यूलेशन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है या नहीं, यह जानने की उत्सुकता लगी रहती है। आपके इस काम को हम आसान किए देते हैं। आप इन लक्षणों के माध्यम से ओव्यूलेशन का पता लगा सकती हैं –
- शारीरिक तापमान : शारीरिक तापमान में बदलाव आना एक साधारण लक्षण है। इसकी लगातार निगरानी कर ओव्यूलेशन का पता लगाया जा सकता है। मासिक चक्र के शुरुआत में सामान्य तापमान 97.2 से 97.6 डिग्री फारेनहाइट रहता है। जैसे-जैसे ओव्यूलेशन करीब आता है, शारीरिक तापमान बढ़ने लगता है। इस तरह आप आसानी से पता लगा सकती हैं कि आपका ओव्यूलेशन कब शुरू हो रहा है। तापमान मापने के लिए आप बेसेल डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल कर सकती हैं (1)।
- सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव : अगर आप ओव्यूलेट कर रही हैं, तो मासिक धर्म शुरू होने से दो सप्ताह पहले गर्भाशय के निचले हिस्से यानी गर्भाशय ग्रीवा में एक तरल पदार्थ बनने लगता है। यह पतला, पारदर्शी और चिकना हो सकता है।
- पेट में दर्द : ओव्यूलेशन के समय कुछ महिलाओं में पेट दर्द का अनुभव होता है। यह दर्द सामान्य और पेट में एक तय जगह पर हो सकता है।
इसके अलावा, कुछ अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं, जो इस बात का इशारा करते हैं कि ओव्यूलेशन प्रक्रिया जारी है, जैसे :
- स्तनों का आकार बढ़ना व उनका कोमल होना
- पेट फूलना
- सामान्य व्यवहार में बदलाव (1)
अगर आप जानना चाहते हैं कि अनियमित माहवारी में भी कैसे गर्भधारण करें, तो पढ़ते रहें यह आर्टिकल।
अनियमित माहवारी के साथ गर्भवती कैसे हों?
अनियमित माहवारी के साथ गर्भधारण की बात करने से पहले हम यह जान लेते हैं कि अनियमित माहवारी क्या होती है। जब किसी महिला को मासिक चक्र नियत समय (20 से 35 दिनों के अंतराल) पर न आए, तो उसे अनियमित माहवारी कहा जाता है। अनियमित माहवारी के साथ गर्भधारण करना मुश्किल होता है, लेकिन अपनी दैनिक दिनचर्या में बदलाव कर इस अवस्था में भी गर्भधारण किया जा सकता है। यहां हम कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से आप अनियमित महावारी में भी गर्भवती हो सकती हैं (6)।
- मानसिक तनाव– कई बार अनियमित माहवारी के पीछे का कारण अत्यधिक मानसिक तनाव देखा जाता है। इसलिए, मुमकिन है कि मानसिक तनाव को कम कर गर्भधारण करने में आ रही कठिनाई से निजात पाई जा सकती है।
- मोटापा– जरूरत से ज्यादा खाना खाना भी गर्भधारण न कर पाने का कारण बनता है। दरअसल, अत्यधिक खाने से मोटापा होता है, जो अनियमित माहवारी का एक कारक है। इसलिए, अपनी डाइट को संतुलित कर अनियमित महावारी के दौरान गर्भधारण करने में आ रही कठिनाई को दूर किया जा सकता है।
- शारीरिक व्यायाम– कभी-कभी जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना भी गर्भधारण न कर पाने की बड़ी वजह बन जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आदत में बदलाव कर अनियमित माहवारी के साथ गर्भधारण किया जा सकता है।
- योग– योग के माध्यम से भी इस समस्या के दौरान गर्भधारण किया जा सकता है। ध्यान रहे कि योग किसी योग्य प्रशिक्षक के देखरेख में ही करें।
नोट : इन सभी उपायों के अलावा इस समस्या को दूर करने के लिए होम्योपैथी और नेचरोपैथी में भी प्रभावकारी विकल्प मौजूद हैं। गर्भधारण के बेहतर विकल्प हासिल करने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श अति आवश्यक है।
आगे हम गर्भावस्था के संबंध में कुछ और जानकारियां दे रहे हैं।
गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रभावित करने वाले कारक
आमतौर पर महिलाएं उन सभी कारकों के बारे में जानना चाहती हैं, जो उनके मातृत्व के सुख को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, हम उन सभी कारकों पर रोशनी डालने का प्रयास कर रहे हैं, जिनकी मदद से आप गर्भधारण में होने वाले सभी जोखिमों को पार कर पाएंगी (7) (8) :
- स्मोकिंग : सामान्य महिलाओं के मुकाबले उन महिलाओं को गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है, जो स्मोकिंग करती हैं। यह आदत न केवल गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि सेहत को भी खासा नुकसान पहुंचाती है।
- शराब : शराब पीने से महिलाओं में फीटल एल्कोहल सिंड्रोम नामक घातक बीमारी हो जाती है। यह बीमारी अंडाशय में अंडों के बनने की प्रक्रिया को समाप्त कर देती है (9)।
- ड्रग्स की आदत : ड्रग्स लेने की आदत गर्भधारण की प्रकिया को प्रभावित करती है।
- आयु : महिला की आयु भी गर्भधारण की राह में बाधा बन सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में मासिक चक्र 45-55 वर्ष की आयु में पूरी तरह से समाप्त हो जाता है। वहीं, कुछ मामलों में 40 की उम्र से पहले भी पीरियड्स आने बंद हो जाते है या कम हो जाते हैं। इस स्थिति में महिला के लिए गर्भधारण करना कठिन हो सकता है।
- अनियमित मासिक धर्म : अनियमित मासिक धर्म भी गर्भधारण की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। सावधानी न बरतने की स्थिति में यह गर्भाशय में संक्रमण का कारण बन सकता है। संक्रमण के कारण गर्भधारण करने में मुश्किल हो सकती हैं।
अब तो आप प्रेगनेंसी के दौरान ओव्यूलेशन की भूमिका को अच्छी तरह से समझ गई होंगी। अगर आप इन दिनों गर्भधारण करने के बारे में सोच रही हैं, तो इस लेख में दी गई जानकारी को अच्छी तरह समझ लें और पालन करना शुरू कर दें। आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपने सबसे सक्रिय फर्टाइल दिनों के बार में जानना, जिसके लिए आप लेख में बताए गए ओव्यूलेशन ट्रैकर की मदद ले सकती हैं। संभव है कि हमारा यह लेख आपकी स्वस्थ गर्भावस्था के लिए मददगार साबित होगा।
References
1. Ovulation By Betterhealth
2. What You Should Know About the Female Reproductive System By CDC
3. If you want to get pregnant, timing is everything By Betterhealth
4. Pregnancy – identifying fertile days By Medlineplus
5. Is Vaginal Sexual Intercourse Permitted during Menstruation? A Biblical (Christian) and Medical Approach By Ncbi
6. exercise for irregular periods By Google books
7. Female Infertility By Hhs
8. Infertility By cdc
9. Overview of Fetal Alcohol Spectrum Disorders By Ncbi
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